Yamraj Ki Disha Class 9 Explanation ,
Yamraj Ki Disha Class 9 Explanation Hindi Kshitij Bhag 1 Chapter 16 , Yamraj Ki Disha Class 9 Summary , यमराज की दिशा कविता का भावार्थ कक्षा 9 हिन्दी क्षितिज भाग 1 अध्याय 16 ,
Yamraj Ki Disha Class 9 Summary
यमराज की दिशा कक्षा 9 का सारांश
Note –
- “यमराज की दिशा” पाठ के MCQS पढ़ने के लिए Link में Click करें – Next Page
- “यमराज की दिशा” पाठ के प्रश्न उत्तर पढ़ने के लिए Link में Click करें – Next Page
- “यमराज की दिशा” कविता के भावार्थ को हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click करें । YouTube channel link – (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)
“यमराज की दिशा” कविता के कवि चंद्रकांत देवताले जी हैं । कविता में कवि ने बताया है कि उनकी मां ने बचपन में उन्हें एक सीख दी थी कि “मृत्यु के देवता यमराज” का घर दक्षिण दिशा में होता है। इसीलिए दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके कभी नहीं सोना चाहिए।
कवि को इसी बहाने दक्षिण दिशा के साथ-साथ सभी दिशाओं का अच्छा ज्ञान हो गया था । बड़े होने पर उन्होंने दक्षिण दिशा की ओर काफी दूर-दूर तक यात्राएं भी की लेकिन वो दक्षिण दिशा के अंत तक कभी नहीं पहुंच पाए क्योंकि किसी भी दिशा का कोई अंत नहीं होता है। इसीलिए वो यमराज का घर कभी नहीं देख पाए।
कवि ने इस कविता में बड़ी ही खूबसूरती से समाज में व्याप्त अनेक बुराइयों पर कड़ा प्रहार किया है। कवि कहते हैं कि आज इंसान अपने थोड़े से स्वार्थ के लिए या सिर्फ पैसे के खातिर किसी भी इंसान को मार देने में थोड़े भी झिझक महसूस नहीं करता है।
आज न सिर्फ दक्षिण दिशा में बल्कि हर दिशा में ऐसे लोग बैठे हैं जो दूसरों पर अन्याय , अत्याचार करते हैं। हिंसा करते हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। पैसा ही उनकी जिंदगी का एकमात्र उद्देश्य है। ये साक्षात् मृत्यु के देवता यमराज से कम नहीं हैं और ये चारों दिशाओं में मजबूती से अपने पैर जमाये बैठे हैं।
Yamraj Ki Disha Class 9 Explanation
यमराज की दिशा कक्षा 9 का भावार्थ
काव्यांश 1.
माँ की ईश्वर से मुलाकात हुई या नहीं
कहना मुश्किल है
पर वह जताती थी जैसे
ईश्वर से उसकी बातचीत होती रहती है
और उससे प्राप्त सलाहों के अनुसार
जिंदगी जीने और दुख बर्दाश्त करने
के रास्ते खोज लेती है।
भावार्थ –
उपरोक्त पंक्तियों में कवि कहते हैं कि वह पूरे विश्वास के साथ यह तो नहीं कह सकते कि उनकी मां की भगवान से मुलाकात हुई थी। लेकिन वो अक्सर हमें अपने व्यवहार से ऐसा जताती थी जैसे कि उनकी ईश्वर से बातचीत होती रहती है। यानि अपनी माँ के व्यवहार को देखकर कवि को ऐसा लगता था जैसे कि उनकी मां की , ईश्वर से बातचीत चलती रहती है और वो अपने सारे काम ईश्वर से सलाह मशवरा करके ही करती है।
अर्थात वो एक धार्मिक महिला थी और उनकी ईश्वर के प्रति गहरी आस्था थी। वो सभी रीति – रिवाजों व धार्मिक मान्यताओं का पालन करती थी।
कवि आगे कहते हैं कि वो अपने जीवन में आने वाली हर मुश्किल का कोई न कोई हल बड़ी आसानी से निकाल लेती थी। शायद उन्हें ईश्वर से ही दुखों को सहन करने और जीवन को सुखपूर्वक जीने की असीम शक्ति मिली हुई थी।
काव्यांश 2.
माँ ने एक बार मुझसे कहा था-
दक्षिण की तरफ पैर करके मत सोना
वह मृत्यु की दिशा है
और यमराज को क्रुद्ध करना
बुद्धिमानी की बात नहीं
तब मैं छोटा था
और मैंने यमराज के घर का पता पूछा था
उसने बताया था
तुम जहाँ भी हो वहाँ से हमेशा दक्षिण में
भावार्थ –
उपरोक्त पंक्तियों में कवि कहते हैं कि जब वो छोटे थे। तब उनकी मां ने उनको एक सीख दी थी कि दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके कभी मत सोना क्योंकि दक्षिण दिशा मृत्यु के देवता की दिशा हैं।
यानि दक्षिण दिशा में यमराज का घर है और यमराज को कभी भी गुस्सा मत दिलाना क्योंकि यमराज को गुस्सा दिलाने का मतलब है सीधे-सीधे मृत्यु को दावत देना। इसीलिए यमराज को नाराज करना बिल्कुल भी बुद्धिमानी की काम नहीं है।
चूंकि कवि उस समय बहुत छोटे थे। इसलिए उन्होंने अपनी माँ से पूछा लिया था कि यमराज कहां रहते हैं या उनके घर का क्या पता है। तब उनकी माँ ने उन्हें बताया था कि तुम जहां भी रहते हो वहां से दक्षिण दिशा में यमराज रहते हैं।
काव्यांश 3.
माँ की समझाइश के बाद
दक्षिण दिशा में पैर करके मैं कभी नहीं सोया
और इससे इतना फायदा जरूर हुआ
दक्षिण दिशा पहचानने में
मुझे कभी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा
भावार्थ –
उपरोक्त पंक्तियों में कवि कहते हैं कि माँ के समझाने के बाद वो फिर कभी भी दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोए और उन्हें इससे एक और फायदा भी हुआ। वो बचपन से ही दक्षिण दिशा को अच्छी तरह से पहचाने लगे थे। यानि अब उन्हें दक्षिण दिशा को पहचानने में कोई मुश्किल नहीं होती थी। उन्हें चारों दिशाओं का अच्छा ज्ञान हो गया।
काव्यांश 4.
मैं दक्षिण में दूर-दूर तक गया
और मुझे हमेशा माँ याद आई
दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था
होता छोर तक पहुँच पाना
तो यमराज का घर देख लेता
भावार्थ –
उपरोक्त पंक्तियों में कवि कहते हैं कि उन्होंने दक्षिण दिशा में दूर-दूर तक यात्राएं की। यानि वो इस दिशा में काफी धूमे फिरे। यात्राएं के दौरान उन्हें हमेशा अपनी माँ भी खूब याद आती थी क्योंकि माँ ने ही तो बताया था कि यमराज का घर दक्षिण दिशा में होता है।
कवि के मन में हमेशा यमराज का घर देखने की उत्सुकता बनी रही लेकिन कवि के लिए दक्षिण दिशा को पार कर पाना संभव नहीं था क्योंकि किसी भी दिशा का कोई अंत होता ही नहीं हैं।
इसीलिए कवि आगे कहते हैं कि यदि दक्षिण दिशा का कोई अंत होता या वो दक्षिण दिशा के अंत तक पहुंच जाते तो , वो यमराज का घर अवश्य ही देख लेते।
काव्यांश 5.
पर आज जिधर भी पैर करके सोओ
वही दक्षिण दिशा हो जाती है
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं।
माँ अब नहीं हैं
और यमराज की दिशा भी अब वह नहीं रही
जो माँ जानती थी।
भावार्थ –
उपरोक्त पंक्तियों में कवि ने वर्तमान समाज में फ़ैली बुराइयों जैसे भ्रष्टाचार , अन्याय , शोषण पर कड़ा प्रहार किया हैं। आज हमने भले ही बहुत तरक्की कर ली हो और आधुनिकता का लबादा ओढ़ लिया हो लेकिन मौजूदा दौर में मानवीय मूल्यों व जीवन जीने के आर्दश मूल्यों का ह्रास हुआ हैं।
आज चारों दिशाओं में ऐसे लोग बैठे हैं जो लोगों पर अन्याय , अत्याचार करते हैं। उनका शोषण करते हैं और भ्रष्टाचार की जड़ों ने समाज के हर वर्ग में अपनी गहरी पैठ बना ली हैं।
इसीलिए उपरोक्त पंक्तियों में कवि कहते हैं कि आज जिधर भी पैर करके सो जाओ , वही दक्षिण दिशा यानि यमराज की दिशा बन जाती है अर्थात आज चारों दिशाओं में ऐसे लोग बैठे हैं जो भ्रष्टाचार , अन्याय , शोषण , हिंसा करने में विश्वास रखते हैं।
वो समाज में अशांति फैलाना चाहते हैं। इन लोगों की नजर में सिर्फ पैसा ही महत्वपूर्ण हैं। इंसानी रिश्ते नाते , भाईचारे की कोई अहमियत नहीं है।
कवि आगे कहते हैं कि आज हर दिशा में जीवन विरोधी ताकतें अपना साम्राज्य फैला रही हैं और हर दिशा में उनके आलीशान महल हैं अर्थात उनका साम्राज्य चारों दिशाओं में स्थापित हो चुका है।
ऐसे लोग अपनी बुरी नजर सब जगह रखते हैं। यानि उनकी निगाहें हर वक्त उस आम आदमी पर बनी रहती है जिसे वो डरा धमका कर उसका शोषण कर सकते हैं। ऐसे लोग अपने स्वार्थ के लिए किसी इंसान को मार देने में भी तनिक नहीं हिचकते हैं। वो साक्षात मृत्यु के देवता यमराज के समान ही हैं और ऐसे मृत्यु के देवता अपनी गिद्द जैसी पैनी नजर गड़ाये हमारे चारों ओर , हर दिशा में मौजूद हैं।
कवि आगे कहते हैं कि उनकी मां अब जिंदा नहीं है। अब परिस्थितियां भी बदल चुकी हैं और आज यमराज की दिशा भी बदल चुकी हैं। यमराज की जिस दिशा का पता उनकी मां जानती थी। अब वो नहीं रही। बल्कि आज हर दिशा यमराज की दिशा बन गई है।
Yamraj Ki Disha Class 9 Explanation ,
“यमराज की दिशा” कविता के भावार्थ को हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click करें । YouTube channel link – (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)
Note – Class 8th , 9th , 10th , 11th , 12th के हिन्दी विषय के सभी Chapters से संबंधित videos हमारे YouTube channel (Padhai Ki Batein /पढाई की बातें)पर भी उपलब्ध हैं। कृपया एक बार अवश्य हमारे YouTube channel पर visit करें । सहयोग के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यबाद।
You are most welcome to share your comments . If you like this post . Then please share it . Thanks for visiting.
यह भी पढ़ें……
कक्षा 9 (गद्य खंड)
हिंदी कृतिका
Is Jal Pralay Mein Class 9 Summary
Is Jal Pralay Mein Class 9 Question Answer
Is Jal Pralay Mein Class 9 MCQ
Mere Sang Ki Auraten Class 9 Summary
Mere Sang Ki Auraten Class 9 Question Answer
Mere Sang Ki Auraten Class 9 MCQ
Reedh Ki Haddi Class 9 Summary
Reedh Ki Haddi Class 9 Question Answer
Mati Wali Class 9 Question Answer
Kis tarah Aakhirkar Main Hindi Mein Aaya Summary
Kis tarah Aakhirkar Main Hindi Mein Aaya Question Answer
Kis tarah Aakhirkar Main Hindi Mein Aaya MCQ
हिंदी क्षितिज कक्षा 9
(गद्य खंड)
Do Bailon Ki Katha Question Answer
Lhasa Ki Aur Class 9 Question Answers
Upbhoktavad Ki Sanskriti Class 9 Summary
Upbhoktavad ki Sanskriti Class 9 Question Answers
Upbhoktavad ki Sanskriti Class 9 MCQS
Sanwale Sapno Ki Yaad Class 9 Summary
Sanwale Sapno Ki Yaad Class 9 Question Answers
Sanwale Sapno Ki Yaad Class 9 MCQS
Nana Saheb Ki Putri Devi Maina Ko Bhasm Kar Diya Class 9 Summary
Nana Saheb Ki Putri Devi Maina Ko Bhasm Kar Diya Class 9 Question Answers
Nana Saheb Ki Putri Devi Maina Ko Bhasm Kar Diya MCQS
Premchand Ke Phate Jute Class 9 Summary
Premchand ke Phate Jute Class 9 Question Answers
Premchand ke Phate Jute Class 9 MCQ
Mere Bachpan Ke Din Class 9 Summary
Mere Bachpan Ke Din Class 9 Question Answer
Mere Bachpan Ke Din Class 9 MCQS
Ek Kutta Aur Ek Maina Class 9 Summary
Ek Kutta Aur Ek Maina Class 9 Question Answer
Ek Kutta Aur Ek Maina Class 9 MCQS
हिंदी क्षितिज कक्षा 9
(काव्य खंड)
Sakhiyan Avam Sabad Class 9 Full Explanation
Sakhiyan Avam Sabad Class 9 Question Answers
Sakhiyan Avam Sabad Class 9 MCQS
Vaakh Class 9 Full Explanation
Raskhan Ke Savaiye Class 9 Explanation
Raskhan Ke Savaiye Class 9 Question Answers
Raskhan Ke Savaiye Class 9 MCQ
Kaidi Aur Kokila Class 9 Full Explanation
Kaidi Aur Kokila Class 9 Question Answer
Gram Shree Class 9 Explanation
Gram Shree Class 9 Question Answer
Chandra Gahna Se Lautati Ber Class 9 Explanation And Summary
Chandra Gahna Se Lautati Ber Class 9 Question Answer
Chandra Gahna Se Lautati Ber Class 9 MCQ
Megh Aaye Class 9 Question Answer
Yamraj Ki Disha Class 9 Explanation
Yamraj Ki Disha Class 9 Question Answer
Bachche Kam Par Ja Rahe Hain Class 9 Summary And Explanations
Bachche Kam Par Ja Rahe Hain Class 9 Question Answer
Bachche Kam Par Ja Rahe Hain Class 9 MCQ