Ram Ka Rajyabhishek Class 6 Summary (Bal Ramkatha)

Ram Ka Rajyabhishek Class 6 Summary :

Ram Ka Rajyabhishek Class 6 Summary (Bal Ramkatha)

राम का राज्याभिषेक कक्षा 6 सारांश

Ram Ka Rajyabhishek Bal Ramkatha Class 6 Summary

रावण के मारे जाने के बाद राम ने विभीषण को लंका का राजा बना दिया। विभीषण चाहते थे कि राम कुछ दिन लंका में रुक कर विश्राम करें और वो उनके सानिध्य (साथ में) में रहकर राजकाज चलाने की नीति व नियम सीखें। लेकिन चौदह वर्ष पूरे होने पर राम तुरंत ही अयोध्या लौटना चाहते थे क्योंकि उनके न पहुंचने पर भरत ने प्राण देने की प्रतिज्ञा की थी। विभीषण ने राम से अनुरोध किया कि वो भी अयोध्या में उनका राज्याभिषेक देखना चाहते हैं। राम ने उनकी बात मान ली। इसके बाद राम ,  लक्ष्मण , सीता , हनुमान व अन्य लोग पुष्पक विमान में सवार होकर अयोध्या की ओर चल पड़े।

राम सीता को मार्ग में पडने वाले प्रमुख स्थानों के बारे में बता रहे थे। गंगा – यमुना के संगम तट पर ऋषि भारद्वाज के आश्रम के पास विमान उतरा और सबने रात वही बिताई। अयोध्या जाने से पूर्व राम ने हनुमान को अयोध्या भेजा। वो भरत के हृदय की बात जानना चाहते थे। वो जानना चाहते थे कि इन चौदह वर्षों में कही भरत को राजसिंहासन का मोह तो नहीं हो गया है। हनुमान वायु वेग से उड़कर अयोध्या की ओर गये। मार्ग में उन्हें निषादराज गुह मिलें जिन्होंने उन्हें अयोध्या का हाल बताया। इसके बाद हनुमान ने नंदीग्राम पहुंचकर भरत को राम के आने की सूचना दी।

सूचना पाकर भरत अति प्रसन्न हुए। भरत से विदा लेकर हनुमान पुन: राम के पास लौट आए। अगली सुबह राम का विमान नंदीग्राम में उतरा। सबने अपनी मातृभूमि को प्रणाम किया। सभी का भव्य स्वागत हुआ। भरत से सूचना पाकर अयोध्या में उत्सव की तैयारी होने लगी। नगर को सजाया गया। शत्रुघ्न राज्याभिषेक की व्यवस्था में लग गए। महल से तीनों रानियां नंदीग्राम की ओर निकल पड़ी।

राम ने विमान से उतरकर भरत को गले लगाया और तीनों माता को प्रणाम किया। भरत भागते हुए आश्रम के भीतर गए और राम की खड़ाऊँ लेकर आए जिनको राजसिहांसन में रखकर उन्होंने 14 वर्ष तक राजकाज चलाया था। उन्होंने खुद अपने हाथों से उन्हें राम को पहनाया।  

भरत और राम का मिलन अद्भुत था। सबके चेहरे पर प्रसन्नता थी और आंखों में आंसू थे। राम – लक्ष्मण ने नंदीग्राम में तपस्वियों का भेष उतारा और राजसी वस्त्र पहनकर अयोध्या चले आए। अयोध्या चलने से पहले राम ने पुष्पक विमान को कुबेर के पास भेज दिया क्योंकि वह पुष्पक विमान कुबेर का ही था जिसे रावण ने जबरदस्ती छीन लिया था। सजी-धजी अयोध्या में सभी अयोध्यावासी राम के दर्शन को लालायित थे। पूरी अयोध्या खुश थी।

भरत ने अयोध्या का राजसिहांसन राम को नंदीग्राम में ही लौटा दिया था। इसीलिए अगले दिन राम का राज्याभिषेक हुआ। मुनि वशिष्ठ ने राम का राजतिलक किया। राम और सीता सोने व रत्नजड़ित सिंहासन पर बैठे। लक्ष्मण , भरत और शत्रुघ्न उनके पास खड़े थे और हनुमान नीचे बैठ गए। तीनों माताओं ने आरती उतारी। मंगलाचार हुआ। शुभ गीत गाए गए।

सीता ने अपने गले का हार उतार कर हनुमान जी को उनकी असीम भक्ति और पराक्रम के लिए भेंट किया। कुछ दिन बाद एक-एक करके सारे अतिथि चले गए मगर हनुमानजी राम दरबार में ही रहे। राम ने एक लंबे समय तक अयोध्या में राज किया। वो बहुत ही न्यायप्रिय राजा के रूप में प्रसिद्ध थे और उनके राज में सभी प्रजाजन सभी प्रकार से सुखी थे। 

Ram Ka Rajyabhishek Class 6 Summary :

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