Van Ke Marg Mein Class 6 Question Answer

Van Ke Marg Mein Class 6 Question Answer :

Van Ke Marg Mein Class 6 Question Answer

वन के मार्ग में कक्षा 6 प्रश्न उत्तर 

प्रश्न 1.

नगर से बाहर निकलकर दो कदम चलने के बाद सीता की क्या दशा हुई ?

उत्तर –

नगर से बाहर निकलकर सिर्फ दो कदम दूर चलने के बाद माता सीता काफी थक गई क्योंकि वो मिथिला की राजकुमारी थी और उनको पैदल चलने व कठोर जीवन जीने की आदत नहीं थी। थकान के कारण उनके माथे में पसीने की कुछ बूदें झलकने लगी और प्यास के कारण उनके होंठ भी सूख गए थे।

प्रश्न 2.

“अब और कितनी दूर चलना है। पर्णकुटी कहां बनाइएगा”?  किसने किससे पूछा और क्यों ?

उत्तर –

वनवास जाने को जब भगवान श्रीराम , माता सीता व भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या से वन की तरफ चले तो थोड़ी दूर चलने के बाद ही माता सीता काफी थक गई । तब माता सीता ने अपने पति भगवान श्रीराम से यह बात पूछी थी। 

क्योंकि चलने के कारण माता सीता अत्यधिक थक चुकी थी।

प्रश्न 3.

राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की ?

उत्तर –

भगवान श्रीराम ने माता सीता के साथ एक वृक्ष के नीचे बैठकर कुछ देर आराम किया और सीताजी के पैरों में चुभे हुए कांटों को अपने हाथ से निकलना शुरू किया जिसके कारण उनका दर्द व थकान काफी कम हो गई और सीताजी की प्यास बुझाने के लिए लक्ष्मणजी ने पानी का प्रबंध भी किया।

प्रश्न 4.

दोनों सवैया के प्रसंगों में अंतर स्पष्ट करो ?

उत्तर –

दोनों सवैयों में भगवान श्रीराम और माता सीता के आपसी प्रेम व समझदारी का वर्णन हैं।

पहले सवैये में भगवान श्रीराम , भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ चौदह वर्ष के वनवास के लिए जाते हैं। कुछ दूर चलने के बाद जब माता सीता थककर भगवान श्रीराम से पूछती हैं कि अभी कितनी दूर और चलना है और वो पर्णकुटी कहां बनाएंगे। माता सीता की व्याकुलता देखकर भगवान श्रीराम की आंखें भर आती है। यानि भगवान श्रीराम , माता सीता से अथाह प्रेम करते थे। इसीलिए वो माता सीता के लिए चिंतित थे। 

और दूसरे सवैये में माता सीता का भगवान श्रीराम के प्रति प्रेम झलकता हैं । वो उनकी चिंता करती हैं। थकान दूर करने के लिए वो उन्हें पेड़ की छाँव में बैठने को कहती हैं और खुद उन्हें हवा झलने लगती हैं । उनके रेत में तपे पैरों को भी धोती हैं। 

दोनों सवैयों में पति-पत्नी के प्रेम को दिखाया हैं।  

प्रश्न 5.

पाठ के आधार पर बन के मार्ग का वर्णन अपने शब्दों में करो ?

उत्तर –

वन का मार्ग बहुत ही कठिन होता है। कंकरीला व कांटों भरा होने के कारण उसमें चलना बहुत ही कठिन होता है। विश्राम के लिए कोई अच्छी जगह नहीं होती है। जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। मनुष्य को जंगल में रहने के लिए काफी परिश्रम करना पड़ता है। खाने -पीने के लिए भी काफी मशक्क्त करनी पड़ती हैं। यानि जंगल में रहना आसान नही होता हैं। 

लघु उत्तरीय प्रश्न

Short Question Answer

प्रश्न 1.

“वन के मार्ग में” , सवैया किस कवि के द्वारा लिखा गया है ?

उत्तर –

गोस्वामी तुलसीदास। 

प्रश्न 2.

भगवान राम को कितने वर्ष का वनवास मिला ?

उत्तर –

चौदह वर्ष का। 

प्रश्न 3.

भगवान राम के साथ वनवास में कौन -कौन गया ?

उत्तर –

माता सीता और लक्ष्मणजी। 

प्रश्न 4.

मार्ग पर कौन बहुत ही धैर्य धारण करके निकली ?

उत्तर –

माता सीता। 

प्रश्न 5.

दो कदम चलने के बाद ही माता सीता की क्या हालत हुई ?

उत्तर –

माता सीता बहुत अधिक थक गई। उनके माथे में पसीने की बूंदे छलकने लगी और उनके होंठ भी सूख गये थे। 

प्रश्न 6.

माता सीता ने भगवान श्रीराम से क्या पूछा ?

उत्तर –

कितनी दूर और चलना है और वो पर्णकुटी यानि पत्तों वाली कुटिया कहां बनाएंगे ? 

प्रश्न 7.

माता सीता की व्याकुलता को देखकर भगवान श्रीराम का क्या हाल हुआ ?

उत्तर –

भगवान श्रीराम की आंखों से आंसू बहने लगे। 

प्रश्न 8.

जल की व्यवस्था करने कौन गया ?

उत्तर –

लक्ष्मणजी । 

प्रश्न 9.

सीताजी के पैरों में चुभे हुए कांटों को किसने निकाला ?

उत्तर –

भगवान श्रीराम ने। 

प्रश्न 10.

दोनों सवैयों में किस चीज का वर्णन हैं ?

उत्तर –

पति -पत्नी के आपसी प्रेम का।

प्रश्न 11.

अपने प्रति किसका प्रेम देखकर माता सीता बहुत आनंदित हुई ?

उत्तर –

भगवान श्रीराम का। 

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