Aise Aise Class 6 Summary : ऐसे ऐसे का सारांश

Aise Aise Class 6 Summary ,

Aise Aise Class 6 Summary

ऐसे ऐसे कक्षा 6 का सारांश

Aise Aise Class 6 Summary

“ऐसे -ऐसे” एक एकांकी (नाटक या छोटी कहानी) हैं। इस एकांकी के लेखक विष्णु प्रभाकर जी हैं। यह एकांकी आठ -नौ वर्ष के एक ऐसे छोटे बच्चे मोहन की कहानी हैं जो छुटिट्यों में अपना होमवर्क पूरा नही करता हैं और स्कूल खुलने के बाद मास्टर साहब (Teacher) की पिटाई के डर से स्कूल नही जाना चाहता हैं। इसीलिये वह “ऐसे -ऐसे” पेट में कुछ हो रहा हैं कह कर यानि पेट दर्द का बहाना बना कर अपने माता -पिता को उल्लू बनाने की कोशिश करता हैं ताकि उसे स्कूल न जाना पड़े।

एकांकी की शुरुवात में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाला आठ -नौ वर्ष का मोहन एक तख्त (Bed) पर लेटा हैं और वह बार -बार अपने पेट को पकड़ कर कराह रहा हैं। वह बहुत बैचेन हैं। उसके माता -पिता उसके पास ही बैठे हैं। उसकी माँ गर्म पानी की बोतल से उसका पेट सेंकते हुए उसके पिता से पूछती हैं कि उसने कुछ अंट – शंट तो नही खा लिया हैं।

पिता माँ को जबाब देते हुए कहते हैं कि उसने केवल एक संतरा व एक केला ही खाया और वो उनके दफ्तर (Office) में ठीक – ठाक था और बड़ी अच्छी तरह उछल -कूद कर खेल रहा था। लेकिन अचानक बस अड्डे में आकर उसने बताया कि उसके पेट में “ऐसे -ऐसे” कुछ हो रहा हैं।

इस पर माँ थोड़ी चिंतित होकर कहती हैं कि “ऐसे – ऐसे” , अब ये कौन सी नई बीमारी हैं। फिर पिता से डॉक्टर के आने के संबंध में पूछताछ करती हैं। माँ पिता को यह भी बताती हैं कि उसने मोहन को हींग ,चूर्ण ,पिपरमेंट सब दे दिया हैं पर उससे मोहन को कोई फायदा नही हुआ। तभी फोन की धंटी बजती हैं। पिता फोन में बात करने के बाद माँ को बताते हैं कि डॉक्टर साहब आने वाले हैं।

तभी कमरे में वैध जी आ जाते हैं। वो मोहन की नाड़ी छूकर कहते हैं कि उसका पेट साफ़ नही हैं। उसे कब्ज हैं जिससे उसके पेट में वायु रुक गई हैं यानि उसे गैस की समस्या हो गई हैं। वो उसे कुछ दवा की पुड़िया खाने को देते हैं जिससे वो ठीक हो जाय।

वैधजी के जाने के बाद डाक्टर साहब आ जाते हैं। वो उसकी जीभ देखकर कहते हैं कि उसे बदहजमी हो गई हैं। वो दवाई भेजने की बात कहकर वहाँ से चले जाते हैं । ठीक उसी समय उनकी एक पड़ोसन मोहन का हाल – चाल जानने के लिए चली आती हैं जो मोहन की माँ को नई -नई बीमारियों के बारे में बताती हैं । तभी बाहर से मास्टरजी की मोहन – मोहन पुकारने की आवाज आती हैं।

कमरे में आकर मास्टर जी मोहन का हाल -चाल पूछते हैं और वो अपने अनुभव व पारखी नजरों से मोहन की “ऐसे -ऐसे” बीमारी का पता आराम से लगा लेते हैं। वो समझ जाते है कि मोहन ने अपना होमवर्क पूरा नही किया हैं। इसीलिए वह पेट दर्द का बहाना बना रहा हैं। वो मोहन की माँ को बताते हैं कि डरने की कोई जरूरत नही हैं क्योंकि यह बीमारी मोहन जैसे बच्चों को अक्सर हो जाती हैं।

मास्टर जी मोहन से पूछते हैं कि उंसने अपना होमवर्क पूरा किया या नही। जिसके जबाब में मोहन सिर हिलाकर मना कर देता हैं । मास्टर जी मोहन की माँ को बताते हैं कि मोहन ने महीने भर मौज -मस्ती की जिसकी वजह से वो अपना होमवर्क पूरा नही कर पाया । इसीलिए अब वह स्कूल जाने से बचने के लिए “ऐसे -ऐसे” का बहाना बना रहा हैं।

मास्टर जी मोहन को होमवर्क पूरा करने के लिए दो दिन का वक्त देते हैं । पूरी बात सुनकर माँ और पिताजी दंग रह जाते हैं और पिता के हाथ से दवा की शीशी गिर कर फर्श में बिखर जाती हैं । एकांकी के अंत में सभी लोग हंस पड़ते हैं।

Aise-Aise Class 6 Summary

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