Himalay Ki Betiyan Class 7 Question Answer

Himalay Ki Betiyan Class 7 Question Answer :

Himalay Ki Betiyan Class 7 Question Answer

हिमालय की बेटियों कक्षा 7 प्रश्न उत्तर

Himalay Ki Betiyan Class 7 Question Answer

प्रश्न 1.

नदियों को माँ  मानने की परंपरा हमारे यहां काफी पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें किन रूपों में देखते हैं ?

उत्तर –

नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे देश में काफी पुरानी है। हमारे वेद , पुराण व प्राचीन साहित्य में भी नदियों को मां के रूप में मान्यता दी गई है। लेकिन लेखक उन्हें प्रेयसी ,  बेटी व बहन के रूप में भी देखते हैं।

प्रश्न 2.

सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएं बताई गई है ?

उत्तर –

सिंधु और ब्रह्मपुत्र दोनों महान नदियाँ है जिसमें कई सारी छोटी नदियों का संगम होता है। ये दोनों ऐसी नदियां है जो हिमालय में जमी बर्फ के पिघलने से बनी हैं। बर्फ की एक -एक बूँद इकठ्ठा होकर सिंधु और ब्रह्मपुत्र नदियों का रूप ले लेती हैं। ये नदियों हिमालय से निकलकर समुद्र में मिल जाती हैं।

लेखक को इन दोनों नदियों का रूप बेहद लुभावना लगा। तभी तो वो कहते हैं कि सौभाग्यशाली समुद्र भी पर्वतराज हिमालय की इन दोनों बेटियों का हाथ थामने में गर्व महसूस करता है। लेखक ने हिमालय को ससुर और समुद्र को दामाद बताया हैं। वाकई इन दोनों नदियां का रूप भव्य , विशाल और विराट है।

प्रश्न 3.

काका कालेकर ने नदियों को “लोकमाता” क्यों कहा ?

उत्तर –

काका कालेकर ने नदियों को “लोकमाता” इसलिए कहा क्योंकि नदियों भी किसी मां की तरह ही हमारा पालन -पोषण करती है।  नदियों से हमें पीने के लिए जल मिलता हैं। फसल की सिंचाई में भी नदियों का पानी प्रयोग किया जाता हैं। इसके अलावा साफ़ – सफाई व बिजली बनाने में भी नदियाोँ का पानी काम में लाया जाता हैं।

जिस तरह एक माँ सभी प्रकार से अपनी संतान के हित की रक्षा करती है ठीक उसी प्रकार ये नदियां भी अनके तरह से मानव का कल्याण करती हैं। जल जितना जरूरी इन्सान के लिए हैं उतनी ही जरूरी संसार में रहने वाले प्रत्येक प्राणी के लिए हैं। यहां तक कि प्रकृति के पनपने के लिए भी पानी की आवश्यकता होती हैं। नदियों का पानी इस सब में बहुत बड़ी भूमिका निभाता हैं।

प्रश्न 4.

हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की है ?

उत्तर –

हिमालय की यात्रा में लेखक ने भव्य व विराट हिमालय के साथ -साथ इससे निकलने वाले नदियों , बर्फ से ढकी चोटी  व पहाड़ियों की सुंदरता की प्रशंशा की हैं । साथ ही वो पेड़ – पौधों से भरी घाटियों , देवदार , चीड , सरो , चिनार , सफेदा , कैल आदि के दूर -दूर तक फैले जंगलों की प्रशंसा करना भी नही भूले। उन्होंने नदियों को ममतामई माँ , बहन व बेटी व हिमालय को करुणामई पिता बताकर उसकी तारीफ की। 

अन्य प्रश्न 

प्रश्न 1.

“हिमालय की बेटियों” , किन्हें कहा गया हैं और क्यों  ?

उत्तर –

हिमालय से निकलने वाली सभी छोटी – बड़ी नदियों को लेखक हिमालय की बेटियाँ कह कर सम्मान देते हैं क्योंकि इन सभी नदियों का उत्गम स्थान हिमालय ही हैं।  

प्रश्न 1.

हिमालय का दामाद किसे कहा हैं और क्यों  ?

उत्तर –

हिमालय का दामाद “समुंद्र” को कहा हैं क्योंकि हिमालय से निकलने वाली सभी छोटी – बड़ी नदियों अंत में समुंद्र में जाकर मिल जाती हैं। जिस तरह शादी के बाद एक बेटी अपने पिता के घर को छोड़ कर अपने पति के घर जाती हैं। ठीक उसी प्रकार ये नदियों भी हिमालय से निकल कर समुंद्र में जा मिलती हैं। इसीलिए लेखक ने हिमालय को ससुर और समुद्र को दामाद बताया हैं। 

भाषा की बात

प्रश्न 1.

अपनी बात को कहते हुए लेखक ने अनेक समानताएं प्रस्तुत की है। ऐसी तुलना से अर्थ अधिक स्पष्ट और सुंदर बन जाता है।  उदाहरण –

(क)

संभ्रांत महिलाओं महिला की भांति वो प्रतीत होती हैं।

(ख)

माँ और दादी , मौसी और मामी की गोद की तरह उनकी धार में डुबकियां लगाया करता।

अन्य पाठों से ऐसे पांच तुलनात्मक प्रयोग निकालकर कक्षा में सुनाइए और उनका सुंदर प्रयोग करके अपनी कॉपी में भी लिखिए ?

उत्तर –

  1. सचमुच मुझे दादी मां शाप -भ्रष्ट देवी सी लगती थी।
  2. लाल किरण सी चोंच खोल -चुगते तारक अनार के दाने।
  3. हरी लकीर वाले सफेद गोल कंचे जैसे बड़े गोल आंवले।
  4. जैसे काली चीटियों सी कतारें धूमिल हो रही है।
  5. संध्या को स्वप्न की भांति गुजार देते हैं।

प्रश्न 2.

निर्जीव वस्तुओं को मानव – संबंधी नाम देने से निर्जीव वस्तुऍ भी मानो जीवित होती है। लेखक ने इस पाठ में कई स्थानों पर ऐसे प्रयोग किए हैं। जैसे

(क)

परंतु इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ते हुए कुछ और रूप में सामने थी।

(ख)

काका कालेकर ने नदियों को “लोकमाता” कहा है।

इसी पाठ के इसी तरह के और उदाहरण ढूंढिएँ ।

उत्तर –

  1. किसी संभ्रांत महिला की भांति वो प्रतीत होती थी।
  2. कितना सौभाग्यशाली हैं वह समुद्र , जिसे पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ पकड़ने का श्रेय मिला।
  3. बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियों बनाकर यह कैसे खेला करती हैं।
  4. हिमालय को ससुर और समुद्र को दामाद कहने में कुछ झिझक नहीं होती थी।
  5. हिमालय की छोटी-बड़ी सभी बेटियों आँखों के सामने नाचने लगती हैं।

प्रश्न 3. 

पिछली कक्षा में आप “विशेषण” और उसके भेद से परिचय प्राप्त कर चुके हैं। नीचे दिए गए विशेषण और विशेष्य यानी संज्ञा का मिलान कीजिए।?

उत्तर –

       विशेषण          विशेष्य 

  1. संभ्रांत    –   महिला
  2. चंचल    –    नदियों
  3. समतल  –   आंगन
  4. घना      –    जंगल
  5. मूसलाधार – बारिश

प्रश्न 4. 

द्वंद समास के दोनों प्रधान पद प्रधान होते हैं। इन समास में “और” शब्द का लोप हो जाता है। जैसे राजा रानी द्वंद समास है  जिसका अर्थ है राजा और रानी। पाठ में ऐसे कई स्थानों पर द्वंद समास का प्रयोग किया गया है।  इन्हें खोज कर बताइए ?

उत्तर –

  1. छोटी – बड़ी।
  2. दुबली – पतली।
  3. मां-बाप।
  4. भाव -भंगी।
  5. नंग -धडंग।

प्रश्न 5. 

“नदी” को उल्टा लिखने से “दीन” होता है जिसका अर्थ होता है गरीब। आप भी पांच ऐसे शब्द लिखिए जिसका उल्टा लिखने पर कोई सार्थक शब्द बन जाए। प्रत्येक शब्द के आगे संज्ञा का नाम भी लिखिए जैसे नदी , दिन भाववाचक संज्ञा है।

उत्तर –

  1. धारा – राधा = व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. नव – वन = जातिवाचक संज्ञा
  3. राम – मरा = भाववाचक संज्ञा
  4. राही – हीरा = द्रव्यवाचक संज्ञा
  5. गल – लग = भाववाचक संज्ञा।

प्रश्न 6

समय के साथ भाषा बदली है और शब्द भी बदले हैं और उनके रूप भी बदले हैं। जैसे बेतवा नदी का दूसरा नाम बेत्रवती है। ऐसे नीचे दिए गए शब्दों के नाम ढूंढ कर लिखिए।?

उत्तर –

  1. सतलुज – सातदुरम
  2. रोपड़ – रूपपुर
  3. झेलम वितस्ता
  4. चुनाव – बिपाशा
  5. अजमेर -अजयमेरु
  6. बनारस -वाराणसी

नंबर 7

“उनके ख्याल में शायद “ही” ये बात आए कि , बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियों बनकर यह कैसे खेला करती हैं”।

  • उपयुक्त पंक्ति में “ही” के प्रयोग की ओर ध्यान दिया गया है। “ही” वाला वाक्य नकारात्मक अर्थ दे रहा है। इसीलिए “ही” वाले वाक्य में कही गई बात को हम ऐसे भी कह सकते हैं। “उनके ख्याल में शायद यह बात ना आ सके”।
  • इसी प्रकार नकारात्मक प्रश्नवाचक वाक्य कई बार “नहीं” के अर्थ में इस्तेमाल नहीं होते हैं। जैसे- “महात्मा गांधी को कौन नहीं जानता”। इन दोनों प्रकार के वाक्य में तीन-तीन उदाहरण लिखिए और उनका इस दृष्टि से विशेषण भी कीजिए ?

उत्तर –

“ही” वाले वाक्य जिनका प्रयोग नकारात्मक होता है।

  1. आज शायद ही वर्षा आये।
  2. रविवार को शायद ही मैं घर पर रहू।
  3. वह शायद ही इस गाड़ी का इस्तेमाल करें।
  4. शायद ही बच्चे आज स्कूल जाएं।
  5. वह शायद ही मेरी बातें सुने।

“नहीं” वाले वाक्य जिनका प्रयोग नहीं में इस्तेमाल नहीं होता है।

  1. मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम को कौन नही जानता हैं।
  2. कौन नही जानता हैं कि किताबो से बढ़कर सच्चा दोस्त और कोई नहीं होता ।
  3. ऐसा कौन सा क्रिकेट फैन है जो सचिन को नहीं जानता है।
  4. वृक्ष से होने वाले लाभों को कौन नहीं जानता।
  5. भगवत गीता के सार को कौन नहीं जानता।

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