Saathi Haath Badhana Class 6 Explanation 

Saathi Haath Badhana Class 6 Explanation ,

Saathi Haath Badhana Class 6 Summary 

साथी हाथ बढ़ाना कक्षा 6 सार  

Saathi Haath Badhana Class 6 Explanation

“साथी हाथ बढ़ाना” , कविता के कवि साहिर लुधियानवी जी हैं। यह मुख्य रूप से एक गीत हैं जिसे “नया दौर” फिल्म के लिए लिखा गया था। यह गीत भारत की आजादी के कुछ समय बाद लिखा गया था। उस समय देश का पुन:निर्माण हो रहा था। यह गीत हमें सद्भावना के साथ मिलजुल कर रहने व काम करने की प्रेरणा देता हैं। 

इस गीत के माध्यम से कवि ने यह समझाने का प्रयास किया हैं कि मिलजुल कर काम करने से बड़ी से बड़ी मुश्किल को भी आसानी से हल किया जा सकता हैं। परिस्थितियों अनकूल हो या प्रतिकूल , हमें लगातार अच्छाई व सच्चाई के रास्ते में चलते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहना चाहिए। दुःख – सुख जीवन में आते -जाते रहते हैं , उनसे धबराना नहीं चाहिए। दुनिया की हर बड़ी चीज छोटी -छोटी चीजों से मिलकर ही बनी हुई हैं जैसे पानी की एक -एक बूँद मिलकर नदी बन जाती हैं। 

इस कविता में कवि ने “एकता की ताकत” को भी समझाया हैं। वो कहते हैं कि आपस में मिलकर काम करने से हम अपनी किस्मत बदल सकते हैं। एक सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। इसीलिए हम सब को मिलजुल कर व एकता के साथ रहना चाहिए।         

Saathi Haath Badhana Class 6 Explanation

साथी हाथ बढ़ाना कक्षा 6 भावार्थ

काव्यांश 1.

साथी हाथ बढ़ाना 

एक अकेला थक जाएगा , मिलकर बोझ उठाना। 

साथी हाथ बढ़ाना। 

भावार्थ –

उपरोक्त पंक्तियों में कवि कहते हैं कि अगर किसी बड़े व मुश्किल कार्य को एक व्यक्ति अकेला ही करेगा तो वह बहुत जल्दी थक जायेगा और कार्य भी समय पर पूर्ण नही होगा। लेकिन अगर हम सब मिलजुल कर उसी कार्य को करेंगे तो वह बहुत आसानी से व बहुत जल्दी पूरा हो जायेगा।

इन पंक्तियों में कवि ने सभी भारतवासियों को भारत के पुन:निर्माण में अपना सहयोग देने व मिलजुल कर कार्य करने को प्रेरित किया हैं ताकि भारत का भविष्य उज्ज्वल हो सके।

काव्यांश 2.

हम मेहनतवालों ने जब भी , मिलकर कदम बढ़ाया 

सागर ने रास्ता छोड़ा , परबत ने सीस झुकाया 

फौलादी हैं सीने अपने , फौलादी हैं बाहें 

हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें 

साथी हाथ बढ़ाना।

भावार्थ – 

उपरोक्त पंक्तियों में कवि भारत के लोगों की हौसला अफजाई करते हुए कहते हैं कि जब भी मेहनत करने वाले लोगों ने मिलजुल कर व दृढ़तापूर्वक काम करने का निश्चय किया हैं तो समुद्र ने भी उन्हें रास्ता दिया हैं और पर्वत ने भी उनके सामने अपना सिर झुकाकर उन्हें आगे बढ़ने को प्रेरित किया हैं। यानि मेहनती लोगों के आगे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आये। वो उसमें विजय प्राप्त कर ही लेते हैं।

कवि आगे कहते हैं कि हमारा सीना व बाहें फौलाद (लोहे) की बनी हैं और अगर हम चाहें तो बड़ी से बड़ी चट्टानों को काटकर उसमें से भी अपने लिए रास्ता बना सकते हैं। यानि हम शाररिक रूप से बहुत अधिक मजबूत हैं और किसी भी मुश्किल काम को बड़ी आसानी से कर सकते हैं।

काव्यांश 3.

मेहनत अपने लेख की रेखा  , मेहनत से क्या डरना 

कल गैरों की खातिर की , आज अपनी खातिर करना 

अपना दुःख भी एक हैं साथी , अपना सुख भी एक 

अपनी मंजिल सच की मंजिल , अपना रास्ता नेक 

साथी हाथ बढ़ाना। 

भावार्थ –

उपरोक्त पंक्तियों में कवि कहते हैं कि हम मेहनत करने वाले लोग हैं। इसीलिए हम मेहनत करने से कभी नही डरते हैं। कल तक यही मेहनत हम दूसरे लोगों के लिए यानि अंग्रजों के लिए करते थे। अब यही मेहनत हमें अपने देश के विकास के लिए करनी हैं।

सुख और दुःख , हर इंसान के जीवन में आते – जाते रहते हैं। इसीलिए कवि कहते हैं कि हम सब के सुख और दुःख एक ही हैं। यानि अगर हमारा कोई एक साथी दुखी हैं तो वह दुःख सिर्फ उसका नही हैं बल्कि हम सबका दुःख हैं और इसी तरह हम सबके सुख भी एक समान ही हैं।

इसीलिए हमें सुख – दुःख में एक दूसरे का साथ देना चाहिए। दुःख होने पर ज्यादा धबराना नही चाहिए और सुख होने पर अत्यधिक उत्साहित नही होना चाहिए। हमें अच्छाई व सच्चाई के रास्ते में चलते हुए सदा अपनी मंजिल की तरफ कदम बढ़ाते रहना चाहिए।

काव्यांश 4.

एक से एक मिले तो कतरा , बन जाता हैं दरिया 

एक से एक मिले तो जर्रा ,  बन जाता हैं सेहरा 

एक से एक मिले तो राई , बन सकती हैं परबत 

एक से एक मिले तो इंसाँ  , बस में कर ले किस्मत 

साथी हाथ बढ़ाना। 

भावार्थ –

उपरोक्त पंक्तियों में कवि “एकता की ताकत” का महत्व समझाते हुए कहते हैं कि जिस तरह पानी की एक -एक बूंद के मिलने से एक दरिया (छोटी नदी) बन जाता हैं और छोटे -छोटे रेत के कणों से मिलकर एक पूरा रेगिस्तान बन जाता हैं। राई के छोटे – छोटे दाने भी इकठ्ठा होकर एक पर्वत का निर्माण कर देते हैं। ठीक उसी तरह अगर हम सारे लोग आपस में मिलकर कार्य करें तो हम अपनी किस्मत बदल सकते हैं। एक सुनहरे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। इसीलिए हम सब को मिलजुल कर व एकता के साथ रहना चाहिए।

Saathi Haath Badhana Class 6 Explanation

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