Saharsh Swikara Hai Class 12 MCQ
सहर्ष स्वीकारा है MCQ
Note-
- “सहर्ष स्वीकारा है ” कविता का भावार्थ पढ़ने के लिए Link में Click करें – Next Page
- “सहर्ष स्वीकारा है ” पाठ के प्रश्न उत्तर पढ़ने के लिए Link में Click करें – Next Page
- “सहर्ष स्वीकारा है ” के भावार्थ को हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click करें। YouTube channel link – ( Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)
Saharsh Swikara Hai Class 12 MCQ
- “सहर्ष स्वीकारा है” कविता के कवि कौन हैं – गजानन माधव मुक्तिबोध
- “सहर्ष स्वीकारा है” , कविता किस काव्य – संग्रह से ली गई है – भूरी – भूरी खाक धूल
- गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म कब हुआ था – 13 नवंबर 1917
- गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म कहां हुआ था – ग्वालियर (मध्य प्रदेश)
- गजानन माधव मुक्तिबोध का निधन कब हुआ था – 11 सितंबर 1964
- गजानन मुक्तिबोध का निधन कहां हुआ था – नई दिल्ली
- सन 1962 में मध्य प्रदेश सरकार ने कवि की कौन सी किताब को प्रतिबंधित कर दिया था – भारतीय इतिहास और संस्कृति
- “सहर्ष स्वीकारा है” , कविता की शैली कैसी है- संबोधन शैली
- कवि की जिंदगी में जो कुछ भी है , उसे उन्होंने कैसे स्वीकारा है – सहर्ष यानि खुशी – खुशी
- कवि अपने जीवन के संघर्ष , अवसाद , आशा – निराशा और सुख – दुख को सहर्ष स्वीकार करते है क्यों ? – अपने प्रिय की प्रेरणा के कारण
- कवि के अनुसार “जो कुछ भी मेरा है , वह तुम्हें … है” – प्यारा
- “वह तुम्हें प्यारा है ” ,पंक्ति में “तुम” कौन हैं – कवि की प्रेयसी
- कवि ने गरीबी को कैसा बताया है – गरबीली (गर्व से भरी)
- कविता के अनुसार , कवि को अपनी किस चीज पर गर्व है – गरीबी पर
- “गरबीली – गरीबी” में कौन सा अलंकार है – अनुप्रास अलंकार
- कवि अपनी गरीबी को “गरबीली” क्यों मानता है – क्योंकि वह उसके प्रिय को स्वीकार है
- गरीबी और संघर्षमय जीवन से , कवि को क्या उपहार मिला – गंभीर अनुभव , विचारों में सुंदरता और व्यक्तित्व में दृढ़ता।
- “जो कुछ भी जागृत है अपलक है , संवेदन तुम्हारा है ” ,पंक्ति में किसके संवेदन से सब कुछ जागृत है – कवि के प्रिय के
- “पल-पल” में कौन सा अलंकार है – पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार
- “भीतर की सरिता” से कवि का क्या तात्पर्य है – ह्रदय की सरिता या दिल की कोमल भावनाएं
- “अभिनव” का क्या अर्थ हैं – नया
- “विचार – वैभव” और “भीतर की सरिता” में कौन सा अलंकार है – रूपक अलंकार
- कवि के भीतर क्या है – मीठे पानी का सोता (झरना)
- मीठे पानी का झरना किसके हृदय में है – कवि के
- अपने दिल की तुलना कवि किससे करते हैं – झरने से
- “दिल में क्या झरना है ?” में कौन सा अलंकार है – प्रश्न अलंकार
- कवि के हृदय के झरने की क्या विशेषता है – (1) जितना भी उड़ेलता है , उतना ही भर- भर जाता है (2) वह झरना , मीठे पानी का है।
- “जाने क्या रिश्ता है , जाने क्या नाता है” में कौन सा अलंकार है – संदेह अलंकार
- “जाने क्या रिश्ता है , जाने क्या नाता है” , पंक्ति में कवि क्या कहना चाहते हैं – अपने प्रिय से अपने संबंधों को कोई नाम नहीं देना चाहते हैं।
- “जितना भी उड़ेलता हूँ , भर – भर फिर आता है ” में कौन सा अलंकार है – विरोधाभास अलंकार है।
- “मुस्काता चाँद ज्यों धरती पर रात – भर” में कौन सा अलंकार है – उत्प्रेक्षा अलंकार
- कवि का संपूर्ण व्यक्तित्व किसके प्रभाव से प्रभावित है – उनके प्रिय के
- “सहर्ष स्वीकारा है” , कविता में कवि ने अपनी प्रियतमा के चेहरे की तुलना किससे की है – चांद से
- “मुस्कुराता चांद” किसके लिए कहा है – प्रियसी के खिलते चेहरे के लिए
- अपने प्रिय को भूलने के दंड की तुलना कवि किससे करता है – दक्षिण ध्रुवी अंधकार अमावस्या से
- कवि ने किस स्थान के अंधकार की तुलना , आमावस्या के अंधकार से की हैं – दक्षिण ध्रुवी
- कवि ने अंधकार को कैसा कहा है – दक्षिण ध्रुवी
- “दक्षिण धुवी अंधकार आमावस्या” , इस पंक्ति में संबंध है – विशेषण – विशेष्य का
- कवि से अब क्या नहीं सहा जाता – रमणीय उजाला
- “सहा नहीं जाता है , नहीं सहा जाता है” , पंक्ति के अनुसार कवि से अब क्या नहीं सहा जाता – प्रेम का रमणीय उजाला या प्रिय से अधिक निकटता
- कवि कैसा दंड चाहते है – पाताली अंधेरी गुफाओं में और धुएं के बादलों में खोने का दंड
- कविता में कवि “दक्षिण ध्रुवी अंधकार – अमावस्या” को कहाँ – कहाँ पा लेना चाहता है – शरीर पर , अंतर मन में , चेहरे पर
- दक्षिण ध्रुवी अंधकार – अमावस्या में कवि क्या करना चाहता है – नहाना
- “परिवेष्टित” शब्द का क्या अर्थ है – चारों ओर से घिरा हुआ
- “आच्छादित” शब्द का क्या अर्थ है – पूरी तरह से ढका हुआ
- “पाताली अँधेरे की गुहाओं में” , यहां “गुहा” शब्द का अर्थ क्या है – गुफा
- धुए के बादलों में खो जाने का क्या आशय है – विस्मृति में चले जाना
- “ममता के बादल” कैसे हैं – प्रेम भरे
- “ममता के बादल” , में कौन सा अलंकार है – रूपक अलंकार
- “ममता के बादल” , कैसी भावना की ओर संकेत करते है – अपनत्व की भावना
- कविता के अनुसार ममता के बादल की कोमलता कहां पिराती है – कवि के भीतर
- “पिराना” का क्या अर्थ है – दर्द
- “बहलाती – सहलाती आत्मीयता” कवि को क्या नहीं होती है – बर्दाश्त
- “बहलाती सहलाती आत्मीयता” , कैसी आत्मीयता है – सांत्वना देने वाली
- हर समय अपने प्रिय के निकट रहने के कारण , कवि की आत्मा कैसी हो गई है – कमजोर और अक्षम
- हर समय साथ रहने के कारण अब कवि को , प्रिय की आत्मीयता कैसी लगने लगी है – बहलाने – सहलाने वाली
- कवि क्या सहन नहीं कर पा रहा है – प्रिय की आत्मीयता और उसके निरंतर संरक्षण को
- निरंतर संरक्षण और अत्यधिक आत्मीयता , कवि के व्यक्तित्व पर क्या प्रभाव डालती है – उसे आंतरिक रुप से कमजोर बनाती है
- कवि अपने प्रिय के प्रेम के प्रभाव से बाहर निकल कर क्या करना चाहते हैं – अपना खुद का अस्तित्व खोजना चाहते हैं।
- कवि किससे भयभीत है – अपने भविष्य से
- कवि के व्याकुल हृदय को कौन डराती है – भविष्य की चिंता
- कवि स्वयं के लिए किससे दंड पाना चाहता है- अपने अनजान प्रिय से
- कवि दंड क्यों पाना चाहता है – अपने प्रिय के मोह से मुक्ति पाने के लिए
- कवि कहां लापता होना चाहता है – अंधेरी गुफाओं में
- “विवर” का क्या अर्थ हैं – बिल
- कवि अंधकार का दंड भोगने के लिए कहां जाना चाहता है – पाताली अँधेरे की गुफा के बिलों में
- पाताली गुफाओं में भी कवि को किसका सहारा मिलता है – अपने प्रिय का
- कवि अपने अस्तित्व का कारण किसे मानता है – अपने प्रिय को
- कवि कहां लापता हो जाना चाहता है – धुंए के बादलों में
- “लापता कि वहाँ भी तो तुम्हारा ही सहारा है ” में कौन सा अलंकार हैं – विरोधाभास अलंकार
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