Bhaktin Class 12 MCQ
भक्तिन कक्षा 12 MCQ
Note –
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Bhaktin Class 12 MCQ
- “भक्तिन” पाठ की लेखिका कौन है – महादेवी वर्मा जी
- “भक्तिन” संस्मरण महादेवी वर्मा की किस कृति में संकलित है – स्मृति की रेखाएं
- भक्तिन किस विधा में लिखा गया हैं – आत्मसंस्मणात्मक रेखाचित्र
- “भक्तिन” पाठ में मूलत: किन सामाजिक समस्याओं का उल्लेख किया गया है – अशिक्षा अंधविश्वास , विधवा समस्या व लड़के और लड़कियों में भेदभाव
- भक्तिन , महादेवी वर्माजी से कितने वर्ष बड़ी थी – लगभग 25 वर्ष
- महादेवी वर्मा जी ने भक्तिन के जीवन को कितने परिच्छेदों (भागों) में विभक्त किया है – 4
- भक्तिन पाठ के आधार पर पंचायतों की क्या तस्वीर उभरती है – पंचायतें गूंगी , लाचार और अयोग्य थी।
- भक्तिन कौन थी – महादेवी वर्मा जी की देहाती सेविका
- भक्तिन का वास्तविक नाम क्या था – लछमिन (लक्ष्मी)
- भक्तिन का शूरवीर पिता किस गांव का रहने वाला था – झूसी
- भक्तिन का विवाह किस गांव में हुआ था – हँडिया
- भक्तिन का विवाह किस आयु में हुआ था – 5
- भक्तिन का गौना किस उम्र में हुआ था – नौ वर्ष (9)
- भक्तिन की कितनी जेठानियाँ थी – दो
- भक्तिन का कद व आंखें कैसी थी – छोटी आंखें , छोटा कद
- भक्ति के पति की मृत्यु के समय , भक्तिन की उम्र कितनी थी – 29 वर्ष
- भक्तिन के पति की मृत्यु किस उम्र में हुई – 36 वर्ष में
- “तुषारपात” का शाब्दिक अर्थ क्या है – ओले गिरना
- भक्तिन की कितनी बेटियां थी – 3
- भक्तिन की विशेषताएं बताइए – वह परिश्रमी व स्वाभिमानी सेविका थी
- भक्तिन में कौन सा भाव प्रबल था – स्वाभिमान
- पाठ के अनुसार “खोटे सिक्कों की टकसाल” का क्या अर्थ है – कन्याओं को जन्म देने वाली महिला या पत्नी
- पाठ में “खोटे सिक्कों की टकसाल” किसे कहा गया है – भक्तिन को
- भक्तिन का (लछमिन से भक्तिन) नामकरण किसने किया – महादेवी वर्मा
- महादेवी वर्माजी ने लछमिन को “भक्तिन” कहना क्यों आरंभ कर दिया – उसके गले में कंठी माला देखकर
- भक्तिन ने लेखिका से क्या प्रार्थना की – उसे उसके वास्तविक नाम (लछमिन) से न बुलाने की
- लछमिन ने लेखिका से उसका असली नाम न प्रयोग करने की विनती क्यों की – क्योंकि वह अपने नाम के विपरीत बहुत गरीब थी
- “वह अपना समृद्धि सूचक नाम किसी को बताना नहीं चाहती थी”। यहां किस नाम को समृद्धि सूचक कहा गया है – लक्ष्मी (धन की देवी)
- भक्तिन किसके लिए लड़ाई लड़ती रहती थी – अपनी बेटियों के हक के लिए
- भक्तिन किस प्रकार का भोजन बनाती थी – सीधा – साधा , सरल व सात्विक
- उसे किसी अन्य का कहां आना पसंद नहीं था – अपनी रसोई घर में
- भक्तिन किसके समान लेखिका के साथ लगी रहती थी – छाया के समान
- ससुराल में भक्तिन के साथ उसके पति का व्यवहार कैसा था – बहुत अच्छा
- भक्तिन घरवालों की उपेक्षा के बाद भी “सौभाग्यशाली” क्यों थी – क्योंकि उसका पति उसे कभी डाँटता या उसके साथ अभद्र व्यवहार नहीं करता था।
- भक्तिन अपने पति को क्या संबोधन कर याद करती थी – बुढ़ऊ
- “वह बड़े बाप की , बड़ी बात वाली बेटी को पहचानता था” , यह कथन किसके लिए कहा है – भक्तिन के पति के लिए
- जेठानिया , भक्तिन के साथ कैसा व्यवहार करती थी – क्रूरता भरा
- भक्तिन को दूसरा विवाह करने के लिए कौन उकसाता था – जेठ – जेठानी
- भक्तिन के ससुराल वालों ने उसके पति की मृत्यु के बाद , उसे पुनर्विवाह करने के लिए क्यों कहा – ताकि वो भक्तिन का घर , जमीन व संपत्ति हड़प सकें
- हमारा समाज विधवाओं के साथ कैसा व्यवहार करता है – असम्मान पूर्ण
- तीन -तीन कमाऊ वीरों की विधात्री (जन्म देने वाली मां) बनकर मचिया के ऊपर पुरखिन (बुजुर्ग पूर्वज महिला) बनकर कौन विराजमान रहती थी – भक्तिन की सास
- भक्तिन की जेठानियाँ आपस में बैठकर कैसी चर्चा करती थी – लोक चर्चा
- भक्तिन के हरे – भरे खेत , मोटी ताजी गाय – भैंस और फलों से लदे पेड़ों को देखकर किसके मुंह में पानी आ जाता था – जेठ -जेठानी
- सास ने भक्तिन को , उसके पिता की मृत्यु की खबर क्यों नहीं दी- रोने धोने के अपशकुन से बचने के लिए
- भक्तिन के आने के बाद , महादेवी वर्मा अपने आपको क्या मानने लगी थी – देहाती
- भक्तिन का परम कर्तव्य क्या था – हर प्रकार से लेखिका को खुश रखना
- सेवक धर्म में भक्तिन की तुलना किससे की गई है- हनुमान जी से
- भक्तिन के संदर्भ में हनुमान जी का उल्लेख क्यों हुआ है – सेवा भाव के लिए
- लेखिका को भक्तिन क्या मानने लगी थी – अपनी संरक्षिका
- भक्तिन , लेखिका को बिना बताएं घर में बिखरे हुए पैसों को उठाकर कहां रख देती थी – भंडार गृह की मटकी में
- किस रहस्य के बारे में पूछे जाने पर वह शास्त्रार्थ की चुनौती दे डालती थी – इधर -उधर पड़े पैसों को भंडार गृह की मटकी में रखने के संबंध में
- भक्तिन के शास्त्रार्थ की चुनौती को स्वीकार करना , किसके लिए भी संभव नहीं था – तर्क शिरोमणि के लिए
- भक्तिन को किस बात का दुःख होता था – चित्रकला और कविता लिखने के दौरान लेखिका की किसी प्रकार की कोई सहायता न कर पाने का
- लेखिका के देर रात तक काम करते वक्त , भक्तिन कहां बैठी रहती थी – जमीन में दरी बिछा कर
- लेखिका के देर रात तक काम करते वक्त , भक्तिन उनके सामने बैठकर क्या करती थी – उन्हें क्रियात्मक सहयोग देती थी
- लेखिका का भक्तिन के साथ किस प्रकार का संबंध बन गया था – लेखिका ने भक्तिन को अपने ही परिवार का सदस्य मान लिया था
- भक्तिन धीरे-धीरे लेखिका को किस तरह लगने लगी – एक अभिभावक की तरह
- अजिया ससुर किसे कहते हैं – पति के दादा को
- भक्तिन बिना पढ़े ही , पढ़ने वालों की क्या बन गई थी – गुरु
- भक्तिन , लेखिका को कैसी चाय बना कर देती थी – तुलसी की
- भक्तिन लेखिका को दही का शरबत या तुलसी की चाय कब बना कर देती थी – जब वह बहुत व्यस्त होती थी
- किस बेटी के पति को भक्तिन ने घर दामाद बनाया – बड़ी बेटी के
- बड़े दामाद की मृत्यु के बाद , जिठौत ने भक्तिन की बेटी से विवाह करने के लिए किसे बुलाया – अपने तीतर लड़ाने वाले साले को
- युवक (जिठौत के साले) के गाल पर युवती (भक्तिन की बेटी) के पांच अंगुलियों के निशान किस बात के गवाह थे – तीतर बाज युवक दोषी था
- भक्तिन की विधवा बेटी के न चाहने पर भी उसका दूसरा विवाह कैसे हुआ – धोखे से
- भक्तिन की बेटी और जेठ के साले के लिए पंचों ने क्या फैसला सुनाया – दोनों को पति पत्नी माना
- भक्तिन की बेटी के संबंध में पंचों का फैसला कैसा था – दुर्भाग्यपूर्ण , अन्यायपूर्ण और एक तरफा
- बेमेल विवाह का क्या परिणाम हुआ – दोनों में अनबन का कारण बना
- बेटी के दूसरे विवाह के बाद , भक्तिन की आर्थिक स्थिति कैसी हो गई थी – बहुत खराब
- लगान न चुका पाने के कारण भक्तिन को क्या सजा मिली – उसे दिन भर धूप में खड़ा रहना पड़ा
- भक्तिन ने दुखी होकर क्या किया- गाँव छोड़कर नौकरी के लिए शहर का रुख किया
- अपमानित होने के बाद , अकेले ही गाँव छोड़कर नौकरी के लिए शहर का रुख करना , भक्तिन के स्वभाव की कौन सी विशेषता बताता है – स्वाभिमानी और मेहनती
- भक्तिन के जीवन के किस परिच्छेद को अंतिम परिच्छेद कहा है- चौथे (4th)
- चौथा परिच्छेद कब शुरू होता है – लेखिका के घर नौकरी करने से बाद
- पहले दिन भक्तिन ने लेखिका को खाने में क्या दिया – गाढी दाल और चार मोटी रोटियां
- लेखिका ने क्या-क्या खाया – थोड़ी दाल और सिर्फ एक रोटी
- लेखिका ने यह किसके लिए कहा है ,” टेढ़ी खीर है और दूसरों को अपने अनुसार बना लेना चाहती है” – भक्तिन के लिए
- भक्तिन का बनाया देहाती खाना खाकर लेखिका खुद को क्या कहने लगी – देहातिन
- “सिर -घुटाना” का क्या अर्थ है – सिर के बाल उतरवाना
- भक्तिन की हर वीरबार होने वाली “सिर -घुटाना” प्रक्रिया को लेखिका ने क्या नाम दिया – बाल चूड़ाकर्म
- “तीर्थ गए मुंडाए सिद्ध” किसका कथन है – भक्तिन का
- लेखिका के मित्र व संबंधियों को भक्तिन कैसे याद करती थी – उनके अपभ्रंश नामों से
- भक्तिन लंबे बाल वालों को क्या कहती थी – कवि
- भक्तिन किससे सबसे ज्यादा डरती थी – जेल या कारागार जाने से
- भक्तिन जेल जाने से डरती थी परंतु लेखिका के जेल जाने पर वह क्या करना चाहती थी – उनके साथ जेल जाना चाहती थी
- लेखिका के साथ जेल जाने के लिए , वह किससे लड़ने को तैयार थी – वायसराय (लाट) से
- पिछले वर्ष किस भय से भक्तिन ने उन्हें गांव चलने को कहा – युद्ध के भय से
- छात्रावास की लड़कियों के लिए भक्तिन , क्या बना दिया करती थी – चाय नाश्ता
- पहाड़ी तंग रास्तों में या बद्री केदार के दुर्गम मार्ग में भ्रमण के समय , भक्तिन लेखिका के कहां रहती थी – आगे
- धूल भरे रास्तों में वह कहां रहती थी – पीछे का
- लोगों के यह पूछने पर कि , वो लेखिका के यहां कितने समय से रहती है। भक्तिन उन्हें क्या जवाब देती थी – पिछले 50 बरस से
- भक्तिन की कहानी को लेखिका अधूरी क्यों रखना चाहती थी – क्योंकि वह भक्तिन को खोना नहीं चाहती थी।
- “भक्तिन की कहानी अधूरी है पर उसे खोकर मैं इसे पूरा नहीं करना चाहती”। लेखिका के इस कथन के पीछे क्या कारण है – भक्तिन के अंत को स्वीकार ना करना
- भक्तिन कहती थी कि ………के बुलावे को हम दोनों में से कोई भी ठुकरा नहीं पाएगा – मौत के
- “कुकुरी -बिलारी” का क्या अर्थ है – कुत्ता बिल्ली
- सोना , बसंत और गोधूलि कौन है – हिरनी , कुत्ता और बिल्ली
- “देहातिन वृद्धा” किसे कहा गया है – भक्तिन को
- गांव में भक्तिन लकड़ी रखने के मचान पर धान के पुआल से क्या बनाना चाहती थी – सोने का स्थान
- भक्तिन ने कितने रुपए छुपाकर गांव में रखे थे – पांच बीसी और पांच रुपया
- किसके बल पर भक्तिन अपने जीवन के संघर्ष को जीत गई – अपनी मेहनत व स्वाभिमान के बल पर
- लेखिका के लिए आंगन में खिलने वाला गुलाब और आम , सेवक क्यों नहीं थे – क्योंकि इनका अपना स्वतंत्र अस्तित्व होता है।
- आम और गुलाब की समानता किससे की गई है – अंधेरे और उजाले से
- “पर जैसे मेरे नाम की विशालता , मेरे लिए दुर्वह है। … “। इस पंक्ति में “मेरे” शब्द किसके लिए प्रयोग हुआ है – लेखिका के लिए
लेखिका महादेवी वर्मा जी से संबंधित प्रश्न
- महादेवी वर्मा का जन्म कब हुआ था – 1907
- महादेवी वर्मा का जन्म कहां हुआ था – फर्रुखाबाद
- महादेवी वर्मा का निधन कब हुआ -1987
- महादेवी वर्मा का निधन कहां हुआ था – इलाहाबाद में ( प्रयागराज)
- महादेवी वर्मा को उनकी किस रचना के लिए “ज्ञानपीठ पुरस्कार” दिया गया था – यामा
- महादेवी वर्मा जी को कौन – कौन से पुरस्कार मिले थे – ज्ञानपीठ पुरस्कार , मंगलाप्रसाद पारितोषिक , पद्मभूषण , पद्म विभूषण , भारत भारती पुरस्कार।
- महादेवी वर्मा जी को मरणोपरांत कौन सा पुरस्कार प्राप्त हुआ – पद्म विभूषण
- महादेवी वर्मा किस युग के चार स्तंभों में से एक मानी जाती है – छायावाद
- किसे “आधुनिक मीरा” कहा जाता है – महादेवी वर्मा जी को
- महादेवी वर्मा के प्रमुख काव्य संग्रह है – रश्मि , नीलम्बरा , दीपशिखा
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