Aatmparichay Class 12 MCQ :
Aatmparichay Class 12 MCQ
आत्मपरिचय कक्षा 12 MCQ
Note –
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- आत्मपरिचय कविता के कवि कौन हैं – हरिवंश राय बच्चन जी
- आत्मपरिचय कविता की काव्य शैली कैसी है – आत्मकथात्मक शैली
- कवि इस दुनिया में किसका भार लिए फिर रहा हैं – जग – जीवन का
- कवि इस दुनिया में कैसे जी रहे हैं – इस दुनिया की दुनियादारी को पूरी तरह से निभाते हुए
- “जग – जीवन” में कौन सा अलंकार हैं – “ज” की आवर्ति होने से अनुप्रास अलंकार
- कवि इस दुनिया के लोगों में क्या बाँटता फिर रहा हैं – निश्छल प्रेम
- कवि के प्रिय ने उनके कौन से तारों को झंकृत कर दिया है – मन रूपी वीणा के
- “मन रूपी वीणा के तारों को झंकृत करने” से क्या तात्पर्य है – दिल की कोमल भावनाओं को छू लेना
- “साँसों के दो तार” से क्या तात्पर्य है – जीवन जीना
- कवि ने कौन सी सुरा का पान किया हैं – स्नेह सुरा
- “स्नेह – सुरा” में कौन सा अलंकार है – रूपक अलंकार
- कवि किसके नशे में मस्त हैं – प्रेम रूपी सुरा के
- कवि किसकी परवाह नहीं करते है – इस दुनिया की
- कवि कैसे संसार को ठुकराते हैं – वैभवशाली
- कवि के अनुसार ये दुनिया कैसे लोगों से भरी पड़ी है -चापलूस व स्वार्थी लोगों से
- कवि दुनिया को क्या बांटना चाहता हैं – निश्छल प्रेम रूपी सौगात
- कवि का सपना क्या है – इस दुनिया में प्रेम ही प्रेम हो और सभी लोग आपस में मिलजुल कर प्रेम से रहें ।
- कवि अपने साथ कैसा संसार लिए फिरता है – स्वप्निल संसार (अपने सपनों का संसार)
- कवि के अनुसार इस दुनिया को अपूर्ण या अधूरा बनाता है – प्रेम का अभाव
- कवि अपने हृदय में सदैव क्या जला कर रखते हैं -प्रेम रूपी अग्नि
- कवि अपने को किस कर्मयोगी के समान मानते हैं – जो सुख दुःख में हमेशा एक समान रहता है।
- “भव – सागर” में कौन सा अलंकार है -रूपक अलंकार
- “सुख – दुख” में कौन सा समास है – सुख और दुख यानि द्वंद समास
- “मैं जला हृदय में अग्नि , दहा करता हूँ , सुख – दुख दोनों में मग्न रहा करता हूँ ;” में कौन सा अलंकार हैं – विरोधाभास अलंकार
- कवि कौन सी उम्र का उन्माद लिए फिर रहा हैं – यौवन
- कवि के यौवन के उन्माद में भी क्या छुपा हैं – अवसाद
- “मैं यौवन का उन्माद लिए फिरता हूँ , उन्मादों में अवसाद लिए फिरता हूँ ; ” में कौन सा अलंकार हैं – विरोधाभास अलंकार
- कवि के अनुसार अहंकार किसे अपने आगे टिकने नहीं देता हैं – प्रेम और ज्ञान को
- इस दुनिया में लोग क्या जोड़ते रहते हैं – धन और भौतिक सुख – सुबिधायें
- “मैं और , और जग और , कहाँ का नाता ” में क्रमश: पहले , दूसरे व तीसरे “और ” का मतलब समझायें – पहला “और” कवि के अपने लिए , दूसरा “और” संसार के लिए और तीसरा “और” संसार और कवि के बीच के संबंध के लिए
- “मैं और , और जग और , कहाँ का नाता” में कौन सा अलंकार हैं – यमक अलंकार (“और” शब्द का तीन बार प्रयोग अलग अलग अर्थों में हुआ है।
- कवि की वाणी कैसी हैं -शीतल
- कवि के शब्दों में किसके बराबर शक्ति हैं – आग के
- “मैं निज रोदन में राग लिए फिरता हूँ , शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ ;” में कौन सा अलंकार हैं – विरोधाभास अलंकार
- जब कवि का दिल अपने प्रिय के वियोग में रोया , तब लोगो ने इसे क्या कहा- गीत
- कवि फूट पडे , तब लोगो ने इसे क्या समझा – छंद बनाना
- दुनिया कवि को किस रूप में अपनाती है – कवि के
- कवि अपनी पहचान किस रूप में बनाना चाहते हैं – प्रेम दीवाने के रूप में
- कवि इस दुनिया में किससे वेश में फिरते हैं – दीवाने के
- कवि दुनिया को कौन सा संदेश देना चाहते हैं – मौज मस्ती से जीवन जीने का
- कवि अपने आप को दुनिया में क्या मान कर चलता है – प्रेम – दीवाना
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