Nadan Dost Class 6 Summary ,
Nadan Dost Class 6 Summary
नादान दोस्त कक्षा 6 सारांश
“नादान दोस्त” कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद जी हैं। केशव व श्यामा , दोनों भाई बहिन थे। उनके घर के कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने अंडे दिये। केशव व श्यामा , दोनों हर रोज चिड़िया को वहां आते – जाते देखा करते थे। वो उन दोनों को देखने में इतना ध्यान मग्न हो जाते कि उनको किसी चीज का ध्यान ही नहीं रहता था। यहाँ तक कि दोनों खाना- पीना भी भूल जाते थे।
उन दोनों के मन में चिड़िया के अण्डों को लेकर तरह – तरह के सवाल उठते थे। जैसे घोंसले में कितने अंडे होंगे , अंडे किस रंग के होंगे , उनमें से बच्चे कैसे और कब निकलेंगें आदि -आदि । लेकिन उनके इस सवालों का जबाब देने के लिए उनके पास कोई नहीं था क्योंकि उनकी माँ हरदम घर के कामों में व्यस्त रहती थी और पिता अपने पढ़ने -लिखने में।
इसी सोच विचार में तीन -चार दिन निकल गये। दोनों नादान बच्चों को अब चिड़िया के बच्चों की चिंता सताने लगी। वो सोच रहे थे कि कही इस भयंकर गर्मी में चिड़िया के बच्चे भूख व प्यास से न मर जाय। इसीलिए उन्होंने घोंसले के पास ही चिड़िया के खाने के लिए कुछ चावल के दाने व पानी रख दिया।
तभी श्यामा को ख्याल आया कि चिड़िया व उसके बच्चों को धूप भी तो लगती होगी। हालाँकि केशव का ध्यान इस तरफ नही गया था। अब दोनों ने चिड़िया के घोंसले के ऊपर छाया करने की सोची । उन्होंने छाया के लिए कूड़े की बाल्टी का प्रयोग किया और इसके साथ ही केशव ने चिड़िया के तीनों अण्डों को कपडे की एक मुलायम गद्दी के ऊपर रख दिया। इसके बाद गर्मी की दोपहर में लगभग दो बजे दोनों बच्चे सोने चले गये।
करीब चार बजे जब वो सोकर उठे तो उन्होंने देखा कि चिड़िया के अंडे टूटकर नीचे गिरे थे। यह देखकर दोनों के होश उड़ गए। तभी उनकी माँ बाहर आयी और उन्होंने टूटे अण्डों के देखा। माँ ने गुस्से में दोनों बच्चों से पूछा कि कही उन्होंने उन अण्डों को छुआ तो नही।
इसके बाद श्यामा ने सारी बात अपनी माँ को बता दी। तब माँ ने दोनों बच्चों को समझाते हुए कहा कि इन्सान के छूने से चिड़िया के अंडे गंदे हो जाते हैं और फिर चिड़िया उन गंदे अण्डों को कभी नहीं सेती हैं। इसीलिए चिड़िया ने तीनों अण्डों को नीचे गिरा दिया है।
केशव को अपनी गलती का अहसास हुआ। उसे इस बात का भी पछतावा हुआ कि उसकी एक गलती से चिड़िया के तीन अंडे बर्बाद हो गये। अपनी इस नादानी को याद कर वो कभी – कभी रो भी पड़ता हैं। लेकिन वो चिड़िया फिर वहाँ कभी नही दिखाई दी।
Nadan Dost Class 6 Summary
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