Patang Class 12 MCQ
पतंग MCQ
Note –
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Patang Class 12 MCQ Questions
- पतंग कविता के कवि कौन है – आलोक धन्वा जी
- पतंग कविता के माध्यम से कवि ने क्या बताने की कोशिश की है – बच्चों और पतंग के बीच के गहरे संबंध को
- आसमान कब एकदम साफ , स्वच्छ व निर्मल होता हैं – शरद ऋतु में
- कवि ने “तेज़ बौछारें गयीं” , कह कर किस माह के बीत जाने की बात की हैं – भादों की
- शरद ऋतु की सुहानी सुबह , आकाश में छाई लालिमा को देखकर कवि को कैसा प्रतीत होता है – जैसे वो खरगोश की लाल-लाल आंखों हों
- शरद ऋतु में आकाश में छाई लालिमा किसकी भांति लग रही हैं – खरगोश की लाल आँखों की भांति
- “खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा” , में कौन सा अलंकार हैं – उपमा अलंकार
- पिछले साल की शरद ऋतु से इस साल की शरद ऋतु के आने तक , बीच में कई और ऋतुएँ भी आयी और गई । कवि ने उन सभी ऋतुओं को किसका नाम दिया हैं – पुल का
- सभी पुलों को पार करते हुए कौन सी ऋतु आयी – शरद ऋतु
- “पुलों को पार” , में कौन सा अलंकार हैं – अनुप्रास अलंकार (“प” वर्ण की आवृत्ति होने के कारण)
- शरद ऋतु में , आसमान में चारों ओर फैली चमकीली सूरज की किरणें कवि को कैसी प्रतीत होती हैं – किसी साइकिल की भांति
- “सुनहरे सूरज” , में कौन सा अलंकार हैं – अनुप्रास अलंकार
- कवि ने शरद ऋतु की तुलना किससे की हैं – साइकिल चलाने वाले किसी छोटे बच्चे से
- शरद ऋतु क्या चलाते हुए आया – साइकिल
- “शरद आया पुलों को पार करते हुए” , पंक्ति की विशेषता बताइये – “शरद आया” में शरद ऋतु का मानवीकरण किया है।
- बच्चे पतंगो के साथ -साथ किसे सहारे आकाश में उड़ते हैं – बाल सुलभ कल्पनाओं व उम्मीदों के
- “सबसे तेज़ बौछारें गयीं , खरगोश की आंखों जैसा लाल सवेरा , शरद आया , पुलों को पार करते हुए , अपनी नई साइकिल तेज चलाते हुए , चमकीले इशारों से बुलाते हुए” , इन सब में क्या समानता हैं – इन सब में दृश्य बिम्ब हैं।
- शरद क्या बजाता हुआ आता हैं – घंटी
- “घंटी जोर से बजाते हुए” , पंक्ति की विशेषता बताइये – यह श्रब्य बिम्ब हैं।
- “ज़ोर-ज़ोर” , में कौन सा अलंकार हैं – पुरुक्तिप्रकाश अलंकार
- शरद ऋतु में एकदम साफ , स्वच्छ आकाश और सुहाना मौसम कवि को कैसा प्रतीत होता है – मुलायम
- कौन सी ऋतु आकाश को एकदम मुलायम बना देती हैं – शरद ऋतु
- आकाश को एकदम मुलायम किसने बनाया – बालक शरद ने
- बालक शरद , बच्चों के झुण्ड को कैसे इशारे करके बुलाता हैं – चमकीले
- कविता में “चमकीले विशेषण” किसके लिए प्रयोग हुआ है – इशारों के लिए
- पतंग कविता के आधार पर बताएँ कि चमकीले इशारों से कौन किसको बुला रहा है – बालक शरद , पतंग उड़ाने वाले बच्चों को बुला रहा हैं।
- बालक शरद ने आकाश को एकदम मुलायम क्यों बनाया – ताकि बच्चे पतंग उडा सकें
- बालक शरद क्या चाहता हैं – दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन पतंग आसमान में ऊंची उड़ें
- दुनिया के सबसे पतले काग़ज़ और बाँस की सबसे पतली कमानी से क्या बनाई जाती हैं – रंगीन पतंग
- “आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए” , में कौन सा बिम्ब हैं – स्पर्श बिम्ब
- “पतंग ऊपर उठ सके” , में कौन सा बिम्ब हैं – दृश्य बिम्ब
- कवि ने पतंग उड़ाते बच्चों के दौड़ने -भागने और खुशी से उछलने की तुलना किससे की हैं – कपास के साथ
- पतंग कविता में , कपास किसका प्रतीक हैं – कोमलता का
- कवि ने बच्चों की तुलना कपास के साथ क्यों की – क्योंकि बच्चों का मन व भावनाएं कपास की तरह ही स्वच्छ , कोमल और पवित्र होती हैं।
- पतंग के पीछे भागते बच्चों की निर्मलता , कोमलता व पवित्रता को कौन छूना चाहती हैं – पृथ्वी
- पृथ्वी किनके बैचेन पैरों के पास धूमती हुई आती हैं – बच्चों के
- पतंग उड़ाने के लिए इधर – उधर दौड़ते – भागते बच्चों को किस चीज का पता नहीं रहता है – पैरों के नीचे की कठोर जमीन का
- पतंग के साथ बच्चे कैसे दौड़ते हैं – बेसुध होकर
- बच्चे पतंग की डोर खींचते-खींचते कहाँ तक पहुंच जाते हैं – छत के एकदम किनारे तक
- छतों के खतरनाक किनारों में किस बात का भय बना रहता हैं – गिरने का
- आसमान की ऊंचाइयों पर लहराती पतंग बच्चों के दिलों को किससे भर देती हैं – उत्साह , उमंग व खुशी से
- पतंग के पीछे तेजी से दौड़ते – भागते बच्चों के पैरों से होने वाली आवाज कवि को कैसी प्रतीत होती है – मृदंग के समान
- पतंग उड़ाने वाले बच्चे , चारों दिशाओं को किसके समान बजाते हैं – मृदंग के समान
- कवि ने बच्चों के पतंग के पीछे एक जगह से दौड़ लगा कर दूसरी जगह व थोड़ी देर बाद दूसरी जगह से पहली जगह पर पहुँचने की तुलना किससे की हैं – झूला झूलने से
- दौड़ लगा एक जगह से दूसरी जगह भागते बच्चों का वेग किस तरह लचीला होता हैं – किसी पेड़ की डाल की तरह
- पतंग कविता में , बच्चों के शरीर के लचीलेपन को कैसा बताया गया है – पेड़ की डाल के लचीलेपन जैसा
- “पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास” , की क्या विशेषता हैं – यहाँ पृथ्वी का मानवीकरण किया है।
- पतंगबाजों के पैर कैसे हैं – बैचेन
- “दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए” और “डाल की तरह लचीले वेग से अकसर” , में कौन सा अलंकार हैं – उपमा अलंकार
- बच्चों को छतों से नीचे गिरने से कौन बचाता हैं – उनके रोमांचित मन के अंदर की खुशी व उनके शरीर का लचीलापन
- बच्चों के “रोमांचित शरीर का संगीत” क्या करता हैं – उनको गिरने से बचाता हैं
- पतंगों की धड़कती ऊंचाइयों बच्चों के साथ क्या करती हैं – उन्हें थाम लेती हैं
- पतंगों की ऊंचाइयों कैसी बताई गई हैं – धड़कती
- बच्चे अपनी पतंग के साथ आसमान में कैसे उड़ते हैं – अपने रंध्रों के सहारे (यानि अपनी कल्पनाओं , भावनाओं व खुशी के सहारे)
- “धड़कती ऊचाइयाँ” , पंक्ति की क्या विशेषता हैं – इसमें दृश्य बिंब है
- “पतंगों के साथ वो भी उड़ रहे हैं” , से कवि का क्या आशय हैं – बच्चों के मन में आकाश छू लेने का अहसास
- बच्चे किनके साथ उड़ रहे हैं – पतंगों के साथ
- बच्चे और निडर कब हो जाते हैं – जब वो एक बार छत से नीचे गिर कर बच जाते हैं
- पतंग उड़ाते बच्चे छतों के किनारों से नीचे गिर जाते हैं और बच जाते हैं तो क्या होता हैं – उनके अंदर आत्मविश्वास और अधिक बढ़ जाता है और उनका डर खत्म हो जाता हैं।
- “गिरकर बच जाते हैं” में कौन सा अलंकार हैं – विरोधाभास अलंकार
- बच्चे छत के किनारे से एक बार गिर जाने के बाद पुन: क्या करते हैं – वो दुगने उत्साह , साहस व निडरता के साथ अगले दिन सुबह फिर से छत पर आकर पतंग उड़ाने लगते हैं।
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