Sangatkar Class 10 Explanation : संगतकार का भावार्थ

Sangatkar Class 10 Explanation ,

Sangatkar Class 10 Explanation Hindi Kshitij 2 chapter 9 , Sangatkar Class 10 Summary , संगतकार का भावार्थ कक्षा 10 हिन्दी क्षितिज 2 ,

Sangatkar Class 10 Summary

संगतकार का सारांश 

Sangatkar Class 10 Explanation

Note –

  1. संगतकार” कविता के MCQS पढ़ने के लिए Link में Click करें – Next Page
  2. संगतकार” कविता के प्रश्न उत्तर पढ़ने के लिए Link में Click करें –    Next Page
  3. “संगतकार” कविता के भावार्थ को हमारे YouTube channel  में देखने के लिए इस Link में Click करें।YouTube channel link –  ( Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)

संगतकार कविता के कवि मंगलेश डबराल जी हैं। इस कविता में कवि कहते हैं कि किसी भी गीत को बनाते वक्त मुख्य गायक के साथ साथ अनेक लोग जैसे संगीतकार , गीतकार , अनेक वाद्य यंत्र वादक (जो वाद्य यंत्रों को बजाते हैं जैसे ढोलक , तबला , सितार आदि ) अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संगतकार भी उन्हीं में से एक है जो मुख्य गायक के सुर में अपना सुर मिलाकर गाने को प्रभावशाली बनाने में मदद करता है। 

और जब कभी मुख्य गायक अपनी सुर साधना में खो कर कही भटक जाता हैं और गीत के मुख्य सुरों को भूल जाता हैं तो उस समय यही संगतकार दुबारा मुख्य सुरों को पकड़ने में उसकी मदद करता हैं। यानि गाना गाते वक्त मुख्य गायक के साथ – साथ संगतकार की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है। लेकिन ये लोग अक्सर गुमनाम ही रह जाते हैं। 

Sangatkar Class 10 Explanation

संगतकार का भावार्थ

काव्यांश 1 .

मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती

वह आवाज सुंदर कमजोर कांपती हुई थी

वह मुख्य गायक का छोटा भाई है

या उसका शिष्य

या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार

मुख्य गायक की गरज में

वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से

भावार्थ –

उपरोक्त पंक्तियों में कवि कहते हैं कि जब मुख्य गायक किसी संगीत सभा में अपना गायन प्रस्तुत कर रहा होता है तो उसकी भारी व गंभीर आवाज के साथ ही हमें संगतकार (मुख्य गायक का साथ देने वाला सह गायक) की एक सुंदर , मधुर मगर हल्की – हल्की आवाज सुनाई देती हैं।

कवि यहां पर अंदाजा लगा रहे हैं कि यह संगतकार मुख्य गायक का छोटा भाई भी हो सकता है या मुख्य गायक का शिष्य भी हो सकता है या फिर संगीत सीखने के लिए पैदल चलकर मुख्य गायक के पास आने वाला कोई उनका दूर का रिश्तेदार भी हो सकता है।

और सबसे खास बात यह हैं कि यह संगतकार जब से गायक ने गाना शुरू किया है तब से उसका साथ देना आया है। यानि शुरू से ही वह संगतकार मुख्य गायक की आवाज में अपनी आवाज मिलाकर उसके संगीत को और प्रभावशाली बनाता आया है।

काव्यांश 2.

गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में

खो चुका होता है

या अपने ही सरगम को लॉघकर

चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में

तब संगतकार ही स्थायी को संभाले रहता है

जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान

जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन

जब वह नौसिखिया था

भावार्थ –

उपरोक्त पंक्तियों में कवि कहते हैं कि कभी – कभी मुख्य गायक किसी गाने का अंतरा गाने में इतना मगन (तल्लीन) हो जाता हैं कि वह अपने सुरों से ही भटक जाता हैं। यानि असली सुरों को ही भूल जाता हैं। ऐसी स्थिति में संगतकार , जो हमेशा मुख्य सुरों को पकड़े रहता है। वही उस समय सही सरगम को दुबारा पकड़ने में मुख्य गायक की मदद कर उसे उस विकट स्थिति से बाहर लाता है।

यानि संगतकार हमेशा मूल स्वरों को ही दोहराता रहता हैं। जब मुख्य गायक गीत गाते हुए सुरों की दुनिया में खो जाता हैं और अंतरे के सुर – तान की बारीकियों में उलझकर बिखरने लगता हैं व मुख्य सुरों को भूल जाता हैं । तब वह संगतकार के गाने को सुनकर वापस मुख्य सुर से जुड़ जाता हैं। अर्थात संगतकार , सुर से भटके हुए मुख्य गायक को वापस सुर पकड़ने में मदद करता हैं।

कवि आगे कहते हैं कि उस समय ऐसा लगता है मानो जैसे कि वह संगतकार मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान संमेटते हुए उसके साथ आगे बढ़ रहा है। उस समय उस मुख्य गायक को अपना बचपन याद आ जाता है जब वह नया – नया गाना सीखता था या नौसिखिया था।

काव्यांश 3.

तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला

प्रेरणा साथ छोड़ती हुई , उत्साह अस्त होता हुआ

आवाज से राख जैसा कुछ गिरता हुआ

तभी मुख्य गायक को ढाँढस बँधता

कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर 

कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ

यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है

और यह कि फिर से गाया जा सकता है

गाया जा चुका राग

भावार्थ –

उपरोक्त पंक्तियों में कवि कहते हैं कि जब कभी मुख्य गायक ऊंचे स्वर में गाता है तो उसका गला बैठने लगता है। उससे सुर सँभलते नहीं हैं। तब गायक को ऐसा लगने लगता है जैसे कि अब उससे आगे गाया नहीं जाएगा। उसके भीतर निराशा छाने लगती है। उसका मनोबल खत्म होने लगता है। उसकी आवाज कांपने लगती हैं जिससे उसके मन की निराशा व हताशा प्रकट होने लगती है।

उस समय मुख्य गायक को हौसला बढ़ाने वाला व उसके अंदर उत्साह जगाने वाला संगतकार का मधुर स्वर सुनाई देता हैं। उस सुंदर आवाज को सुनकर मुख्य गायक फिर नए जोश से गाने लगता हैं।

कवि आगे कहते हैं कि कभी – कभी संगतकार मुख्य गायक को यह बताने के लिए भी उसके स्वर में अपना स्वर मिलाता है कि वह अकेला नहीं है। कोई है जो उसका साथ हर वक्त देता है। और यह भी बताने के लिए कि जो राग या गाना एक बार गाया जा चुका है। उसे फिर से दोबारा गाया जा सकता है।

काव्यांश 4.

और उसकी आवाज में जो एक हिचक साफ सुनाई देती है

या अपने स्वर को ऊंचा न उठाने की जो कोशिश है

उसे विफलता नहीं

उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए 

भावार्थ –

उपरोक्त पंक्तियों में कवि कहते हैं कि जब भी संगतकार मुख्य गायक के स्वर में अपना स्वर मिलता है यानि उसके साथ गाना गाता है तो उसकी आवाज में एक हिचक साफ सुनाई देती है। और उसकी हमेशा यही कोशिश रहती है कि उसकी आवाज मुख्य गायक की आवाज से धीमी रहे।

लेकिन हमें इसे संगतकार की कमजोरी या असफलता नही माननी चाहिए क्योंकि वह मुख्य गायक के प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए ऐसा करता है। यानि अपना स्वर ऊँचा कर वह  मुख्य गायक के सम्मान को ठेस नही पहुंचाना चाहता है। यह उसका मानवीय गुण हैं।

Sangatkar Class 10 Explanation ,

“संगतकार” कविता के भावार्थ को हमारे YouTube channel  में देखने के लिए इस Link में Click करें।YouTube channel link –  (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)
 
Note – Class 8th , 9th , 10th , 11th , 12th के हिन्दी विषय के सभी Chapters से संबंधित videos हमारे YouTube channel  (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें) पर भी उपलब्ध हैं। कृपया एक बार अवश्य हमारे YouTube channel पर visit कर हमें Support करें । सहयोग के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यबाद।

You are most welcome to share your comments . If you like this post . Then please share it . Thanks for visiting.

यह भी पढ़ें……

कक्षा 10 हिन्दी

कृतिका भाग 2 

माता का आँचल का सारांश

 माता का ऑचल पाठ के प्रश्न व उनके उत्तर

माता का ऑचल पाठ के MCQ

जार्ज पंचम की नाक का सारांश

जार्ज पंचम की नाक के प्रश्न उत्तर

जार्ज पंचम की नाक के MCQ

साना साना हाथ जोड़ि का सारांश 

साना साना हाथ जोड़ि के प्रश्न उत्तर

साना साना हाथ जोड़ि के MCQS

कक्षा 10 हिन्दी क्षितिज भाग 2 

पद्य खंड 

सूरदास के पद का भावार्थ 

सूरदास के पद के प्रश्न उत्तर

सूरदास के पद के MCQ

सवैया व कवित्त कक्षा 10 का भावार्थ 

सवैया व कवित्त कक्षा 10 के प्रश्न उत्तर

सवैया व कवित्त कक्षा 10 के MCQ

आत्मकथ्य कविता का भावार्थ कक्षा 10

आत्मकथ्य कविता के प्रश्न उत्तर

आत्मकथ्य कविता के MCQS 

उत्साह कविता का भावार्थ व प्रश्न उत्तर

अट नही रही हैं कविता का भावार्थ व प्रश्न उत्तर

उत्साह व अट नही रही हैं के MCQS

कन्यादान कक्षा 10 का भावार्थ

कन्यादान कक्षा 10 के प्रश्न उत्तर

कन्यादान कक्षा 10 के MCQ

राम लक्ष्मण परशुराम संवाद पाठ का भावार्थ

राम लक्ष्मण परशुराम संबाद के प्रश्न उत्तर

राम लक्ष्मण परशुराम संबाद के MCQ

छाया मत छूना कविता का भावार्थ

छाया मत छूना के प्रश्न उत्तर

छाया मत छूना के MCQ 

संगतकार का भावार्थ

संगतकार के प्रश्न उत्तर

संगतकार के MCQ

फसल का भावार्थ व प्रश्न उत्तर

फसल के MCQS 

यह दंतुरित मुस्कान का भावार्थ

यह दंतुरित मुस्कान के प्रश्न उत्तर

यह दंतुरित मुस्कान के MCQ 

कक्षा 10 हिन्दी क्षितिज भाग 2 

गद्द्य खंड 

लखनवी अंदाज पाठ सार कक्षा 10  हिन्दी क्षितिज

लखनवी अंदाज पाठ के प्रश्न व उनके उत्तर

लखनवी अंदाज पाठ के प्रश्न MCQ

बालगोबिन भगत पाठ का सार

बालगोबिन भगत पाठ के प्रश्न उत्तर

बालगोबिन भगत पाठ के MCQ 

नेताजी का चश्मा” पाठ का सारांश

नेताजी का चश्मा” पाठ के प्रश्न व उनके उत्तर

नेताजी का चश्मा” पाठ के MCQ

मानवीय करुणा की दिव्य चमक का सारांश 

मानवीय करुणा की दिव्य चमक के प्रश्न उत्तर

मानवीय करुणा की दिव्य चमक के MCQ

एक कहानी यह भी का सारांश

एक कहानी यह भी के प्रश्न उत्तर