Utsah Class 10 : उत्साह कविता का भावार्थ व प्रश्न उत्तर

Utsah Class 10 ,

Utsah Class 10 Explanation Hindi Kshitij , Utsah Class 10 Question Answer , उत्साह कविता का भावार्थ व कविता के प्रश्नों के उत्तर कक्षा 10 हिन्दी क्षितिज। 

उत्साह कविता का सारांश 

Utsah Class 10 Summary 

Utsah Class 10 Explanation

Note – “उत्साह” कविता के भावार्थ को हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click कीजिए । –-   (Padhai Ki Batein /पढाई की बातें)

यह कविता आजादी से पहले लिखी गई हैं। गुलाम भारत के लोग जब निराश और हताश हो चुके थे। तब उन लोगों में उत्साह जगाने के लिए कवि एक ऐसे कवि को आमंत्रित कर रहे हैं जो अपनी कविता से लोगों को जागृत कर सकें। उनमें नया उत्साह भर सके और उनका खोया हुआ आत्मविश्वास दुबारा लौटा सके। 

ठीक वैसे ही जैसे भीषण गर्मी के बाद आकाश में बादलों को देखकर लोगों के मन में एक नई आशा , नये उत्साह का संचार हो जाता हैं और बादलों के बरसने से धरती में नया अंकुर फूटने लगता हैं।और आसमान में बादलों को देखकर गर्मी से बेहाल लोगों का तनमन भी आनंद से भर जाता हैं। 

वैसे आज तक दुनिया में जितनी भी क्रांतियां हुई या परिवर्तन हुए है। उसमें साहित्य और साहित्यकारों का बहुत बड़ा योगदान रहा हैं। भारत की आजादी में लेखकों ने भी अपनी लेखनी से अपना योगदान दिया था। लोगों को जागृत करने का काम किया था। इसीलिए कहते हैं कि “कलम में तलवार से ज्यादा शक्ति होती हैं”।

निराला जी ने बादलों पर कई कविताओं की रचना की हैं। इस कविता में निरालाजी ने बादलों को दो रूपों में दर्शाया हैं। कवि कहते हैं कि एक तरफ जहां बादल बरस कर धरती के प्यासे लोगों की प्यास बुझाते है। धरती को शीतलता प्रदान करते हैं। और जल से ही धरती में नवजीवन को पनपने , फलने फूलने का मौका मिलता हैं। प्राणी मात्र का जीवन , नये उत्साह से भर जाता हैं। 

वही दूसरी ओर बादलों को कवि , एक ऐसे कवि के रूप में देखते हैं जो अपनी नई-नई कल्पनाओं से , अपने नए-नए विचारों से धरती पर नया सृजन करेगा। लोगों के भीतर एक नया जोश , नया उत्साह भरेगा। लोगों की सोई चेतना को जागृत करेगा।

Utsah Class 10 Explanation

उत्साह कविता का भावार्थ 

काव्यांश 1 .

बादल , गरजो !

घेर घेर घोर गगन , धाराधर ओ !

भावार्थ –

उपरोक्त पंक्तियों में कवि “सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी”  ने उस समय का वर्णन बेहद खूबसूरती से किया हैं। जब बारिश होने से पहले पूरा आकाश गहरे काले बादलों से घिर जाता हैं और बार-बार आकाशीय बिजली चमकने लगती है। कवि बादलों से जोर-जोर से गरजने का आह्वान करते है।

कवि बादलों से कहते हैं कि हे बादल !! तुम जोरदार गर्जना (जोरदार आवाज करना ) करो और आकाश को चारों तरफ से , पूरी तरह से घेर लो यानि इस पूरे आकाश में छा जाओ और फिर जोरदार तरीके से बरसो क्योंकि यह समय शान्त होकर बरसने का नहीं हैं।

इसलिए तुम जोरदार गर्जना करो और अपनी गर्जना से सोये हुए लोगों को जागृत करो , उनके अंदर एक नया उत्साह ,एक नया जोश भर दो। 

काव्य सौंदर्य –

घेर घेर घोर गगन” में अनुप्रास अलंकार है। “घेर घेर” पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार हैं। 

ललित ललित , काले घुंघराले ,

बाल कल्पना के-से पाले ,

भावार्थ –

यहां पर कवि ने बादलों के रूप सौंदर्य का वर्णन किया हैं और उनकी तुलना किसी छोटे बच्चे की कल्पना से की हैं। कवि कहते हैं कि सुंदर-सुंदर , काले घुंघराले (गोल-गोल छल्ले का सा आकार ) बादलों , तुम किसी छोटे बच्चे की कल्पना की भाँति हो।

यानि जैसे छोटे बच्चों की कल्पनाएं (इच्छाएं)  पल-पल बदलती रहती हैं। हर पल उनके मन में नई-नई बातें या कल्पनाएं जन्म लेती है। ठीक उसी प्रकार तुम भी (बादल भी) आकाश में हर पल अपना रूप (आकार) बदल रहे हो। 

विद्युत छबि उर में , कवि नवजीवन वाले !

वज्र छिपा , नूतन कविता

फिर भर दो –

बादल गरजो !

भावार्थ –

कवि आगे कहते हैं कि बिजली की असीम ऊर्जा (आकाशीय बिजली) अपने हृदय में धारण करने वाले सुंदर काले घुंघराले बादलो , तुम उस कवि की भाँति हो जो , एक नई कविता का सृजन करेगा।

यहां पर निरालाजी बादलों को एक कवि के रूप में देखते हैं जो अपनी कविता से धरती को नवजीवन देते हैं क्योंकि बादलों के बरसने के साथ ही धरती पर नया जीवन शुरु होता हैं । पानी मिलने से बीज अंकुरित होते हैं और नये-नये पौधें उगने शुरू हो जाते हैं। धरती हरी-भरी होनी शुरू हो जाती हैं। 

इसीलिए कवि बादलों से कहते हैं कि तुम अपने हृदय में बज्र के समान ऊर्जा वाले विचारों को जन्म दो और फिर उनसे एक नई कविता का सृजन करो। बादलों तुम अपनी कविता से निराश , हताश लोगों के मन में एक नई आशा का संचार कर दो। उनमें एक नया उत्साह भर दो। उनको उर्जावान बना दो। बादल जोरदार आवाज के साथ गरजो ताकि लोगों में नया उत्साह भर जाय। 

काव्यांश 2 .

विकल विकल , उन्मन थे उन्मन

विश्व के निदाघ के सकल जन ,

भावार्थ –

उपरोक्त पंक्तियों में कवि “सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी” ने तपती गर्मी से बेहाल लोगों के बारे में वर्णन किया है। कवि कहते हैं कि विश्व के सभी लोग अत्यधिक गर्मी के कारण बेहाल है , व्याकुल है और अब उनका मन कहीं नहीं लग रहा है ।

आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन !

तप्त धरा , जल से फिर

शीतल कर दो

बादल , गरजो !

भावार्थ –

कवि आगे कहते हैं कि अज्ञात दिशा से आये हुए और पूरे आकाश पर छाये हुए घने काले बादलों तुम घनघोर वर्षा कर , तपती धरती को अपने जल से शीतल कर दो। बादलो ,  तुम जोरदार आवाज के साथ गरजो और लोगों के मन में नया उत्साह भर दो।

(यहां पर बादलों को अज्ञात दिशा से आया हुआ इसलिए कहा गया हैं क्योंकि बादलों के आने की कोई निश्चित दिशा नहीं होती हैं। वो किसी भी दिशा से आ सकते हैं)। 

धरती पर वर्षा हो जाने के बाद लोग भीषण गर्मी से राहत पाते हैं और उनका मन फिर से नये उत्साह व उमंग से भर जाता है।

Utsah Class 10 Question Answer

उत्साह कविता के प्रश्न व उनके उत्तर

प्रश्न – 1 .

कवि बादल से फुहार , रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है , क्यों ?

उत्तर –

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी एक क्रांतिकारी कवि माने जाते है। वो अपने विचारों व अपनी कविता के माध्यम से समाज में बदलाव लाना चाहते थे। लोगों की चेतना को जागृत करना चाहते थे। “गरजना” शब्द क्रांति , बदलाव और विद्रोह का प्रतीक है। इसीलिए वो बादलों से फुहार , रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहते है। 

प्रश्न – 2.

कविता का शीर्षक “उत्साह” क्यों रखा गया है ?

उत्तर –

बादल भयंकर गर्जना के साथ जब बरसते हैं तो धरती के प्राणियों में एक नई ऊर्जा का संचार हो जाता हैं। लोगों का मन एक बार फिर नये जोश व उत्साह से भर जाता हैं। कवि बादलों के माध्यम से लोगों में उत्साह का संचार करना चाहते हैं और समाज में एक नई क्रांति लाने के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहते हैं। इसलिए इस कविता का शीर्षक “उत्साह” रखा गया है।

प्रश्न – 3 .

कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है ?

उत्तर –

इस कविता में बादल निम्न अर्थों की ओर संकेत करते है।

  1. बादलों में जल बरसाने की असीम शक्ति होती है जो धरती के प्राणियों में नवजीवन का संचार करते हैं। 
  2. बादल तपती गर्मी से बेहाल लोगों की प्यास बुझाकर उनको एक नए उत्साह व उमंग से भर देता है।
  3. बादल जोरदार ढंग से गर्जना कर लोगों के अंदर की क्रांतिकारी चेतना को जागृत करने का काम करते हैं।
  4. बादलों के अंदर नवसृजन करने की असीम शक्ति होती है। 

प्रश्न – 4.

शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन से शब्द हैं जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें

उत्तर –

उत्साह कविता में निम्न पंक्तियों में नाद सौंदर्य दिखाई देता है।

  1. घेर घेर घोर गगन , धाराधर ओ ! 
  2. ललित ललित , काले घुंघराले , बाल कल्पना के-से पाले। 
  3. विद्युत छबि उर में। 
  4. विकल विकल , उन्मन थे उन्मन। 

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जीवन परिचय 

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म बंगाल के महिषादल में सन 1889 में हुआ था। वो मूलतः गढ़ाकोला (जो उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में स्थित हैं।) के निवासी थे।

 निराला जी की प्रारम्भिक शिक्षा महिषादल में ही हुई। उन्हें हिंदी के अलावा संस्कृत , बांग्ला व अंग्रेजी भाषा का भी अच्छा ज्ञान था। उनकी  संगीत और दर्शनशास्त्र में भी गहरी रूचि थी।

वो रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद के विचारों से प्रेरित थे। निराला का पारिवारिक जीवन दुखों और संघर्षों से भरपूर था। परिजनों के आकस्मिक निधन से उन्हें गहरा आधात लगा । साहित्य की सेवा करते हुए सन 1961 में उनका देहांत हो गया।

उनकी रचनाओं में दार्शनिक , विद्रोह , क्रांति , प्रेम की तरलता , प्रकृति का विराट तथा उदार आदि भाव देखने को मिलते है। छायावादी रचनाकारों में सबसे पहले उन्होंने ही मुक्त छंद का प्रयोग किया था ।

उनकी कविताओं में एक ओर जहां शोषित , उपेक्षित , पीड़ित और प्रताड़ित जन के प्रति गहरी सहानुभूति का भाव मिलता है , वही दूसरी और शोषक वर्ग और सत्ता के प्रति प्रचंड प्रतिकार का भाव भी समाहित है। 

प्रमुख रचनायें 

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रमुख रचनाओं में अनामिका , परिमल  , गीतिका  , कुकुरमुत्ता और नए पत्ते हैं।

इसके अलावा उपन्यास , कहानी , आलोचना और निबंध लेखन में भी उनकी ख्याति दूर दूर तक फैली थी।

“निराला रचनावली” के आठ खंडों में उनका संपूर्ण साहित्य प्रकाशित है। 

Utsah Class 10 

“उत्साह” कविता के भावार्थ को हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click कीजिए । –-   (Padhai Ki Batein /पढाई की बातें)

Note – Class 8th , 9th , 10th , 11th , 12th के हिन्दी विषय के सभी Chapters से संबंधित videos हमारे YouTube channel  (Padhai Ki Batein /पढाई की बातें)  पर भी उपलब्ध हैं। कृपया एक बार अवश्य हमारे YouTube channel पर visit करें । सहयोग के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यबाद।

You are most welcome to share your comments . If you like this post . Then please share it . Thanks for visiting.

यह भी पढ़ें……

कक्षा 10 हिन्दी कृतिका भाग 2 

माता का आँचल का सारांश

 माता का ऑचल पाठ के प्रश्न व उनके उत्तर

जार्ज पंचम की नाक का सारांश 

जार्ज पंचम की नाक के प्रश्न उत्तर 

साना साना हाथ जोड़ि का सारांश 

साना साना हाथ जोड़ि के प्रश्न उत्तर

कक्षा 10 हिन्दी क्षितिज भाग 2 

पद्य खंड 

उत्साह कविता का भावार्थ व प्रश्न उत्तर 

अट नही रही हैं का भावार्थ व प्रश्न उत्तर 

सवैया व कवित्त कक्षा 10 का भावार्थ 

सवैया व कवित्त कक्षा 10 के प्रश्न उत्तर

सूरदास के पद का भावार्थ 

सूरदास के पद के प्रश्न उत्तर

आत्मकथ्य कविता का भावार्थ कक्षा 10

आत्मकथ्य कविता के प्रश्न उत्तर

कन्यादान कक्षा 10 का भावार्थ

कन्यादान कक्षा 10 के प्रश्न उत्तर

राम लक्ष्मण परशुराम संबाद कक्षा 10 के प्रश्न उत्तर

राम लक्ष्मण परशुराम संवाद पाठ का भावार्थ 

छाया मत छूना कविता का भावार्थ

छाया मत छूना के प्रश्न उत्तर 

गद्द्य खंड 

लखनवी अंदाज पाठ सार कक्षा 10  हिन्दी क्षितिज

लखनवी अंदाज पाठ के प्रश्न व उनके उत्तर

बालगोबिन भगत पाठ का सार 

बालगोबिन भगत पाठ के प्रश्न उत्तर

नेताजी का चश्मा” पाठ का सारांश  

नेताजी का चश्मा” पाठ के प्रश्न व उनके उत्तर

मानवीय करुणा की दिव्य चमक का सारांश 

मानवीय करुणा की दिव्य चमक के प्रश्न उत्तर

हिन्दी व्याकरण 

Slogan Writing  (नारा लेखन)

सूचना लेखन (Suchana Lekhan) , Notice Writing In Hindi

Message Writing (सन्देश लेखन संदेश लेखन का प्रारूप व उदाहरण)

विज्ञापन लेखन क्या हैं। उदाहरण सहित पढ़िए। 

औपचारिक पत्र लेखन के उदाहरण (Example of Formal Letter in Hindi)

Letter Writing in Hindi 

अनौपचारिक पत्रों के 10+ उदाहरण पढ़ें