Kanyadan Class 10 MCQ : कन्यादान MCQ

Kanyadan Class 10 MCQ 

कन्यादान कक्षा 10 MCQ

Note –

  1. कन्यादान कविता का सार (Summary ) व भावार्थ ( Explanation ) पढ़ने के लिए Click करें – Next Page
  2. कन्यादान कविता के प्रश्नों के उत्तर पढ़ने के लिए Click करें  – Next Page
  3. कन्यादान कविता के भावार्थ को हमारे YouTube channel  में देखने के लिए इस Link में Click करें  ।   YouTube channel link – (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)

Kanyadan Class 10 MCQ Solutions

  1. कन्यादान कविता के कवि कौन है – ऋतुराज जी
  2. कविता में कवि ने किस चीज का वर्णन बड़े ही सुंदर तरीके से किया हैं – कन्यादान करते वक्त एक माता के दुःख का
  3. “कन्यादान” का क्या अर्थ है – लड़की का विवाह करना
  4. कन्यादान कविता में , कवि ने अपने कथन को किस शब्द शक्ति (शैली) के प्रयोग से गहन – गंभीरता प्रदान की है  – लाक्षणिकता
  5. कन्यादान कविता में कौन सा रस देखने को मिलता है – शांत रस
  6. कन्यादान कविता को कौन सी विधा में लिखा गया है – कविता या काव्य
  7. कविता में कौन सा गुण विद्यमान है – प्रसादगुण
  8. कन्यादान कविता में कौन सा छंद है – अतुकांत छंद
  9. कवि ऋतुराज ने कन्यादान कविता के माध्यम से शादी के बाद किसके जीवन में आने वाली विकट परिस्थितियों के बारे में एक संदेश देने की कोशिश की हैं –  स्त्री के जीवन में
  10. कन्यादान कविता की माँ , किन माओं से भिन्न हैं – परंपरागत भारतीय माओं से
  11. कविता में एक माँ अपनी बेटी को कब सीख देती हैं – विवाह के पश्चात बेटी की विदाई के वक्त
  12.  माँ की सीख कैसी हैं – उसके जीवन के सभी अच्छे – बुरे अनुभवों को निचोड़ कर बनी एक सही , प्रमाणिक व तर्कसंगत सीख
  13. मां बेटी को किस तरह रहने को कहती है – सचेत और सजग होकर
  14. कन्यादान कविता के अनुसार ,  मां की विशेषतायें बताइये –  मां बेहद सजग , जागरूक व अनुभवी है।
  15. मां , अपनी बेटी से क्या उम्मीद रखती हैं  – शोषण का शिकार हुए बिना , अपनी स्वतंत्रता बनाए रखते हुए अपनी घर गृहस्थी को अच्छे से संभाले ।
  16. कवि ने किसके दुख को प्रमाणिक कहा है – एक मां के
  17. विदाई के वक्त,  माँ अपनी बेटी को सीख क्यों दे रही हैं – ताकि उसकी बेटी ससुराल में सुख व सम्मान पूर्वक जी सके और हिंसा , अत्याचार व शोषण के खिलाफ आवाज उठा सके।
  18. मां , अपनी बेटी को कौन सा पाठ पढ़ाना चाहती थी – जीवन के यथार्थ का
  19. मां की “अंतिम पूंजी” किसे कहा गया है – उसकी बेटी को
  20. “जैसे वही उसकी अंतिम पूंजी हो” , में कौन सा अलंकार है – उत्प्रेक्षा
  21. कविता में बेटी को माँ की “आखिरी पूजी” क्यों कहा गया हैं – क्योंकि बेटी ही माँ के सबसे निकट व उसके जीवन के सुख-दुःख में उसकी सच्ची सहेली होती हैं।
  22. कविता में , बेटी स्वभाव से कैसी हैं – सरल , भोली – भाली व नादान
  23. कविता में , बेटी के “सयानी न होने” का क्या आशय है – दुनियादारी को अच्छी तरह से न समझ पाना।
  24. बेटी किसकी ऊंच-नीच को नहीं समझ पाती है  – दुनियादारी की
  25. कवि ने बेटी को किन सुखों में जीता हुआ दर्शाया है – काल्पनिक
  26. हर लड़की विवाह के पूर्व वैवाहिक जीवन के बारे में कैसी कल्पनाएं करती है – रंगीन
  27. लड़की की मां को लड़की के किन दुखों की चिंता है – ससुराल में आने वाले संभावित दुखों की
  28. किसे वैवाहिक जीवन के झंझट और दुखों का ज्ञान नहीं है  – बेटी को
  29. “धुंधले प्रकाश” किसका प्रतीक है  – अस्पष्ट सुखों का
  30. कविता में आनंद का संचार कौन करता है  – तुक और लय
  31. बेटी को क्या करना नहीं आता है – अपने -दुखों को बांटना
  32.  माँ के अनुसार बेटी को किस चीज का ज्ञान नहीं है  – व्यावहारिकता  , ससुराल में आने वाली जिम्मेदारियां , कठिन परिस्थितियों व संघर्षों का
  33. “दुख बांचना”  से क्या अभिप्राय है – दुख का अनुभव करना व उसे दूसरे से बाँटना
  34. कवि ने किसे “धुंधले प्रकाश की पाठिका” बताया है – बेटी को
  35. मां ने अपनी बेटी को क्या देखकर न रीझने को कहा  – अपने सुंदर चेहरे को
  36. मां ने बेटी को किसमें अपने चेहरे को देखकर न रीझने को कहा- पानी में
  37. “चेहरे पर मत रीझना”, पंक्ति कैसी प्रतीत होती हैं – नसीहत भरी
  38. आग का प्रयोग किस कार्य के लिए बताया गया है – रोटियां सेंकने के लिए
  39. माँ ने आग का प्रयोग कहाँ न करने की सलाह दी  – जलने या जलाने के लिए
  40. “आग रोटियां सेंकने के लिए होती है “, वाक्य में क्या संकेत छिपा है  – आग का सही प्रयोग
  41. कविता में महिलाओं के लिए , किन वस्तुओं को बंधन की तरह बताया गया है – वस्त्र और आभूषणों को
  42. “वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह , बंधन हैं स्त्री जीवन के”  , में कौन सा अलंकार है – उपमा अलंकार
  43. कवि ने कविता में शब्दों के द्वारा किसी अवास्तविक वस्तु को वास्तविकता दिखाने को क्या कहा है – शाब्दिक भ्रम
  44. “वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह” ,  पंक्ति का आशय है-  ये श्रृंगार के समान न होकर वास्तव में स्त्री जीवन के बंधन है।
  45. एक स्त्री का जीवन सिर्फ किन चीजों पर सिमटा नही होना चाहिए – वस्त्र और आभूषणों में
  46. “शाब्दिक भ्रम” किसके लिए कहा गया है – स्त्री जीवन के बंधनों के लिए
  47. “लड़की होना पर , लड़की जैसी ना दिखाई देना” का क्या तात्पर्य है – अबला व कमजोर नारी की जगह एक सशक्त व मजबूत इंसान बनना।
  48. महिलाएं थोड़े से गहने और कपड़ों के बदले में क्या खो देती हैं – अपनी स्वतंत्रता
  49. मां ने बेटी को क्या-क्या सीख दी थी – (1) अपने रूप सौंदर्य पर कभी अभिमान मत करना (2) आग का प्रयोग हमेशा खाना बनाने के लिए करना , जलने या जलाने के लिए नहीं  (3) वस्त्र और आभूषणों के प्रति विशेष मोह मत रखना  (4) “लड़की होना पर , लड़की जैसे मत दिखाई देना” यानि अन्याय और अत्याचार का हमेशा डटकर सामना करना , उसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करना।
  50. कन्यादान कविता में , किस समस्या को उजागर नहीं किया गया है  – स्त्री शिक्षा को

कवि ऋतुराज से संबंधित प्रश्न 

  1. ऋतुराज का जन्म कहां हुआ था – भरतपुर , राजस्थान
  2. कवि ऋतुराज का जन्म कब हुआ था – सन 1940 में
  3. ऋतुराज जी के अब तक कितने कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं – आठ (8) कविता संग्रह
  4. उनकी कौन -कौन सी प्रमुख कविता संग्रह हैं – एक मरणधर्मा और अन्य ,  पुल पर पानी , सुरता निरत , लीला मुखारविंद
  5. कवि ऋतुराज को कौन -कौन से पुरस्कार मिले है – मीरा पुरस्कार ,   बिहारी पुरस्कार
  6. कवि ऋतुराज को कौन -कौन से सम्मान मिले है –  परिमल सम्मान  , पहल सम्मान  सोमदत्त सम्मान।
  7. ऋतुराज ने अपनी कविताओं में किस वर्ग के जीवन का अधिक वर्णन किया है – शोषित वर्ग के

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