Aatmkathya Class 10 MCQ
आत्मकथ्य MCQ
Note –
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Aatmkathya Class 10 MCQ Questions
- “आत्मकथ्य” कविता के कवि कौन हैं – जयशंकर प्रसाद जी
- आत्मकथ्य कविता में कौन सा गुण है – प्रसाद गुण
- जयशंकर प्रसादजी की “आत्मकथ्य” कविता किस पत्रिका में प्रकाशित हुई थी – हंस पत्रिका के “आत्मकथा विशेषांक” कालम में
- हंस पत्रिका में “आत्मकथ्य” कविता कब प्रकाशित हुई थी – सन 1932
- उस समय यानि सन 1932 में “हंस” पत्रिका के संपादक कौन थे – प्रेमचंद्र जी
- “आत्मकथ्य” कविता में , कवि ने संसार को क्या माना है – नश्वर
- कविता में , कवि ने “मधुप यानि भँवरा” किसे कहा है – मन को
- कवि का मन रूपी भँवरा किन यादों के आसपास गुन – गुना कर अपनी कहानी कहना चाहता था – अतीत की यादों
- कवि इस वक्त अपने जीवन रूपी वृक्ष में किसका सामना कर रहे हैं – पतझड़ का
- मुरझा कर गिर रही पत्तियां किसका प्रतीक है – हताशाओं व निराशाओं का
- कवि के अनुसार , हिंदी साहित्य रूपी गंभीर आकाश में असंख्य लेखकों के जीवन का इतिहास किस रूप में मौजूद हैं – उनकी आत्मकथाओं के रूप
- कितने लोगों ने अपने जीवन का इतिहास लिखा है – असंख्य लोगों ने
- “गागर रीती” से कवि का क्या तात्पर्य है – सुखों से खाली जीवन
- कवि के जीवन रूपी गागर कैसी है – खाली
- कवि दुर्बलताओं , कमजोरियों व निराशाओं से भरी हुई अपनी जीवन गाथा को लिखकर क्या नहीं करना चाहते हैं – अपना मजाक नही उड़ावाना चाहते हैं
- कवि का जीवन रूपी घड़ा कैसा हैं – एकदम खाली है।
- कवि के जीवन रूपी घड़े में अब क्या मौजूद नहीं हैं – खुशी या आनंद रुपी रस
- कवि अपने जीवन रूपी गागर (घड़े) से सुख , खुशियों और आनंद रूपी रस को खाली करने का जिम्मेदार किसे मानते हैं – अपने दोस्तों को
- कवि ने “खाली घड़े” से किसकी ओर इशारा किया है – अपने असफल जीवन की ओर
- कवि अपनी आत्मकथा में क्या लिखने की बात करता है – अपनी दुर्बलताओं व कमजोरियों को
- कवि अपनी आत्मकथा क्यों नहीं लिखना चाहते थे – वो अपनी दुर्बलताओं व अपने जीवन के रहस्यों को उजागर नही करना चाहते थे।
- कवि ने अपनी आत्मकथा को कैसी बताया है – सरल
- कवि अपने प्रपंची मित्रों की असलियत दुनिया के सामने लाकर क्या नहीं करना चाहते हैं – उन्हें शर्मिंदा
- कवि अपने किस स्वभाव को दोष नहीं देना चाहता है – सरल
- कवि मौन क्यों रहना चाहता है – क्योंकि उसकी जीवनगाथा दुखभरी हैं।
- कवि की पत्नी की मृत्यु कब हुई – युवावस्था में
- कवि ने कैसा जीवन जिया – दुखदाई
- कवि के आलिंगन में आते-आते कौन रह गया – उनकी प्रेमिका या पत्नी
- अपनी पत्नी के साथ बिताये मधुर पलों की स्मृतियों , कवि के लिए क्या महत्व रखती हैं – अब वही उनके जीवन जीने का एकमात्र सहारा व मार्गदर्शक हैं।
- कवि ने “मधुर चांदनी रात” किसे कहा है – अपने जीवन के सुनहरे समय को
- “खिल-खिला कर हंसते , होने वाली बातें” किन्हें कहा गया है – खुशी -खुशी होने वाली बातों को
- कवि अपनी पत्नी के साथ बिताए हुए मधुर पलों को किस रूप में देखते हैं – अपनी “उज्ज्वल गाथा ” के रूप में
- “उज्जवल गाथा कैसे गांऊ ? ” , पंक्ति में कौनसा अलंकार है – प्रश्न अलंकार
- कवि अपनी पत्नी के साथ बिताए हुए मधुर पलों को किसी के साथ बांटना क्यों नहीं चाहते हैं – क्योंकि वो उनके निजी हैं।
- कवि ने किसके साथ सुखपूर्वक जीवन जीने की कल्पना की थी – अपनी पत्नी के
- कवि किसे याद करके दुखी हैं – अपने दुख भरे अतीत को
- पत्नी की मृत्यु के साथ ही , कवि का जीवन कैसा हो गया – जीवन दुखों से भर गया।
- कवि ने अपनी “प्रेयसी के गालों की लालिमा” की तुलना किससे की है – उषा काल की लालिमा से।
- कवि किसका सपना देख कर जाग गया था – सुख का
- कवि जीवन रूपी रास्ते में अपने आप को क्या मानते हैं – एक थके हुए पथिक (यात्री)
- कवि कौन सी गुदड़ी की सिलाई को न उधेड़ने की बात करते हैं – अंतरमन रूपी
- कवि ने अपने अंतरमन रूपी गुदड़ी में क्या संजो कर रखा है – अपनी पुरानी मधुर यादें
- “सीवन उधेड़ना” का अर्थ क्या है – अंतरमन की गहराइयों में दबी हुई पुरानी दुखद बातों को फिर से याद करना या उकेरना या जीवन के रहस्य जानना
- कवि अपने जीवन को कैसा मानते हैं – बहुत छोटा
- कवि मौन रहकर , बड़ी शान्ति के साथ क्या करना चाहते हैं – अन्य लोगों की कहानियों या आत्मकथाओं को सुनना चाहते हैं
- कवि अपनी आत्मकथा लिखने के बजाय क्या करना चाहते है – दूसरों की आत्मकथा सुनना चाहते है
- कवि की आत्मकथा कैसी हैं – बहुत ही सीधी व सरल
- कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचते हैं – क्योंकि वो मानते हैं कि उनकी आत्मकथा में कुछ विशेष नही हैं।
- “कंथा” शब्द का प्रयोग कवि ने किसके लिए किया है – अंतर्मन के लिए
- कविता में कवि क्या याद करने का उचित समय नहीं हैं , कहते हैं – अपने दुःख भरे क्षण
- कवि अपने अतीत को याद क्यों नही करना चाहते हैं – क्योंकि वो फिर से दुखी नहीं होना चाहते हैं
- कवि की मौन व्यथा किस स्थिति में है – अभी सोई हुई है
- कवि के जीवन के सारे दुख दर्द अब कैसे हैं – मौन
- “थकी सोई है मेरी मौन व्यथा” , में कौन सा अलंकार है – मानवीकरण अलंकार
- कवि ने अंत में क्या निर्णय लिया – अपनी आत्मकथा ना लिखने का
- कवि अपने जीवन के किस अनुभव को सबसे बांटना नहीं चाहते हैं – निजी अनुभव को
- आत्मकथ्य किसे कहते हैं – आत्मकथ्य में व्यक्ति अपने जीवन में घटित कुछ ही घटनाओं के बारे में बताता हैं या उनकी तरफ इशारा करता हैं।
- आत्मकथा किसे कहते हैं – आत्मकथा में लेखक को अपने जीवन में घटित सभी अच्छी – बुरी घटनाओं को विस्तारपूर्वक व पूरी सच्चाई के साथ लिखता हैं।
कवि जयशंकर प्रसाद से संबंधित प्रश्न
- जयशंकर प्रसाद जी का जन्म कब हुआ – 30 जनवरी 1890
- जयशंकर प्रसाद जी का जन्म कहां हुआ था – काशी , उत्तर प्रदेश
- जयशंकर प्रसाद जी की मृत्यु कब हुई – 15 नवंबर 1937
- जयशंकर प्रसाद जी किस वाद के कवि माने जाते हैं – छायावाद
- जयशंकर प्रसाद जी को किस युग का जनक माना जाता हैं – छायावाद युग के
- जयशंकर प्रसाद जी ने किस युग का सूत्रपात किया -प्रसाद युग
- जयशंकर प्रसाद जी के प्रसिद्ध उपन्यास कौन से हैं – कंकाल, तितली , इरावती।
- जयशंकर प्रसाद जी के प्रसिद्ध काव्य कौन से हैं – कामायनी , आंसू , चित्राधार , लहर और झरना
- जयशंकर प्रसाद जी के प्रसिद्ध कहानी कौन सी हैं – आंधी , इंद्रजाल , छाया
- जयशंकर प्रसाद जी को मरणोपरांत कौन से पुरस्कार से सम्मानित किया गया – मंगलाप्रसाद पारितोषिक पुरस्कार (कामायनी के लिए)
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