Mukteshwar Nainital (Uttarakhand), Places to visit in Mukteshwar, Things to do in Mukteshwar , Mukteshwar Snowfall Time, How far is Mukteshwar from Delhi ,Mukteshwar एक शानदार हिल स्टेशन
Mukteshwar Nainital
सुबह के उगते हुए सूरज की लालिमा के साथ बर्फ की सफेद चादर ओढ़े शानदार हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं (नंदा देवी ,त्रिशूल ,पंचचूली ,नीलकंठ) के मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्य।इसके साथ-साथ ऊंचे-ऊंचे देवदार के घने पेड़ों के बीच से गुजरती हुई ठंडी ठंडी बर्फीली हवायें।कठफोड़ा ,नीलकंठ आदि जैसे अनेक पक्षियों का सुबह-सुबह का मधुर कलरव।
भगवान भोलेनाथ के मंदिर की मधुर घंटियों की धुन ,एक से एक सुंदर प्राकृतिक मनमोहक दृश्य। कहीं सीढ़ीदार खेत तो कहीं ऊंचे ऊंचे देवदार और बांस के हरे भरे जंगल।इन जंगलों के बीच-बीच में सुर्ख लाल चटक रंग के फूलों से लदे हुए बुरांश के पेड़, जो दूर से ही आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य जहां देखो वहां प्रकृति ने एक से एक सुंदर चित्र अपनी केनवस (Canvas) में उकेरे हैं।और हर दिन वह अपने बनाए चित्रों को स्वयं ही दूसरे रंगों में ढाल कर और एक नया चित्र बना देती है।जो इंसान की कल्पना से बाहर हैं। अगर आप ऐसी किसी जगह में अपने जीवन के कुछ पल प्रकृति की गोद में व्यतीत करना चाहते हैं तो चले आइए …. मुक्तेश्वर में ( Mukteshwar Nainital)।
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कहाँ है मुक्तेश्वर
(Where is Mukteshwar in Nainital)
मुक्तेश्वर उत्तराखंड के नैनीताल जिले (Mukteshwar in Nainital (Uttarakhand) में स्थित है। समुद्र तल से लगभग 2286 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस छोटे से कस्बे (हिल स्टेशन )का श्रृंगार मानो प्रकृति ने अपने हाथों से किया है ।शहर की दौड़भाग व तनाव भरी जिंदगी से दूर प्रकृति की सुंदरता को देखने व सुकून के चंद पलों को प्रकृति की गोद में बिताने के लिए यहां पर हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं।और यहां आकर अपना सब कुछ भूलकर इन हरी-भरी वादियों में खो जाते हैं।
Places to visit in Mukteshwar Nainital
हिमालय का शानदार नजारा ( Mukteshwar Himalayan View)
अगर आपको हिमालय के शानदार दर्शन करने हैं।तो मुक्तेश्वर ( Mukteshwar Nainital ) इसके लिए सबसे बढ़िया जगह है। जहां पर आप हिमालय के साथ उगते और डूबते सूरज के शानदार दर्शन कर सकते हैं।मुक्तेश्वर से शानदार सीना ताने व बर्फ की सफेद चादर ओढ़े हिमालय साफ और सामने दिखाई देता है।ऐसा लगता है मानो हिमालय हमारे सामने ही है।
यह दृश्य पर्यटकों का मन मोह लेता है। चाहे नजारा उगते सूरज का हो या डूबते सूरज का।आप अपना समय उगते सूरज या डूबते सूरज को निहारते हुए बिता सकते हैं।और यह हिमालय की फोटोग्राफी करने का सबसे उचित स्थान है।
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मुक्तेश्वर महादेव मंदिर (Places to visit in Mukteshwar Nainital)
मुक्तेश्वर ( Mukteshwar Nainital) में एक ऊंची पहाड़ी की चोटी पर लगभग 2315 मीटर की ऊंचाई पर एक प्राचीन शिव मंदिर (Mukteshwar Mahadev Temple) स्थित है।जहां पर भगवान भोलेनाथ युगों से अपनी तपस्या में लीन है। इस जगह को मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर के नाम से जाना जाता है ।
सुंदर प्राकृतिक दृश्यों तथा ऊंचे-ऊंचे देवदार व बांज के पेड़ों के बीच बने इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यहां पर भोलेनाथ के साथ-साथ देवी पार्वती तथा राम दरबार मंदिर भी स्थित है जिसमें राम, लक्ष्मण, सीता व हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित हैं। साथ ही साथ भगवान विष्णु के भावी अवतार कल्कि भी यहां पर विराजमान है ।इस मंदिर में एक अजीब सी शक्ति, शांति और सुकून का अनुभव होता है ।
भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने यूं तो यहां पर श्रद्धालु हर रोज बड़ी तादात में आते हैं। लेकिन विशेष अवसरों में यहां पर श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है। यहां पर लोग भोलेनाथ से मन्नत मांगते हैं। व पूरी होने पर भगवान का धन्यवाद करने हेतु मंदिर में घंटियां भेंट करते हैं। मुक्तेश्वर एक खूबसूरत पिकनिक पर्यटन स्थल के साथ-साथ एक धार्मिक पर्यटन स्थल भी है।
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किसने बनवाया मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर ( Who Build Mukteshwar Mahadev Temple,Nainital)
मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर 10 वीं सदी में कत्यूरी वंश के राजाओं ने बनवाया था। ऐसा माना जाता है कि यह पूरा मंदिर एक ही रात्रि में तैयार किया गया था। इस मंदिर के नाम से ही इस जगह का नाम भी मुक्तेश्वर पड़ा ।
चौली की जाली या चौथी की जाली ( Places to visit in Mukteshwar Nainital)
मंदिर के पास से होकर एक छोटी सी पगडंडी चौली की जाली या चौथी की जाली की तरफ जाती है। यहां पर कई बड़ी-बड़ी चट्टानें हैं ।जहां पर खड़े होकर आप सामने के सुंदर हरे भरे पहाड़ो के साथ-साथ पहाड़ों में बसे गांवों तथा शानदार सीढ़ी नुमा हरे भरे खेतों को निहार सकते हैं ।मगर यह जगह बहुत ऊंचाई पर स्थित है और सामने विशाल खाई है।
इन्हीं चट्टानों में से एक चट्टान के बीचों बीच एक बड़ा सा छेद है ।जहां से आर-पार जाया जा सकता है ।ऐसा माना जाता है कि अगर कोई निसंतान महिला इस छेद से होकर आर-पार गुजरे तो उसको निश्चित रूप से ही संतान की प्राप्ति होती है।
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इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI))
(Places to visit in Mukteshwar Nainital)
मुक्तेश्वर (Mukteshwar Nainital) में स्थित इस रिसर्च सेंटर में जानवरों से संबंधित विषयों पर रिसर्च की जाती है।इसे सन 1893 में स्थापित किया गया था।यहां पर दूर-दूर से विद्यार्थी जानवरों से संबंधित विषयों पर रिसर्च करने आते हैं।
यहां पर ब्रिटिशकालीन एक म्यूजियम व लाइब्रेरी भी है। इस लाइब्रेरी में बहुत पुराने समय की किताबों को बिल्कुल सुरक्षित रखा गया है ।इसके प्रांगण में एक सुंदर सा बगीचा है जिसमें कई सारे सुंदर सुंदर फूल खिले रहते हैं।जो देखने वालों को बरबस ही अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
शीतला गांव या शीतला स्टेट ( Places to visit in Mukteshwar Nainital)
मुक्तेश्वर के आसपास अनेक सुंदर जगह हैं ।जहां पर बड़ी आसानी से पहुंचा जा सकता है ।मुक्तेश्वर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर शीतला गांव या शीतला स्टेट पड़ता है जहां पर अक्सर पर्यटक ट्रैकिंग व पक्षियों को निहारने व उनकी फोटोग्राफी के लिए जाते हैं ।
सरगाखेत ( Places to visit in Mukteshwar Nainital)
यहां पर अनेक तरह की पक्षियों को आप आसानी से देख सकते हैं ।इसीलिए इस जगह पर अक्सर पक्षी प्रेमी अपना समय पक्षियों को निहारते हुए व्यतीत करते हैं ।पैराग्लाइडिंग हाइकिंग, कैंपिंग(कैंप लगाने के लिए) जैसे एडवेंचर के शौकीनों के लिए सरगाखेत सबसे उपयुक्त जगह है। यहां से कुछ किलोमीटर की दूरी में रामगढ़ स्थित है। जहां पर मुक्तेश्वर से आसानी से पहुंचा जा सकता है ।
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रामगढ़ फल मंडी ( Places to visit in Mukteshwar Nainital)
रामगढ़ फल मंडी के लिए प्रसिद्ध है ।यहां पर आडू ,सेव ,खुमानी ,पूलम का बहुत अधिक मात्रा में उत्पादन होता है। नोबेल पुरस्कार विजेता गुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने गीतांजलि की रचना यही की थी ।इसीलिए उस जगह को टैगोर टाप नाम से पहचान मिली है ।प्रसिद्ध कवियत्री महादेवी वर्मा भी रामगढ़ में रही थी उनकी स्मृति में महादेवी वर्मा सृजनपीठ है।
काठगोदाम से मुक्तेश्वर को जाने वाले रास्ते में आपको एक से एक सुंदर नजारे देखने को मिल जाएंगे ।इन सर्पीली सड़कों (बहुत घुमावदार व मोडों वाली सड़क ) पर चलते हुए कहीं ऊंचे ऊंचे पहाड़, तो कहीं घने जंगल ,बुरांस के फूलों से लदे हुए पेड़ , तो कहीं आडू, खुमानी जैसे फलों के बगीचे ,कहीं रोड के किनारे बैठ कर स्थानीय फलों को बेचते हुए स्थानीय युवक।
और साथ ही साथ छोटे छोटे ढावों में पहाड़ी व्यंजनों का मजा लीजिए। खासकर आलू के गुटके, पहाड़ी रायता व पकौड़ियां चाय के साथ आदि।
Distance
How far is Mukteshwar from Delhi
राजधानी दिल्ली से मुक्तेश्वर लगभग 345 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।आप काठगोदाम रेलवे स्टेशन तक ट्रेन से सफर कर सकते हैं। या पंतनगर हवाई अड्डे तक हवाई यात्रा के द्वारा इस दूरी को तय किया जा सकता है।लेकिन काठगोदाम या पंतनगर से मुक्तेश्वर तक की दूरी आपको सिर्फ मोटर मार्ग से ही तय करनी पड़ेगी।दिल्ली से काठगोदाम की दूरी 287 किलोमीटर (Time taken by Train 6 Hour 30 minute ) है।और दिल्ली से पंतनगऱ की दूरी 252 किलोमीटर (Time taken by plan 1 Hour 10 minute) है।
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मुक्तेश्वर से पंतनगर हवाई अड्डा( एकमात्र ) की दूरी – 96 किलोमीटर।( 3 Hour 30 minute)
अल्मोड़ा से (मोटर मार्ग) मुक्तेश्वर की दूरी – 53 किलोमीटर ( 2 Hour)।
काठगोदाम से (मोटर मार्ग) मुक्तेश्वर की दूरी -57 किलोमीटर ( 2 Hour 10 minute)।
नैनीताल से (मोटर मार्ग) मुक्तेश्वर की दूरी – 48 किलोमीटर( 1 Hour 45 minute)।
Mukteshwar Temperature
मुक्तेश्वर में जाड़ों में अत्यधिक ठंड पड़ती है।तब यहां का तापमान माइनस से भी नीचे चला जाता है।लेकिन गर्मियों में यह 15 से 20 डिग्री के आसपास रहता है। यहाँ मौसम साल भर लगभग ठण्डा ही रहता है। और अत्यधिक ऊंचाई में होने के कारण यहाँ का तापमान बदलता रहता हैं। लेकिन बहुत अधिक गर्मी नहीं होती हैं। मई और जून में यहां का मौसम सुहाना रहता है।
Mukteshwar Snowfall Time
अगर आपको शानदार बर्फबारी का नजारा देखना हो तो मुक्तेश्वर इसके लिए सबसे उत्तम जगह है। यहां पर दिसंबर माह से मार्च माह तक कई बार बर्फ गिरती है।उस वक्त यहां पर देश के कई जगहों से पर्यटक इस बर्फबारी का आनंद उठाने आते हैं।
हालांकि उस समय यहां का तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है। लेकिन फिर भी पर्यटक इस जगह में आकर यहां पर बर्फबारी का आनन्द लेते हैं।और अनेकों फोटो खींचकर कर यहाँ की ढेरों यादें समेट कर अपने साथ ले जाते हैं।
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मनोरंजन के लिए क्या करें ( Things to do in Mukteshwar)
मुक्तेश्वर (Mukteshwar Nainital) में पर्यटकों के लिए बहुत कुछ है। यहाँ पर आप फोटोग्राफी, पैराग्लाइडिंग, कैंपिंग, हाईकिंग, ट्रेकिंग और हिल स्पोर्ट्स का मजा लीजिए। और सुंदर प्राकृतिक जगहों को निहारिए।साथ ही मुक्तेश्वर से कुछ ही दूरी पर कई और हिल स्टेशन भी मौजूद है।जहां पर आप जाकर उन जगहों का भी मजा ले सकते हैं। मुक्तेश्वर के पास ही स्विस विलेज (Swiss Village ) भी है।
मुक्तेश्वर के पास ही रामगढ़ है जो फल पट्टी के रूप में मशहूर है। इसलिए आप वहां पर जाकर विभिन्न प्रकार के फलों (जो मुख्य रूप से पहाड़ों में होते हैं को देख सकते हैं ) के बारे में जानकारी ले सकते हैं।यह जगह तरह-तरह के पक्षों का निवास स्थान भी है। आप बर्ड वाचिंग या बर्ड फोटोग्राफी का मजा भी ले सकते हैं।
पुराने साल को विदा करने और नया साल का आगाज मुक्तेश्वर (Mukteshwar Nainital) में कीजिए।
कब आए ( Mukteshwar Weather)
वर्ष के किसी भी महीने में आप मुक्तेश्वर आ सकते हैं। बर्फबारी का मजा लेना हो तो दिसंबर से मार्च के बीच में लीजिए।मुक्तेश्वर में सालभर मौसम ठंडा ही रहता है।यहां तक कि मई और जून में भी यहां पर ठंड महसूस की जा सकती है।
लेकिन जाड़ों में अत्यधिक ठंड पड़ती है।क्योंकि जाड़ों में यहां पर दिसंबर से मार्च महीने तक कई बार बर्फ गिरती है। जिसकी वजह से जाड़ों में यहां का तापमान शून्य से नीचे चला जाता है।गर्मियों में भी यहां का तापमान बहुत अधिक नहीं रहता है।यह लगभग 15 से 20 डिग्री के बीच में ही रहता है।
विश्व पर्यटन दिवस क्यों मनाया जाता है जानिए
यहां पर साल भर गर्म कपड़ों की जरूरत पड़ती है।अगर आप मुक्तेश्वर घूमने आना चाहते हैं।भले ही मई-जून में क्यों ना आए।लेकिन अपने साथ कुछ गर्म कपड़े अवश्य लेकर आएं।
किसके साथ आए (Mukteshwar Nainital)
दोस्तों संग मौज मस्ती, परिवार संग पिकनिक तथा नवविवाहित जोड़े या अकेले भी प्रकृति की गोद में कुछ पल बिताने के लिए।
क्या साथ लाए ( Mukteshwar Nainital)
जाड़ों में ऊनी एवं गर्म कपड़े तथा गर्मियों में भी हल्के गर्म कपड़े।क्योंकि यहां मौसम हर वक्त अपने नए नए रंग दिखलाता है।
कितने दिन के लिए आए (Mukteshwar Nainital)
कम से कम चार दिन या उससे ज्यादा।
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