Christmas Island Australia :A Natural Wonder

Christmas Island Australia :

Christmas Island Australia

क्रिसमस आइलैंड ऑस्ट्रेलिया

क्रिसमस आइलैंड ऑस्ट्रेलियाई हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित एक छोटा सा मगर प्राकृतिक रूप से बेहद खूबसूरत एक द्धीप है।इस द्धीप को किरीतिमति ( Kiritimati ) और “Galapagos of the Indian Ocean” के नाम से भी जाना जाता है। इस द्धीप को सिंगापुर से ऑस्ट्रेलिया में 1 अक्टूबर 1958 में स्थानांतरित किया गया था।अब क्रिसमस आइलैंड में “क्रिसमस द्वीप अधिनियम 1958 ” के तहत पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई कानून लागू होते हैं 

क्रिसमस आइलैंड एक बहुत ही छोटा सा द्वीप है।जिसका कुल क्षेत्रफल 134 वर्ग किलोमीटर यानी 52 वर्ग मील है।इस द्वीप की लंबाई लगभग 19 किलोमीटर(यानी 12 मील) और चौड़ाई लगभग 14.5 किलो मीटर (यानी 9 मील) है।जिसमें 138.9 किलोमीटर (यानी 86.3 मील) समुद्र तटीय क्षेत्र है। 

क्रिसमस द्धीप हिंद महासागर क्षेत्र में जावा, सुमात्रा द्धीप समूह के दक्षिण में लगभग 350 किलो मीटर(यानी 220 मील) की दूरी पर स्थित है।जबकि ऑस्ट्रेलियाई भूमि क्षेत्र से लगभग 1,550 किलोमीटर(यानी 960 मील) उत्तर-पश्चिम में स्थित है। वैसे Christmas Island ऑस्ट्रेलिया की तुलना में एशिया के ज्यादा करीब है।यह ऑस्ट्रेलिया के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। 

क्रिसमस आइलैंड में मौसम (Weather)

क्रिसमस आइलैंड भूमध्यरेखीय क्षेत्र के दक्षिणी किनारे में स्थित है।इसीलिए यहां की जलवायु उष्ण कटिबंधीय है।और इस द्वीप का तापमान वर्ष भर में बदलता रहता है।मार्च और अप्रैल माह में यहां का उच्चतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस होता है।जबकि अगस्त में सबसे कम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है।जबकि नवंबर में बारिश होती है। 

क्रिसमस आइलैंड का आकार (Shape) 

जैसे क्रिसमस आइलैंड  द्वीप दुनिया के नक्शे में अपने आप में एक अलग पहचान रखता है।वैसे ही इसका आकार भी बिल्कुल अलग और अद्भुत है।अगर हम क्रिसमस आइलैंड के मैप (Map) पर नजर डाले हैं तो इसका आकार बिल्कुल एक कुत्ते के आकार (Dog Shape) जैसा है।

Christmas Island Australia

क्रिसमस आइलैंड की जनसंख्या

2010 की जनगणना के अनुसार क्रिसमस आइलैंड  पर सिर्फ 1,402 लोग ही निवास करते थे।जबकि 2016 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 1,843 थी।।लेकिन अब क्रिसमस आइलैंड की जनसंख्या करीबन 2,564 है।Christmas Island की ज्यादा जनसंख्या द्धीप के उत्तरी भाग में रहती है

क्रिसमस आइलैंड की राजधानी

क्रिसमस आइलैंड की राजधानी फ्लाइंग फिश कोव है।फ्लाइंग फिश कोव एक रिहायशी इलाका है।और इस द्धीप का सबसे बड़ा शहर भी है।जहां पर इस द्धीप की ज्यादातर जनसंख्या निवास करती है।यहां की मुद्रा ऑस्ट्रेलियाई डॉलर है।

क्रिसमस आइलैंड का ध्वज

सन 1986 से पहले क्रिसमस आइलैंड का कोई भी अधिकारिक ध्वज नहीं था।लेकिन सन 1986 में क्रिसमस द्वीप की विधानसभा ने अपने द्वीप के ध्वज के लिए एक “ध्वज डिजाइन प्रतियोगिता” का आयोजन कियाजिसके बाद एक ध्वज को विजेता के रूप में चुना गया

और उसी को फिर क्रिसमस आइलैंड का ध्वज मान लिया गयालेकिन 2002 में इसे क्रिसमस द्वीप का अधिकारिक ध्वज बना दिया गया

जैव विविधता वाला द्धीप है क्रिसमस आइलैंड

क्रिसमस आइलैंड प्राकृतिक रूप से खूबसूरत द्धीप होने के साथ-साथ जैव विविधता वाला द्धीप भी है।चूंकि यहां की जनसंख्या बहुत कम है।इस वजह से द्वीप में मानवीय हस्तक्षेप भी बहुत कम है।जिसकी वजह से यहां पर अनेक प्रकार के पेड़ पौधों को बिना रोकटोक के पनपने का मौका मिलता है।इस द्धीप में अनेक प्रजातियों के पेड़ पौधे पाए जाते हैं।यहां बिलकुल अलग तरह की जैव विविधता देखने को मिलती है जो दुनिया के और किसी हस्से में नही मिलती है। 

यहां पर अद्भुत वर्षावनों के साथ साथ अनेक तरह के पक्षी भी निवास करते हैं।यह द्धीप वनस्पति प्रेमियों तथा पर्यावरण प्रेमियों के साथ-साथ पक्षी प्रेमियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है।

क्रिसमस आइलैंड की भाषा

क्रिसमस आइलैंड की वैसे तो कोई भी आधिकारिक भाषा नहीं है।लेकिन यहां पर चीनी, मलय और अंग्रेजी भाषा अधिक बोली जाती है।

क्रिसमस आइलैंड में धर्म व संस्कृति 

यह द्धीप अनेक धर्म व संस्कृतियों का मिश्रण है। क्रिसमस आइलैंड में अनेक धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं। जिसमें चीनी (21.2%) , ऑस्ट्रेलियाई (12.7%), मलय(18%) , अंग्रेज (7%) ,आईरिस (2.5%) और अन्य (जैसे भारतीय मूल के लोग, मलेशियाई, यूरेशियन के) 41.8 % लोग रहते हैं।द्वीप की आबादी का लगभग दो तिहाई हिस्सा मलेशियाई चीनी या सिंगापुर चीनी मूल का है।

यहां पर ईसाई ,इस्लाम और बौद्ध धर्म के मानने वाले अधिक है।क्योंकि यहां पर अनेक जाति समूह के लोग निवास करते हैं।इसलिए यहां धार्मिक मान्यताएं विविध हैं।लेकिन लोग एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करते हैं। 

यहां पर सभी धर्मों के तीज त्यौहार, धार्मिक उत्सव व पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं।फ्लाइंग फिश कोव में एक मस्जिद भी है।और द्वीप में एक बहाई केंद्र भी है।

क्रिसमस आइलैंड द्वीप की खोज

इस द्धीप को सबसे देखने वाला व्यक्ति (खोजकर्ता) एक यूरोपीय थॉमस के रिचर्ड रोवे (1615) था।लेकिन इस द्वीप का नामकरण कैप्टन विलियम माइनर्स द्वारा क्रिसमस दिवस यानी 25 दिसंबर 1643 में किया गया।क्योंकि उन्होंने इस द्धीप पर अपने कदम क्रिसमस डे के दिन ही रखे थे।इसीलिए उन्होंने इस द्वीप का नाम Christmas Island रख दिया।

Christmas Island National Park 

इस द्धीप के लगभग 63% हिस्से में “क्रिसमस आइलैंड राष्ट्रीय उद्यान” है। इसका प्रबंधन ऑस्ट्रेलिया के पर्यावरण विभाग और हेरिटेज पार्क के माध्यम से किया जाता है।इसमें मानसूनी वन के कई क्षेत्र शामिल हैं।और यह उद्यान पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।यह क्षेत्र अनेक प्रजातियों के पेड़-पौधे के साथ साथ दुर्लभ प्रकार के जीव-जंतुओं ,पशु पक्षियों का घर हैं।यह अद्भुत जैव विविधता वाला उद्यान है।

वैसे भी क्रिसमस आइलैंड राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य आकर्षण वहां की जैव विविधता ही है।यह द्वीप अनेक तरह के जानवरों और दुर्लभ किस्म की प्रजातियों के पेड़-पौधों के लिए प्रसिद्ध है।पर्यावरण प्रेमियों व पक्षी प्रेमियों के लिए तो यह जगह स्वर्ग है।

क्रिसमस आइलैंड में संचार साधन 

क्रिसमस आइलैंड में ऑस्ट्रेलिया से रेडियो प्रसारण (एबीसी रेडियो नेशनल , एबीसी किंबरली,ट्रिपल जे और रेड एफएम) किया जाता है। ये सभी सेवाएं उपग्रह लिंक के द्वारा प्रदान की जाती हैं।2005 से शहरी क्षेत्र में ब्रॉडबैंड इंटरनेट ग्राहकों के लिए CIIA (इंटरनेट सेवा प्रदाता ) द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है।

क्रिसमस आइलैंड में शिक्षा 

क्रिसमस आइलैंड में शिक्षा का संचालन पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है।हालांकि यहां पर सिर्फ हाईस्कूल तक की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से की जा सकती है।यहाँ अभी भी कोई विश्वविद्यालय नहीं है।इसीलिए 10वीं की पढ़ाई के बाद पढ़ने के इच्छुक बच्चों को द्धीप से बाहर जाना पड़ता है।6 से 15 साल के बीच के बच्चों को स्कूल में जाना और शिक्षा ग्रहण करना जरूरी है।यहां की पढ़ाई ऑस्ट्रेलियन शिक्षा प्रणाली पर आधारित है।  क्रिसमस आइलैंड  में एक सार्वजनिक पुस्तकालय भी है।यहां के लोग रग्बी खेलने में बड़ी दिलचस्पी रखते हैं। 

क्रिसमस आइलैंड दुनियाभर में जाना जाता है अपने लाल केकडों (नारियल केकड़े ) के लिए

क्रिसमस आइलैंड लाल केकडों का घर है।यहां पर दुनिया के सबसे बड़े भूमि केकड़े असंख्य मात्रा में पाए जाते हैं।ये केकड़े हर साल अक्टूबर से नवंबर के अंत तक प्रजनन करते हैये केकड़े अपने वार्षिक प्रवास के दौरान प्रजनन करने के लिए क्रिसमस द्वीप के एक छोर पर स्थित जंगल से दूसरे छोर पर स्थित भारतीय महासागर तक का सफर तय करते हैं इस समय ये केकड़े घर ,बाहर ,आफिस ,रेस्टोरेंट ,हर जगह लाल केकडे ही लाल केकडे दिखाई देते हैं

उस वक्त यहां की सड़कों में हजारों (एक अनुमान के अनुसार लगभग 12 करोड़) की संख्या में केकड़े नजर आते हैंपूरी सड़क के इन केकडों की वजह से लाल दिखाई देती हैउस वक्त सड़कों पर गाड़ी चलाना अत्यधिक मुश्किल हो जाता हैहजारों की संख्या में गाड़ी के नीचे आकर ये केकड़े मारे जाते हैंइसीलिए इस वक्त सरकार इन सड़कों को या तो पूरी तरह से बंद कर देती हैया फिर इनमें केकडो की सुरक्षा के लिए सूचना बोर्ड लगाए जाते हैं

इस सीजन में कई पर्यटक इन लाल केकड़ों को देखने के लिए बड़ी संख्या में क्रिसमस आइलैंड पर पहुंचते हैंशायद ही दुनिया के किसी और हिस्से में इतनी ज्यादा तादाद में लाल केकड़े दिखाई देते होएक शानदार नजारा “दुनिया में और कहीं नहीं” वाला होता है

सर डेविड एटनबरो के अनुसार “ये लाल केकडों का प्रवास ग्रह पर सबसे महान प्राकृतिक आश्चर्यों में से एक है

फ़ॉस्फ़ेट है आय का मुख्य साधन 

क्रिसमस आइलैंड में फ़ॉस्फ़ेट बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है।और यहाँ फ़ॉस्फ़ेट का खनन भी किया जाता है।सबसे पहले फास्फेट खनन के लिए सिंगापुर,मलय और चीन से श्रमिकों को यहाँ लाया गया।जो बाद में यही बस गये। फ़ॉस्फ़ेट खनन इस द्धीप के लिए महत्वपूर्ण हैक्योंकि यह राजस्व का एक महत्वपूर्ण साधन है

लेकिन दिसंबर 1987 में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने यहां पर फास्फेट खनन की खदानों को बंद कर दिया थालेकिन 1991 में फिर से इन खदानों को खोल दिया गया 

क्रिसमस आइलैंड में पर्यटन ( Christmas Island Tourism )

यह द्वीप अपने शानदार प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ लाल केकेडों की भूमि , समुद्री पक्षियों , ह्वेल ,शार्क ,शानदार प्रवाल भित्तियों,अद्भुत गुफाओं व विशाल राष्ट्रीय उद्यान के लिए प्रसिद्ध है इसे द्धीप को दुनिया के कुछ शानदार प्राकृतिक चमत्कारों में से एक माना जाता है

  • क्रिसमस आइलैंड में है अद्भुत गुफाएं 

क्रिसमस आइलैंड में आकर्षण का केंद्र वहां पर स्थित अनेक प्रकार की गुफाएं भी हैं।कुल मिलाकर इस द्वीप में लगभग 30 गुफाएं हैं।जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।ये सभी गुफाएं समुद्र के आसपास ही हैं।और जो पानी की क्रिया से ही बनी हुई हैं।प्राकृतिक रूप से बनी ये गुफाएं अपने आप में अद्भुत है।जैसे विच्छेदन गुफाएं,तटीय गुफाएं ,पठार की गुफाएं ,उभरी हुई तटीय गुफाएं,समुद्रीय गुफाएं,बेसाल्ट गुफाएं आदि ।

इनमें से भी डेनियल रुक्स गुफा, पूर्ण ललाट गुफा और लॉस्ट लेक गुफा पर्यटकों के बीच सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैंयहां पर अनेक मीठे पानी के झरने भी हैंजो पर्यटकों के मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं

  1. क्रिसमस आइलैंड में मानवीय हस्तक्षेप कम होने के कारण यहाँ पर अनेक प्रकार के पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों को पनपने का मौका मिला।क्रिसमस आइलैंड के लगभग दो-तिहाई हिस्से में राष्ट्रीय उद्यान बना हुआ हैजिसका प्रबंधन ऑस्ट्रेलिया के पर्यावरण विभाग व हेरिटेज पार्क के माध्यम से किया जाता है
  2. क्रिसमस द्वीप में आप एक से एक दुर्लभ किस्म के पक्षीयों को आराम से देख सकते है

इसके अलावा यहां पर समुद्री पक्षियों, व्हेल, शार्क और शानदार प्रवाल भित्तियों को देखने के लिए भी पर्यटक पहुंचते हैं 

  • शानदार प्रवाल भित्तियों का द्धीप 

क्रिसमस आइलैंड अपने शानदार प्रवाल भित्तियों के लिए भी प्रसिद्ध हैइस द्वीप में लगभग 60 से अधिक साफ़ पानी के गोता स्थल हैंजिनमें बॉक्स जेलीफिश नहीं पाई जाती हैं।जिसका डंक बड़ा जहरीली होता है।गोता स्थलों का पानी पूरे वर्ष गर्म रहता हैयहां पर लगभग 575 से अधिक मछलियों की प्रजातियां पाई जाती हैं

  • रॉक स्पा का मजा भी इस द्धीप में लिया जा सकता है

हवाई सेवा 

ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर से क्रिसमस आइलैंड  के बीच नियमित उड़ानें हैं जबकि जकार्ता व कुआलालंपुर से भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है 

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