Essay On National Festivals Of India :
Essay On National Festivals Of India
भारत के राष्ट्रीय पर्व पर निबंध
संकेत बिंदु
- प्रस्तावना
- राष्ट्रीय पर्व का अभिप्राय
- हमारे राष्ट्रीय पर्व
- मनाने के कारण
- कैसे मनाये जाते हैं राष्ट्रीय पर्व
- महत्व और संदेश
प्रस्तावना
भारत अनेकताओं में एकता का देश है। यहां अलग-अलग धर्म , जाति , संप्रदाय के लोग निवास करते हैं। इसीलिए यहां साल भर कई सारे त्यौहार बड़े उत्साह व उमंग के साथ मनाए जाते हैं। भारत के अलग-अलग राज्यों में भी समय-समय पर अलग-अलग त्यौहार मनाए जाते हैं जिसमें वहां की संस्कृति , रहन-सहन , खानपान की झलक मिलती है। इसके अलावा हमारे देश में तीन राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस , गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती बड़े उत्साह व उमंग के साथ मनाये जाते हैं।
राष्ट्रीय पर्व का अभिप्राय
राष्ट्रीय पर्व , वो पर्व होते हैं जिन्हें पूरा राष्ट्र एक साथ , एक दिन , एक उद्देश्य के लिए और एक जैसे तरीके से मनाता हैं और हमारे देश में तीन राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस , गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती बड़े धूमधाम से मनाये जाते हैं। इन राष्ट्रीय पर्वों को सारा देश एक साथ बड़े उत्साह , उमंग व उल्लास के साथ मनाता है।
राष्ट्रीय पर्वों को मनाने के कारण
स्वतंत्रता दिवस , गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती , इन तीनों राष्ट्रीय पर्वों को मनाने के पीछे महत्वपूर्ण कारण भी हैं। 15 अगस्त 1947 के दिन भारत ने करीबन 150 साल बाद आजादी का सूरज देखा था। तभी से प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस आजादी को पाने के लिए अपने देश के अनगिनत लोगों ने अंग्रेजों के अनगिनत अत्याचार सहे , कई बार जेल की यात्राएं की , यहां तक कि हसँते- हसँते अपने प्राणों की आहुति भी दे दी। लेकिन अपने दिलों से भारत माता की आजादी का सपना मिटने नही दिया। उन सभी अमर शहीदों को 15 अगस्त के दिन बड़े ही सम्मान व श्रद्धा के साथ याद व नमन किया जाता है।
26 जनवरी यानि अपने देश के “गणतंत्र दिवस” का जन्मदिन । 26 जनवरी 1950 , भारत को गौरवान्वित कर देने वाला एक एतिहासिक दिन , जिस दिन भारत को एक लोकतांत्रिक , पूर्ण स्वायत्त गणराज्य देश घोषित कर भारतीय संबिधान को पूरे देश में लागू किया गया। 26 जनवरी को लाल किले में भारत के राष्ट्रपति महोदय द्वारा भारत का राष्ट्रीय ध्वज “तिरंगा” फहराया जाता है। तथा इसके बाद सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाया जाता हैं। गणतंत्र दिवस का भव्य समारोह नई दिल्ली के राजपथ में आयोजित किया जाता है।
गणतंत्र दिवस के दिन एक भव्य परेड आयोजित की जाती है जो इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक (राजपथ , नई दिल्ली) जाती हैं ।जिसमें भारतीय सेना के तीनों अंगों (नौसेना , वायु सेना , थल सेना) के साथ देशभर से आये राष्ट्रीय कैडेट कोर के सदस्य व विभिन्न विद्यालयों के बच्चे भाग लेते है। इस कार्यक्रम के दौरान देश के सभी राज्यों की झाँकियों , रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण का केंद्र होते हैं।
और 2 अक्टूबर को हमारे देश के राष्ट्रपिता “मोहनदास करमचन्द गाँधी” जी का जन्म दिवस पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। गांधीजी ने अनेक अहिंसक राष्ट्रीय आंदोलनों का नेतृत्व किया था और सत्य और अहिंसा के मार्ग पर अडिग रह कर इस देश की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया था।
वो स्वाधीनता आंदोलन में साधारण जनमानस के हीरो बनकर उभरे और आज भी वो असंख्य लोगों के प्रेरणा स्रोत हैं। उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उस समय थे।
कैसे मनाये जाते हैं राष्ट्रीय पर्व
वैसे तो हमारे देश के कोने-कोने में तीनों राष्ट्रीय पर्वों को बड़े ही धूम-धाम व उत्साह से मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के दिन स्कूलों , कॉलेजों , सरकारी व प्राइवेट इमारतों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है। भारत सरकार द्वारा इन राष्ट्रीय पर्वो पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। देश भर में सभी स्कूल , कॉलेज , कार्यालय और बाजार इन पर्वो पर बंद रहते हैं।
राष्ट्रीय पर्वों में छोटे बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। सुबह सवेरे ही छोटे-बड़े सभी बच्चे हाथों में तिरंगा लिए खुशी-खुशी स्कूल पहुंचते हैं।अपने शिक्षक गणों के साथ ध्वजारोहन कर राष्ट्रीय गीत व राष्ट्रगान गाते हैं। इस अवसर पर स्कूलों , कॉलेजों पर विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
साथ ही अनेक प्रतियोगिताओं जैसे वाद-विवाद प्रतियोगिता , भाषण प्रतियोगिता , खेलकूद प्रतियोगिता , निबंध प्रतियोगिता , चित्रकारी प्रतियोगिता ,फोटोग्राफी आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जीतने वाले बच्चों को उत्साहवर्धन के लिए पुरस्कार दिया जाता है। कई जगहों पर कवि सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाता है।
इस दिन चारों ओर देशभक्ति के गीत सुनाए देते हैं। आकाशवाणी और टीवी के माध्यम से भी देशभक्ति के कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है।
संदेश
ये तीनों राष्ट्रीय पर्व पूरे देश को एकता के सूत्र में बाँधते हैं और सम्पूर्ण देशवासियों के दिलों में देशभक्ति की भावना का संचार करते हैं। और अपने देश की आन-बान-शान के लिए मर मिटने का संदेश देते हैं।
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