Essay On Lockdown : लॉकडाउन पर दो हिन्दी निबन्ध
निबन्ध -1
Essay On Lockdown
लॉकडाउन पर हिन्दी निबन्ध
Content (संकेत बिंदु / विषय सूची )
- प्रस्तावना (Introduction)
- क्या होता है लॉकडाउन (What is Lockdown)
- लॉकडाउन कब लागू किया जाता हैं ?
- लॉकडाउन से फायदा (Advantages of Lockdown)
- लॉकडाउन से नुकसान (Disadvantages of Lockdown)
- उपसंहार (Conclusion)
प्रस्तावना
30 दिसंबर 2019 को चीन के वुहान शहर में एक वायरस ने जन्म लिया जिसे आज पूरी दुनिया कोरोनावायरस के नाम से जानती हैं। मानव के बाल से भी लगभग 900 गुना छोटे इस वायरस ने पूरी दुनिया को बर्बादी के कगार में पहुंचा दिया है।
इस वायरस का संक्रमण इंसान से इंसान में बड़ी तेजी से हो रहा है।और इस वायरस से बचाव का सिर्फ एक ही तरीका है। और वह हैं सोशल डिस्टेंसिग यानी कि सामाजिक दूरी। इसीलिए मानव जाति को बचाने के लिए भारत (25 मार्च 2020 ) सहित दुनिया के कई देशों ने संपूर्ण लॉकडाउन यानी पूर्ण तालाबंदी की घोषणा की।
क्या होता है लॉकडाउन ?
कोरोनावायरस की कोई दवा या वैक्सीन ना होने के कारण इसने ज्यादा खतरनाक रूप ले लिया हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इस वायरस से बचाव का सिर्फ सामाजिक दूरी ही एक तरीका हैं । अगर लोग कुछ समय के लिए आपस में मिलना जुलना छोड़ दें या बहुत अधिक आवश्यकता होने पर ही एक उचित दूरी बनाकर एक दूसरे से बातचीत करें , तो लोगों में संक्रमण का खतरा कम हो सकता हैं।
इसी कारण भारत सहित दुनिया के कई देशों ने लॉकडाउन को अपनाया। ताकि लोगों का एक दूसरे से मिलना जुलना या बाहर आना जाना कम हो सके। बाजारों , शॉपिंग मॉलों , सामाजिक कार्यक्रमों , सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ इकट्ठा ना हो , लोग अपने घरों में रहे। जिससे वो सुरक्षित रह सके। और संक्रमण के खतरे से बचें रहें।
लॉकडाउन में लोगों को घर से बाहर घूमने फिरने की अनुमति नहीं होती है। सिर्फ आवश्यक सेवाओं व आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए ही बाहर जाने की इजाजत मिलती है।वह भी प्रशासन द्वारा निर्धारित समय अवधि में ही खरीदारी के लिए बाहर जा सकते हैं।
लॉकडाउन यानी कि तालाबंदी। बाजार , शॉपिंग मॉल , स्कूल , कॉलेज , दफ्तर , सार्वजनिक स्थान , सभी धार्मिक स्थल , शादी-ब्याह जैसे सार्वजनिक कार्यक्रम सभी को बंद कर दिया गया। सिर्फ आवश्यक सेवाओं जैसे दूध , सब्जी , अनाज और दवाइयों की दुकानों को ही खोला गया। ताकि लोगों की मूलभूत आवश्यकतायें पूरी हो सके।
पुलिस प्रशासन , मुख्यमंत्री , देश के सभी जिम्मेदार व्यक्तियों ने लॉकडाउन का पालन जनता से कड़ाई से कराया। इन कोरोना वॉरियर्स ने अपना घर परिवार छोड़ा। और चौबीसों घंटे लोगों की सुरक्षा में लगे रहे। और उन्हें घर में रहने के फायदे बताकर अपना फर्ज बखूबी निभाया।
लॉकडाउन कब लागू किया जाता हैं
लॉकडाउन जैसी व्यवस्था को किसी भी देश में तब लागू किया जाता है। जब उस देश में कोई भयंकर आपदा या महामारी आती हैं। तब लोगों की जान बचाने के लिए इस व्यवस्था को लागू करना अनिवार्य हो जाता है।
लॉकडाउन को देश के किसी एक क्षेत्र विशेष में भी लगाया जा सकता है या जरूरत पड़ने पर संपूर्ण देश में भी इस व्यवस्था को लागू किया जा सकता है। यह निर्भर करता है कि आपदा या महामारी की गंभीरता के ऊपर।
लॉकडाउन से फायदा (Essay On Lockdown)
कोरोनावायरस का संक्रमण एक इंसान के जरिए दूसरे इंसान पर होता है। अगर एक संक्रमित व्यक्ति किसी अन्य संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है। तो बहुत संभव है कि दूसरा व्यक्ति भी कोरोनावायरस से संक्रमित हो जाता है। इसीलिए लॉकडाउन में लोगों को अपने घरों के अंदर ही रहने की सलाह दी जाती है।
बाजार , शॉपिंग मॉल , दुकानों , सड़कों आदि पर घूमने की पूरी तरह से पाबंदी होती है। इसीलिए लोग एक दूसरे से मिल नहीं पाते हैं जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है।
लॉकडाउन के समय सार्वजनिक कार्यक्रमों , शादी विवाह या सार्वजनिक स्थानों पर इकट्ठा होने , रैलियों , धरना प्रदर्शनों आदि पर भी रोक लग जाती हैं। इसीलिए बहुत सारे लोग एक जगह इकट्ठा नहीं होते हैं जिस वजह से संक्रमण का खतरा नहीं रहता है।
आज की इस दौड़भाग भरी जिंदगी में हर आदमी अपने आप में इतना व्यस्त रहता है कि उसे अपने परिवार , बच्चों , माता-पिता के साथ समय बिताने की फुर्सत ही नहीं होती है। लॉकडाउन की अवधि में लोग अपने घरों पर ही रहे । इसलिए उन्हें पर्याप्त समय मिला अपने परिजनों के साथ समय बिताने के लिए।
कई लोगों को अपने ऑफिस या व्यवसाय से इतना समय ही नहीं मिल पाता कि वो अपने शौक को पूरा कर सकें। लॉकडाउन का समय वह समय था , जब लोगों ने अपने शौक आराम से पूरे किये।
माता-पिता को अक्सर अपने नौकरी पेशा या पढ़ाई लिखाई करने वाले बच्चों से शिकायत रहती कि उनके पास समय ही नहीं होता कि , वो उनके पास बैठ सकें। क्योंकि सारे स्कूल , कॉलेज , ऑफिस दफ्तर सब बंद थे। और सभी लोग पूरे समय घर पर थे , तो माता-पिता या अन्य परिजनों की यह शिकायत भी दूर हो गई।
कई लोगों ने इस समय अपने पुराने रिश्तों को फिर से याद किया , तो कई लोगों ने कड़वाहट भूल कर अपने पुराने दोस्तों से फिर से रिश्ता जोड़ा।
माता पिता ने अपने बच्चों के साथ ढेर सारा समय बिताया। उनके साथ इंडोर गेम खेलें। इंडोर गेम जैसे कैरम , लूडो , वीडियो गेम आदि का आनंद लिया। कुछ पुरुषों ने अपने घर की महिलाओं को छुट्टी देते हुए कुकिंग में भी हाथ आजमाया और अपने हाथों से खाना बनाकर परिवार को खिलाया।
टीवी चैनलों ने भी पुराने लोकप्रिय सीरियल जैसे रामायण , महाभारत आदि को दुबारा दिखाया जिस वजह से नई पीढ़ी के जिन बच्चों ने उन धार्मिक सीरियलों को नहीं देखा था। उन्होंने अपने माता-पिता व परिजनों के साथ बैठकर उन धार्मिक सीरियलों का आनंद लिया।
सबसे महत्वपूर्ण बात। सारे वाहन , फैक्ट्री , कंपनियां आदि सब बंद थे। इनकी वजह से खूब प्रदूषण फैलता था। इन सब के बंद होने से प्रकृति को भी नए सिरे से अपने आप को सुधारने और संवारने का मौका मिला। उसने भी एक बार फिर अपने आप को स्वस्थ , सुंदर और शुद्ध बनाया। जिसकी वजह से हमें एक बार फिर से नदियां का पानी साफ , शुद्ध हवा और स्वस्थ वातावरण पर्यावरण मिला।
कुछ लोगों ने बागवानी में हाथ आजमाया , तो कुछ लोग चित्रकार ही बन गए। यूट्यूब चैनलों और फेसबुक में नौसिखिया गायकों , वाद्य यंत्रों बादकों , नृत्यांगनाओं के वीडियो की तो बाढ़ सी आ गई। यानि सबको अपना हुनर निखारने का भरपूर मौका मिला।
हालांकि स्कूल , कॉलेज पूरी तरह से बंद थे। लेकिन स्कूल , कॉलेज प्रशासन ने बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान ना हो। इस वजह से ऑनलाइन क्लासेज चलाई। जिससे बच्चे अपने घर पर ही पढ़ाई को जारी रख सके , ताकि वो पढ़ाई में भी अब्बल रह सकें।
अधिकतर लोगों ने अपने जीवन में पहली बार ही लॉकडाउन देखा। इसलिए लॉकडाउन का पूरा-पूरा फायदा उठाया।
लॉकडाउन से नुकसान
लॉकडाउन से जहां ढेर सारे फायदे हुए। वहीं हमें आर्थिक रूप से बहुत बड़ा नुकसान भी हुआ। जिसकी भरपाई करने में कई साल लग जाएंगे। हर तरह के कारोबार के बंद हो जाने की वजह से कारोबारियों को तो नुकसान हुआ ही हुआ। सरकार के राजस्व व अन्य आय के स्रोत भी लगभग खत्म हो गये। जिससे सरकार को शासन-प्रशासन चलाना मुश्किल हो गया।
अब बड़ी-बड़ी व जनकल्याणकारी योजनाएं को चलाने में व्यवधान आने लगे और हो सकता है कुछ कल्याणकारी योजनाएं तो कुछ समय के लिए बंद ही कर दी जाए। हालत यहां तक हो गये हैं कि कुछ सरकारों के पास अपने कर्मचारियों को बेतन देने के लिए पैसा नहीं बचा था ।
देश को आर्थिक रूप से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है जिसका खामियाजा हम सभी को आने वाले समय में उठाना पड़ेगा।
सबसे बड़ा नुकसान तो उन मजदूरों , कामगारों को हुआ। जो रोज कमा कर अपने घर की गुजर-बसर करते थे। व्यवसाय , कल-कारखानों , फैक्ट्रियों , कंपनियों के बंद हो जाने से इन लोगों की रोजी-रोटी छिन गई।हजारों लोग बेघर हो गए और लाखों लोग बेरोजगार।
हजारों की संख्या में बेरोजगार , मजदूर कई कई दिनों तक भूखे पेट सोये। और सार्वजनिक वाहनों के बंद होने से हजारों किलोमीटर अपने परिवार के साथ अपने गांव घरों को पैदल ही चल पड़े।
उपसंहार (Essay On Lockdown)
कोरोनावायरस दुनिया के लिए एक अनजान वायरस है। कोरोनावायरस के कहर से बचने के लिए देश ने लॉकडाउन का सहारा लिया। लॉकडाउन की वजह से लोग घरों के अंदर ही कैद रहे , जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हुआ।
शासन प्रशासन , पुलिस ने अपनी जिम्मेदारीयों को पूरी तरह से निभाते हुए लोगों से नियम कानूनों का कड़ाई से पालन भी करवाया और उनकी हर तरह से मदद भी की। डाँक्टर , कोरोना वॉरियर्स ने फ्रंट लाइन से यह लड़ाई लड़ी।और समस्त देशवासियों ने मिलकर लॉकडाउन को सफल बनाया।
निबन्ध -2
Essay On Lockdown
लॉकडाउन पर हिन्दी निबन्ध
प्रस्तावना
लॉकडाउन यानी पूर्ण रूप से तालाबंदी।जब देश किसी आपदा या महामारी से जूझ रहा होता है।तब लॉकडाउन जैसी आपातकालीन व्यवस्था को लागू किया जा सकता है।”जान हैं तो ज़हान हैं ” के फॉर्मूले को अपना कर इंसानी जीवन को बचाने को प्राथमिकता दी जाती हैं।
कोरोनावायरस की वजह से पूरी दुनिया की मानव जाति में संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हजारों की संख्या में लोग अपनी जान गँवा रहे हैं। और लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। इस बीमारी से बचने का बस एक ही तरीका दुनिया के हर छोटे-बड़े देश को नजर आ रहा था। वह था लॉकडाउन ताकि इंसानी जान की रक्षा की जा सके।
क्या होता है लॉकडाउन
लॉकडाउन में पूरे देश के सभी व्यावसायिक संस्थानों जैसे कंपनियों , फैक्ट्रियों , प्राइवेट या सरकारी दफ्तरों , स्कूल -कॉलेजों , प्राइवेट व पब्लिक वाहनों , बाजारों ,शॉपिंग मॉलों आदि को पूरी तरह से एक निश्चित अवधि के लिए बंद कर दिया जाता है। यानि ऐसी सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती हैं जहां पर लोगों के इकट्ठा होने की संभावनाएं रहती हैं।
लोगों को पूरी तरह से घरों के अंदर रहने की हिदायत दी जाती हैं। और पुलिस प्रशासन द्वारा नियम कानूनों का सख्ती से पालन करवाया जाता है।
लॉकडाउन से फायदा (Essay On Lockdown)
कोरोनावायरस एक दूसरे के संपर्क में आने से बड़ी तेजी से फैलता है। लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों तक ही सीमित रहे। जिस वजह से कोरोनावायरस को संक्रमित होने का मौका नहीं मिला। इसीलिए भारत में लॉकडाउन के समय यह संक्रमण बहुत सीमित स्तर पर था।
लॉकडाउन की पूरी अवधि में लोगों को एक लंबे समय के बाद बिना किसी चिंता या तनाव के एक लंबी अवधि अपने परिवार बच्चों और माता-पिता के साथ व्यतीत करने का मौका मिला जिसका लोगों ने जमकर फायदा उठाया।
कई लोगों को अपने शौकों को पूरा करने का समय ही नहीं मिलता था। तो यह समय उन्होंने अपने उस शौक को पूरा करने में लगाया। कोई बागवानी में मस्त था तो , तो कोई डांस में अपना हुनर दिखा रहा है तो कोई कुकिंग में। यानी हर कोई अपना-अपना शौक पूरा करने में लगा था । दिल के किसी कोने में जो दबी हुई इच्छा थी वो सब बाहर आने लगी।
दूरदर्शन ने लोगों की भावनाओं को समझा और रामायण और महाभारत जैसे पुराने लोकप्रिय धारावाहिकों का फिर से प्रसारण किया। जिसका मजा लोगों ने अपने परिवार व बच्चों के साथ देखकर उठाया।
हमारी धरती को दोबारा से शुद्ध व स्वस्थ होने का मौका मिला। कल कारखाने , फैक्ट्रियां आदि के बंद होने की वजह से इनका कचरा नदियों में प्रवाहित नहीं हो पाया और इनकी चिमनी से निकलने वाला विषैला धुंआ भी हवा में नहीं घुला।
इसी तरह वाहनों से निकलने वाले धुंआ व ध्वनि भी कम हुई। जिसकी वजह से वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण में भी भारी कमी आई है। प्रदूषण चाहे कोई भी हो , हर तरह के प्रदूषण में रिकॉर्ड स्तर पर कमी आई , जो हमारे स्वस्थ पर्यावरण के लिए बहुत लाभदायक रहा।
जो पहाड़ धुंध के कारण कभी दिखाई नहीं देते थे वो साफ दिखाई देने लगे। नदियों का पानी एकदम स्वच्छ व निर्मल हो गया।घर आंगन में गोरैया फिर से नजर आने लगी और आसपास के पेड़ों में सुबह-सुबह पक्षियों का मधुर कलरव फिर से सुनाई देने लगा।
जंगली जानवर तो खुली सड़कों को देखकर शहरों तक आने लगे। प्रकृति को भी एक बार खुद को सजने -सवांरने का मौका मिला।
लॉकडाउन से नुकसान (Essay On Lockdown)
लॉकडाउन में सबसे बड़ा नुकसान देश को आर्थिक रूप से उठाना पड़ा। जहां अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई। वही हजारों लोग बेरोजगार भी हो गए।
सभी तरह के व्यापारिक प्रतिष्ठान , उद्योग धंधे , कारखाने बंद होने से न सिर्फ सरकारों को बल्कि आम आदमियों को भी आर्थिक रूप से काफी नुकसान हुआ। एक ओर जहां सब कुछ बंद होने से सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व का नुकसान हुआ। वहीं दूसरी ओर हजारों लोग बेरोजगार हो गए।
सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को उठाना पड़ा , जो रोज कमाते और खाते थे। लॉकडाउन की वजह से उन लोगों को दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ गए। सार्वजनिक वाहन जैसे रेल हवाई , बस आदि बंद होने से हजारों लोग शहरों को छोड़कर अपने गांवों की तरफ पैदल ही चल दिए। जिसमें कई लोगों ने अपने घर पहुंचने से पहले ही अपनी जान गँवा दी।
उपसंहार (Essay On Lockdown)
कोरोनावायरस धरती में इंसानों का काल बनकर आया और उसने कहर बनकर पूरी दुनिया को अपनी आगोश में ले लिया। जीवन जीने के लिए अंतिम समय तक जद्दोजहद करना , यह इंसानी स्वभाव है। इसीलिए विश्वास रखें आज नहीं तो कल कोरोनावायरस की दवा बन ही जाएगी और यह खत्म हो ही जाएगा।
अर्थव्यवस्था को फिर से सभी लोग मिलकर एक बार फिर पटरी पर ले ही आएंगे। और विकास के रास्ते पर दौड़ पड़ेंगे।
बस अगर कुछ वापस नहीं ला पाएंगे तो , अपने उन हजारों दोस्तों को जो कोरोनावायरस की वजह से काल के मुंह में समा गए और हमसे हमेशा के लिए बिछड़ गए।
इसीलिए आप भी शासन प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करें। सामाजिक दूरी बनाए रखें और अपने इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाएं और स्वस्थ रहें ताकि कोरोना आपके आसपास भी न फटक पाएं क्योंकि इंसान रहेगा तो वह फिर से अपने लिए जहान बना ही लेगा।
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