मेरी प्रिय ऋतु : बसंत ऋतु पर हिन्दी निबन्ध (Spring Season)

मेरी प्रिय ऋतु : बसंत ऋतु  , Essay on My Favourite Season in Hindi (Spring Season)

मेरी प्रिय बसंत ऋतु पर निबन्ध 

Essay on My Favourite Season in Hindi

Content /विषय सूची /संकेत बिंदु

  1. प्रस्तावना 
  2. मेरी प्रिय ऋतु (My Favourite Season)
  3. उपसंहार 

प्रस्तावना 

भारत प्रकृति का सबसे प्यारा व दुलारा देश है। यहां साल भर में छह ऋतुएँ आती जाती हैं। बसंत , ग्रीष्म , वर्षा , शरद , हेमंत और शिशिर। ये ऋतुएँ इसी क्रम में आती हैं। इनमें से हर ऋतु का अपना महत्व है और अपनी विशेषताएं हैं। लेकिन मुझे सबसे ज्यादा पसंद बसंत ऋतु है।

Essay on My Favourite Season (Spring season) in Hindi

मेरी प्रिय ऋतु

शिशिर ऋतु के खत्म होते ही शीतकाल विदा होने लगता है और साथ में ही कड़ाके की ठण्ड भी। मौसम में धीरे धीरे बदलाव आने लगता हैं। और तापमान में भी परिवर्तन होने लगता हैं। मनुष्य , पशु-पक्षी ,पेड़-पौधे आदि सभी जाड़े की ठिठुरन से छुटकारा पाने लगते हैं।

ठीक इसी वक्त धरती पर ऋतुराज बसंत की सवारी सज धज कर पहुंचती है। ऋतुराज बसंत के आगमन से प्रकृति रंग-बिरंगे फूलों से धरती को सजा देती है।सारा वातावरण खुशबू से महक उठता है। आम व लीची के पौधों में बौर आने लगती हैं जिसकी सुगंध चारों ओर बिखरने लगती हैं।

पेड़ पौधे में नई व कोमल कोपलें फूटने लगती हैं। और लताएं नवजीवन पाकर झूम उठती हैं। भंवरे ऋतुराज बसंत का गुणगान करते हुए गुनगुनाने लगते हैं।रंग बिरंगी तितलियां बगीचों की शोभा में चार चांद लगा देती है। और कोयल अपने मीठे स्वर से गीतों को गाकर वातावरण को और भी संगीतमय बना देती हैं।

ऋतुराज बसंत जन-जन के मन को नई उमंगों व नई आशाओं से भर देता है। प्रकृति की मस्ती का लोगों पर भी बहुत बड़ा असर पड़ता है। बसंत ऋतु में बसंत पंचमी का त्यौहार भी मनाया जाता हैं। लोग ढोलक , मंजिरों की थाप के साथ झूम झूम कर बसंत पंचमी का त्यौहार बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं।

इन दिनों हमारे लोकगीत सबके मन में नई उमंग भर देते हैं। फाग सुनना सभी को अच्छा लगता है। इसीलिए लोग घूम-घूम कर फागुन के फ़ाग गाते हैं।

बसंत ऋतु में आने वाले रंगों का त्यौहार की तो बात ही निराली है। यह त्यौहार बसंत के उल्लास में चार चांद लगा देता है। मौज मस्ती के साथ-साथ ढेरों व्यंजनों बनाये जाते हैं। एक दूसरे के घरों में जाकर महिलाओं व पुरूषों के दवारा होली के गीत गाये जाते हैं। एक- दूसरे को रंग व अबीर गुलाल लगाकर होली का खूब मजा लिया जाता है।

जाड़ों में अत्यधिक ठंड होने के कारण जो लोग घर से बाहर सुबह सैर सपाटे को नहीं निकल पाते हैं। बसंत ऋतु का आगमन होते ही वो रोज सुबह टहलने को निकल जाते हैं। और अपने चारों तरफ खिले हुए फूलों की खुशबू का आनंद उठाते हैं।

मैं भी बसंत ऋतु के मौसम में रोज सुबह घूमने जाता हूं। मेरे घर से कुछ ही दूरी पर एक सुंदर हरा भरा बगीचा है। हरी-भरी घास व फूलों से भरे हुए इस बगीचे की सुंदरता मेरे मन को मोह लेती है।

उपसंहार

बसंत ऋतु को यूं ही “ऋतुओं का राजा” या “ऋतुराज” नहीं कहा जाता। यह वाकई में ऋतुराज है। इस ऋतु में धरती फिर से श्रृंगार करने लगती हैं। प्रकृति नए-नए फूलों की सुंदरता से खिल उठती है। और उनकी खुशबू से पूरा वातावरण महक उठता है।

सचमुच बसंत ऋतु बहुत ही मनभावन ऋतु है। इसीलिए यह मेरी प्रिय ऋतु है। और मैं सदा इस के आगमन की प्रतीक्षा करता हूं।

मेरी प्रिय बसंत ऋतु : Essay on My Favourite Season in Hindi

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