Essay On International Women’s Day In Hindi

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हिन्दी निबन्ध , Essay On International Women’s Day

Essay On International Women’s Day In Hindi

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हिन्दी निबन्ध

संकेत बिंदु / विषय सूची

  1. प्रस्तावना
  2. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का उद्देश्य
  3. कब मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
  4. महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है?
  5. कैसे मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
  6. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व
  7. उपसंहार

Essay On International Women’s Day In Hindi

प्रस्तावना

आज महिलाएं शिक्षित हैं और आत्मनिर्भर भी हैं। घर और बाहर दोनों जगह की जिम्मेदारियों को बखूबी संभाल रही है।आज से कुछ वर्ष पूर्व तक जो पुरुषों के कार्यक्षेत्र माने जाते थे।वहां भी महिलाओं ने अपनी मेहनत और लगन से अपने लिए एक अलग जगह बनाई है। आज महिलाओं ने अपनी भूमिका को हर क्षेत्र में बढ़ाया है। राजनीतिक , आर्थिक , सामाजिक  या यूं कहें कि महिलाओं ने अपने आपको हर क्षेत्र में साबित किया है।

महिलाओं को उनके योगदान के लिए सिर्फ 8 मार्च को ही नहीं। बल्कि हर दिन उनका सम्मान करना चाहिए। उनकी ममता , प्यार , त्याग , धैर्य व साहस की हर दिन सराहना जरूरी है। उनको भी इस संसार में सम्मान के साथ जीवन जीने की आजादी मिलनी चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है

पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं को उनकी आर्थिक , सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए सराहा जाता है। उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित किया जाता है। भारत में भी महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को ही मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना , शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में समान अवसर प्रदान कर महिलाओं का सशक्तिकरण करना। महिलाओं के प्रति संकीर्ण सामाजिक सोच में बदलाव लाना और राजनीतिक , आर्थिक और सार्वजनिक जीवन में निर्णय लेने की स्वतंत्रता प्रदान करना।

साथ ही सभी क्षेत्रों में महिलाओं की पूर्ण व प्रभावशाली भागीदारी तथा नेतृत्व के समान अवसर प्रदान करना भी इसके उद्देश्यों में शामिल हैं। सामाजिक , आर्थिक , राजनीतिक या किसी क्षेत्र विशेष में अपना उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं का सम्मान कर उन्हें प्रोत्साहित करना तथा उनके प्रति सम्मान जताने के उद्देश्य से भी यह दिवस मनाया जाता है  ।

महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है ?

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में अमेरिका (न्यूयार्क) से हुई। जब वहाँ की कामकाजी महिलाओं ने अपने कार्य करने की समय अवधि को कम करने , वेतन बढ़ाने और चुनाव में महिलाओं को मताधिकार का प्रयोग करने का अधिकार देने के लिए एक मार्च निकाला था। जिसे बाद में अमेरिकी सरकार ने मान लिया। इसके ठीक एक वर्ष बाद अमेरिकी सरकार ने राष्ट्रीय महिला दिवस ( National Women’s Day) मनाने की घोषणा की। सन 1910 में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान क्लारा जेटकिन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया।

इस सम्मेलन में करीब 17 देशों की कामकाजी महिलाएं शामिल थी। जिन्हें क्लारा जेटकिन का यह प्रस्ताव पसंद आया।और उन्होंने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। उसके बाद वर्ष 1911 में 19 मार्च के दिन दुनिया के कई देशों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रथम बार मनाया गया। सन 1917 में प्रथम विश्व युद्ध हुआ था। इस वक्त रूस की महिलाओं ने युद्ध से तंग आकर 8 मार्च से रोटी और शांति  (ब्रेड और पीस ) के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू किया।

यह एक जबरदस्त संगठित व मजबूत विरोध था। इस विरोध के बाद सम्राट निकोस को अपनी सत्ता गवाँनी पड़ी। और नतीजा रूसी महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। इसीलिए तब से 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाने लगा।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व (Importance Of International Women’s Day)

आज महिलाएं शिक्षित भी हैं और आत्मनिर्भर भी हैं और कुछ महिलाओं के नाम तो उल्लेखनीय उपलब्धियां में शामिल है । लेकिन इस तरह की महिलाओं का प्रतिशत बहुत कम है।अभी भी समाज में महिलाओं के प्रति लोगों का दृष्टिकोण बहुत अच्छा नहीं है।शिक्षा , स्वास्थ्य व रोजगार के मामले में भी महिलाएं बहुत पीछे हैं ।

महिलाओं को समाज में समान अधिकार भी प्राप्त नहीं हैं । हर कदम उनसे भेदभाव किया जाता है । आज भी महिलाएं दहेज हत्या , यौन हिंसा या घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं । और कई महिलाएं तो बाल विवाह की भेंट चढ़ जाती हैं ।21वीं सदी में भी हमारे देश में कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध होते हैं । ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व बढ़ जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष किसी न किसी विषय वस्तु पर आधारित होता है जो विश्व भर की महिलाओं की समस्याओं को ध्यान में रखकर चुना जाता है । फिर महिलाओं के लिए इसी विषय वस्तु / थीम पर आधारित कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जाती है जिनमें महिलाओं की समस्याओं को प्रमुखता से स्थान दिया जाता है ।और फिर उन्हें विश्व भर के देशों द्वारा क्रियान्वित किया जाता है ।

इस तरह के कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभाते हैं। इससे महिलाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से फायदा होता ही होता है । सिर्फ भारत में ही नहीं वरन पूरे विश्व में ऐसे कार्यक्रमों की बहुत आवश्यकता है ।महिलाओं को जागरूक करना , उनको समान अधिकार प्रदान करना , समाज में उनकी तरक्की के रास्ते खोलना , उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना अति आवश्यक है । ऐसे में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस जैसे कार्यक्रमों का महत्व बढ़ जाता है ।

कैसे मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और अंतरराष्ट्रीय थीम के अनुसार ही स्कूल , कॉलेज , सरकारी संस्थानों या स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ।और इन कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है ।

इस दिन भारत में भी महिलाओं के सम्मान में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को इस दिन पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जाता है। कुछ देशों में इस दिन पूर्ण रूप से अवकाश किया जाता है तो कुछ देशों में आधे दिन का अवकाश दिया जाता है । मगर भारत में इस दिन अवकाश नहीं दिया जाता है ।

कुछ लोग अपने घरों की महिलाओं को इस दिन कुछ ना कुछ उपहार अवश्य देते हैं। भले ही दुनियाभर के लोग इस दिन को अलग अलग तरीके से मनाते हैं । लेकिन इसको मनाने का सबका उद्देश्य बस यही रहता है कि महिलाओं का सम्मान करना हैं ।

उपसंहार (Essay On International Women’s Day)

हर साल महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित किया जाता है। लेकिन सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन ही नहीं , बल्कि हर दिन, हर घंटे, हर मिनट उनके प्रति सम्मान , प्यार , विश्वास प्रकट किया जाना चाहिए ।आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं और स्मार्टफोन, कंप्यूटर, रोबोट के साथ खेल रहे हैं। लेकिन महिलाओं के प्रति अभी भी हमारी सोच नहीं बदली है। इसीलिए आज के युग में भी “हमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” जैसे स्लोगन देखने पड़ रहे हैं। सरकार को लोगों से कन्या भ्रूण हत्या ना करने की अपील करनी पड़ रही है ।

लेकिन मुझे पूरी उम्मीद है कि एक दिन यह तस्वीर जरूर बदलेगी और महिलाएं और पुरुष एक साथ , एक जगह पर , समान अधिकार के साथ खड़े होंगे ।International Women’s Day का यह एक दिन तो शायद समाज को आईना दिखाने भर का काम करता है।जरूरत है लोगों को अपने नजरिए में बदलाव लाने की।

Essay On International Women’s Day : 

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