Bhowali ,Tourist Place Nearby Nainital , Bhowali Nainital ,Shyamkhet Bhowali Nainital ,Bhowali Weather ,फल मंडी भवाली (Fruit Market Bhowali ), भवाली एक खूबसूरत पर्यटन स्थल in hindi
Bhowali Nainital
Bhowali ,एकदम शांत वातावरण, चारों तरफ हरियाली ही हरियाली, अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर, एक दूसरे को टक्कर देते बांस, बुरांश व चीड़ के लंबे-लंबे पेड़ों के मध्य बसा एक छोटा सा मगर सुंदर सा नगर भवाली ( Bhowali ) ।जो समुद्र तल से लगभग 1680 मीटर की ऊंचाई पर बसा है।
भवाली की खासियत है वहां के चीड़ के पेड़ों के बीच से साँय- साँय करके बहने वाली हवा जो एकदम शुद्ध, ताज़ी व प्रदूषण रहित होती है।चीड़ के पेड़ों के बीच बहने वाली हवा शरीर को अनेक रोगों से बचाती है।खासकर फेफड़ों व T.V के मरीजों के लिए बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक मानी जाती हैं।
भवाली (Bhowali ) एक जंक्शन
भवाली ( Bhowali ) एक छोटा सा नगर जिसे आप चौराहा नगर या जंक्शन का नाम भी दे सकते हैं।क्योंकि इसी जगह से गुजर कर यात्री कई पहाड़ी शहरों व गांव की तरफ या फिर मैदानी इलाकों की तरफ पहुंचते हैं।
मैदानी इलाकों से किसी पहाड़ी इलाके (जैसे रामगढ़, मुक्तेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, रानीखेत) की तरफ जाते हैं। तो उन्हें भवाली से होकर ही गुजरना पड़ता है।और अगर आप मैदानी इलाकों की तरफ (जैसे हल्द्वानी दिल्ली आदि) जा रहे हो ,तब भी आपको भवाली से ही गुजरना होता है।यह जगह कई पर्यटक स्थलों को जोड़ती है। छोटा जरूर है लेकिन इसकी उपयोगिता बहुत ज्यादा है।
Nainital एक खूसबूरत पर्यटन स्थल
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है भवाली
चीड़ के पेड़ों के बीच बहने वाली हवा को प्राकृतिक रूप से शुद्ध माना जाता है इसलिए भवाली तथा उसके आसपास की हवा को स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।अगर आप पर्वतारोहण के शौकीन हैं तो भी आपको भवाली से ही होकर गुजरना होगा।भवाली अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध है।यहां की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है।
चारों तरफ पहाड़, फलों, सब्जियों तथा फसलों से लदे हरे-भरे सीढ़ीनुमा खेत, अंग्रेजी के एस (S) के आकार की घुमावदार सड़कें।भवाली ( Bhowali ) को एक सुंदर पहाड़ी पर्यटन स्थल या पिकनिक स्थल बनाती है।यहां पर दिनभर ऊंचे ऊंचे चीड़ के पेड़ों में बैठी विभिन्न प्रकार की चिड़ियों का मधुर संगीत सुनाई देता है।यहां से कई पर्यटक रामगढ़ व मुक्तेश्वर की तरफ फलों के बगीचे देखने हेतु निकल पड़ते हैं।
टी.बी सेनेटोरियम अस्पताल
टी.बी सेनेटोरियम अस्पताल भवाली ( Bhowali) ,सन 1912 में निर्मित यह अस्पताल एशिया का एक प्रमुख अस्पताल था। जहां पर अनेक टीवी के मरीज आकर अपना स्वास्थ्य लाभ करते थे।यह अस्पताल चीड़ के पेड़ों के मध्य स्थित है।बांस और चीड़ के पेड़ों की हवा को T.V के मरीजों के लिए बहुत ही गुणकारी माना जाता था ।यह एक प्राकृतिक औषधि के समान ही मानी जाती है। T.V मरीजों के लिए टीबी सेनेटोरियम की एक शाखा पास ही गेठिया में स्थित है जो भवाली से थोड़ी ही दूरी पर है। गठिया का अस्पताल भी चीड़ के पेड़ों के मध्य स्थित है।
भीमताल क्यों है एक मनमोहक पर्यटन स्थल
पंडित जवाहरलाल नेहरू की पत्नी श्रीमती कमला नेहरु जब T.V से ग्रस्त हो गई थी। तब वह इलाज के लिए इसी अस्पताल में आई थी।यहां पर देश विदेश के अनेक टीवी मरीज आकर अपना इलाज करा कर एक स्वस्थ व नॉर्मल जिंदगी जी रहे हैं।कई प्रमुख हस्तियों का इलाज भी इसी जगह हुआ था।
लेकिन वर्तमान समय में जब टीवी का इलाज डॉट पद्धति से हो रहा है। तो इस अस्पताल में मरीजों की संख्या बहुत कम हो गई। जिसकी वजह से यह अस्पताल बदहाली की स्थिति में पहुंच गया है।
लेकिन अब प्रदेश सरकार ने इस अस्पताल को एक आयुष विभाग व आधुनिक चिकित्सालय के रूप में (जो सभी आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हो और जिसमें हर प्रकार की सुविधा हो) बदलने बदलने का निर्णय लिया है ।इस अस्पताल को एक प्रसिद्ध फेफड़ा रोग संस्थान (lungs) के रूप में विकसित करने का भी विचार चल रहा है।
गेठिया स्थित अस्पताल की शाखा में नए प्रशिक्षित डॉक्टरों के लिए प्रशिक्षण केंद्र बनाने का भी प्रस्ताव है ।धीरे-धीरे टी.बी सेनेटोरियम अस्पताल इतिहास बनता जा रहा है। हो सकता है कुछ सालों में इस जगह पर एक आधुनिक और सभी सुविधाओं से युक्त अस्पताल को हम देख पाएं।
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फलों की मंडी के रूप में प्रसिद्ध है भवाली
भवाली ( Bhowali ) को सबसे ज्यादा पहाड़ी फलों की मंडी के रूप में भी जाना जाता है।भवाली से लगे अनेक गांवों में विभिन्न प्रकार के फल होते हैं। जिनकी कोई न कोई खासियत जरूर होती है।शुरुआती दौर में आसपास के गांवों के फल विक्रेता भवाली में ही अपने फलों को लाकर बेचते थे।लेकिन धीरे-धीरे यह फल मंडी के रूप में भी प्रसिद्ध होता गया।
यहां पर अनेक पहाड़ी फल जो आस-पास के गांव में ही होते हैं जैसे आड़ू, पूलम, खुमानी,छोटे-छोटे आकार का पहाड़ी सेब (यह खाने में थोड़ा खट्टा मीठा होता है), पहाड़ी नाशपाती, काफल, हिसालू आदि यहां पर आसानी से उपलब्ध होते हैं जो स्वादिष्ट व शुद्ध होते हैं।
दर्शनीय स्थल ( Tourist Place Nearby Bhowali )
भवाली के आसपास अनेक दर्शनीय स्थल हैं ।जो वहां से कुछ ही दूरी पर स्थित है। जहां पर आसानी से जाया जा सकता है।
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कैंची धाम मंदिर
भवाली ( Bhowali ) से लगभग 8.5 किलोमीटर की दूरी पर कैंची धाम मंदिर स्थित है ।जो बाबा नीम करोली मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।यहां पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु देश व विदेश से आकर बाबा जी के दर्शन करते हैं। यहां पर हर वर्ष 15 जून को स्थापना दिवस के रुप में मनाया जाता है।15 जून को मंदिर में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।और लाखों की संख्या में उस दिन बाबा जी के दर्शन करने व भंडारा का प्रसाद लेने हेतु श्रद्धालु वहां पहुंचते हैं।
गोलू देवता के मंदिर
भवाली ( Bhowali ) से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कुमाऊं के प्रसिद्ध गोलू देवता का मंदिर। इनको न्याय का देवता भी माना जाता है।अगर किसी व्यक्ति के साथ अन्याय हुआ हो तो वह इस देवता के मंदिर में जा कर न्याय की गुहार लगाता है ।और गोलू देवता उन्हें कभी निराश नहीं करते। साथ ही साथ यहां पर सैकड़ों श्रद्धालु प्रति वर्ष मन्नत लेकर यहां आते हैं।
और इस दरबार में अपनी चिट्ठी (पत्र ) लगा कर चले जाते हैं ।मन्नत पूरी होने पर बहुत दुबारा आकर इस मंदिर में मन्नत पूरी होने की खुशी व भगवान का धन्यवाद करने के लिए घंटी चढ़ा कर जाते हैं।
इस मंदिर के दरवाजे से कभी कोई व्यक्ति निराश होकर वापस नहीं लौटता ।गोलू देवता सभी को न्याय देते हैं। व सभी की मन्नतों को पूरा करते हैं ।घोड़ाखाल का मंदिर जो कुमाऊं का एक प्रसिद्ध व लोगों की असीम आस्था व विश्वास का केंद्र है।
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घोड़ाखाल सैनिक स्कूल ( Bhowali )
घोड़ाखाल सैनिक स्कूल भवाली से करीबन 3:30 से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक प्रसिद्ध स्कूल है। जहां पर बच्चे दूर-दूर से पढ़ने के लिए आते हैं। यहां पर बच्चों को सैनिकों की तरह कठोर व अनुशासित जीवन जीना सिखाया जाता है ।
यहां के कई बच्चे (छात्र) सेना में कई उच्च पदों पर आसीन है।यह एक सम्मानित स्कूल है। जहां पर हर माता-पिता अपने बच्चे को भेजना चाहते हैं ।लेकिन सीमित छात्र सीट होने के कारण कुछ ही मेधावी बच्चों को पढ़ने का मौका मिलता है। यहां पर बच्चों को प्रवेश परीक्षा (open test) के माध्यम से दिया जाता है।
भवाली ( Bhowali ) में कई छोटे बड़े और भी पर्यटन स्थल हैं जैसे गंगारंचल पहाड़ी की चोटी भवाली से ज्यादा दूर नहीं है। कुछ लोग यहां से कुछ ही दूरी पर स्थित लल्ली की छतरी या लल्ली कब्र को देखने भी जाते हैं। शेर का डंडा (रेहड़ का डंडा) भवाली से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। इस जगह पर लोग सुंदर पहाड़ों का दर्शन करने व पिकनिक मनाने हेतु जाते हैं।
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श्यामखेत चाय बागान (Shyamkhet Bhowali Nainital )
श्यामखेत के चाय के बागान जो Bhowali से 3:30 किलोमीटर की दूरी पर हैं। यह बागान अपनी ऑर्गेनिक चाय के लिए प्रसिद्ध है।यहां की चाय की पत्तियों की मांग देश व विदेश में है।कई जगहों पर यहां की चाय निर्यात की जाती है।एक सुंदर पिकनिक स्थल के साथ साथ चाय के ये हरे-भरे बागान अनायास ही आप का मन मोह लेते हैं। आप यहां की ऑर्गेनिक चाय की चुस्कियों का आनंद भी उठा सकते हैं।
दूरी (Distance )
Distance from Nainital
भवाली नैनीताल से दूरी 11 किलोमीटर पर स्थित हैं। इसीलिए नैनीताल घूमने वाले ज्यादा पर्यटक भवाली पहुंचते हैं।
Distance from Nearest Airport
पंतनगर (एकमात्र हवाई अड्डा ) से भवाली सड़क मार्ग से 63 किलोमीटर की दूरी पर है।
Distance from Nearest Railway Station
काठगोदाम रेलवे स्टेशन यहां से लगभग 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।जहां से आप मोटर मार्ग से भवाली पहुंच सकते हैं।
क्यों आए भवाली
चीड़ के पेड़ों की प्राकृतिक रूप से शुद्ध व स्वास्थ्यप्रद हवा व अद्वितीय सौंदर्य का आनंद लेने हेतु,फलों से लदे हुए पेड़ों के बगीचों को देखने के लिए, वह शांत वातावरण में कुछ दिन गुजारने हेतु।
कब आए ( Bhowali Weather )
वैसे तो यह चीड़ के पेड़ों के मध्य स्थित है।तो इसलिए यहां पर गर्मी का भी बहुत अधिक प्रभाव नहीं है। आप मई-जून में बच्चों की छुट्टियों में भी यात्रा कर सकते हैं।अगर आप बर्फबारी का आनंद लेना चाहते हैं। नवंबर से फरवरी के मध्य आकर बर्फीली हवाओं तथा बर्फबारी का आनंद ले सकते हैं। वैसे इस जगह पर किसी भी मौसम के किसी भी महीने में आया जा सकता है।
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किसके साथ आए
परिवार व बच्चों के साथ, नवविवाहित जोड़ा हनीमून मनाने के लिए ,दोस्तों के साथ मौज मस्ती।
मनोरंजन के लिए क्या करें
फलों का बगीचा देखने हेतु रामगढ़ व मुक्तेश्वर की तरफ जा सकते हैं।फोटोग्राफी का आनंद ले सकते हैं।फलों व अन्य स्थानीय सामानों की खरीदारी कर सकते हैं। एकांत में अपना समय लेखन कार्य में बिता सकते हैं।
भाषाएं
हिंदी, अंग्रेजी, कुमाऊनी।
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