Almora in Uttarakhand ,A Mesmerizing Tourist Place

Almora in Uttarakhand , A Mesmerizing Tourist Place of Kumaon Almora, places to visit in Almora ,How to reach Almora from Delhi ,      Places Nearby almora in uttarakhand कुमाँऊ की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत समेटे एक खूबसूरत पर्यटन स्थल in hindi।

Almora in Uttarakhand

एक शहर जो प्राकृतिक रूप से ख़ूबसूरत हो और उसकी ख़ूबसूरती को चार चाँद लगाने के लिए सामने सदा बर्फ की चादर ओढे हिमालय राज खड़े हो। साथ ही साथ जो शहर अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को समेटे हो। जो कर्मभूमि रही हो नृत्य सम्राट पंडित उदय शंकर की, और जिस शहर की जेल से जुडी हो देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की यादें।

Almora in Uttarakhand ,A Mesmerizing Tourist Place

जो आत्मज्ञान प्राप्त करने की आध्यत्मिक भूमि रही हो स्वामी विवेकानंद की और जो अनमोल यादें समेटे हो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की। जहां की बाल मिठाई और सिंगौडी देश क्या विदेश में भी मशहूर हो।तो क्या आप ऐसे शहर में अपने जीवन के चंद लम्हे गुजारना चाहते हैं तो चले आइए !!!  कुदरती सुंदरता लिए एक खूबसूरत शहर अल्मोड़ा में ?

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अल्मोड़ा एक नजर (Almora Hill Station)

समुद्र तल से लगभग 5417 फीट की ऊंचाई पर स्थित अल्मोड़ा शहर पहुंचने के लिए सर्पीली व काफी घुमावदार सड़कों का सफर प्राकृतिक सौंदर्य निहारते हुए तय करना पड़ता हैंयह सांस्कृतिक नगरी जितनी प्राकृतिक रूप से सुंदर हैउतना ही समृद्ध व गौरवशाली इसका इतिहास भी हैयह शहर सैकड़ों वर्ष तक चंद राजाओं ,कत्यूरी राजाओं, गोरखाओं तथा अंग्रेजों के शाशन का गवाह रहा हैं

इस तांब्र नगरी के पग पग में कुमांऊ व पहाड़ी संस्कृति की झलक देखने को मिलती हैंयहाँ आने वाले पर्यटक पहाड़ी ब्यंजनोंं व पहाडों की ठंडी व ताजी हवा के साथ साथ हरे-भरे पेड़ों व जंगलो का भरपूर मजा लेते हैं    

Places To Visit in almora in uttarakhand                                  

मल्ला महल तब्दील हो गया कलेक्ट्रेट हाउस में 

अल्मोड़ा ( Almora in Uttarakhand ) शहर का इतिहास मुख्य रूप से कत्यूरी राजाओं व चंद राजाओं से जुड़ा है हांलाकि कत्यूरी शासकों ने यहां 1560 तक शासन किया मगर 1563 के बाद जब चंद राजाओं ने अपना शाशन शुरू किया तो इस शहर को विकसित किया राजा बालोकन्याण ने इस शहर को अपनी राजधानी बनाया तथा चंद्र वंश के ह़ी एक राजा रूप चंद ने मल्ला महल की स्थापना की

वर्तमान में मल्ला महल को कलेक्ट्रेट हाउस में तब्दील कर दिया हैंजहाँ से कलेक्ट्रेट साहब शहर का काम काज देखते हैंअल्मोड़ा शहर अपने आप में जिला मुख्यालय भी हैं      

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पंडित गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय 

अल्मोड़ा ( Almora in Uttarakhand ) के प्रसिद्ध माल रोड में स्थित हैं भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की स्मृति में स्थापित एक राष्ट्रीय संग्रहालय और कला भवनइस संग्रहालय में कला प्रेमियों तथा इतिहास एवं पुरातत्व के जिज्ञासु के लिए स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हुई कई वस्तुओं को खूबसूरती से संजोकर व सजाकर रखा गया है

इस संग्रहालय में रखी इतिहासिक वस्तुओं को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैंइस संग्रहालय में सैलानियों के आकर्षण का केंद्र है उत्तर भारत के एक शक्तिशाली व प्रख्यात जनजाति समूह “कुनीद” कालीन 15 दुर्लभ सिक्के जो यहां रखे गये हैं 

पंडित गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय Almora in Uttarakhand

वैभवशाली बडन चर्च ( Almora in Uttarakhand )

Almora के प्रसिद्ध एल आर शाह मार्ग में स्थित है ब्रिटिश साम्राज्य के वैभवशाली अतीत का प्रतीक बडन मेमोरियल मेथोडिस्ट चर्च इस चर्च का निर्माण 1897 में फ्रांस की इंडो यूरोपियन शैली से किया गया हैचर्च के विशाल कमरों की बनावट इसकी खूबसूरती बढ़ा देती हैं यह चर्च अपने वैभवशाली दिनों की याद हर पल दिलाता हैं।

अल्मोड़ा जेल और नेहरू जी की यादें ( Memories of Gandhi and Nehru) 

Almora की जेल आज भी अपनी ऐतिहासिक यादों को समेटे हैंइस जेल में स्वतंत्रता आंदोलन के समय में अंग्रेजों ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू के  साथ हरगोविंद पंत और कामरेड पीसी जोशी जैसे महान देशभक्तों को कैद किया थापंडित जवाहरलाल नेहरू को इस जेल में दो बार रखा गया था। 

आज भी इस जेल में पंडित नेहरू तथा गोविंद बल्लभ पंत द्वारा उपयोग किये गये बस्तुओं जैसे बर्तन,पीतल का लोटा,लकड़ी का चरखा,फर्नीचर,थाली व ग्लास,दीया ,चरपाई को सहेजकर रखा गया हैं

स्वतंत्रता आंदोलन के बक्त लोगों को एकजुट करने तथा आजादी की अलख जगाने के लिये महात्मा गांधी भी 1929 में  Almora आए थेनेहरू की यादों से जुडी वस्तुओं को देखने के लिए जिलाअधिकारी से अनुमति लेनी पड़ती है

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नंदा देवी मंदिर

अल्मोड़ा ( Almora in Uttarakhand )  के प्रसिद्ध एल आर शाह मार्ग में स्थित है समुचे कुमाऊं और गढ़वाल की आराध्य देवी मां नंदा देवी का मंदिरइस मंदिर का इतिहास लगभग एक हजार साल पुराना माना जाता हैंमां नंदा देवी मंदिर की दीवारों पर अदभुत कलाकृतियां उकेरी गई हैं जो बरबस ह़ी पर्यटकों का मन मोह लेती है

हर साल इस मंदिर में भब्य मां नंदा देवी महोत्सव का आयोजन किया जाता है इस महोत्सव की खास बात यह रहती हैं कि इस महोत्सव में भाग लेने व मां नंदा देवी की पूजा अर्चना के लिए यहां चंद वंश के वंशजों के साथ साथ देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु बड़ी संख्या मे हर साल पहुंचते हैं

नंदा देवी मंदिर

अल्मोड़ा की स्वादिष्ट बाल मिठाई ,चॉकलेट व सिंगौडी 

अपने बेमिसाल स्वाद के कारण Almora की बाल मिठाई , सिंगौडी व चॉकलेट देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खासी लोकप्रिय हैशायद ह़ी कोई ऐसा पर्यटक या स्थानीय व्यक्ति हो जो अल्मोड़ा से होकर गुजरे और बाल मिठाई, सिंगौडी व चॉकलेट ना खरीदे।लोग अपने परिजनों,रिश्तेदारों को उपहार देने के लिए यहां से मिठाइयां जरुर खरीद कर ले जाते हैं

बाल मिठाई बनाने का काम यहाँ लगभग 100 साल से भी अधिक पुराना हैइसके स्वाद और निर्माण के परंपरागत तरीकों को इजाद करने का श्रेय मिठाई विक्रेता स्वर्गी नंदलाल साह को जाता हैबाल मिठाई बनाने के लिए आसपास के क्षेत्रों से दूध को इक्कठा किया जाता हैं फिर उससे खोया तैयार किया जाता है

इसे बनाने के लिए खोये और चीनी को एक निश्चित तापमान पर पकाया जाता है।तथा ठंंडा होने पर इस पर पोस्ते के दाने चिपकाए जाते हैंऔर फिर उनको छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता हैऐसे बनती हैं।अल्मोड़ा की स्वादिष्ट बाल मिठाई

सिंगौडी में मालू के पत्ते को एक कोन का आकार दिया जाता है।फिर उसमें भरी जाती हैं दूध के खोये से बनी स्वादिष्ट मिठाईइस मिठाई का स्वाद सैलानियों को भा जाता है।और वो इस स्वाद को जिंदगी भर नहीं भूल पाते हैंअब तो ये मिठाईयों अल्मोड़ा की पहचान बन गये हैं।

सिंगौडी मिठाई   बाल मिठाई

तांबे के बर्तन

अल्मोड़ा ( Almora in Uttarakhand ) की एक और खूबसूरत पहचान है यहां पर वर्षो पुराना तांबे का उद्योग।अल्मोड़ा के थाना बाजार स्थित टम्टा मोहल्ला में कुशल कारीगर अपने हाथों से तांबे को एक से एक सुंदर बर्तनों और भगवान की प्रतिमाओं में ढाल देते हैं।देखने वाले उनके हाथों की नक्काशी के कायल हो जाते हैं।

जब भी कोई सैलानी Almora शहर घूमने आता है तो इस शहर की सौगात के रूप में यहां से ताबे के बरतन या मूर्तियां जरूर खरीद कर ले जाता है।

पंडित उदय शंकर नृत्य अकादमी

Almora की धरती अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जानी जाती हैं। 1838 में पंडित उदय शंकर पहली बार यहाँ आये। इस जगह के प्राकृतिक सौंदर्य ने उनका मन कुछ इस तरह से मोह लिया कि वो यही के होकर रह गये।उन्होंने कई वर्षों तक अल्मोड़ा में ही अपनी नृत्य की साधना की। इसीलिए पंडित उदय शंकर की स्मृति के रूप में अल्मोड़ा में एक नृत्य अकादमी भी स्थापित की गई है।

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स्वामी विवेकानंद की आध्यात्मिक भूमि 

Almora स्वामी विवेकानंद की आध्यात्मिक कर्म स्थली भी रही है।भारत को आध्यात्मिक गुरु के रूप में पूरे विश्व में प्रतिष्ठित करने वाले स्वामी विवेकानंद दो-तीन बार अल्मोड़ा आए थे।पहली बार 1890 में हिमालय दर्शन के दौरान यहां आए थे।तब उन्हें काकडीघाट के पास आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई थी।दूसरी बार 1898 में स्वामी विवेकानंद यहां आए और थॉमसन हाउस में ठहरे।तब स्वामी जी ने देवलधार और स्याहीदेवी में ध्यान भी किया था।

अल्मोड़ा की पहचान ऐपण

अल्मोड़ा ( Almora in Uttarakhand ) की एक और खास पहचान है यहां पर लोगों द्वारा बनाए जाने वाले ऐपण।पहाड़ों में जब भी कोई विशेष पर्व या त्यौहार होता हैं तो लोग अपने घरों को ऐपण से सजाते हैं।जिनको देहरी और मंदिर में लगाया जाता है।जिससे घरों की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती हैं।कुमाऊं की इस कला को पर्यटक अपने साथ ले जाना नहीं भूलते हैं।

Aipan

इसके अलावा यहां पर ऊनी कपड़ों की कई प्रसिद्ध दुकानें बनी हुई हैं जिनका निर्माण यही किया जाता है।

अल्मोड़ा के आस-पास के दर्शनीय स्थल ( Almora Nearby Places)

ब्राइट कॉर्नर (Brite Corner) 

इंग्लैंड में स्थित ब्राइटन बीच के नाम से Almora की इस जगह का नाम ब्राइट कॉर्नर या ब्राइट बीच रखा‌ गया है।अल्मोड़ा के बस स्टेशन से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस जगह से उगते और डूबत सूरज का खुबसूरत नजारा देखा जा सकता हैं।जो प्रकृति प्रेमियों को मंत्र मुक्त कर देता है।

सिमतोला इको पार्क (Simtola Echo Park )

Almora शहर से सिर्फ तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं खूबसूरत पर्यटन स्थल सिमतोला इको पार्क।प्रकृति प्रेमियों के लिए एकांता में शांति से समय बिताने की खूबसूरत सी जगह है।यह एक प्रसिद्द पिकनिक स्थल हैं।

कसारदेवी मंदिर (Kasaar Devi Mandir )

Almora  शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर एक ऊँची जगह पर स्थित है मां कसार देवी का भब्य मंदिर। इस मंदिर में सदैव भक्तों का मेला लगा रहता हैं।यहां से हिमालय की ऊंची ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं के दर्शन होते हैं।इसका प्राकृतिक सौंदर्य देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को खूब भाता है।ऊँचाई में स्थित होने के कारण यहां का तापमान हमेशा कम ह़ी रहता है।इसीलिए यहां पर गर्मियों में पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है।यहां पर एक खूबसूरत बौद्ध मठ भी है।

kasaar devi mandir Almora in Uttarakhand

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गोलू देवता मंदिर (Golu Devta Mandir )

अल्मोड़ा शहर ( Almora in Uttarakhand )  से सिर्फ 8 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ मार्ग में स्थित है न्याय के देवता चितई गोलू देवता का मंदिर।गोलू देवता को कुमांऊ में “न्याय का देवता ” माना जाता हैं।इस मंदिर का निर्माण एक चंद्रवंशी सेनापति ने 12 वीं शताब्दी में करवाया था।यह मंदिर उत्तराखंड के समस्त लोगों के लिए असीम विश्वास और श्रद्धा का केंद्र है।

यहां पर लोग दूर-दूर से मन्नत मांगने व न्याय मांगने आते हैं।अपनी समस्याओं को एक कागज में लिखकर मंदिर के परिसर में रख जाते हैं।और जब उनकी मन्नतें पूरी हो जाती है तो दुबारा आकर गोलू देवता का आभार प्रकट करते हैं।

दूरी (Distance)

How to reach Almora from Delhi

अल्मोड़ा से दिल्ली 363 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। The Distance between Almora to Delhi is 363 km (Time taken by bus 8 hour 15 minute)

अल्मोड़ा से देहरादून 349 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।The Distance between Almora to Dehradun is 349 km (Time taken by bus 9 hour 10 minute)

पंतनगर( हवाई अड्डा ) से अल्मोड़ा की दूरी 122 किलोमीटर है।पंतनगर से टैक्सी व उत्तराखंड परिवहन की बस से अल्मोड़ा पहुंचा जा सकता है।(Time taken by bus 3  hour 25  minute)

काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 81किलोमीटर की दूरी पर अल्मोड़ा स्थित है।(Time taken by bus 2 hour 30 minute)

कब आयें (Almora Weather)

अगर Almora में बर्फबारी व ठंड का मजा लेना हैं तो नवम्बर से फरवरी के बीच आये।लेकिन गर्मियों का मौसम खास कर मई-जून का समय सबसे अच्छा समय हैं।

क्या साथ लायेंं।

गर्म ऊनी कपड़े जरुर साथ लायें।फोटोग्राफी के लिए कैमरा आदि।

किसके साथ आयें।

आप Almora में परिवार के साथ आ सकते हैं। और दोस्तों के साथ, हनीमून मनाने ,गर्मियों की छुट्टियों बिताने आ सकते हैं।

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