Kainchi Dham Ashram in Nainital,Uttarakhand ,Kainchi Dham Temple ,How to reach Kainchi Dham from Nainital ,How to reach Kainchi Dham from Delhi ,बाबा नीम करौली या कैंची धाम ,नैनीताल (उत्तराखंड) in Hindi
Kainchi Dham Nainital
उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में नैनीताल जिले में अल्मोड़ा ,भवाली ,रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित कैंची धाम लाखों लोगों की आस्था व विश्वास का केंद्र है। यह धाम बीसवीं शताब्दी में जन्मे दिव्य पुरुष बाबा नीम करौली जी की पावन भूमि है।
शिप्रा नदी के किनारे तथा देवदार के पेड़ों व धने जंगलों के बीच स्थित बड़ा ही मनमोहक व मन को असीम शांति प्रदान करने वाला यह धाम फेसबुक (Facebook) के संस्थापक मार्क ज़ुकेरबर्ग तथा एप्पल (Apple) के संस्थापक स्टीव जॉब्स की प्रेरणा व आस्था का केंद्र भी रहा है।
कौन थे बाबा नीम करोली ( Neem Karoli Baba Nainital )
आगरा के निकट फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर में मार्गशीष माह की अष्टमी तिथि को जन्मे बाबा नीम करौली जी का असली नाम लक्ष्मणदास शर्मा था। और फर्रुखाबाद जिले के नीब करौली गांव में इनको प्रथम बार साधु रूप में साधना और तपस्या करते हुए देखा गया। इसीलिए तब से ही इनको लोग नीब करौली या नीम करौली कह कर पुकारने लगे।
कैंची धाम निवासी पूर्णानंद तिवारी जी के अनुसार सन 1942 में एक रात जब वह अपने घर को लौट रहे थे ।तो खुफिया डांठ नामक एक निर्जन स्थान पर उन्हें एक विशालकाय व्यक्ति कंबल ओढ़े दिखा ।पहले तो वह उस व्यक्ति को देखकर डर गए ।लेकिन फिर उस व्यक्ति ने उन्हें पास बुलाया ।उनका डर दूर किया और 20 साल के बाद वापस लौटने का वादा देकर वह चले गए। यह व्यक्ति बाबा नीम करौली महाराज ही थे।
ठीक 20 साल बाद वादे के अनुसार 24 मई 1962 में रानीखेत से नैनीताल लौटते वक्त बाबा जी अचानक कैंची ( Kainchi Dham Nainital ) में रुक गए और सड़क किनारे बने एक पैराफिट में जाकर बैठ गए। और फिर सदा के लिए वही के हो गये।
यह भी पढ़ें ….कहाँ हैं भगवान शिव का गॉव
Kainchi Dham Temple Nainital की स्थापना
सन 1962 के बाद बाबा जी कैंची में ही निवास करने लगे। 15 जून 1964 को पहली बार उन्होंने यहां पर हनुमान जी की मूर्ति को विधिवत स्थापित किया । इसीलिए हर साल 15 जून को प्रतिष्ठा दिवस या स्थापना दिवस के रुप में मनाया जाता है ।
इस दिन यहां विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। जिसमें देश-विदेश के लाखों भक्त आकर प्रसाद ग्रहण करते हैं तथा बाबा जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। कई लोग वहां पर अपनी सेवाएं भी प्रदान करते हैं।
Kainchi Dham Nainital में लोग खुलकर यहां पर दान-पुण्य करते हैं । साल-दर-साल भक्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। लोग असीम शांति की खोज में तथा अपनी मनोकामना दिल में लिए बाबा जी के दर्शन करने आते हैं ।और बाबा जी भी किसी को खाली हाथ वापस नहीं भेजते । कई लोगों का कहना तो यह भी है कि बाबा जी उन्हें साक्षात दर्शन देते हैं।
बाबाजी सबके लिए एक प्रेरणा स्रोत
अनेक बड़ी हस्तियां जैसे मार्क ज़ुकेरबर्ग ,स्टीव जॉब्स तथा जूलिया रॉबर्ट्स के भी बाबाजी ही प्रेरणा स्रोत रहे हैं । उनका कहना है कि उन्होंने यहां आकर बाबाजी के दर्शन कर अपने जीवन के सर्वोच्च मुकाम को हासिल किया। बाबा नीम करौली जी का यह धाम भारत में ही नहीं बल्कि पश्चिमी देशों में भी भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की महिमा का प्रतिनिधित्व करता है।
बाबा जी सिद्ध पुरुष है।जिन्होंने अपने जीवन में कई सारे चमत्कार दिखाइए। आज भी लोगों को उनके चमत्कारों का एहसास होता रहता है ।कहते हैं कि एक बार मंदिर में भंडारा बनाने वक्त धी खत्म हो गया था ।
यह जानकारी जब बाबाजी को मिली तो उन्होंने भक्तों को शिप्रा नदी से एक कनस्तर पानी लाने का आदेश दिया।आदेशानुसार भक्त शिप्रा नदी से एक कनस्तर पानी भर ले आए। और जैसे ही भक्तों ने कनस्तर का पानी कढ़ाई में उड़ेला। तो वह धी रूप में परिवर्तित हो गया और जिससे प्रसाद बनाकर भक्तों में बांटा गया।
ऐसे ही अनेक चमत्कार करते-करते लोगों का दुख दर्द दूर करते-करते बाबा जी 11 सितंबर 1973 को यह संसार छोड़ कर उस परमात्मा में विलीन हो गए।
जानें ..क्यों मनायी जाती हैं जन्माष्टमी ?
बाबा नीम करौली बजरंगबली का (हनुमान जी) के अवतार
बाबा नीम करौली को कई लोग बजरंगबली का (हनुमान जी) अवतार भी मानते हैं ।स्वयं बाबा नीम करौली बजरंगबली के बहुत बड़े भक्त थे। उन्होंने हनुमान जी के कई मंदिरों की स्थापना की। जिनमें नैनीताल से कुछ दूरी में स्थित हनुमानगढ़ी का मंदिर भी है। ऐसा कहा जाता है कि बाबाजी हनुमानगढ़ी मंदिर में प्रतिदिन पैदल जाकर बजरंगबली के दर्शन करते थे।
कैंची धाम ( Kainchi Dham Nainital ) में भी बजरंगबली के मंदिर के अलावा राम सीता , मां देवी दुर्गा सहित अनेक देवी देवताओं के मंदिर स्थित हैं। साथ ही साथ यहां पर एक हवन कुंड भी स्थित है। स्वयं बाबा नीम करौली जी की मूर्ति को भी यहां पर स्थापित किया गया है। जो इतनी जीवंत है ऐसा लगता है मानो अभी बाबा नीम करौली महाराज बोल उठेंगे।
बाबा जी वैसे तो महान दिव्यात्मा थे ।लेकिन हमेशा कंबल ओढ़े बाबा जी का रूप ऐसा दिखाता था जैसे कि वह कोई दिव्यात्मा ना होकर सबके अपने परिवार के सदस्य ही हो। बाबाजी का बस यहीं रूप दिल के कहीं अंदर तक छू जाता है। कैंची धाम को सोमवारी बाबा का भी साधना स्थल माना जाता है ।ऐसा कहा जाता है कि यहां पर सोमवारी बाबा जी ने भी साधना की।
स्थापना दिवस (15 जून) धूमधाम से मनाया जाता है
कैंची धाम ( Kainchi Dham Nainital )मंदिर में प्रतिवर्ष 15 जून को स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिर की तरफ से विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। जिसमें लाखों लोग( भक्त) आकर भंडारे का आनंद लेते हैं। तथा साथ ही साथ बाबा जी का आशीर्वाद भी लेकर जाते हैं।
इस अवसर पर इस मंदिर पर एक विशेष पकवान बनाया जाता है जिसे रोट कहते हैं। जिसमें आटे को गुड़ युक्त पानी से गूदकर रोटी के आकार में बेला जाता है फिर उसको घी में तलकर प्रसाद रूप में बांटा जाता है। यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है। तथा यहां पर प्रसाद के रूप में मुख्य रूप से इसी पकवान का वितरण किया जाता है। लोग इस प्रसाद को लेने के लिए इस दिन अवश्य कैंची धाम पहुंचते हैं।
वैसे तो यह स्थान ( Kainchi Dham Nainital ) आस्था ,विश्वास व मनोकामनाओं की पूर्ति का स्थान है।लेकिन धीरे-धीरे यह एक सुंदर पर्यटन स्थल के रूप में भी बदलता जा रहा है ।यहां पर हर साल कई पर्यटक शांति की तलाश में आते हैं ।और कई दिन बाबाजी के साथ इस जगह पर बिताते हैं ।
शुद्ध हवा व पानी के साथ साथ दिल को असीम शांति प्रदान करने वाले इस स्थान पर हर साल पर्यटकों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।इस जगह का नाम कैंची शायद इस जगह से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग में एक तीव्र कैंची के आकार नुमा मोड़ की वजह से पड़ा हो।
दूरी ( Kainchi Dham Nainital Distance from different places)
How to reach Kainchi Dham Nainital from delhi
दिल्ली से कैंची धाम की कुल दूरी लगभग 301 किलोमीटर है। जिसमें आप हल्द्वानी तक की अपनी यात्रा बस ,ट्रेन और हवाई यात्रा द्वारा तय कर सकते हैं। लेकिन हल्द्वानी से कैंची धाम तक की अपनी यात्रा आपको सिर्फ मोटर मार्ग (By Bus or by Taxi ) से ही तय करनी होगी।
The aerial distance from New Delhi to Haldwani is 235 km.(Time taken by plan : 1 hour 22 minute)
The road distance between New Delhi to Haldwani is 270 km. (Time taken by Bus : 6 hours 30 minute)
By Train the distance between New Delhi to Haldwani is 237 Km.(Time taken by Train: 6 hours)
The distance between Haldwani to Kainchi Dham Nainital is 73 kms
How to reach Kainchi Dham Nainital from Nainital
नैनीताल से कैंची धाम की दूरी लगभग 22 किलोमीटर है।जिसे मोटर मार्ग (By Bus or by Taxi )से आराम से तय किया जा सकता है। यह दूरी बस या टैक्सी से तय करने में लगभग एक से सवा घंटा लगता है।इसके लिए आपको पहले नैनीताल से भवाली आना पड़ेगा। फिर भवाली से कैंची धाम। भवाली से कैंची धाम लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित।
Nainital To Bhowali , bhowali to Kainchi Dham Nainital
How to reach Kainchi Dham Nainital from Kathgodam
काठगोदाम से कैंची धाम की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है।जिसे मोटर मार्ग (By Bus or by Taxi ) से ही तय किया जा सकता है।यह दूरी बस या टैक्सी से तय करने में लगभग डेढ़ से दो घंटे लगते है।इसके लिए आपको पहले काठगोदाम से भीमताल होकर भवाली जाना पड़ेगा। फिर भवाली से कैंची धाम।यहां पर पहुंचने के लिए काठगोदाम सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। तथा पंतनगर सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है ।
Kathgogam To Bhimatal , Bhimatal to Bhowali , Then Bhowali to Kainchi Dham Nainital
Where to stay in Kainchi Dham Nainital
कैंची धाम में पर्यटकों के ठहरने के लिए एक आश्रम की व्यवस्था है। जहाँ पर्यटक आराम से रह सकते हैं। इसके अलावा उसके आसपास कुछ होटल व रिजॉर्ट्स भी बने हैं जिनमें पर्यटक रहते हैं। लेकिन सीजन टाइम पर ये होटल और रिसॉर्ट बुक हो जाते हैं। इसीलिए अगर आपको कैची धाम के आस-पास के होटलों में ठहरना है। तो आपको वहां आने से पहले ही उन होटलों में बुकिंग करनी होगी।
इसके अलावा आप भवाली में भी रात्रि विश्राम कर सकते हैं। जो वहां से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसीलिए कई पर्यटक अपना समय कैंची धाम में बिताकर वापस भवाली आकर होटल में ठहरते हैं।
इसके अलावा कैंची धाम से कुछ ही दूरी में नैनीताल व भीमताल स्थित हैं।जहां आपको होटल आराम से मिल सकते हैं।
You are welcome to share your comments.If you like this post Then please share it.Thank for visiting.
यह भी पढ़ें
असली Santa Claus का गाँव जानिए
मकर संक्रातिं क्यों मनाई जाती है जानिए
रंगो का त्यौहार होली क्यों मनाई जाती हैं ?
पढ़िए शानदार Inspirational New Year Quotes (हिंदी में )