मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना उत्तराखंड
UTTARAKHAND MUKHYAMANTRI SWAROJGAR YOJANA
UTTARAKHAND MUKHYAMANTRI SWAROJGAR YOJANA : पूरा विश्व एक वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की चपेट में है।भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। भारत इस कोरोना संकट से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। कोरोना के खतरे को कम करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लॉक डाउन का सहारा लिया। और 25 मार्च 2020 से पूरे भारत को लॉक डाउन किया गया।
इस लॉक डाउन में सिर्फ आवश्यक सेवाओं जैसे दूध , राशन और मेडिकल की दुकानों को खोला गया। इसके अलावा अन्य सभी को बंद करने का फैसला लिया गया।
इस लॉक डाउन की वजह से सारे काम धंधे , दुकानों , फैक्ट्रियां , कंपनियां , सरकारी व प्राइवेट दफ्तर आदि सब बंद हो गए। यहां तक कि बस सेवा , रेल सेवा , हवाई सेवा आदि सब भी बंद हो गए। जिसकी वजह से लोग जहां थे , वहीं फंस गए।
लेकिन केंद्र व राज्य सरकारों की पहल पर इन लोगों को उनके मूल स्थान पर पहुंचाने के लिए बस सेवाएं शुरू की गई। जिसकी वजह से उत्तराखंड के भी काफी लोग जो भारत के अलग-अलग जगहों में जाकर नौकरी करते थे।और लॉक डाउन के चलते जो लोग उत्तराखंड वापस आना चाहते थे। उन्हें वापस उत्तराखंड लाया गया।
उत्तराखंड सरकार ने बाहरी राज्यों से उत्तराखंड लौटे इन्हीं प्रवासी लोगों के लिए “मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना” को फिर से शुरू करने की मंजूरी दी है।दरअसल मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 2015 में पहली बार शुरू की गई थी।
क्या हैं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
देश के अलग-अलग राज्यों से प्रदेश (उत्तराखंड) लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 28 मई 2020 को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की विधिवत शुरूवात की। इस योजना के तहत विनिर्माण में 25 लाख रुपए और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपए तक की परियोजनाओं पर ऋण मिलेगा।
योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड से हो रहे युवाओं के लगातार पलायन को रोकना है। न सिर्फ युवाओं के पलायन को रोकना है बल्कि युवाओं को अपने ही घर में रोजगार उपलब्ध कराना भी है। इस योजना के लिए सरकार ने फ़िलहाल 15 करोड़ रूपये के बजट की व्यवस्था की हैं। जिससे प्रवासियों को तत्काल योजना का लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तीन मुख्य बिंदु है।
- मैन्युफैक्चरिंग के लिए 25 लाख और सर्विस सेक्टर में कारोबार के लिए 10 लाख के लोन की सुबिधा मिलेगी
- उद्योग लगाने या छोटा व्यवसाय लगाने के लिए 15% से 25% की सब्सिडी मिलेगी।
- पहाड़ों में सब्सिडी 25% और मैदानी क्षेत्रों में सब्सिडी 15% मिलेगी।
दरअसल उत्तराखंड सरकार उत्तराखंड में लगातार हो रहे युवाओं के पलायन को रोकना चाहती है। कोरोनावायरस में लॉक डाउन के चलते उत्तराखंड लौटे इन प्रवासी लोगों के लिए सरकार “मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना” के जरिए रोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है। ताकि प्रवासी अपने राज्य में रहकर ही रोजगार प्राप्त कर सकें।
उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को किसी भी तरह का उद्योग लगाने या सेवा या व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ राष्ट्रीय , सहकारी और क्षेत्रीय बैंकों से लोन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ही मुख्यमंत्री रोजगार योजना चलाई जा रही है।
कितनी मिलेगी सब्सिडी
इस योजना के तहत अपने गांव लौटे प्रवासी अपने अनुभव के आधार पर मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के साथ ही छोटा व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं। इसके लिए सरकार 15% से 25% की सब्सिडी देगी।
इसी के साथ कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की दुकान खोलने , डेयरी उद्योग , फूड प्रोसेसिंग , कृषि संबंधी कोई भी कार्य , पशुपालन या मुर्गी पालन कर अपना रोजगार करना चाहता है। तो सरकार उसे 15% से 25% तक की सब्सिडी देगी। पहाड़ों के लिए यह सब्सिडी 25% है जबकि मैदानी क्षेत्रों में कारोबार करने के लिए यह सब्सिडी 15% ही है।
इसी के साथ प्रवासी 25 लाख तक के मैन्युफैक्चरिंग और 10 लाख तक सर्विस सेक्टर के उद्योग भी खोल सकते हैं।
इस योजना का संचालन उत्तराखंड राज्य की “सूक्ष्म , लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय” द्वारा किया जाएगा। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें नए उद्योग लगाने के लिए ही लोन दिया जाएगा। पहले से स्थापित किसी भी उद्योग या किसी भी अन्य कार्य के लिए ऋण नहीं दिया जाएगा।
कैसे मिलेगा लोन (UTTARAKHAND MUKHYAMANTRI SWAROJGAR YOJANA LOAN )
अपना व्यवसाय खोलने के इच्छुक व्यक्ति को जिला उद्योग केंद्र में आवेदन करना होगा।जिस भी कार्य के लिए वह बैंक से ऋण लेना चाहता है उसका ब्योरा उसे देना होगा। एक बार आवेदन स्वीकृत होते ही बैंकों से ऋण उपलब्ध हो जायेगा और साथ ही तुरंत सब्सिडी भी मिल जाएगी।योजना में सभी तरह के कारोबार और उद्योग लगाने की अनुमति दी गई है।
आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना में आवेदन करने के लिए आवेदक को “महाप्रबंधक एवं जिला उद्योग केंद्रों” में जाकर या ऑनलाइन आवेदन करना होगा। योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर “जिला उद्योग केंद्र” करेंगे।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए आवश्यक योग्यता
- व्यक्ति को उत्तराखंड का मूल निवासी होना आवश्यक है।
- आवेदक की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होना चाहिए।
- प्रदेश के ऐसे सभी नागरिक को लोन दिया जाएगा जो किसी भी तरह का व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक हों।इस योजना का लाभ सिर्फ नए उद्योग या व्यवसाय स्थापित करने वालों को ही मिलेगा।
- योजना के तहत कोई भी व्यक्ति , सरकारी समिति , संस्था , स्वयं सहायता समूह ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं।लेकिन एक व्यक्ति सिर्फ एक उद्योग स्थापित करने के लिए ही लोन ले सकता है
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- जन्म प्रमाण पत्र (आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए)
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- शैक्षिक प्रमाण पत्र (शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है)
- पहचान प्रमाण पत्र (वोटर कार्ड , आधार कार्ड आदि )
- जिस कार्य हेतु ऋण लिया जा रहा है उसके विवरण की एक कॉपी।
आवेदन पत्र के साथ ये सभी आवश्यक दस्तावेज भी जिला उद्योग केंद्र में जमा करने होंगे।
योजना के तहत उद्योग सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्तपोषण सुविधा उपलब्ध होगी। आवेदक अथवा परिवार के सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार लाभान्वित किया जाएगा।लाभार्थियों का चयन पहले आओ , पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।
बड़े प्रोजेक्ट में एमएसएमई (MSME) के तहत मिलेगी सब्सिडी
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति 25 लाख या उससे ज्यादा बजट का प्रोजेक्ट शुरू करना चाहता है। तो सरकार इस तरह के बड़े प्रोजेक्ट को एमएसएमई (MSME) नीति में अनुदान देगी।एमएसएमई नीति के तहत लगने वाले सभी उद्योगों के लिए 40% तक की सब्सिडी देने की व्यवस्था है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से भी छोटे कारोबार के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है।
मार्जिन मनी होगी अनुदान के रूप में समायोजित
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में राष्ट्रीयकृत बैंकों , अनुसूचित बाणिज्य बैंकों , सहकारी बैंकों के माध्यम से सभी पात्र विनिर्माण , सेवा और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए ऋण ले सकेंगे। एमएसएमई विभाग योजना के तहत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराएगा।
एमएसएमई नीति के अनुसार वर्गीकृत श्रेणी “A” में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत का 25% है। जबकि श्रेणी “B” में 20% और श्रेणी “C” और “D” में कुल परियोजना लागत का 15% तक दिया जायेगा।
उद्यम के 2 वर्ष तक सफल संचालन के बाद मार्जिन मनी अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी।
गांव-गांव तक पहुंचायी जायेगी योजना
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का उद्देश्य राज्य के उद्यमशीलता व प्रवासी उत्तराखंड वासियों को रोजगार के लिए प्रोत्साहित करना है।इसीलिए इस योजना को गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा।
जनप्रतिनिधियों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। योजना के तहत लाभार्थियों को ऋण लेने में कोई समस्या ना हो , इसके लिए डीएम और बैंक आपस में समन्वय स्थापित करेंगे।
वेब पोर्टल (WEB PORTAL – Hope ) की शुरुवात
राज्य के प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित युवाओं का डेटाबेस तैयार करने के लिए सीएम मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक पोर्टल (Hope) भी लॉन्च किया है।Hope का अर्थ Helping out people Everywhere हैं। इस पोर्टल का मकसद ही युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराना है। और यह पोर्टल मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए भी महत्वपूर्ण है।
Hope पोर्टल के माध्यम से उत्तराखंड के ऐसे युवा जो बेरोजगार हैं और उत्तराखंड के कौशल विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण लेना चाहते हैं।ऐसे युवाओं के लिए यह पोर्टल कार्य करेगा।ताकि उनको रोजगार या स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा सके।
वेबसाइट को खोलने के लिए web Link Address क्लिक करें – hope.uk.gov.in
आप आवेदन पत्र को यहाँ से भी डाउनलोड कर सकते हैं।
आवेदन पत्र डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें आवेदन पत्र
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