India’s New Parliament House :
India’s New Parliament House
भारत का नया संसद भवन
भारत के लोकतंत्र का मंदिर माना जाने वाला संसद भवन अब बिल्कुल नए एवं आकर्षक रंग , रूप और अंदाज में बहुत जल्दी दुनिया के सामने होगा। यह आईना होगा आधुनिक , सशक्त व आत्मनिर्भर भारत का। सभी आधुनिक सुविधाओं व आधुनिक तकनीकी से लैस होने के बावजूद भी यह प्राचीन गरिमामई भारतीय सभ्यता और संस्कृति का प्रतिरूप भी होगा।
नये संसद भवन का शिलान्यास
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को भारत के नये संसद भवन का शिलान्यास किया। यह नया संसद भवन मौजूदा संसद भवन के पास ही बनाया जायेगा। वर्तमान में संसद भवन वृत्ताकार रूप में है जबकि नए संसद भवन की इमारत तिकोनी होगी। जो मौजूदा संसद भवन से अधिक बड़ी , आकर्षक और आधुनिक सुविधाओं वाली होगी।
नए संसद भवन का निर्माण “सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project)” के तहत किया जायेगा। अगस्त 2019 में मौजूदा लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की ओर से नए संसद भवन का प्रस्ताव रखा गया।
नए संसद भवन का कार्य शुरू होने में देरी
नए संसद भवन के 2022 तक बनकर तैयार होने की संभावनाएं हैं। लेकिन इसके निर्माण के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में काफी याचिकाएं लंबित हैं। इसीलिए इसका निर्माण शुरू होने में अभी थोड़ा समय लग सकता है। अदालत ने अभी केवल आधारशिला रखने की इजाज़त दी है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इस बात का भरोसा दिया है कि जब तक इससे संबंधित सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अपना फ़ैसला नहीं दे देता , तब तक सरकार निर्माण कार्य शुरू नहीं करेगी।
सेंट्रल विस्टा क्या हैं ?
सेंट्रल विस्टा विरासत के रूप में मिला एक अहातानुमा क्षेत्र हैं जिसे सन 1962 के “दिल्ली मास्टर प्लान” के तहत “संपन्न संस्कृति की अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए महत्वपूर्ण स्थल (Important site to meet the aspirations of a rich culture) के तौर पर घोषित किया गया था।
सेंट्रल विस्टा का क्षेत्र
इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन की ओर लगभग 3 किलोमीटर का ये क्षेत्र (प्रिंसेस पार्क का इलाका इसके अंतर्गत आता है) और इसमें बनी सभी इमारतें सेंट्रल विस्टा का ही हिस्सा हैं यानि सेंट्रल विस्टा राजपथ के दोनों तरफ के क्षेत्र को कहते हैं।
सेंट्रल विस्टा के तहत राष्ट्रपति भवन , उपराष्ट्रपति भवन , संसद , नॉर्थ ब्लॉक , साउथ ब्लॉक आता है। इसके अलावा नेशनल म्यूजियम , इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स (IGNCA) , उद्योग भवन , नेशनल आर्काइव्ज , बीकानेर हाउस , निर्माण भवन , कृषि भवन , हैदराबाद हाउस और जवाहर भवन भी सेंट्रल विस्टा में ही आता हैं।
सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Central Vista Redevelopment Project)
सेंट्रल विस्टा पुनर्निमाण परियोजना केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को रेनोवेट करने की योजना को कहते है। सरकार की इच्छा संसद और इसके पास की सरकारी इमारतों के पुर्ननिर्माण की थी।
नये संसद भवन की जरूरत क्यों महसूस हुई ?( Why New Parliament House In India)
सरकार के अनुसार संसद के लगातार बढ़ते कामकाज के कारण एक नये व आधुनिक सुविधाओं से युक्त भवन की जरूरत काफी समय से महसूस की रही थी। वर्तमान संसद भवन ब्रिटिशकाल में बना हैं जो लगभग 93 वर्ष पुराना है। उसमें आज की जरूरत के हिसाब से न तो पर्याप्त जगह है और न हीं आधुनिक सुविधाएं व आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करने की व्यवस्थाएं।
कितना बड़ा होगा नया संसद भवन
नए संसद भवन में लोक सभा के 888 सदस्यों और राज्य सभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था हैं। नये भवन में लोकसभा भूतल में होगी। ज्यादा सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भविष्य में सांसदों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखकर की गयी हैं। वर्तमान में लोक सभा में 543 और राज्य सभा में 245 सीटें हैं। संयुक्त सत्र होने पर नए संसद भवन के लोक सभा कक्ष में 1224 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं। नए संसद भवन में सेंट्रल हॉल नहीं होगा।
नये संसद भवन के निर्माण पर ख़र्चा ( New Parliament House Expenses)
नया संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर (स्क्वायर मीटर) क्षेत्रफल पर बनेगा। जो मौजूदा संसद भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक होगा। नये संसद भवन के निर्माण की अनुमानित लागत 971 करोड़ रूपये है। यह चार मंजिला इमारत होगी। वर्तमान संसद भवन के निर्माण पर 83 लाख रुपए ख़र्च हुए थे जिसका उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था।
कैसा होगा नया संसद भवन
यह बिल्डिंग पूरी तरह से भूकंपरोधी होगी। और आधुनिक डिजिटल तकनीक से भी लैस होगी। इस भवन में भारत के प्रत्येक राज्य की वास्तुकला व शिल्पकला को शामिल किया जाएगा। संसद भवन में देश की विरासत , इतिहास और विविधता को उकेरने के लिए देश के करीब 200 शिल्पकार और कलाकारों के संगठनों का सहयोग लिया जायेगा यानी नया संसद भवन भारत की प्राचीन गरिमामई सभ्यता व संस्कृति का जीता जागता प्रमाण होगा। इसकी साज-सज्जा में भारतीय संस्कृति , शिल्प और वास्तुकला , क्षेत्रीय कला की विविधता आदि की झलक देखने को मिलेगी।
नये संसद भवन में एक शानदार संविधान हॉल होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत को दर्शाया जाएगा। उसमें डिजिटल डिस्पले के अलावा भारत के संविधान की मूल प्रति को भी रखा जाएगा । आम लोग भी इसे देख सकेंगे। नए संसद भवन को पर्यावरण अनुकूल बनाया जायेगा । सोलर सिस्टम लगाए जायेंगे। जिससे ऊर्जा की बचत होगी। भवन निर्माण के वक्त ध्वनि व वायु प्रदूषण न हो इसका ध्यान रखा जायेगा।
नये संसद भवन में सभी सांसदों को अलग आफिस दिया जाएगा और सभी आफिस आधुनिक डिजिटल सुविधाएँ से लैस होंगे। ताकि ‘पेपरलेस वर्क” के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। सांसदों के बैठने के लिए एक बड़ा हॉल , एक लाइब्रेरी , समितियों के लिए अलग-अलग कमरे , भोजन कक्ष और पार्किंग आदि की सुविधा मौजूद होगी।
कब तक बनेगा नया संसद भवन
नए संसद भवन के निर्माण के लिए 2022 तक का लक्ष्य रखा गया है। क्योंकि 2022 में ही भारत अपने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ बनाएगा। 566 मीटर व्यास वाले वर्तमान संसद भवन का निर्माण 1921 में शुरू हुआ था और इसको बनाने में छह साल लगे थे। 1927 में यह बनकर तैयार हुआ था।
कौन बनाएगा नया संसद भवन
नये संसद भवन को बनाने की जिम्मेदारी “टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड” को मिली है। उसने सितंबर 2020 में नये संसद भवन के निर्माण के लिए 861.90 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। इस प्रोजेक्ट का डिजाइन गुजरात (अहमदाबाद) स्थित आर्किटेक्चर फ़र्म “एचसीपी (HCP) डिज़ाइन्स” ने तैयार किया। जबकि ब्रिटिश काल के इस संसद भवन का डिज़ाइन एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने बनाया था।
“एचसीपी डिजाइन” ने गुजरात के गांधीनगर में सेंट्रल विस्टा और राज्य सचिवालय , अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट डिवेलपमेंट , आईआईएम अहमदाबाद के नए कैंपस के डवेलपमेंट , मुंबई पोर्ट कॉम्प्लेक्स , वाराणसी में मंदिर कॉम्प्लेक्स के रीडिवेलपमेंट आदि का कार्य सफलतापूर्वक किया हैं। इसीलिए उसे इन कामों का अच्छा अनुभव है।
सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में और क्या क्या बनेगा
नया संसद भवन केंद्र सरकार की योजना सेंट्रल विस्टा के तहत बनाया जा रहा है जिसमें संसद भवन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय , राष्ट्रपति भवन के अलावा कई अन्य भवनों का नवीनीकरण किया जाएगा और उपराष्ट्रपति का मौजूदा आवास गिराया जायेगा ।
संसद की नई इमारत के अलावा इस प्रोजेक्ट के तहत एक कॉमन केंद्रीय सचिवालय बनाया जाएगा। वहाँ मंत्रालयों के दफ़्तर होंगे। केंद्रीय सचिवालय बनाने के लिए उद्योग भवन , कृषि भवन और शास्त्री भवन की इमारतों को तोड़ा जा सकता है।
प्रधानमंत्री कार्यालय और उनके आवास को साउथ ब्लॉक और उपराष्ट्रपति के आवास को नॉर्थ ब्लॉक के पास ले जाने की संभावना हैं। साथ ही नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालयों में बदल दिया जायेगा । यानि राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ को भी नया रूप दिया जाएगा।
वर्तमान संसद भवन का उपयोग
वर्तमान संसद भवन का इस्तेमाल संसदीय आयोजनों के लिए किया जाएगा। संसद भवन की मौजूदा बिल्डिंग को एक म्यूजियम के तौर पर रखा जाएगा। इसमें भी अनेक तरह के काम चलते रहेगे।
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