Essay On National Unity Day in Hindi ,
Essay On National Unity Day
राष्ट्रीय एकता दिवस पर हिन्दी निबन्ध
- प्रस्तावना
- राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों और कब मनाया जाता है ?
- कौन हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल ?
- सरदार वल्लभभाई पटेल के कार्य
- राष्ट्रीय एकता दिवस महत्व
- उपसंहार
प्रस्तावना
भारत रत्न से सम्मानित , राष्ट्रीय एकता के प्रतीक , एक महान स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्लभभाई पटेल , जिनकी दूरदर्शिता और राजनीतिक कौशल के कारण आज संपूर्ण भारत एकता और अखंडता के सूत्र में बँधा है।
सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी बुद्धिमत्ता व समझदारी के बल पर बिना खून की एक बूंद बहाये , बिना कोई युद्ध किए , सभी बिखरे हुए राज्यों का भारत में विलय कर दिया। इसीलिए उन्हें “लौह परुष” कहा जाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों और कब मनाया जाता है ?
सरदार वल्ल्भ भाई पटेल के जन्मदिन को भारत में “राष्ट्रीय एकता दिवस” के रूप में मनाया जाता है। सरदार पटेल ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सभी बिखरे हुए राज्यों का भारत में विलय करा कर भारत को एकता व अखंडता के सूत्र में बाँधा। इसीलिए उन्हें “राजनैतिक एकीकरण का पितामह” माना जाता है।
भारत सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के अमूल्य योगदान को याद करते हुए उनके जन्मदिवस को “राष्ट्रीय एकता दिवस” के रूप में मनाने का फैसला लिया जिसकी शुरुआत 31 अक्टूबर 2014 को की गई।
कौन हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल ?
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नाडियाद (गुजरात ) में हुआ था।अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद वो वकालत की पढ़ाई करने लंदन चले गये। पढ़ाई खत्म होने के बाद भारत आकर उन्होंने वकालत शुरु की। इसी बीच महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर वो भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में कूद पड़े। और बाद में स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री तथा उपप्रधान मंत्री बने ।15 दिसंबर 1950 को उनकी मृत्यु हो गयी।
गुजरात के नर्मदा जिले में राष्ट्रीय एकता के प्रतीक सरदार वल्लभ भाई पटेल की एक विशाल मूर्ति (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ) को 31 अक्टूबर 2018 को उनके 143वें जन्मदिन के मौके पर स्थापित किया गया। यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से 3.2 किलोमीटर की दूरी पर साधु बेट नामक एक स्थान पर बना है जो नर्मदा नदी पर एक टापू है। बेमिसाल कारीगरी , उत्कृष्ट इंजीनियरिंग की मिशाल स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रतिमा 182 मीटर (597 फुट) ऊंची हैं। यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है।जो एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है।
सरदार वल्लभभाई पटेल के कार्य
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत को एकता और अखंडता के सूत्र में बांधने का महत्वपूर्ण कार्य किया। स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले ही सरदार वल्लभभाई ने भारत के सभी बिखरे राज्यों का भारत में विलय का कार्य आरंभ कर दिया था। उनके इस कार्य में वी.पी. मेनन ने उनका भरपूर साथ दिया।
पटेल तथा वी.पी.मेनन ने सभी देशी राजाओं को समझाकर उनको भारत में विलय होने के लिए तैयार कर लिया था।जिसके परिणाम स्वरुप लगभग सभी राज्यों ने स्वेच्छा से भारत में विलय स्वीकार कर लिया। लेकिन जम्मू कश्मीर , जूनागढ़ तथा हैदराबाद स्टेट के राजाओं ने भारत में विलय स्वीकार नहीं किया। जूनागढ़ के नवाब के विरुद्ध लोगों ने विरोध किया । नवाब के पाकिस्तान भाग जाने पर जूनागढ़ को भारत में मिला लिया गया।
हैदराबाद के निजाम के खिलाफ गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सैन्य कार्यवाही की।जिसके फलस्वरूप हैदराबाद के निजाम ने आत्मसमर्पण कर दिया।और हैदराबाद राज्य का भी भारत में विलय हो गया।लेकिन जम्मू कश्मीर को नेहरू ने अंतरराष्ट्रीय समस्या बताकर भारत में इसके पूर्ण विलय को रोक दिया।
सरदार वल्लभभाई ने बारडोली सत्याग्रह का सफल नेतृत्व किया। यह एक किसान आंदोलन था। इस आंदोलन के सफल होने पर महिलाओं ने उन्हें “सरदार” की उपाधि से सम्मानित किया।इसके अलावा उन्होंने और भी कई सारे आंदोलनों का नेतृत्व कर उन्हें सफल बनाया।
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व
कोई भी समाज व देश तभी सर्वांगीण विकास कर सकता है। जब वहां के लोगों के बीच एकता और भाईचारे की भावना हो। देश की सुरक्षा का मंत्र भी राष्ट्रीय एकता में ही निहित हैं। जिस देश के लोग एकता के सूत्र में बंधे हो , उस देश को कभी भी किसी तरह का कोई खतरा नहीं हो सकता।
राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का उद्देश्य युवाओं व बच्चों को देश की एकता और अखंडता के प्रति जागरूक करना है। और उनके अंदर देशप्रेम की भावना को जागृत करना हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस के दिन विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित कर लोगों को अपने देश की एकता व अखंडता के लिए कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित किया जाता है।
युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय एकता का सन्देश देने के लिए इस दिन राष्ट्रव्यापी मैराथन का आयोजन किया जाता है।क्योंकि यही युवा देश का असली भविष्य हैं।और इनको राष्ट्रीय एकता का महत्व समझना बेहद जरुरी हैं।
सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता का महत्व समझते थे। इसीलिए उन्होंने अपनी समझदारी व बुद्धि कौशल के बल पर पूरे देश को एकता के सूत्र में बांध दिया। जिसका परिणाम आज पूरा भारत एकता के सूत्र में बंधा हैं और सुरक्षित है। और दिन प्रतिदिन चंहमुखी विकास के मार्ग पर चलकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर भारत का बीज कहीं न कहीं सरदार वल्लभभाई पटेल ने ही बोये थे।
उपसंहार
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत की एकता और अखंडता को सुदृढ़ बनाने का प्रयास किया। उनके द्वारा किए गए इस कार्य के लिए यह देश और देश के लोग हमेशा उनके ऋणी रहेंगे क्योंकि उन्होंने अपने इस महान कार्य से देश को सदा सदा के लिए एकता के सूत्र में तो बांध ही दिया साथ ही साथ आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित कर दिया।
उनके जन्मदिन को “राष्ट्रीय एकता दिवस” के रूप में मना कर हम उन्हें अपने हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।उनके इस कार्य से प्रेरणा लेकर हमारी आने वाली युवा पीढ़ी को संकल्प लेना होगा कि अपने देश की एकता और अखंडता के लिए अगर अपनी जान भी कुर्बान करने पड़े तो वो पीछे नहीं हटेंगे , तभी हम उस महान आत्मा को अपने हृदय से सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएंगे।
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