Why Akshaya Tritiya celebrated, Significance of Akshaya Tritiya , Meaning of Akshaya Tritiya , अक्षय तृतीया का महत्व व लाभ , अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती हैं ? अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जयंती क्यों मनाई जाती हैं in hindi
Akshaya Tritiya
अक्षय तृतीया ( Akshaya Tritiya) को हम अक्ति (Akti) और अखा तीज (Akha Teej ) के नाम से भी जानते हैं।हिन्दू धर्म में यह दिन अति शुभ माना जाता हैं। अक्षय तृतीया अपने आप में एक स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मूहर्त देखे प्रारम्भ किया जा सकता है ।
Akshaya Tritiya Meaning
“अक्षय” यानी “न क्षयति इति अक्षय “। अर्थात जिसका कभी क्षय (ख़त्म या नाश ) न हो , उसे अक्षय कहते हैं । तृतीया मतलब तीसरा दिन। हिंदू धर्म में वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहते हैं। इसी दिन भगवान परशुराम का अवतरण इस धरती पर हुआ था। इसलिए इस दिन ( Akshaya Tritiya ) परशुराम जयंती भी मनाई जाती है।
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अक्षय तृतीया के दिन गंगा-स्नान करने एवं भगवान श्री कृष्ण को चंदन लगा कर उनकी पूजा आराधना करने से भगवान कृष्ण का आशीर्वाद मिलता है। यह दिन हर शुभ कार्य के लिए स्वयं सिद्ध माना जाता है।यानी कि इस दिन किया गया हर कार्य सफल होता है। और सच्चे मन से प्रभु का ध्यान व उनकी पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मान्यता है कि Akshaya Tritiya के दिन जिनका परिणय-संस्कार (विवाह) होता है।उनका सौभाग्य अखंड रहता है। इस दिन माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान करने, श्री सूक्त के पाठ के साथ हवन करने का भी विधान है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने से माँ अवश्य ही कृपा करती है। जातक को अक्षय पुण्य मिलने के साथ उसका जीवन धन-धान्य से भर जाता है।
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अक्षय तृतीया का महत्व
( Significance of Akshaya Tritiya)
हिन्दू धर्म शास्त्रों में Akshaya Tritiya के दिन को अति शुभ माना गया हैं। जो मनुष्य इस दिन गंगा स्नान या पवित्र नदियों में स्नान करता है। उसे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। यदि घर पर ही स्नान करना पड़े तो सूर्योदय से पूर्व उठ कर एक बाल्टी में जल भर कर उस में गंगा जल व तिल मिला कर स्नान करना चाहिए ।
अक्षय तृतीया के दिन भगवान श्री हरि (चाहे वह विष्णु रूप हो ,चाहे कृष्ण रूप हो,चाहे राम) की पूजा ,जप व होम-हवन के बाद दान करने के बाद पितृतर्पण भी अवश्य ही करना चाहिए। इस दिन जल में तिल, अक्षत, गंगा जल, शहद, तुलसी डाल कर देवताओं और पितरो का तर्पण करने से पितर अति प्रसन्न होते है और उनका आशीर्वाद मिलता है। पितरों का तर्पण करने वक्त आपकी भावना शुद्ध होनी चाहिए व मन में किसी भी तरह अहंकार का भाव नहीं आना चाहिए।
अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु को सत्तूका भोग लगाया जाता है ।और प्रसाद में इसे ही बांटा जाता है। इस दिन प्रत्येक मनुष्य सत्तू अवश्य खाना चाहिए।आज के दिन भगवान विष्णु को मिश्री और भीगी हुई चने की दाल व घर में बनाई हुई या कोई भी घर में बनी हुई मीठी चीज ( मिठाई , खीर ) काम भोग लगया जा सकता है ।
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अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है (Why we celebrate Akshaya Tritiya)
अक्षय तृतीया अनेक कारणों से मनाया जाता है। इस दिन से सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ माना जाता है ।अक्षय तृतीया के दिन ही गणेश जी ने भगवान व्यास के साथ महाभारत लिखना शुरू किया था । कहा जाता है कि द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि यह तिथि परम पुण्यमय है। इसी दिन श्री बद्रीनारायण के पट खुलते हैं।
ब्रह्मा जी के पुत्र श्री अक्षय कुमार , भगवान नर-नारायण , भगवान श्री परशुरामजी व भगवान हयग्रीव का अवतार भी इसी दिन हुआ था ।वृंदावन के श्री बांके बिहारीजी के मंदिर में केवल इसी दिन श्रीविग्रह के चरण-दर्शन होते हैं।अन्यथा पूरे वर्ष वस्त्रों से ढंके रहते हैं।
शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान कृष्ण और सुदामा का मिलन हुआ था।और भगवान श्रीकृष्ण ने अपने दोस्त धर्म का पालन सच्चे दिल से किया।और सुदामा का भाग्य बदल दीया।आज ही के दिन कुबेर देव को अतुल ऐश्वर्य की प्राप्ति हुई थी। वह देवताओं के कोषाध्यक्ष बने थे । आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।
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अक्षय तृतीया के दिन विशेष पूजा
( Pooja on Akshaya Tritiya )
अक्षय तृतीया के दिन की पूजा का अपना विशेष महत्व हैं।कहते हैं कि इस दिन किये गये दान पुण्य व पूजा का फल इन्सान को हजार गुना बढ़ कर मिलता हैं। इसीलिए Akshaya Tritiya के दिन बढ़-चढ़ कर दान पुण्य पूजा अर्चना करनी चाहिए। खास कर भगवान श्री कृष्ण और माता लक्ष्मी की।
Akshaya Tritiya के दिन गंगा-स्नान /नदी सरोवर में स्नान करने तथा भगवान श्री कृष्ण को चंदन लगाने का विशेष महत्व है। इस दिन घरों में महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते है। इस दिन श्री सूक्त , लक्ष्मी सहस्त्रनाम का पाठ करने से माँ लक्ष्मी यथाशीघ्र प्रसन्न होती है।और जातक धन-धान्य से परिपूर्ण हो ऐश्वर्य को प्राप्त करता है। साथ ही साथ रामरक्षा स्त्रोत का जाप करने से भी लाभ होता है ।
शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था।और कहा जाता है कि मां अन्नपूर्णा प्रसन्न हो तो घर का भंडार कभी खत्म नहीं होता।
अक्षय तृतीया पूजा के लाभ ( Akshaya Tritiya Benefits)
सारे शुभ व पूजनीय कार्य इस दिन होते हैं जिनसे प्राणियों (मनुष्यों) का जीवन धन्य हो जाता है।इस दिन दोपहर से पूर्व स्नान, जप, तप, होम, स्वाध्याय, पितृ-तर्पण तथा दान आदि करने वाला महाभाग अक्षय पुण्यफल का भागी होता है। इस दिन भगवान बद्रीनाथ को अक्षय (साबुत ) चावल चढ़ाने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।
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इस दिन ( Akshaya Tritiya) अपने सामर्थ्य के अनुसार अपने माता पिता ,बड़े बुजुर्ग और अपने गुरु को उपहार देकर उनका आशीर्वाद अवश्य ही लेना चाहिए।और उनके साथ कुछ समय भी बिताना चाहिए । इस दिन मिला हुआ आशीर्वाद वरदान साबित होता है।और जीवन में सच्चे ह्रदय से मिले आशीर्वाद का कोई भी मोल नहीं है ।अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है।
अक्षय तृतीया को क्या खरीददारी करें (Shopping on Akshaya Tritiya)
कहते हैं कि अक्षय तृतीया ( Akshaya Tritiya) के दिन की गई खरीददारी घर में सुख व समृद्धि लाती है। मान्यता है कि इस दिन सोने चांदी के जेवर व बर्तन खरीदने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं रहती है। कुछ लोग इस दिन सोने चांदी के आभूषण तो ,कुछ लोग सोने चांदी के बर्तन ,या सिक्के खरीद कर अपने पूजा स्थान पर रखते हैं और उनकी पूजा कर करते हैं।
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कुछ लोग इस दिन जमीन या मकान भी खरीदते हैं। यह दिन किसी भी नए कार्य को आरंभ करने के लिए सर्वोत्तम माना गया है ।इसीलिए लोग नए मकान की नींव रखते हैं या नए व्यवसाय का आरंभ करते हैं या नए घर में प्रवेश करते हैं। किसी भी शुभ कार्य जैसे विवाह, यज्ञोपवीत जैसे कार्यों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है ।इस दिन किसी भी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती। इस पूरे दिन का हर पल शुभ मुहूर्त माना जाता है।सो सारे शुभ कार्य दिन के किसी भी समय से शुरू किए जा सकते हैं।
अक्षय तृतीया को क्या ना करें
पुराण में बताया गया है कि अक्षय तृतीया के दिन व्यक्ति जो भी काम करता है उसका परिणाम इस जन्म में ही नहीं बल्कि कई-कई जन्मों तक प्राप्त होता है।इसलिए अक्षय तृतीया के दिन कुछ भी करने से पहले यह सोच लें कि आप जो कर रहे हैं उसका परिणाम क्या होगा।
Akshaya Tritiya के दिन लालच के कारण किसी को आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं ।क्रोध या हिंसा करते है ।किसी का तिरस्कार करते है या काम वासना से पीड़ित होकर कोई गलत काम करते है तो इसका कष्टकारी परिणाम भी आपको कई जन्मों तक भुगतना पड़ता है। इस दिन किसी का अहित ना करें।
आप सब को अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनायें। . ..
Wish you a very Happy Akshaya Tritiya …..
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