Essay On National Flag Of India :राष्ट्रीय ध्वज

Essay On National Flag Of India : राष्ट्रीय ध्वज पर निबन्ध

Essay On National Flag Of India 

राष्ट्रीय ध्वज पर निबन्ध

Essay On National Flag Of India

Content

  1. प्रस्तावना
  2. भारत में राष्ट्रीय ध्वज कब अपनाया गया 
  3. राष्ट्रीय ध्वज के रंग देते हैं सन्देश
  4. राष्ट्र ध्वज से संबन्धित नियम
  5. राष्ट्रीय ध्वज फहराना हर व्यक्ति का “मौलिक अधिकार”
  6. उपसंहार 

प्रस्तावना

प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र के कुछ न कुछ राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अवश्य होते हैं। यही प्रतीक चिन्ह उस राष्ट्र की पहचान भी होते हैं। और उस राष्ट्र की स्वतंत्रता का एहसास देशवासियों व शेष दुनिया को कराते हैं।

हमारा देश भारत भी एक लोकतांत्रिक स्वतंत्र गणराज्य है। इसीलिए हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ राष्ट्रीय प्रतीक हैं। जो इस देश की स्वतंत्रता तथा सांस्कृतिक गरिमा की पहचान हैं।

राष्ट्रीय ध्वज , राष्ट्रगान , राष्ट्र चिन्ह , राष्ट्रीय फूल , राष्ट्रीय पक्षी , राष्ट्रीय पशु आदि ऐसे विशिष्ट चिन्ह हैं जिनके माध्यम से भारत के राष्ट्रीय स्वरूप की पहचान होती है। हम सभी देशवासी इन राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति सम्मान व निष्ठा की भावना रखते हैं। 

भारत में राष्ट्रीय ध्वज कब अपनाया गया 

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत ने तिरंगे झंडे को राष्ट्र ध्वज के रूप में अपनाया।जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था।तब भारत के लोगों ने इसी झंडे के तले भारत की संपूर्ण स्वतंत्रता का आंदोलन चलाया। और उस वक्त यही तिरंगा झंडा हमारे साहस व संघर्ष का प्रतीक बन गया था।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इसी झंडे में थोड़े परिवर्तन किया गया और फिर इसे आजाद भारत का राष्ट्र ध्वज स्वीकार कर लिया गया। वैसे इस ध्वज को 22 जुलाई 1947 को भारतीय संविधान सभा की बैठक में राष्ट्रीय ध्वज के रूप में मान्यता दे गयी थी। इस ध्वज के जन्मदाता पिंगली वैंकैया हैं।

15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा इसे लाल किला में फहराया जाता है तो 26 जनवरी को देश के राष्ट्रपति इसे सम्मान के साथ फहराते हैं। 

हमारे राष्ट्रीय ध्वज की खासियत यह है कि इसे खादी के कपड़े से बनाया जाता है। क्योंकि खादी के कपड़े ने हमारे देश के स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।स्वतंत्रता आंदोलन के वक्त खादी का वस्त्र पहनने व खादी के कपड़ों को बनाने की प्रेरणा गांधी जी ने पूरे देश को दी थी। 

राष्ट्रीय ध्वज के रंग देते हैं सन्देश 

हमारे राष्ट्रीय ध्वज में तीन समान आकार की तीन रंग की पटियां हैं। झंडे की लंबाई उसकी चौड़ाई से डेढ़ गुनी अधिक होती है।ध्वज की लंबाई व चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। राष्ट्र ध्वज तीन रंगों से बना हुआ है।जो पूरे विश्व को एक संदेश देता हैं। 

  1. सबसे ऊपर केसरिया रंग जो साहस , त्याग , बलिदान , शक्ति , आत्मरक्षा और शौर्य का प्रतीक है।
  2. झंडे के बीच में सफेद रंग की पट्टी है जो सत्य , शांति , सात्विकता और निर्मलता का प्रतीक है। स्वाधीनता से पहले इस पट्टी के बीच में एक चरखा बना हुआ था।लेकिन स्वाधीनता के बाद इस चरखे का स्थान एक चक्र ने ले लिया। जिसे धर्मचक्र या विधि का चक्र भी कहते हैं।इस चक्र का रंग नीला हैं। और यह चक्र सम्राट अशोक की सारनाथ की लाट से लिया गया हैं।इस चक्र में 24 तीलियें  है जो एक दिन (रात व दिन ) के 24 घंटों का प्रतीक हैं जो हमें समझाते हैं कि जीवन लगातार चलने का नाम है । रुकना मतलब मृत्यु।
  3. सबसे नीचे की पट्टी हरे रंग की है। जो हमारे देश के मूमि की पवित्रता , धरती की उर्वरता और हरियाली का प्रतीक है। 

26 जनवरी का दिन हो या 15 अगस्त का दिन , पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज को पूरे सम्मान के साथ फहराया जाता है। स्कूल कॉलेजों में जब राष्ट्रध्वज को फहराया जाता है तो बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। वो पूरे सम्मान के साथ इस झंडे के नीचे खड़े होकर राष्ट्रगान गाकर झंडे की बंदना करते हैं। 

राष्ट्र ध्वज को फहराने के नियम

राष्ट्र ध्वज को फहराने के कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। उन्हीं नियमों के अनुसार राष्ट्रध्वज को फहराना आवश्यक है।

  1. सरकारी भवनों में प्रात काल से सायंकाल तक राष्ट्रध्वज फहराया जाता है। सूर्यास्त के समय ध्वज को उतार लिया जाना आवश्यक है।
  2. स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त ) और गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) आदि विशेष अवसरों पर देश का प्रत्येक नागरिक अपने भवन , ऑफिस , फैक्ट्री या किसी भी अन्य जगह पर सम्मान पूर्वक राष्ट्रध्वज पर फहरा सकता है। 
  3. राष्ट्रीय झंडे के बगल में उससे ऊंचा कोई भी अन्य झंडा फहराया नहीं जा सकता है।
  4. झंडे को फहराते समय सावधान की मुद्रा में खड़े होना अति आवश्यक है।
  5. झंडे का स्पर्श कभी भी पानी या जमीन पर नहीं होना चाहिए।
  6. झंडे का अपमान करना कानूनी अपराध है।
  7. झंडे को उल्टा रखा या लटकाया नहीं जा सकता हैं।यह राष्ट्रध्वज का अपमान हैं।
  8. राष्ट्रध्वज के वस्त्र को किसी भी अन्य कार्य में प्रयोग नहीं किया जाता है।
  9. राष्ट्रीय शोक के समय राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है। 
  10. नए कानून के अनुसार लोग अब तिरंगा कही भी और कभी भी फहरा सकते हैं। लेकिन पूरे सम्मान के साथ।
  11. झंडे को फहराने वक्त झंडे की प्रतिष्ठा और गरिमा को बनाए रखना अति आवश्यक है ।
  12. झंडे को सांप्रदायिक लाभ के लिए उपयोग करने की इजाजत किसी भी नागरिक को नहीं दी गई है।
  13. झंडे से किसी मंच , मूर्ति या आधारशिला को नहीं ढाका जा सकता है।
  14. झंडे से पोशाक या वर्दी तो बनाई जा सकती है। मगर कमर से नीचे वाले भाग में झंडे से बनी पोशाक को नहीं पहना जा सकता हैं ।
  15.  झंडे के अंदर फूल के अलावा कोई अन्य बस्तु नहीं रखी जा सकती है ।

राष्ट्रीय ध्वज फहराना हर व्यक्ति का “मौलिक अधिकार”

यह बड़ी अजीब सी विडंबना रही कि आजादी के 52 सालों तक सामान्य लोगों या देशवासियों को अपने घरों , कार्यालयों , फैक्ट्रीयों या अन्य स्थानों में तिरंगा फहराने की इजाजत नहीं थी। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर ही तिरंगे को पूरे सम्मान के साथ फहराया जाता था।

लेकिन अब देश का प्रत्येक निवासी अपने राष्ट्रीय ध्वज को पूरे सम्मान के साथ अपने ऑफिस या कार्यालयों में फहरा सकता है। तिरंगे को 365 दिन अपने घरों व कार्यालयों में फहराने का अधिकार दिलाने का श्रेय सांसद एवं जिंदल स्टील एंड पावर के मैनेजिंग डायरेक्टर नवीन जिंदल जी को जाता है।

जिंदलजी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि राष्ट्रीय ध्वज फहराना या लगाना हर व्यक्ति का “मौलिक अधिकार” है।यह अधिकार भारतीय नागरिक को “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” के तहत दिया गया है।

इसके बाद 26 जनवरी 2002 को “राष्ट्रीय ध्वज कोड“ में कुछ परिवर्तन किये गये। उसके बाद भारत के हर नागरिक को घरों , कार्यालयों , फैक्ट्रीयों या अन्य स्थानों में 365 दिन तिरंगा झंडा फहराने का अधिकार दिया गया। वह भी बिना किसी रुकावट के। कभी भी और कही भी ।लेकिन पूरे सम्मान के साथ।

उपसंहार (Essay On National Flag Of India)

हमारे राष्ट्रीय प्रतीक हमारी सांस्कृतिक अस्मिता को विश्वव्यापी पहचान दिलाती है।ये हमारे देश की गौरवमयी परंपराओं और जीवन मूल्यों को उजागर भी करती हैं। 

भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा , तीन रंगों से सजा हमारा प्यारा तिरंगा हमारी आन , बान , शान का प्रतीक है। तिरंगा हमारी पहचान हैं।साथ ही हमारा प्यारा तिरंगा हमारे संपूर्ण देश को भाईचारे और अनेकता में एकता का संदेश भी देता है। यह पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में बांधता है। 

 Essay On National Flag Of India : राष्ट्रीय ध्वज पर निबन्ध

इसी निबंध को हमारे YouTube channel  में देखने के लिए इस Link में Click करें  ।   YouTube channel link – (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)

You are most welcome to share your comments.If you like this post . Then please share it.Thanks for visiting.

यह भी पढ़ें……

सूरदास के पद (कक्षा -10 ) पाठ के प्रश्न उत्तर

बालगोबिन भगत(कक्षा -10 )पाठ के प्रश्न उत्तर

Essay on My Country India in hindi

Essay on Flood in hindi

Essay on Earthquake in hindi

Essay on Tree Plantation in Hindi

Essay on Soldiers in hindi

Essay on My Favorite Book in hindi

Essay on Gandhi Jayanti in hindi

Essay on साँच बराबर तप नहीं ,झूठ बराबर पाप ” in hindi

Essay On Dussehra in Hindi

Essay on Independence Day in hindi

Essay on Republic Day in hindi

Essay on Farmers in hindi

Esay on Pandit Jawaharlal Nehru in hindi