Essay on India Of My Dreams : मेरे सपनों का भारत पर हिन्दी निबंध
Essay on India Of My Dreams
मेरे सपनों का भारत पर हिन्दी निबंध
Content
- प्रस्तावना
- कैसा हैं मेरे सपनों का भारत
- सुराज्य व सुशासन की स्थापना हो
- देशवासी एकता के एक सूत्र में बंधे हो
- किसान अपनी भूमि का मालिक हो
- बेरोजगारी की समस्या न हो
- मजदूर वर्ग प्रसन्न रहे
- महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान
- हर बच्चे को शिक्षा व सही पोषण मिले
- पूर्ण सुविधा युक्त अस्पताल
- देश की सुरक्षा व्यवस्था लाजवाब हो
- उपसंहार
प्रस्तावना
मेरे सपनों के भारत में एक ऐसे राष्ट्र की कल्पना है जो अपने गौरवमयी ऐतिहासिक गाथाओं , पूर्वजों की धरोहरों , बेमिसाल सांस्कृतिक विरासतों और अपने आध्यात्मिक व धार्मिक मान्यताओं को अपने आप में समेटकर आगे बढ़े।और इसके साथ ही साथ आधुनिक टेक्नोलॉजी , विज्ञान और प्रौद्योगिकी , चिकित्सा क्षेत्र , शिक्षा जगत में भी उच्चता हासिल कर विश्व में अपना एक विशिष्ट स्थान बनाए।
यानी मेरे सपनों के भारत में पूर्वजों की बेमिसाल विरासतों के साथ-साथ आधुनिकता का एक संतुलित समन्वय हो।आज विश्व के सभी देश भारत का सम्मान करते हैं। “वसुधैव कुटुंबकम” और सम्पूर्ण विश्व में शांति बनी रहे , यही भारत की आदर्श भावना है। इसीलिए विकट से विकट परिस्थितियों में भी पूरा विश्व भारत की तरफ बड़ी उम्मीद भरी नजरों से देखता हैं।
कैसा हैं मेरे सपनों का भारत
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कृषि , उद्योग , व्यापार , विज्ञान , शिक्षा , सूचना और प्रौद्योगिकी , तकनीकि आदि क्षेत्रों में भारत ने खूब प्रगति की। विश्व के सभी विकासशील देशों में भारत ने अपना एक महत्वपूर्ण व अग्रणी स्थान बनाया है।
बावजूद इसके मेरे सपनों के भारत में कुछ कमी रह गयी हैं जिस वजह से हमारा देश अभी भी अपनी मूलभूत समस्याओं से मुक्त हो नहीं हो सका है।आज जब मैं अपने देश की वर्तमान तस्वीर देखती हूं तो लगता है कि यह तो मेरे सपनों का भारत नहीं हैं। मैं अपने सपनों के भारत में निम्न चीजें देखना चाहती हूं।
सुराज्य व सुशासन की स्थापना हो
मेरे सपनों का भारत तो वह भारत है जिसमें गांधी जी के रामराज्य की स्थापना हो।क्योंकि इसके लिए ही हमारे देश के अनगिनत वीर शहीदों ने अपने अनमोल प्राणों की आहूति हँसते हँसते चढ़ा दी थी।
मेरे सपनों के भारत में सिर्फ स्वराज्य ही नहीं बल्कि सुराज्य व सुशासन भी स्थापित हो।मेरी कल्पना का भारत एक फलता फूलता व हंसता खेलता स्वस्थ व स्वच्छ सुंदर राष्ट्र है जो लगातार विकास के पथ पर अग्रसर हो।
देशवासी एकता के एक सूत्र में बंधे हो
मेरे सपनों के भारत में सभी देशवासी एकता के एक सूत्र में बंधे हों।जिनमें प्रांतबाद , भाषावाद और धार्मिक संकीर्णता का छाया न हो।सब खुले दिल से राष्ट्र को सुखी , समृद्ध और शक्तिशाली बनाने में अपना पूरा योगदान दें। समाज में ऊंच-नीच , जाँती पाँती ,लिंग भेद आदि की दीवारों ना हों।
किसान अपनी भूमि का मालिक हो
गांव में हर किसान अपनी भूमि का मालिक स्वयं हो। उनके खेतों में हरियाली व घर अनाज के भंडारों से भरे हो और उनके जीवन में खुशहाली हो।कोई भी किसान किसी तरह के कर्ज में डूब कर खुदकुशी ना करें।अन्नदाता का सर्वथा व सब जगह सम्मान हो।
बेरोजगारी की समस्या न हो
देश में किसी भी पढ़े लिखे , प्रशिक्षित व्यक्ति के सामने बेरोजगारी का प्रश्न न खड़ा रहे।देश के हर युवा को उसकी योग्यता के अनुसार रोजगार के समान अवसर मिलें।ताकि कोई भी व्यक्ति रोजगार व भुखमरी के कारण अपने प्राण न गवांये।मेरे सपनों के भारत में लोगों के जीवन में भ्रष्टाचार हावी न हो।सब मेहनत लगन व ईमानदारी से काम करें।
मजदूर वर्ग प्रसन्न रहे
नये व पुराने सभी तरह के उद्योग धंधे खूब फलते फूलते रहें। मिलो , कारखानों में प्रसन्नता से काम करते हुए मजदूर देश को और भी समृद्ध और शक्तिशाली बनाने में जुटे हों।सबके तन पर कपड़ा हो ,पेट भरे हो और सबके मन में सुख , संतोष व खुशी की भावना हो।
हर बच्चे को शिक्षा व सही पोषण मिले
मेरे सपनों के भारत में हरे छोटे बच्चे को पूर्ण पोषण युक्त आहार मिले और शिक्षा का पूर्ण अधिकार मिले।किसी भी छोटे बच्चे को किसी भी कारण बस , कभी भी स्कूल ना छोड़ना पड़े। उन्हें किसी भी तरह के शोषण का शिकार ना होना पड़े और जीवन यापन के लिए मजदूरी ना करने पड़े।
हर छोटे से छोटे गांव में भी सभी मूलभूत सुविधाओं से युक्त प्राथमिक पाठशाला हो और उसमें हँसते मुस्कुराते स्वस्थ बच्चे खुशी खुशी अपनी पढ़ाई करें। हमारे स्कूल व विद्यालय सरस्वती के सच्चे मंदिर हों।
बड़े बड़े गांवों में शहरों की तरह ही विद्यालय व कस्बों में महाविद्यालय ज्ञान विज्ञान का प्रकाश फैलाते हों।जगह-जगह पुस्तकालयों और शौचालय की स्थापना होगी। उच्च शिक्षा के द्वार सभी के लिए खुले हों। शिक्षा में रोजगार पूरक विषयों को प्राथमिकता के साथ-साथ औद्योगिक और आर्थिक विषयों को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाय।
महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान
दुनिया की आधी आबादी कहे जाने वाली महिलाओं का सशक्तिकरण अत्यंत आवश्यक है। इसीलिए महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर हो। हर महिला अपने देश के किसी भी भाग में आने जाने वक्त या घर से बाहर निकलते वक्त असुरक्षित महसूस ना करें। मेरे सपनों के भारत में महिलाओं की शिक्षा और उनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता हो।यह जरूरी हैं।
महिलाओं से किसी भी तरह का भेदभाव किसी भी क्षेत्र में न किया जाता हो। पढ़ाई लिखाई , खान पान , रहन सहन , पहनावे और रोजगार संबंधी चीजों में लिंग भेदभाव बिल्कुल खत्म हो जाय ताकि सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए महिलाओं को भी समान अवसर मिले।
समाज से बाल , विवाह दहेज हत्या , कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथा खत्म हो। महिलाओं का शारीरिक , मानसिक और यौन शोषण ना हो। महिलाओं तन मन से स्वस्थ व सुरक्षित महसूस करें।
पूर्ण सुविधा युक्त अस्पताल
हर गांव , हर कस्बे , हर शहर में पूर्ण सुविधा युक्त अस्पताल हो ताकि बिना इलाज के कोई भी व्यक्ति अस्पताल में दम न तोड़े। बीमार व बुजुर्गों के लिए पूरी सुविधाओं से लैस अस्पताल हों। शहरी और देहाती इलाकों में चिकित्सा की उत्तम सुविधाएं हों।गांव गांव में दवाखाने हों।गांव का डॉक्टर किसी भी ग्रामीण को बेमौत मरने न दे।
देश की सुरक्षा व्यवस्था लाजवाब हो
हमारे देश की सुरक्षा व्यवस्था लाजवाब हो। हमारी सेनाएं शत्रु को हमारे देश व हमारी सीमाओं पर बुरी नजर डालने ही न दें। देश में कानून का सख्ती से पालन होगा। चोर , डाकू , तस्करों और काला बाजारी करने वालों की काली कमाई के सारे दरवाजे बंद हों।भ्रष्टाचारियों और देशद्रोहियों को कड़ी सजा देकर उन्हें सबक सिखाया जाय।
उपसंहार (Essay on India Of My Dreams)
मेरे सपनों का भारत एक महान और आदर्श भारत हैं।जिससे पूरा विश्व से प्रेरणा लेगा ।शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था तक , नए नए आविष्कारों से लेकर अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने तक , हर क्षेत्र में भारत विकास के मार्ग पर अग्रसर हो। और पूर्ण विकसित राष्ट्र के नाम से दुनिया में जाना जाये। ताकि दुनिया उम्मीद भरी नजरों से मेरे देश की तरफ देखें।
लेकिन साथ ही साथ हमारे पूर्वजों के बताए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर पूरी दुनिया को शांति का मार्ग बताकर विश्व गुरु की पदवी धारण करें। ताकि पूरी दुनिया में शांति के दूत के रूप में भारत का नाम स्वर्णिम अक्षरों पर लिखा हो।
काश मैं अपने सपनों के भारत का सपना अपनी आंखों से पूरा होते हुए देख सकूं।
Essay on India Of My Dreams : मेरे सपनों का भारत पर हिन्दी निबंध
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