Atma Nirbhar Bharat through Ek Bharat Shrestha Bharat

Atma Nirbhar Bharat through Ek Bharat Shrestha Bharat :

एक भारत , श्रेष्ठ भारत के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत

Atma Nirbhar Bharat through Ek Bharat Shrestha Bharat

Atma Nirbhar Bharat through Ek Bharat Shrestha Bharat

Content /संकेत बिन्दु /विषय सूची 

  1. प्रस्तावना
  2. विविधता में एकता
  3. एक भारत , श्रेष्ठ भारत 
  4. एक भारत , श्रेष्ठ भारत के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत
  5. उपसंहार 

प्रस्तावना

“एक भारत , श्रेष्ठ भारत” को हम सब मिलकर जब आगे बढ़ांगे ,

तभी देश को आत्मनिर्भर बना पाएंगें”।

विविधता में एकता यही भारत की सबसे बड़ी विशेषता व पहचान है। भारत विभिन्न संस्कृतियों , जातियों , धर्मों , रीतिरिवाजों व परंपराओं का संगम स्थल है।

भारत के हर राज्य में लोगों की भाषा , पहनावा , रहन-सहन  , संस्कृति , खान-पान सब कुछ बदल जाता है। बस कुछ नहीं बदलता तो , वह है उनकी भारतीयता व उनका अपने देश से अटूट प्रेम और यही भारत की सबसे बड़ी ताकत है जो पूरे देश को एकता व अखंडता के सूत्र में बांधती है। 

विविधता में एकता

भारत विविधताओं का देश है। यह न सिर्फ भौगोलिक रूप से विविधताओं भरा है बल्कि इस देश में रहन-सहन , खान-पान , संस्कृति , धर्म , जाति , आस्था व विश्वास में भी व्यापक विविधता है। 

इतनी विविधताओं के बावजूद भी ये देश एक सूत्र में बंधा है और हर रोज आत्मनिर्भर होने के लिए प्रयासरत है। इस देश की विविधता ही भारत को विश्व में एक अलग पहचान दिलाती है। शेष विश्व के लिए भारत की यही विविधता , यहां की सांस्कृतिक विरासतें , पूर्वजों की धरोहरें , यहां का आध्यात्मिक ज्ञान और  संस्कृति आकर्षण का केंद्र है। 

एक भारत , श्रेष्ठ भारत अभियान 

पूरे देश को एकता , अखंडता के सूत्र में बांधने वाले भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन (31 अक्टबूर 2015) के सुअवसर पर “एक भारत , श्रेष्ठ भारत” की शुरुआत की गई थी।

एक भारत , श्रेष्ठ भारत  , देश के विभिन्न राज्यों में सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने के लिए चलाया गया एक अभियान था जिसका उद्देश्य विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासतें के माध्यम से देश के लोगों में राष्ट्रीय एकता , सहयोग , भाईचारे , सौहार्द की भावना को बढ़ावा देना है जो राष्ट्र के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा । साथ ही साथ इससे देश में शान्ति और सद्भावना भी बढ़ेगी ।

इसके माध्यम से एक राज्य के लोग , दूसरे राज्य की विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को पहचानेंगे और उस राज्य की संस्कृति , परम्परा और भाषा के बारे में जानेंगे और उसे अपनाएंगे भी । इस कार्यक्रम के जरिये सभी 36 राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों की समृद्ध संस्‍कृति , विरासत , खान-पान , पहनावा  , हस्‍तकला , संस्कृति, परम्परा , भाषा , रीति-रीवाजों से देश के लोगों को रूबरू कराया गया।  इस अभियान में सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए दो अलग-अलग राज्‍यों को जोड़ीदार बनाया गया जैसे उत्‍तराखंड़ और कर्नाटक , राजस्‍थान और असम आदि।

जैसे इस साल उत्‍तराखंड़ ने कर्नाटक को चुना तो अब उत्‍तराखंड़ कर्नाटक की , संस्कृति,  भाषा ,खानपान , पहनावा, रहन-सहन, पर्यटन, रीति-रिवाज , व्यवसाय आदि के बारे में जानेगा और समझेगा। इससे दोनों राज्यों के बीच के भाईचारे के रिश्ते को बल मिलेगा ।

अब ऐसे ही हर साल, प्रत्येक राज्य किसी अन्य राज्य का चयन करेगा और उस राज्य की भाषा, संस्कृति , परंपरा , रीति-रिवाज , खान-पान आदि के बारे में जानेगा और अपनाएंगा। इसी तरह उत्‍तराखंड़ अगले साल किसी अन्य राज्य का चयन करेगा। एक भारत , श्रेष्ठ भारत से एक राज्य के लोगों के मन में , दूसरे राज्य के लोगों के प्रति सम्मान की भावना का विकास होगा। और दोनों राज्यों के बीच रिश्ते और मजबूत बनेंगे। 

एक भारत, श्रेष्ठ भारत में भारत सरकार के सूचना मंत्रालय , रेल मंत्रालय, खेल एवं युवा विभाग पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, मानव संसाधन मंत्रालय का भी सहयोग लिया जायेगा जिससे राष्ट्रीय एकीकरण को बल मिलेगा।एक भारत, श्रेष्ठ भारत को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार दोनों मिलकर काम करेंगी।

राष्ट्र के लोगों को जागरूक करने के लिए इसे एक जन आंदोलन का रूप दिया जायेगा जिसमें सरकार और आम जनता दोनों की सक्रिय भागीदारी होगी । इसमें मीडिया, सरकारी विभाग, सोशल प्लेटफार्म आदि भी समान रुप से शामिल होंगे।

एक भारत श्रेष्ठ भारत से आत्मनिर्भर भारत 

राज्यों के सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान से सभी राज्यों के लोगों के बीच आपस में प्रेम , भाईचारे और संस्कारों का आदान-प्रदान बढ़ेगा। जिससे देश की एकता और अखंडता मजबूत होगी। देश के लोगों के बीच नई ऊर्जा का संचार होगा। युवाओं के अंदर राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास होगा।

सभी राज्यों के बीच शिक्षा , मनोरंजन , पर्यटन , व्यापार को बढ़ावा मिलेगा जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और आर्थिक समृद्दि भी आएगी। दो अलग-अलग राज्यों के लोगों को एक-दूसरे राज्यों की संस्कृति और सभ्यता को समझने एवं अपनाने का मौका मिलेगा जो , निश्चित रूप से पर्यटन क्षेत्र में बृद्धि करेगा जिससे आत्मनिर्भर भारत के सपने को बल मिलेगा ।

उपसंहार 

अनेकता में एकता ही है , भारत की अनूठी विशेषता व पहचान ” ।

एक भारत, श्रेष्ठ भारत” से न सिर्फ देश के सभी राज्यों के बीच अच्छे रिश्ते बनेंगे , बल्कि व्यापार, शिक्षा , पर्यटन आदि के क्षेत्रों में भी बृद्धि होगी जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

लोगों को उनके गृह राज्य में या देश में ही रोजगार मिलेंगे जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी तो देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी और भारत आत्मनिर्भर भारत की तरफ एक कदम बढ़ायेगा।

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