An Essay On Indian Festivals : हमारे त्यौहार पर निबन्ध 

An Essay On Indian Festivals : हमारे भारतीय त्यौहार पर हिंदी निबन्ध

An Essay On Indian Festivals

हमारे त्यौहार पर हिंदी निबन्ध

Content 

  1. प्रस्तावना (Introduction)
  2. भाईचारे , सामाजिक सौहार्द व एकता का संदेश देते हैं त्यौहार (Messages Of Festival)
  3. भारत के राष्ट्रीय त्यौहार (National Festival Of India)
  4. त्यौहारों का महत्व (Significance Of Festivals)
  5. कैसे मनाये जाते हैं त्यौहार (How Festivals are Celebrated)
  6. त्यौहारों का बदलता स्वरूप  
  7. उपसंहार (Conclusion)

प्रस्तावना

जीवन में त्यौहारों का बहुत बड़ा महत्व होता है। और हमारे देश में त्यौहारों की योजना कुछ इस तरह से की गई है कि लोग हर महीने या हर मौसम में त्यौहारों का आनंद उठा सकें।भारत में मनाये जाने वाले सभी त्यौहार भारतीय संस्कृति व परंमपरा के प्रतीक हैं।

भारत में अनेक जाति , धर्म , संप्रदाय के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। और यहां के लोग सभी धर्मों ,पर्वों को समान आदर भाव से देखते हैं। इसीलिए यहां पर हर धर्मों के त्यौहारों को बड़े ही सौहार्द व भाईचारे के साथ मनाया जाता हैं। 

भाईचारे ,सामाजिक सौहार्द व एकता का संदेश देते हैं त्यौहार

एक और जहां दीपावली प्रकाश का पर्व है जिसमें घर आंगन के दीयों की जगमगाहट से आमवस्या की रात भी रोशन हो जाती हैं। दिलों से अंधकार मिट जाते हैं। यह पर्व संदेश देता है अज्ञानता से ज्ञानता और अंधकार से प्रकाश के पथ पर अग्रसर होने का। वही दशहरा अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है।

इसी तरह राखी का त्यौहार भाई-बहन के पवित्र प्रेम व प्यारे बंधन को समर्पित है।रक्षाबंधन भाई-बहन के निस्वार्थ व पवित्र स्नेह की महिमा को गाता है। तो ईद सारे गिले शिकवे भूलकर एक-दूसरे के गले मिलकर उन्हें माफ कर अपनाने का त्यौहार है।क्रिसमस का त्यौहार पूरी दुनिया को मानव मात्र की सेवा का संदेश दे जाता है। 

बसंती मौसम में आने वाला रंगों का त्यौहार होली अपने आप में सबसे अलग , सबसे अद्भुत है। यह त्यौहार नृत्य , संगीत , रास-रंग और हंसी-ठिठोली का त्यौहार है। जो बसंत ऋतु की तरह ही मन में भी उत्साह और उमंगों के बासंती फूल खिला कर जाता है। 

इसके अलावा हमारे देश में कुछ धार्मिक त्यौहार भी मनाए जाते हैं। जो तन-मन के दोषों को दूर कर पवित्र कर जाते हैं।उस परमशक्ति पर हमारे विश्वास को और मजबूती प्रदान करते हैं।

मकर संक्रांति , बसन्त पंचमी , महाशिवरात्रि , जन्माष्टमी , रामनवमी , गणेश चतुर्थी  आदि त्यौहारों में हमारी सनातन संस्कृति और हमारी समृद्धि परंपराएं अपने भव्य और भिन्न-भिन्न रूपों में प्रतिबिंबित होती है। 

भारत के राष्ट्रीय त्यौहार (National Festivals of India)

इसके अलावा 15 अगस्त , 26 जनवरी , गांधी जयंती आदि हमारे राष्ट्रीय त्यौहार हैं। जो सारे देश में एक साथ , एक दिन , एक वक्त पर मनाए जाते हैं। इन त्यौहारों के पीछे हमारे देश का स्वर्णिम इतिहास और गौरवगाथाएँ छिपी हुई है।लाखों शहीदों के बलिदान और अनेक महापुरुषों के त्याग की कहानियों इन राष्ट्रीय त्योहारों के साथ जुड़ी हुई हैं।

इन त्यौहारों से राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश लोगों के बीच में जाता है। और राष्ट्रभक्ति की भावना और मजबूत होती है। ये त्यौहार हमें देशभक्ति और बलिदान का संदेश देते हैं। 

त्यौहारों का महत्व (Significance Of Festivals)

  1. त्यौहार सामाजिक सौहार्द , सद्भावना व भाईचारे का संदेश देते है। बड़ों और बच्चों की खुशियां त्यौहारों में अपार होती हैं। 
  2. प्राचीन समय में हमारे त्यौहार मुख्यतः आनंद व मनोरंजन के साधन होते थे। क्योंकि पहले मनोरंजन के साधन बहुत कम होते थे। 
  3. लोग कुछ समय के लिए इन त्यौहारों के कारण अपनी चिंताओं को भूलकर खुशियां मनाते हैं।और तनाव मुक्त होते हैं। त्यौहारों से तन मन ताजा हो जाते हैं।  
  4.  त्यौहारों से लोगों को ताजगी व स्फूर्ति मिलती है।एक नई तरह से जीवन जीने की प्रेरणा मिलती हैं।लोग अपने तनाव दूर कर मिलजुलकर त्यौहारों को मनाते हैं। 
  5. त्यौहारों से लोगों को ताजगी व स्फूर्ति का एहसास तो होता ही है। साथ ही साथ अपनी समृद्ध परम्पराओं को जानने समझने व उन्हें दुबारा जीने का मौका भी मिलता हैं। 
  6. धार्मिक त्यौहारों से तन मन पवित्र हो जाते है। इन त्यौहारों में लोग भगवान के चरणों में अपना समय बिताते हैं। और उस सर्वशक्तिमान की महत्वता को स्वीकार कर जीवन के कर्तव्य पथ पर अग्रसर होते हैं। 
  7. त्यौहार जाति , धर्म और प्रांतीय दीवारों को गिरा देते हैं। व हमारे दिलों में सहयोग और भाईचारा की भावना को उत्पन्न करते हैं। जिससे हमें अन्याय , अत्याचार से लड़ कर देश में न्याय और शांति की स्थापना करने की प्रेरणा मिलती है। 
  8. धार्मिक त्यौहारों से त्याग और तपस्या से जीवन को सुखी बनाने का सुनहरा संदेश मिलता है।  

कैसे मनाये जाते हैं त्यौहार (How Festivals are Celebrated)

भारत में सभी त्यौहार बड़े धूमधाम व हर्षोउल्लास के साथ मनाये जाते हैं। त्यौहारों में लगभग सभी स्कूल , कॉलेज , सरकारी व प्राइवेट दफ्तर आदि बंद रहते हैं। लोग अपने घरों में रह कर मौज मस्ती करते हैं। और तरह-तरह के पकवान व व्यंजन बनाते व खाते खिलाते हैं।खास कर बच्चों का उत्साह तो देखते ही बनता हैं। 

त्यौहारों में एक दूसरे को शुभकामनाएं दी जाती हैं। उपहारों व मिठाइयों का आदान-प्रदान किया जाता है। हमारे देश में धार्मिक त्यौहारों को भी बहुत महत्व दिया गया है। धार्मिक त्यौहारों के दिन लोग व्रत , पूजा , उपासना आदि करते हैं।

त्यौहारों में घरों की साफ-सफाई व सजावट को विशेष महत्व दिया जाता है। त्यौहारों में घर आंगन को साफ सुथरा किया जाता है। उसको तरह तरह से सजाया जाता हैं। संगीत नृत्य से जिंदगी झूम उठती है। पकवानों की खुशबू से मन खुश हो जाता हैं। इन त्यौहारों के अवसर पर कहीं-कहीं मेलों का आयोजन होता हैं तो कहीं कहीं प्रदर्शनियों भी लगाई जाती हैं। 

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त्यौहारों का बदलता स्वरूप (An Essay On Indian Festivals)

यह हमारे समाज की बड़ी बिडंबना है कि समय के साथ साथ त्यौहारों का मूल स्वरूप व उद्देश्य भी बदलता जा रहा है। आजकल कुछ लोग त्यौहारों की पवित्रता को भूलकर त्यौहारों में शराब पीते हैं व जुआ खेलते हैं।और लोगों को गाली गलौज करते हैं। 

त्यौहारों का मूल उद्देश्य भूलकर दिखावे के चक्कर में अत्यधिक पैसा बर्बाद करते हैं।त्यौहार किसी भी हालत में अमीरी दिखाने या विलासिता दिखाने का माध्यम नहीं है। दूसरी बात आजकल लोग जरा सी बात पर कहासुनी या हाथापाई भी करने लगते हैं जिससे त्यौहारों का आनंद ही खत्म हो जाता है।

त्यौहार हमारे जीवन को ताजगी व उमंग से भर देते हैं और प्राणों को प्रकाशमान हैं। इसीलिए हमें अपने इन त्यौहारों के महत्व को समझना चाहिए और उनसे संबंधित बुराइयों का त्याग कर उनकी अच्छाइयों को अपनाना चाहिए। 

त्यौहार प्राचीन काल में हमारे पूर्वजों के मनोरंजन के साधन होते थे। आज के इस आधुनिक युग में भी जहां मनोरंजन के अनेक साधन मौजूद हैं। इनका महत्व फिर भी कम नहीं हुआ है। आज भी ये हमारे लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने प्राचीन समय में हुआ करते थे।

हमें इस बदलते समय में भी अपने इन खूबसूरत त्यौहारों के असली मकसद को बनाये व बचाए रखना अति आवश्यक है।आधुनिकता के इस दौर में कही ये त्यौहार अपनी चमक न खो दें। बस हमें इस बात का ध्यान अवश्य रखना होगा। 

उपसंहार (An Essay On Indian Festivals)

किसी भी देश के त्यौहार वहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत , वहां की विशिष्ट परंपराओं तथा लोगों के रहन सहन का आईना होते हैं। त्यौहारों से ही वहां के लोगों की गौरवशाली परंपरा , पूर्वजों की धरोहर का पता चलता है।

त्यौहार एक और जहां व्यक्ति के मन मस्तिष्क में सकारात्मक प्रभाव छोड़ते हैं। जीवन को फिर से एक नए उत्साह उमंग से भर देते हैं। वही लोगों के दिलों का मैल साफ़ कर उनको एक दूसरे के करीब लाते हैं। हर त्यौहार में मानव जाति के लिए कुछ न कुछ संदेश अवश्य छुपा रहता है। बस हमें उन संदेशों को अपने जीवन में उतरना हैं। 

An Essay On Indian Festivals : हमारे भारतीय त्यौहार पर हिंदी निबन्ध

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