Homestay in Uttarakhand ,what is Homestay in Uttarakhand ?दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (Homestay) विकास योजना क्या है ? in hindi
Homestay in Uttarakhand
हर रोज बीरान होते गांव, खंडहर होते घर, अपने गांव घरों को छोड़ कर रोजी रोटी की तलाश में पलायन करते नवयुवक, उनके लौटने के इंतजार में राह ताकते बुजुर्ग, पानी के बगैर खेतों में सूखती फसल, ऊपर से जंगली जानवरों का आतंक ???…. यही दास्तां रह गई है उत्तराखंड के पहाड़ों की।
इन्हीं वीरान गाँवों व खंडहर होते मकानों को फिर से आबाद करने का काम, इन गाँवों में फिर से पुरानी रंगत व रौनक वापस लाने का हर संभव प्रयास उत्तराखंड राज्य की सरकार कर रही है।इसी प्रयास में एक और कदम है। “दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) विकास योजना /Homestay in Uttarakhand”।
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इस योजना के माध्यम से सरकार ग्रामीण पर्यटन के विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ यहाँ आने वाले पर्यटकों को आवास की सुविधा देने ,स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने की कोशिश में लगी है।
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में नये आवास गृहों को विकसित करने तथा पुराने पंजीकृत होम स्टे आवासों का पुनर्निर्माण कर उन्हें सजाने संवारने तथा उनमें और सुविधाओं को जोड़ने के लिए सरकार राजकीय सहायता भी प्रदान कर रही है।
दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (Homestay in Uttarakhand) विकास योजना का मुख्य उद्देश्य
उत्तराखंड राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना ,गाँवों से लोगों का पलायन को रोकना एवं स्थानीय लोगों को उनके गाँव-घरों में ही रोजगार मुहैया करना तथा राज्य में पर्यटन को एक उद्योग के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से इस योजना का शुभारंभ किया गया है।
इस योजना (Homestay in Uttarakhand) का मुख्य उद्देश्य सुदूर पर्वतीय अंचलों में पर्यटन से रोजगार पैदा करना है।ताकि नव युवकों को उनके गांव घरों में ही रोजगार मिल सके ताकि और रोजगार के लिए अपने गाँवों से पलायन ना करना पड़े ।
सहयोगी विभाग -पर्यटन विभाग (उत्तराखंड)
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सरकारी मदद
इसके अंतर्गत ग्रामीण/पर्वतीय क्षेत्रों में होम स्टे के निर्माण के लिए भवन स्वामियों को बैंक ऋण पर अधिकतम 33% या 10 लाख रूपये(इनमें जो भी कम हो) तक की सब्सिड़ी तथा ब्याज में पहले 5 वर्षों तक 1.50 लाख तक की अधिकतम छूट दी जाएगी।
मैदानी क्षेत्रों में होम स्टे निर्माण के लिए पूजी पर अधिकतम 7.50 लाख रूपये तक की सब्सिड़ी तथा ब्याज में पहले 5 वर्षों तक 1लाख तक की अधिकतम छूट दी जाएगी।
अगर कोई व्यक्ति होम स्टे (Homestay in Uttarakhand) का लाभ लेना चाहता है तो,यदि वह व्यक्ति उत्तराखंड राज्य के मूल निवासी हो ,होम स्टे के निर्माण के लिए प्रस्तावित भूमि का स्वामी हो, प्रस्तावित होम स्टे में परिवार सहित निवास करता हो।
तथा किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था का डिफ़ॉल्टर न हो तो उसे सरकार द्वारा सहायता दी जायेगी।
कहाँ लागू की जाएगी योजना
दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (Homestay in Uttarakhand) विकास योजना नगर निगम क्षेत्रों को छोड़कर संपूर्ण प्रदेश में लागू की जाएगी।यह योजना सिर्फ उन्हीं आवासों में लागू होगी जहाँ गृह स्वामी परिवार सहित निवास करता हो।
मुख्य हाइवे के किनारे स्थानीय बेरोजगार नवयुवक अपनी भूमि पर होम स्टे का निर्माण कर बाहर से आने वाले पर्यटकों को आवासीय व खाने पीने की व अन्य मूलभूत सुबिधा देकर रोजगार प्राप्त कर सकते है।इसके लिए सरकार 25% तक की सब्सिड़ी के साथ लोन दे रही है।
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लाभार्थियों की चयन प्रक्रिया
इस योजना (Homestay in Uttarakhand) में लाभार्थियों का चयन करने एवं योजना को सही रूप से चलाने के लिए एक समिति का गठन किया है।जिसमें अध्यक्ष जिलाअधिकारी को बनाया गया है।इसके साथ ही इसके सदस्य जिले के एसडीओ, जीएम डीआईसी, बैंक अधिकारी, नाबार्ड प्रतिनिधि व पर्यटन विकास अधिकारी होंगे।
एक बार समिति द्वारा लाभार्थी का चयन होने के बाद लाभार्थी को विभाग में अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।साथ ही साथ पर्यटन सचिव द्वारा बैंकों को प्राप्त होने वाले आवेदनों को ऑनलाइन जांच करने का सुझाव भी दिया है जिससे आवेदनों का निस्तारण समय पर हो सके।
पर्यटक होम स्टे/गेस्ट हाउस की श्रेणी
पर्यटकों के लिए बनाये गये इन गेस्ट हाउसों को एक बार पर्यटन विभाग द्वारा लाइसेंस मिल जाने के बाद भी इन्हें पूरी तरह से अव्यवसायिक (नॉन कमर्शियल) श्रेणी पर ही रखा गया है।जिससे अलग अलग विभागों द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स घरेलू टैक्स या अव्यावसायिक टैक्स के रूप में ही देय होंगे।
नॉन कमर्शियल श्रेणी में आने से इन गेस्ट हाउस मालिकों पर अतरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
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होम स्टे का प्रचार प्रसार करेगा पर्यटन विभाग
पर्यटन विभाग द्वारा पंजीकृत सभी होम स्टे (Homestay in Uttarakhand) के प्रचार प्रसार का जिम्मा उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने ले लिया है।पर्यटन विभाग ही पंजीकृत सभी होम स्टे का प्रचार-प्रसार अपने तरीके से करेगा।ताकि होम स्टे के स्वामियों को अच्छा व्यवसाय प्राप्त हो सके।
होमस्टे गृह स्वामियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा
होम स्टे (Homestay in Uttarakhand) का सही तरीके से संचालन हो।तथा आने वाले पर्यटकों को फील गुड(Feel Good)का अहसास हो यानी उनका सफर यादगार और खुशनुमा हो सके और वो बार-बार लौटकर इन जगहों में आए।
इसके लिए भवन स्वामियों को होटल मैनेजमेंट और कई तरह के व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे।
दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (Homestay in Uttarakhand) विकास योजना की आवश्यक शर्तों
- होम स्टे आवासों के गृह स्वामीयों का उत्तराखंड राज्य का मूल व स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
- होम स्टे के निर्माण के लिए प्रस्तावित भूमि का स्वामी होना जरूरी है।
- यह योजना सिर्फ उन्हीं आवासों में लागू होगी जहाँ गृह स्वामी परिवार सहित निवास करता हो।
- अतिथियों/पर्यटकों के लिए खानपान की व्यवस्था भी भवन स्वामी द्वारा की जानी अनिवार्य है।
- होम स्टे योजना में लाभार्थी के चिन्हीकरण के बाद उसे पर्यटन विभाग में अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
- पर्यटकों के रहने के लिये बनाये गयेे इन आवासों में पर्यटकों के रात्रि विश्राम के लिये कम से कम एक कमरा तथा अधिक से अधिक 6 कमरे हो सकते है।
- इन आवासों में पर्यटकों को उच्चस्तर की हॉस्पिटेलिटी प्रदान की जानी अनिवार्य है।
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दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (Homestay in Uttarakhand) विकास योजना से फायदा
- गाँवों से नवयुवकों के पलायन को रुकेगा।
- लोगों को उनके गाँव में ही रोजगार मिलेगा।
- गाँवों में खाली या खंडहर हो गये मकानों से रोजगार के नये अवसर पैदा होगें।
- गाँवों में पर्यटकों के आने से गाँवों में चहल-पहल बढ़ेगी।जिससे गाँवों की पुरानी रौनक बढ़ेगी।
- गांवों में पर्यटकों की आवाजाही से उत्तराखंड राज्य को “पर्यटन प्रदेश/राज्य” बनाने का सरकार का सपना पूर्ण होगा।
- होम स्टे (Homestay in Uttarakhand) का प्रचार प्रसार सरकार एक मोबाइल एप तथा वेबपोर्टल के द्वारा करेगी।
- जिस गाँव में 6 से अधिक होम स्टे होगें।उस गाँव को पूर्ण रूप से विकसित किया जायेगा।वहाँ पर सभी ढांचागत सुबिधायें (बिजली ,पानी, सड़क आदि) उपलब्ध कराई जाएगी।
- उस गाँव को एक क्लस्टर के रूप में विकसित किया जायेगा।
- होम स्टे (Homestay in Uttarakhand) से प्राप्त आय पर गृह आवास के रूप में पंजीकरण के पश्चात प्रथम 3 वर्षों तक जीएसटी की धनराशि विभाग की ओर से वहन की जाएगी।
- विद्युत कर,जल कर,भवन कर आदि करों को विभाग की ओर से अव्यावसायिक दरों पर ही लिया जाएगा।
- पर्यटकों को होम स्टे में भवन स्वामी द्वारा अच्छी हॉस्पिटेलिटी मिले।इसके लिए सरकार द्वारा भवन स्वामीयों को बकायदा प्रशिक्षण दिया जायेगा।
- ट्रैक रूट पर आने वाले गाँव या उसके नजदीकी गावों में होम स्टे को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।ताकि गांवों के लोगों को अधिक से अधिक फायदा हो सके।
- 2020 (मिशन 20-20) तक लगभग 5,000 होम स्टे (Homestay in Uttarakhand) बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
- पहाड़ी व्यंजनों ,फलों, फूलों व पहाड़ी संस्कृति का प्रचार प्रसार होगा।जिससे गांवों के लोगों को फायदा होगा।
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पर्यटक पहाड़ी व्यंजनों का उठाएंगे लुफ्त व पहाड़ी संस्कृति से भी होगें रूबरू
एक ओर जहाँ पर्यटक पहाड़ी व्यंजनों का लुफ्त उठाएंगे। वहीं दूसरी ओर पहाड़ी संस्कृति या उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति से भी रूबरू होगें।क्योंकि इस योजना के अंतर्गत अतिथियों के लिए खानपान की व्यवस्था भी भवन स्वामी द्वारा ही की जायेगी।
पर्यटकों को पहाड़ी व्यंजन परोसे जाएंगे।जिससे पहाड़ी व्यंजनों को एक नया मंच भी प्राप्त होगा।
उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में भी चलाई जा रही है होम स्टे योजना
उत्तराखंड के अलावा गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब जैसे राज्यों में भी होम स्टे योजना बहुत सफलता पूर्वक चलाई जा रही है।इन राज्यों में आने वाले पर्यटकों को मकान मालिकों द्वारा सभी सुबिधाओं से सपन्न मकान दिए जा रहे है।
ताकि यहाँ आने वाले पर्यटक अपने साथ यहां की मीठी यादें समेटकर ले जाएं।यहां आने वाले पर्यटकों को प्रदेश के खानपान ,रहन-सहन और संस्कृति से भी रूबरू कराया जा रहा है।
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कैसे लें इस योजना से फायदा (benefits of Homestay in Uttarakhand)
अगर आपका गांव किसी ऐसी जगह पर है जो प्राकृतिक रूप से बेहद सुंदर है।जहां पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अनेक खूबसूरत व प्राकृतिक दृश्य मौजूद हैं।
और आप एक घर के मालिक हैं जिसमें एक से 6 कमरे हो।तो आप अपने घर को एक सुंदर सा रूप देकर उसकी आंतरिक साज सज्जा पर थोड़ा सा पैसा खर्च कर, सभी मूलभूत सुविधाओं (जैसे साफ-सुथरे रोशनी युक्त कमरे ,पर्यटकों के रहने व खाने की सही व्यवस्था ,साफ सुथरा पानी, शौचालय) की जोड़ सकते हैं।
उसके बाद अपने मकान को होम स्टे (Homestay in Uttarakhand) बनाने के लिये उत्तराखंड पर्यटन विभाग से संपर्क कर लीजिए।
कैसे जुड़े इस योजना से (How to start a Homestay business in Uttarakhand)
इस योजना से जुड़ने के लिए उत्तराखंड पर्यटन बोर्ड या सम्बन्धित कंपनी से संपर्क करना है।उसके बाद उत्तराखंड पर्यटन बोर्ड या सम्बन्धित कंपनी सर्वे करती है और फिर व्यक्ति के भवन का ( जैसे कमरे, शौचालय, खानपान की व्यवस्था ) निरीक्षण करता है।
यह सब नहीं होने पर मकान मालिक को सुविधाएं जुटाने हेतु आवश्यक निर्देश दिए जाते हैं।सुविधाएं जुटाने के बाद मकान मालिकों के साथ एक एग्रीमेंट कर उसे होम स्टे की सूची में डाल दिया जाता है।और भविष्य में उस क्षेत्र में पर्यटकों के आने पर इन होम स्टे के स्वामियों से सम्पर्क किया जाता है।
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नोट :
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