DeenDayal Sahkarita Kisan kalyan Yojana Uttarakhand

Deen Dayal Upadhyay Sahkarita Kisan kalyan Yojana Uttarakhand in hindi 

Deen Dayal Upadhyay Sahkarita Kisan kalyan Yojana Uttarakhand

किसी भी देश के अन्नदाता तो #किसान ही होते हैं।और अन्न के वैगर जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं।इसीलिए अन्नदाता किसी भी देश की रीड की हड्डी होते हैं।और अन्नदाता की अमूल्य संपत्ति होती है।

उसकी खेती योग्य भूमि, उससे संबंधित उपकरण या फसल उगाने के लिए सर्वोत्तम बीज व उर्वरक आदि।और किसान की सामाजिक स्थिति, आर्थिक स्थिति उसकी भूमि व उसमें उगने वाली फसल पर निर्भर रहती हैं।

उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड के छोटे व सीमांत किसानों की स्थिति को सुधारने तथा उनकी आय को बढ़ाने के लिए “दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना ( Deen Dayal Upadhyay Sahkarita Kisan kalyan Yojana Uttarakhand) की शुरुआत की।

इस योजना की शुरुआत राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा राज्य स्थापना की 18वीं सालगिरह के अवसर पर की गई।इस अवसर पर योजना के पात्र 30 किसानों को राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा लोन के चेक भी दिये गये।

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क्या हैं दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना

(What is Deen Dayal Upadhyay Sahkarita Kisan kalyan Yojana Uttarakhand)

दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना जिसे “किसान कल्याण योजना” भी कहा जाता हैं।यह एक “कृषि ऋण योजना” है जिसके अंतर्गत उत्तराखंड सरकार उत्तराखंड के पात्र किसानों को 2% ब्याज पर एक लाख रुपये का बैंक कर्ज देगी।

जिसका लाभ उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में खेती करने वाले छोटे व गरीब किसान ले सकते हैं।कृषि और कृषि से सम्बन्धित सामानों की खरीद के लिए दिया जाने वाला यह ऋण किसान 3 साल के भीतर वापस कर सकते हैं।

इसके साथ ह़ी कृषि कार्य करने वाली महिला समूहों को भी पांच लाख तक का ऋण बैगर ब्याज के दिया जाएगा।और यह लोन राज्य में प्रत्येक ब्लॉक से 5000 किसानों को दिया जायेगा।

किसान कल्याण योजना का उद्देश्य (Aim of Deen Dayal Upadhyay Sahkarita Kisan kalyan Yojana Uttarakhand)

केंद्र सरकार के साल 2022 तक देश के सभी किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य का लक्ष्य रखा हैं और उत्तराखंड में चलाई जा रही यह  किसान कल्याण योजना केंद्र सरकार के उसी लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगी।

साथ ह़ी साथ उत्तराखंड सरकार का मुख्य उदेश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और किसानों की वित्तीय स्थिति को सुधार लाना भी है।उत्तराखंड सरकार राज्य में लगातार हो रहे पलायन की समस्या को भी हल करना चाहती हैं ।

ताकि जो किसान कृषि करने के लिए जरुरी सामान न खरीद पाने की वजह से खेती करना छोड़ कर अपना गांव छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं।उन सीमांत किसानों को एक लाख रूपये का लोन सिर्फ 2% व्याज दर में उपलब्ध करा कर उन्हें आर्थिक मदद देने का प्रयास कर रही है ताकि राज्य में पलायन रोका जा सके।

दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना को पलायन रोकने का सशक्त माध्यम बताते हुए प्रदेश सरकार ने योजना में अधिक से अधिक किसानों को ऋण देकर उनकी आय दोगुना करने के निर्देश दिए हैं।

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कैसे मिलेगी किसानों को धन राशि 

इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों का बैंक में खाता होना अनिवार्य हैं और उत्तराखंड सरकार किसानों को सीधे उनके बैंक अकाउंट में लोन की रकम का ट्रांसफर (DBT) करेगी।उत्तराखंड के मूलनिवासी किसान को ह़ी यह सुबिधा मिलेगी।

इस योजना ( Kisan kalyan Yojana) के तहत मिलने वाले ऋण को किसान 3 साल के भीतर वापस कर सकते हैं।लेकिन अगर कोई किसान इस योजना के तहत मिलने वाले ऋण को 3 साल में वापस नही कर पाता हैं।तो उसे मूल रकम चक्रवर्ती ब्याज के साथ चुकानी पड़ेगी।

किसान कल्याण योजना का लाभ (Benefits of Kisan kalyan Yojana)

  1. पात्र किसानों को एक लाख रूपये तक का लोन सिर्फ 2% व्याज दर मिलेगा जिसका इस्तेमाल वो अपनी कृषि सम्बन्धी जरुरी वस्तुओं जैसे बीज,उर्वरक,उपकरण आदि खरीदने में कर सकते हैं।
  2. राज्य सरकार की तरफ मिलने वाली इस आर्थिक सहायता से किसानों की साहूकारों पर निर्भरता भी कम होगी।क्योंकि किसान खेती व अन्य जरूरतों के लिए स्थानीय साहूकारों पर निर्भर करते हैं।जिसके लिए उन्हें साहूकारों को महंगी ब्याज दर चुकानी होती हैं।किसानों को इन सब झंझटों से राहत मिलेगी।
  3. गरीब और सीमांत किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
  4. किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग कर किसान मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार बीज,उर्वरक खरीद कर उनका इस्तेमाल कर अपनी फसल को बढ़ाने में उपयोग कर सकते हैं।
  5.  किसान कल्याण योजना में मिलने वाली धनराशि से किसान कृषि आधारित छोटी छोटी इकाइयां लगाकर अपनी आजीविका के साधन भी बढा सकते हैं।
  6. पारंम्परिक खेती के अलावा हर्बल और ऑर्गनिक खेती उगाने पर भी किसान इस धनराशि को खर्च कर सकते हैं क्योंकि राज्य की सरकार ऑर्गनिक खेती करने पर जोर दे रही हैं और इनकी बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है।
  7. राज्य में प्रत्येक ब्लॉक से 5000 किसानों को इस सुविधा का लाभ दिया जायेगा।

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महिलाओं को भी मिलेगा फायदा 

किसानों को एक लाख के बैंक ऋण के साथ साथ कृषि कार्य करने वाली महिला समूहों को भी पांच लाख तक का ऋण बैगर ब्याज के दिया जाएगा। इस योजना में कृषि से सम्बन्धित लगभग 29 कार्यों के लिए ऋण दिया जाता हैं।

इस योजना से गांव की किसानों की आर्थिक स्थिति पर तो निश्चित रूप से सुधार आएगा। दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना में अब तक 2.5 लाख से अधिक किसानों को लोन का चेक दिया जा चुका है

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