Study In India Program:विदेशी छात्रों के लिए बेहतरीन मौका

“Study In India Program” ,To attract foreign students to study in Indiaविदेशी छात्रों को भारत आकर पढ़ाई करने का एक बेहतरीन मौका देता है “स्टडी इन इंडिया“प्रोग्राम

Study In India

स्टडी इन इंडिया (Study In India) प्रोग्राम की जानकारी।हमारे देश से हर साल उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए तथा विश्व स्तरीय शिक्षण स्थानों में दाखिला लेने के लिए छात्र हजारों की संख्या में विदेशों की तरफ रुख करते हैं।ये छात्र दुनिया के अलग-अलग देशों में जाकर वहाँ के सर्वोच्च शिक्षण संस्थानों से विभिन्न विषयों पर शिक्षा हासिल करते हैं।

अपने देश से विदेश में जाकर शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों के पास कई कारण हो सकते हैं।लेकिन भारत में उच्च स्तरीय तथा उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण संस्थानों का पर्याप्त ना होना भी एक प्रमुख कारण है।

लेकिन अब सरकार द्वारा भारत में ही विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थाओं को खोलने और वहां पर छात्रों को शिक्षण संबंधी हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।सरकार की कोशिश भारत को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में “हब”बनाने की है।

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भारत सरकार “Study In India के तहत विदेशी छात्रों को भारत में आकर पढ़ाई करने के लिए आमंत्रित कर रही है।मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने मिलकर स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम की शुरुआत 18 अप्रैल 2018 में की।Study In India प्रोग्राम से उन विदेशी छात्रों को भारत में आकर पढ़ाई करने की मौका आसानी से मिलेगा जो वाकई हमारे देश में आकर उच्च शिक्षा ग्रहण करना चाहते है

स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम का उदेश्य (Aim of Study In India Program)

Study In India प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक विदेशी छात्रों को भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने के लिए प्रेरित करना तथा भारतीय उच्च शिक्षण संस्थाओं को विश्व स्तरीय शिक्षा देने के काबिल बनाना है।

इन सभी उच्च शिक्षण संस्थाओं में हर वो सुविधा उपलब्ध कराना जो उच्च शिक्षा को एक गुणवत्ता प्रदान करता हो।स्टडी इन इंडिया से आईआईटी (IIT) और आईआईएम (IIM) समेत देश के 160 बड़े शिक्षा संस्थानों  में प्रवेश लेना अब विदेशी छात्रों के लिए आसान हो जाएगा।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टडी ऑफ इंडिया प्रोग्राम 2019-20 का बढ़ाया बजट

(Budget of Study In India Program)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2019-20 के बजट भाषण में कहा कि “शिक्षा के क्षेत्र में  देश के तीन उच्च शिक्षण संस्थानों (दो IIT और एक IFSC बेंगलुरु) की गिनती अब दुनिया के 200 प्रमुख संस्थानों में होने लगी है।देश में विश्व स्तरीय उच्च शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देने के लिए 2019-20 के बजट में 400 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है”।18 अप्रैल 2018 को इसका बजट महज 150 करोड़ रुपया था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि “देश में नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है ताकि पूरी दुनिया में भारत सर्वश्रेष्ठ शिक्षा देने वाला देश बन सके।और भारत को शिक्षा का हब बनाया जा सके”।

एडमिशन लेने के लिए सिर्फ एक पोर्टल से अप्लाई करना होगा

अब सभी विदेशी छात्र सीधे Study In India के पोर्टल जाकर देश के सभी बड़े संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए आवेदन कर सकते है।आवेदन के बाद प्रवेश देने के लिए जिम्मेदार संस्था उनकी योग्यता के हिसाब से उन्हें विश्व विद्यालय उपलब्ध कराएगी

सरकार का लक्ष्य (Government Target )

एक सर्वे के अनुसार इस वक्त भारत में करीब 47,000 विदेशी छात्र पढ़ते हैं इसमें से ज्यादातर छात्र अफ्रीका,अफगानिस्तान,नेपाल,श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों से आते हैंसरकार का लक्ष्य है कि 2022 तक डेढ़ लाख से 2 लाख छात्रों को भारत में आकर पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाए

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मेधावी छात्रों की फीस माफ (Study In India Scholarship)

इस कार्यक्रम के तहत सरकार नेपाल,श्रीलंका, बांग्लादेश , भूटान रवांडा, वियतनाम,कजाकिस्तान , सऊदी अरबिया ,नाइजीरिया,थाईलैंड ,मलेशिया ,मिश्र ,कुवैत ,ईरान जैसे देशों के छात्रों को विशेष रूप से भारत आकर पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

विदेशी छात्रों को भारत में आकर पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार फीस माफी की भी योजना बना रही है।जिसके तहत सरकार टॉप 25% मेधावी छात्रों की फीस पूरी तरह से माफ कर देगी।

वीजा तथा अन्य नियमों पर भी ढील (Why Study In India )

अधिक से अधिक विदेशी छात्र भारत आकर पढ़ाई करें।इसके लिए नियमों में थोड़ा बदलाव किया गया है।सरकार 2022 तक लगभग 2 लाख विदेशी छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहती है।इसीलिए सरकार इन विद्यार्थियों को वीजा तथा अन्य नियमों में भी ढील देने का मन बना चुकी है।

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स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम की विशेषताएँ (Special feature of Study In India Program)

  • Study In India प्रोग्राम विदेशी छात्रों को भारत आकर पढ़ाई करने का एक बेहतरीन मौका प्रदान करता है
  • इस योजना से विदेशी विद्यार्थी को भारत के जाने-माने शिक्षा उच्च संस्थाओं में आसानी से प्रवेश मिल सकेगा
  • शुरुवाती दौर में इस प्रोग्राम में 30 एशियाई ,अफ्रीकी, राष्ट्रमंडल देशों के विद्यार्थियों पर ही फोकस किया गया है
  • सार्वजनिक क्षेत्र की ईडीसीआईएल कंपनी इस काम में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की मदद करेगी।Study In India कार्यक्रम के कार्यों को सुचारु रुप से चलाने की जिम्मेदारी इसी कंपनी के ऊपर है।
  • उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया में भारत की एक अलग पहचान बनाना भी इस योजना का लक्ष्य है
  • इस कार्यक्रम में एनआईआरएफ रैंक और एनएएसी मान्यता प्राप्त संस्थान 3.26 स्कोर के साथ शामिल किए गए हैं
  • सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट Study In India प्रोग्राम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा चलाया जा रहा हैजिसमें उसका साथ विदेश मंत्रालय,गृह मंत्रालय और वाणिज्य तथा उद्योग मंत्रालय देंगे।

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  • Study In India के माध्यम से विदेशी छात्रों को उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और सस्ती शिक्षा प्रदान करने का भरोसा दिया जा रहा है।
  • Study In India योजना में छात्रों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मेसी, आर्किटेक्चर आदि में दाखिले के साथ-साथ इच्छुक छात्रों को रिसर्च और इनोवेशन का मौका भी मिलेगा।
  • इस योजना में निश्चित रूप से एशियन, आसियान, अफ्रीकन, मिडल ईस्ट देशों के छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा।
  • Study In India द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दक्षेस ,पश्चिमी एशिया, पूर्वी एशिया और अफ्रीका महाद्वीप के 30 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुएइसीलिए फिलहाल इन देशों के छात्रों पर ही ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है
  • इसके अलावा भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों पर एक-एक स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम का प्रतिनिधि भी नियुक्त किया जाएगा।जो छात्रों को संबंधित पोर्टल व योजना के बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया कराएगा। 

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स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम के लाभ (Benefits of Study In India Program)

  • Study In India योजना के तहत देश के उच्च शिक्षा संस्थान को विश्वस्तरीय बनाया जाएगाअगर देश के संस्थानों की गुणवत्ता सुधरेगी तो देश के प्रतिभावान छात्रों का पलायन भी रुकेगा
  • भारतीय छात्रों का विदेश में पलायन भी रुकेगा।अन्य संस्थाओं को भी विश्व स्तरीय संस्थान बनाने की प्रेरणा मिलेगी।
  • देश में शोध को बढ़ावा मिलेगा
  • भारत को नॉलेज पावर बनाने का सपना पूरा होगा
  • प्रतिभाशाली छात्रों के देश से पलायन न करने से देश की आर्थिक तरक्की भी होगी।क्योंकि प्रतिभाशाली छात्र देश में नए इनोवेशन का कार्य भी करेंगे।

भारतीय छात्रों का विदेशी संस्थानों के प्रति रुझान जारी है

एक सर्वे के अनुसार 2010 से 2017 के बीच सिर्फ अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या में 42% की बढ़ोतरी हुई है।1 जनवरी 2018 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय में एक आंकड़ा जारी कर कहा कि 2017 में 36,887 स्टूडेंट वीजा जारी किए गए,जबकि 2016 में 37,947 स्टूडेंट वीजा जारी किए गए

हाल के वर्षों में हमारे देश से विदेश में जाकर पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है।जबकि विदेशों से भारत में पढ़ने वालों की संख्या में कमी आ रही है

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studyinindia.gov.in पोर्टल करेगा छात्रों की समस्यायों का समाधान

सरकार ने Study In India कार्यक्रम के लिए एक केंद्रीय पोर्टल studyinindia.gov.in  बनाया है जिसके माध्यम से विदेशी छात्रों की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।भारत में पढ़ाई करने के इच्छुक सभी छात्र इस ऐप के जरिए या वेबसाइट में दिए गए हेल्पलाइन नंबर के जरिए विश्वविद्यालयों से जुड़ सकते हैं।

यह वेबसाईट विदेशी विद्यार्थियों को भारतीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने में मदद करेगी और साथ ही साथ भारतीय शिक्षा की नवीनतम जानकारी भी उपलब्ध कराएगीयह पोर्टल भारत में पढ़ने के इच्छुक विदेशी छात्रों के लिए सिंगल विंडो का काम करेगी जहां पर विद्यार्थी विभिन्न संस्थानों के लिए आवेदन भर सकेंगे।

इसके जरिए छात्र विभिन्न संस्थानों की जानकारी भी हासिल कर पाएंगे और उनके लिए आवेदन भी कर पाएंगे।इस पोर्टल की मदद से ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन ,सर्टिफिकेट कोर्स ,पीएचडी (शोध) आदि सभी विषयों के लिए आवेदन किया जा सकता है। 

सरकार हर साल उच्च शिक्षा में 10 से 15% सीट विदेशी छात्रों के लिए रखने की अनुमति देती हैलेकिन इसमें से ज्यादातर सीटें खाली रह जाती थीक्योंकि विदेशी छात्रों के लिए अलग-अलग संस्थाओं से संपर्क करके एडमिशन लेने की प्रक्रिया को पूरा करना मुश्किल होता था। लेकिन अब इस प्रक्रिया को studyinindia.gov.in पोर्टल से जोड़कर आसान बना दिया गया हैं

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कुछ कमियां जिन्हें दूर करना जरूरी

  • हालांकि मोदी सरकार शिक्षा नीति को लेकर कई सारे नए कॉलेज जैसे आईआईएम, आईआईटी, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज खोलने की बात कर रही है लेकिन 2017-18 के बीच शैक्षिक क्षेत्रों में बेरोजगारी का आंकड़ा 54.4% हो गया।जो कि पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा है।इसीलिए रोजगार उपलब्ध करना भी जरूरी है।
  • उच्च शिक्षा संस्थानों को बहुत हद तक स्वायत्तता देना भी जरूरी है जबकि भारत में इस तरह के संस्थानों में भी सरकारी और गैर सरकारी दखलअंदाजी बहुत ज्यादा रहती है।संस्थानों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए उनका पारदर्शी व स्वायत्तता होना जरूरी है।
  • इन स्थानों में लोगों की नियुक्ति हेतु नियमों का सख्त पालन किया जाना आवश्यक है।

प्राचीन काल से ही भारत का शिक्षा के क्षेत्र में एक गौरवशाली इतिहास रहा है।यह धरती नालंदा और तक्षशिला जैसे शिक्षा केंद्रों की जननी भी रही है जो दुनिया भर के लोगों को भारतीय शिक्षा व संस्कृति के प्रति आकर्षित करते थे।अगर हमें फिर से वहीं गौरवशाली क्षणों को वापस लाना है तो स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम को पूरी ईमानदारी व शिद्दत से लागू करना होगा

अधिकारिक वेबसाइट – studyinindia.gov.in

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