Essay on Independence Day In Hindi: स्वतंत्रता दिवस पर हिन्दी निबन्ध
Essay on Independence Day In Hindi
स्वतंत्रता दिवस पर निबन्ध
प्रस्तावना
स्वतंत्रता दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व।स्वतंत्रता दिवस एक ऐसा दिन , जिस दिन भारत को करीबन डेढ़ सौ साल बाद अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली। यह दिवस भारत में “स्वतंत्रता दिवस” के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आधी रात को स्वतंत्र भारत में पहली बार तिरंगा झंडा फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया।उस दिन भारतवर्ष के सभी लोगों ने एक स्वतंत्र भारत की खुली हवा में सांस ली।
यह दिन हमारे उन वीर सपूतों की भी याद दिला जाता है जिन्होंने अपनी भारत माता की आजादी के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे कर अपनी मातृभूमि के प्रति अपना कर्तव्य बड़ी निष्ठां से निभाया था ।
क्यों मनाया जाता हैं स्वतंत्रता दिवस
करीबन डेढ़ सौ साल तक भारत ने अंग्रेजों की गुलामी देखी। भारत के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश हुकूमत को मजबूती से ललकारा।बड़े-बड़े नेताओं के नेतृत्व में अनेक तरह के आंदोलन चलाएं।
स्वतंत्रता का यह दिन देखने के लिए हजारों भारतीयों ने कड़ा संघर्ष किया। इसके लिए ना जाने कितने आंदोलन किये , न जाने कितनी बार सत्याग्रह करना पड़ा , कितने ही क्रांतिकारी भारत मां के नाम के जयकारे लगा हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए , और कइयों ने इस स्वतंत्रता के लिए कई रातों जेलों में गुजार दी।
भारत की आजादी का ये आंदोलन कई वर्षों तक चलता रहा।जिसमें लोकमान्य तिलक , लाला लाजपत राय , चंद्रशेखर आजाद , राजगुरु , भगत सिंह जैसे अनगिनत वीर सपूतों ने आजादी के इस यज्ञ में अपनी प्राणों की आहुति दी। तब जाकर कहीं हमको आजादी नसीब हुई।
लोकमान्य तिलक ने ब्रिटिश हुकूमत से कहा “स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। हम इसे लेकर ही रहेंगे”।इसी तरह गांधीजी के नेतृत्व में अहिंसा का मार्ग अपनाते हुए “अंग्रेजों भारत छोड़ो ” जैसे अनेक आंदोलन चलाये। जो ब्रिटिश हुकूमत को जड़ से उखाड़ फेंकने में कामयाब रहे ।
आजादी के इस आंदोलन में सभी जाति , सभी धर्म , सभी वर्ग के लोगों ने अपना पूर्ण सहयोग दिया यहाँ तक कि अनेक महिलाओं ने भी इस आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आखिरकार 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि को भारत की राजधानी दिल्ली के लाल किले से भारत की आजादी की घोषणा। आजादी मिलने के साथ भारत के लोगों का सपना साकार हुआ।
कैसे मनाया जाता हैं स्वतंत्रता दिवस
इस दिन पूरे देश में एक अलग ही माहौल रहता हैं। हर कोई देशभक्ति के रंग में रंगा दिखाई देता हैं। और हर जगह देशभक्ति के मधुर गीत सुनाई देते हैं।भारत की राजधानी दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से देश के प्रधानमंत्री झंडारोहण करते हैं। और राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस
छोटे बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। सुबह सवेरे ही छोटे-बड़े सभी बच्चे हाथों में तिरंगा लिए खुशी-खुशी स्कूल पहुंचते हैं।अपने शिक्षक गणों के साथ ध्वजारोहन कर राष्ट्रीय गीत व राष्ट्रगान गाते हैं। इस अवसर पर स्कूलों , कॉलेजों पर विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
साथ ही अनेक प्रतियोगिताओं जैसे वाद-विवाद प्रतियोगिता , भाषण प्रतियोगिता , खेलकूद प्रतियोगिता , निबंध प्रतियोगिता , चित्रकारी प्रतियोगिता ,फोटोग्राफी आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।जीतने वाले बच्चों को उत्साहवर्धन के लिए पुरस्कार दिया जाता है। कई जगहों पर कवि सम्मेलनों का आयोजन भी किया जाता है।
15 अगस्त को वैसे तो सार्वजनिक छुट्टी होती है। इस दिन सरकारी दफ्तर , प्राइवेट कार्यालय व अन्य संस्थाएं बंद रहती है। लेकिन इन सभी संस्थाओं में झंडारोहण किया जाता है। चारों ओर देशभक्ति के गीत सुनाए देते हैं। आकाशवाणी और टीवी के माध्यम से भी देशभक्त के कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है।
उपसंहार (Essay on Independence Day)
भारत आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में जाना जाता है। लेकिन इस स्वतंत्रता को पाने के लिए भारत मां के अनेक सपूतों ने अपनी जान कुर्बान की।तब जाकर कहीं यह आजादी नसीब हुई।यह दिवस उन्हीं वीर शहीदों को याद करने का दिन भी है।
यह दिन आज भी हमें याद दिलाता है कि गुलामी का अर्थ क्या होता है और आजादी से जीने का मतलब क्या होता है।स्वतंत्रता दिवस के इस दिन हम अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता को बनाये रखने का संकल्प लेते हैं।
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