Essay On Discipline In Hindi : अनुशासन पर हिन्दी में निबंध

Essay On Discipline In Hindi 

Essay On Discipline In Hindi

अनुशासन पर हिन्दी में निबंध

प्रस्तावना

सफलता नामक ताले की दो चाबियां होती हैं। कड़ी मेहनत और अनुशासित जीवन।बस इन्हीं दो चाबियां से सफलता का ताला आराम से खुल जाता है। और इंसान अपने जीवन में तरक्की की सीढ़ी चढ़ने लगता है।इन दोनों चाबियां में से अगर एक भी चाबी सही ढंग से नहीं लगी , तो सफलता नहीं मिल सकती। कठिन मेहनत के साथ-साथ अगर आप अनुशासित जीवन नहीं जीते हैं तो , आपका परिश्रम अक्सर बेकार चला जाता है।

अनुशासन का अर्थ

अनुशासन का अर्थ है “बनाए गए नियमों का सही तरीके से पालन करना”। यानि किसी भी कार्य का सही तरीके से , सही समय पर , सही ढंग से करना ।अनुशासन  कहलाता है। अब ये नियम हर व्यक्ति के लिए अलग अलग होते हैं।

हमें कुछ ऐसे नियमों का पालन करना होता है जो दूसरों द्वारा बनाये गये होते हैं जैसे नौकरीपेशा व कामकाजी व्यक्तियों के लिए और कुछ नियम खुद व्यक्ति द्वारा अपने लिए निर्धारित किये हो सकते हैं। 

अनुशासन स्व-अनुशासन भी हो सकता है और सामाजिक अनुशासन भी हो सकता है। स्व-अनुशासन वह अनुशासन है जिसमें व्यक्ति अपने जीवन के लक्ष्यों के हिसाब से अपने लिए कुछ नियमों को निर्धारित करता है। और उन नियमों का पालन कर जीवन में आगे बढ़ने की कोशिश करता है।

सामाजिक अनुशासन में वह अनुशासन आता है जिसमें हमें समाज के द्वारा बनाए गए कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है। क्योंकि हम एक समाज में रहते हैं। और बिना समाज के कोई भी व्यक्ति शांतिपूर्वक जीवन यापन नहीं कर सकता है। 

हम इंसान ही नहीं , यह प्रकृति भी लगातार अनुशासित होकर ही चलती है। ठीक समय पर दिन रात में बदल जाता है और रात दिन में। दिन महीनों में बदल जाते हैं। और महीने साल में।

शरद ऋतु  बसंत ऋतु में और फिर वर्षा ऋतु और फिर ग्रीष्म ऋतु में बदल जाती हैं। और यह चक्र चलता रहता हैं। जब प्रकृति भी अनुशासित होकर चलती है तो , फिर हम इंसानों के लिए तो यह अनिवार्य हो जाता है। 

 अनुशासन का महत्व 

अनुशासित जीवन ही व्यक्ति को शांति , समृद्धि व तरक्की के रास्ते पर ले जाता है।आलस्य इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है। लेकिन हर व्यक्ति के लिए अनुशासन का अलग-अलग महत्व है।

विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का महत्व 

विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का मतलब समय पर सुबह उठकर , सुबह के कार्यों से निवृत्त होकर ठीक समय पर स्कूल पहुंचना।स्कूल में शिक्षकों के सानिध्य में उनके निर्देशनुसार विद्या ग्रहण करना , छुट्टी होने पर समय से घर पहुंचना।

उसके बाद स्कूल से दिया गया होमवर्क पूरा करना , स्कूल में पढ़ कर आये विषयों का रिवीजन करना और शाम को कुछ खेलकूद व व्यायाम आदि के बाद रात का खाना खाकर , समय पर सो जाना। 

समय से आधा घंटा देरी से कोई काम करना भी अनुशासन को तोड़ना ही होता है। अगर कोई विद्यार्थी स्कूल में आधा घंटा लेट पहुंचता है तो उसे क्या नुकसान उठाना पड़ेगा।यह वह विद्यार्थी भली-भांति जानता हैं।

विद्यार्थी वर्ग के लिए स्व अनुशासन रहना अति आवश्यक है। क्योंकि यही वह वक्त होता है। जब उन्हें कठिन मेहनत से पढ़ाई कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना होता है। इसीलिए उन्हें अनुशासित जीवन जीने की ज्यादा आवश्यकता होती है।

समय पर उठना ,समय पर खाना खाना , स्व अध्ययन करना या अध्ययन में गुरुजनों या किसी अन्य की सहायता लेना। अपने शारीरिक व्यायाम पर ध्यान देना व पौष्टिक आहार लेना जरूरी होता है। हर काम को समय पर करना भी जरूरी होता है। अन्यथा वो जीवन में पिछड़ सकते हैं।

दुनिया में जितने भी सफल व्यक्ति हैं। सभी की जीवनी पढ़ कर देख लीजिए। उन सब ने अपने जीवन में कठोर मेहनत व अनुशासित जीवन से ही सफलता पाई है। 

रक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अनुशासन का महत्व 

अनुशासन का महत्व रक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को सबसे ज्यादा समझ में आता है।खासकर सेना (वायु , जल , थल ) के लोगों को। क्योंकि इस क्षेत्र में गलती या चूक की कोई गुंजाइश नहीं होती। और ये बात जवान भली-भांति जानते हैं।

यहां पर अनुशासन का कड़ाई से पालन होता है। इसीलिए इस क्षेत्र के लोग सबसे ज्यादा अनुशासित जीवन जीते हैं।इन्हीं की वजह से हमारा देश सुरक्षित है। 

आफिस व अन्य कार्यस्थल के लिए अनुशासन का महत्व 

एक ऑफिस या अन्य कार्य स्थल पर जाने वाले व्यक्ति के लिए अनुशासन का अर्थ है सुबह समय पर उठकर सुबह के कार्यों से निवृत्त होकर समय पर कार्य स्थल या ऑफिस पहुंचना। ऑफिस के अपने कार्यों को समय से निपटाना। शाम को समय पर घर पहुंचना , बच्चों के साथ समय बिताना , शाररिक व्यायाम के बाद , रात का खाना खाकर समय पर सो जाना।

इसी तरह अन्य क्षेत्रों के लोगों के लिए अनुशासन अलग हो सकता है।लेकिन नियम चाहे जो भी हो, उन्हें हर व्यक्ति को पूरी ईमानदारी के साथ निभाना चाहिए।इसीलिए हर व्यक्ति जीवन में अनुशासित रहकर ही अपने कार्यों को सही समय से कर पाता है। 

अनुशासन की आवश्यकता 

अनुशासित व्यक्ति के कदम ही जीवन में नई ऊंचाइयों की तरफ बढ़ते हैं। और नई मंजिलों को छूते हैं। जो व्यक्ति अनुशासित नहीं रहते हैं वो जीवन में कभी भी तरक्की नहीं कर सकते। उन्हें हमेशा असफलता ही हाथ लगती हैं। और फिर वो अपने भाग्य को कोसने लगते हैं।इसीलिए चाहे विद्यार्थी जीवन हो या नौकरी पेशा , हर व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में अनुशासित होना आवश्यक है। 

इंसान के जीवन में भी बाल्यावस्था के बाद युवावस्था और प्रौढ़ अवस्था आती हैं। हमें कुछ कार्य  बाल्यावस्था में तो , कुछ कार्य युवावस्था में ही निपटाने होते हैं। अगर हम समय पर अपनी पढ़ाई लिखाई पूरी कर लेंगे तो , समय पर हमें नौकरी का अवसर मिलेगा ही।अगर हम समय पर अपने काम नहीं पाएंगे तो ,  सभी अवसर हमारे हाथ से निकल जाएंगे। 

अनुशासन की प्रेरणा 

जब बच्चा बिल्कुल छोटा होता है तो उसे अनुशासन का मतलब पता नहीं होता। लेकिन जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ती है। बच्चा अपने माता-पिता , परिजनों , शिक्षकों से अनुशासन के बारे में सीखता है।बच्चे के माता-पिता ही उसके पहले शिक्षक होते हैं , जो बच्चे को अनुशासित जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं और उसका मार्ग प्रशस्त करते हैं।

उसके बाद स्कूल में उसके शिक्षक गण उसको अनुशासित जीवन जीने की सीख देते हैं। इसके अलावा हमारे बड़े बुजुर्ग व शुभचिंतक भी हमें अनुशासित रहने का मार्ग बताते हैं। इसीलिए हमें अपने बड़ों की बातें ध्यान से सुन कर उनका पालन करना चाहिए। 

अगर आप एक दिन बैठकर गौर से सोचेंगे तो , आप पाएंगे कि प्रकृति भी बहुत अनुशासित होकर चलती हैं। सूर्योदय व सूर्यास्त का समय निश्चित होता है।पृथ्वी भी सूर्य का एक चक्कर निश्चित समय पर पूरा करती हैं। ठीक समय से ऋतु परिवर्तन हो जाते हैं। इसीलिए कभी हम ठंड से कांप उठते हैं तो , कभी भीषण गर्मी में पसीने से ही नहा लेते हैं।

अगर प्रकृति अनुशासित होकर चलना छोड़ दे तो , सोचिए गर्मी कब पड़ेगी और सर्दी किस महीने में आएगी।जब प्रकृति के लिए भी अनुशासित होकर चलना जरूरी है तो , इंसान के लिए क्यों नहीं ?

अनुशासन के लाभ

  •  अनुशासित जीवन जीने वाला व्यक्ति का हर काम समय पर पूर्ण होता है। उसका कोई भी काम अधूरा नहीं रहता है और वह इंसान जीवन में खूब तरक्की करता है। 
  •  व्यक्ति अपने बनाए हुए नियमों से बंधा हुआ है इसलिए उसे हर काम समय पर पूर्ण करना होता है। तो वह व्यर्थ के कामों से व कुसंगति से दूर ही रहता है। 
  • अनुशासित जीवन जीने वाला व्यक्ति कठिन परिश्रम से भी नहीं घबराता है। और सफल होने तक लगातार अपने लक्ष्य का पीछा करता है। 
  • अनुशासित व्यक्ति सदैव सम्मानित होते हैं। 
  •  इंसान को समाज , अपने कार्यस्थल या अन्य जगह पर अनुशासित होकर चलना अति आवश्यक है। लेकिन उससे भी जरूरी है कि व्यक्ति के अपने व्यक्तिगत जीवन में अनुशासन का होना।  

उपसंहार 

अनुशासन का मतलब “बनाये गये नियमों में कैद हो जाना कतई नही है या आजादी का छिन जाना कतई नही है”।अनुशासन का मतलब है एक संयमित , सलीके व योजनाबद्ध तरीके से अपने कार्यों को पूर्ण करते हुए एक स्वस्थ व शांतिपूर्ण जीवन जीना।

अनुशासित जीवन से ही आदमी के आर्थिक, सामाजिक व बौद्धिक विकास का रास्ता खुलता है। इसी राह पर चलकर आदमी सुख पूर्णक , शांतिपूर्वक व समृद्धि पूर्वक जीवन जी सकता है। अनुशासित जीवन जीने वाला व्यक्ति खुश व सफल होता है। इसीलिए हम सब अनुशासित जीवन की तरफ पहला कदम आज से ही बढ़ाएं। 

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