Akbari Lota Class 8 Question Answer : प्रश्न उत्तर

Akbari Lota Class 8 Question Answer ,

Akbari Lota Class 8 Question Answer Hindi Vasant 3 , अकबरी लोटा पाठ के प्रश्न व उनके उत्तर कक्षा 8 हिंदी बसन्त।

Akbari Lota Class 8 Question Answer 

अकबरी लोटा पाठ के प्रश्न उत्तर 

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अकबरी लोटा ” पाठ के सारांश को हमारे YouTube channel  में देखने के लिए इस Link में Click करें  ।   YouTube channel link – (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)

प्रश्न 1.

“लाला ने लोटा ले लिया , बोले कुछ नहीं , अपनी पत्नी का अदब मानते थे।”

लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे ? अपने विचार लिखिए।

उत्तर –

लाला झाऊलाल को वह बेढंगा व बदसूरत लोटा बिलकुल पसंद नहीं था फिर भी उन्होंने अपनी पत्नी के हाथ से चुपचाप लोटा ले लिया क्योंकि वे अपनी पत्नी के स्वभाव से अच्छी तरह से परिचित थे।

वो ये अच्छी तरह से जानते थे कि अभी तो लोटे में पानी मिला है। अगर थोड़े से भी नखरे दिखाये तो भोजन बाल्टी में भी करना पड़ सकता हैं । इसीलिए उन्हें चुप रहने में ही समझदारी दिखी। 

प्रश्न 2.

 “लाला झाउलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।’’ आपके विचार से लाला झाउलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी ?

उत्तर –

लोटे के गली में गिरने के थोड़ी देर बाद ही शोर मचाती एक बड़ी सी भीड़ लालाजी के आंगन में घुस आई थी और उसी भीड़ के साथ-साथ पानी से भीगा हुआ एक अंग्रेज अपने पैर को थामे , गालियां करता हुआ लाला जी के सामने पहुंच गया।

उसे देखकर लाला जी को सारी बात समझ में आ गई कि लोटा जाकर सीधे इस अंग्रेज को लगा हैं। इसीलिए उन्होंने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी। 

प्रश्न 3.

अंग्रेज़ के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इनकार कर दिया था ? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर –

उस अजीब सी परिस्थिति में भी बिलवासी जी को लालाजी की समस्या हल करने की योजना सूझी। ऐसे में अगर वो लालाजी को अपना परिचित बताते तो , उनकी पैसों की समस्या हल नहीं हो पाती।

इसीलिए उन्होंने अपनी योजना के तहत ही अंग्रेज के सामने अजीब सा व्यवहार करना शुरू कर दिया। लालाजी को अपशब्द कहने शुरू कर दिए। उनके इस नाटक से अंग्रेज को उन पर जरा सा भी संदेह नहीं हुआ और उनकी योजना भी आसानी से सफल हो गई। 

प्रश्न 4.

बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था ? लिखिए।

उत्तर –

बिलवासी जी ने 250/-रूपये का प्रबंध अपनी पत्नी के संदूक से चोरी कर किया था। लेकिन योजना सफल होने के बाद जब लालाजी की समस्या हल हो गई तो , पंडित जी ने वो पैसे ईमानदारी से अपनी पत्नी के संदूक में वापस रख दिए। 

प्रश्न 5.

आपके विचार में अंग्रेज ने वह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया ? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।

उत्तर –

उस अंग्रेज ऑफिसर को पुरानी व ऐतिहासिक चीजों को इकट्ठा करने का शौक तो था ही , साथ में वह अपने पड़ोसी मेजर डगलस को भी नीचा दिखाना चाहता था। मेजर डगलस के पास एक जहांगीरी अंडा था जिसे दिखाकर वह अक्सर उस अंग्रेज पर रौब जमाता था। इसीलिए अंग्रेज ने इसे अकबरी लोटा समझकर 500/- रूपये में खरीद लिया। 

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1 .

“इस भेद को मेरे सिवाय मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए मैं नहीं बताऊंगा” बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कहीं ? लिखिए।

उत्तर –

लाला झाऊलाल के बिलवासी जी से यह पूछने पर कि “पैसों का इंतजाम कहाँ से किया”।तब यह बात बिलवासी जी ने लाला झाऊलाल से कहीं थी। दरअसल बिलवासी जी ने वो पैसे अपनी पत्नी के संदूक से चुराए थे। और वो यह बात लाला जी को नहीं बताना चाहते थे। 

प्रश्न 2.

उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई।”

समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों ? लिखिए।

उत्तर –

उस रात बिलवासी जी को देर रात तक नींद नहीं आई क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी के संदूक से 250 /- रूपये चुराए थे और समस्या हल हो जाने के बाद वो उन पैसों को वापस अपनी पत्नी के संदूक में रखना चाहते थे। लेकिन संदूक की चाबी पत्नी के गले में पड़ी सिंगड़ी में बंधी थी । जिसे वो पत्नी के सो जाने के बाद ही निकाल सकते थे।

इसीलिए वे अपनी पत्नी के सोने का इंतजार कर रहे थे। जब उनकी पत्नी सो गई तब उन्होंने चाबी निकाली और संदूक खोल कर पैसे वापस उसमें रख दिए। 

प्रश्न 3.

लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।”

“अजी इसी सप्ताह में ले लेना।”

“सप्ताह से आपका तात्यर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?”

झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है लिखिए।

उत्तर –

लालाजी की पत्नी , लालाजी की “वादा करके मुकर जाने की आदत” से अच्छी तरह से वाकिफ थी। इसीलिए वह उन पर भरोसा नहीं कर पा रही थी कि लालाजी उन्हें वास्तव में पैसे देंगे ही देंगे ।वह इस बार कोई धोखा नहीं खाना चाहती थी। इसलिए वह इस बात को पक्का कर लेना चाहती थी कि लालाजी पैसे देंगे या नहीं। 

क्या होता यदि

प्रश्न 1. 

अंग्रेज़ लोटा न खरीदता ?

उत्तर –

दो बातें हो सकती हैं।

1 . बिलवासी जी को अपनी पत्नी से चुराए हुए पैसों से लाला झाऊलाल की समस्या हल करनी पड़ती।

2 . लाला झाऊलाल अपनी पत्नी को पैसे नहीं दे पाते तो , उन्हें अपनी पत्नी के सामने बेइज्जत होना पड़ता ।

प्रश्न 2. 

यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता ?

उत्तर –

पूरी सम्भवना थी कि लाला झाऊलाल को गिरफ्तार कर लिया जाता। 

प्रश्न 3. 

जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे , तभी उनकी पत्नी जाग जाती तो ?

उत्तर –

पत्नी चोरी का इल्जाम उन पर अवश्य लगती। और उन्हें अपनी पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़ता और संभवत: पत्नी से माफी भी मांगनी पड़ती ।

भाषा की बात

प्रश्न 1.

इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधी सी बात कहने के बजाय रोचक मुहावरों , उदाहरणों  आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक रोचक / मजेदार बना दिया है। कहानी से ऐसे  मुहावरों को चुनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे। 

उत्तर –  रोचक / मजेदार मुहावरे 

  1. आंखों से खा जाना ।
  2. बाप डमरू मां चिलम
  3. आंखें सेंकना
  4. दो और दो जोड़कर स्थिति को समझना 

प्रश्न 2.

इस कहानी में लेखक ने अनेक मुहावरों का प्रयोग किया है। कहानी में से 5 मुहावरों को चुनकर उनका प्रयोग करते हुए वाक्य लिखिए ?

उत्तर –

1.  दो और दो जोड़कर स्थिति को समझना – परिस्थिति या समस्या को भाँप जाना। 

वाक्य प्रयोग

लाला झाउलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया। और फिर चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी ।

2.  चैन की नींद सोना – निश्चिंत हो जाना

वाक्य प्रयोग –

जैसे ही मेरी दसवीं की परीक्षा खत्म हो जाएंगी , मैं कुछ दिन चैन की नींद सोऊंगा। 

 3. 

आंखों से खा जाना – अत्यधिक क्रोधित हो जाना। 

वाक्य प्रयोग –

रमेश के फेल होने की खबर सुनते ही , रमेश के पिताजी उसे आंखों से ही खा जाना चाहते थे। 

4.

बाप डमरु , मां चिलम – बेढंगा आकर या रूप 

वाक्य प्रयोग –

यह बाल्टी जब से सुरेश के हाथ से गिरकर पिचकी है। तब से इसे देखकर तो ऐसा लगता है जैसे कि इस बाल्टी का बाप डमरु , मां चिलम रही होगी। 

5. 

डींगें मारना – अपनी झूठी तारीफ करना

वाक्य प्रयोग –

रमेश को वैसे तो कुछ आता-जाता नहीं है। लेकिन वह डींगें मारने में काफी माहिर हैं। 

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