Mukhyamantri Anchal Amrit Yojana : मुख्यमंत्री आंचल-अमृत योजना उत्तराखंड
मुख्यमंत्री आंचल-अमृत योजना उत्तराखंड
Mukhyamantri Anchal Amrit Yojana
Mukhyamantri Anchal Amrit Yojana : बच्चों के समुचित विकास के लिए बच्चों को पोषण युक्त आहार के साथ-साथ फल , फूल व दूध की अत्यंत आवश्यकता होती है। दूध वैसे भी पूर्ण आहार माना जाता है। क्योंकि उसमें बच्चों के विकास के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
इसी बात को समझते हुए उत्तराखंड सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों के छोटे बच्चों के लिए “मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना” की शुरुआत की है। जिसमें पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के सभी बच्चों को मिड डे मील के साथ दूध भी दिया जाएगा।बच्चों को बचपन में पौष्टिक आहार दिया जाय तो बच्चे जीवन भर स्वस्थ व तंदुरुस्त रहेंगे।
मुख्यमंत्री आंचल-अमृत योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री आंचल-अमृत योजना का मुख्य उद्देश्य प्राइमरी स्तर के सभी बच्चों को उत्तम गुणवत्ता वाले मिड डे मील के साथ-साथ विटामिन से भरपूर दूध दिया जाय ।ताकि छात्र-छात्राओं के पोषण स्तर में सुधार हो सके ।और उनका सही तरीके से शारीरिक विकास हो सके।
मिड-डे मील में बच्चों को दूध देने की इस योजना को भारत सरकार के सहयोग से चलाया जा रहा है।उत्तराखंड पहला राज्य है जिसे भारत सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में प्राविधानित की गई फ्लेक्सी फंड की धनराशि व्यय करने की अनुमति प्रदान की।
मुख्यमंत्री आंचल-अमृत योजना की विशेषता
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 13 March 2020 को बच्चों को दूध पिलाकर मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना का शुभारंभ किया।इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के दुग्ध विकास मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।
इस योजना के तहत उत्तराखंड के सभी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चों को मध्यान भोजन योजना (मिड दे मील ) में सुगंधित (फ्लेवर युक्त ) दूध दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री आंचल-अमृत योजना से लगभग 7 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत सप्ताह में एक दिन कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के बच्चों को विटामिन ‘ए’ व विटामिन ‘डी2’ फोर्टिफाइड दूध दिया जायेगा।
इस योजना की खास बात यह है कि इसमें बच्चों की पसंद का भी ध्यान रखा गया है।इसीलिए दूध को चाॅकलेटी , स्ट्राबेरी और वनीला फ्लेवर में तैयार किया गया है।मुख्यमंत्री आंचल-अमृत योजना के तहत दूध आंगनबाड़ी केंद्र , राजकीय विद्यालय, सहायता प्राप्त विद्यालय और मदरसों में बांटा जायेगा।
प्राइमरी स्तर के बच्चों को 100 मिलीलीटर जबकि उच्च प्राइमरी के बच्चों को 150 मिली लीटर दूध दिया जायेगा।बच्चों के लिए दूध उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड उपलब्ध कराएगा।
दूध चूर्ण (पाउडर) के रूप में स्कूलों को दिया जाएगा। ये पैकेट विद्यालयों को मांग व आवश्यकतानुसार हर तीन महीने में उपलब्ध कराये जायेंगे।यानी कि एक बार में 3 महीने का कोटा दिया जाएगा।
इस योजना का संचालन उत्तराखंड सहकारी डेयरी फैडरेशन लिमिटेड और विद्यालयी शिक्षा विभाग मिलकर करेंगें।
बजट
इस योजना का संचालन करने के लिए प्रत्येक वर्ष 12 करोड की धनराशि की आवश्यकता पडेगी। जिसमें से 6 करोड़ रूपये भारत सरकार दिए जायेंगे और 6 करोड़ रूपये राज्य सरकार द्वारा दिये जायेगे ।
मुख्यमंत्री आंचल-अमृत योजना की निगरानी
मुख्यमंत्री आंचल-अमृत योजना की निगरानी में दूध वितरण , निगरानी और समीक्षा हेतु जनपद स्तर पर समिति का गठन किया जायेगा। इसके समिति के सदस्य जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी , डीएम द्वारा नामित अधिकारी , मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा नामित अधिकारी सहायक निदेशक डेरी , जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक और माध्यमिक होंगे।
मुख्यमंत्री आंचल-अमृत योजना से लाभ
- बच्चों को पेट भर भोजन के साथ-साथ दूध मिलेगा , तो छोटे बच्चों में पोषण की कमी नहीं होगी।जिससे उनका शारारिक विकास भी अच्छी तरह से होगा और वे तन , मन व दिमाग से स्वस्थ भी रहेंगे।
- आंचल अमृत योजना के तहत बच्चों को स्कूल में सुगंधित मीठा मिल्क पाउडर मिलेगा । तो हर बच्चा खुशी-खुशी स्कूल जाएगा।
- प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया जायेगा। जिससे पशुपालकों को सीधा-सीधा लाभ पहुंचेगा।
- वैसे इस योजना के लिए सरकार ने मैदानी क्षेत्र की आठ हजार गायें पहाड़ के पशु पालकों को उपलब्ध करा दी हैं।और दुग्ध समूहों की क्षमता का विस्तार करने के लिए 24 करोड़ रुपये तथा पशुपालकों को चारा यातायात अनुदान में आठ करोड़ रुपये दिए गए हैं।
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