नंदा गौरा कन्या धन योजना, Nanda-Gaura Kanya Dhan Yojana For Daughter’s ,गरीब बच्चियों की पढाई से लेकर शादी तक की आर्थिक मदद के लिए उत्तराखंड सरकार ने बढाया हाथ… in Hindi
Nanda-Gaura Kanya Dhan Yojana
हमारे समाज में बच्चियों और महिलाओं की स्थिति हमेशा से ही सोचनीय रही है।चाहे उच्च वर्ग हो या निम्न। महिलाओं के साथ भेदभाव तो उनके जन्म से पहले से ही शुरू हो जाता है।सबसे पहला भेदभाव तो बच्चियों के साथ मां के गर्भ में ही शुरू हो जाता है।मां के गर्भ में अगर बच्ची पल रह़ी हो तो उसे वहीं पर मार दिया जाता है।
उसके बाद अगर कोई बच्ची अपनी धनी किस्मत की वजह से इस दुनिया में आंखें खोल भी लेती है। तो दूसरा भेदभाव उसके साथ उसके परिवार के सदस्यों के द्वरा ह़ी शुरू हो जाता है।चाहे वह खान-पान को लेकर हो,पढ़ाई-लिखाई,पहनने-ओढ़ने या कहीं घूमने फिरने की आजादी को लेकर हो।हर जगह बच्चियों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
रही सही कसर समाज, बिरादरी, रिश्तेदार निकाल देते हैं। ऊपर से आए दिन बच्चियों के साथ होने वाली छेड़छाड़,बलात्कार की घटनाएं।सच में महिलाओं का जीवन जीना इस दुनिया में हर दिन मुश्किल होता जा रहा है।
लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सरकार महिलाओं की समस्याओं को लेकर थोड़ी बहुत जागरूक हुई हैं।और सरकार ने महिलाओं की बेहतरी के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए तथा योजनाएं भी शुरू की हैं। इन्हीं में से एक योजना का नाम है नंदा गौरा कन्या धन योजना (Nanda-Gaura Kanya Dhan Yojana) ।
इस योजना के तहत उत्तराखंड सरकार समाज के निचले तबके के बच्चियों को (BPL), अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की बच्चियों को आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं। नंदा गौरा कन्या धन योजना (Nanda-Gaura Kanya Dhan Yojana) में कन्या के जन्म से लेकर पढ़ाई व विवाह तक की आर्थिक मदद दी जाती हैं।
दो योजनाओं का एक में विलय
कुछ समय पहले तक सरकार निचले तबके की बच्चियों को आर्थिक मदद देने के लिए दो योजनाएं चलाती थी।पहली योजना महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के द्वारा चलाई जाती थी जिसे नंदा देवी कन्या धन योजना कहा जाता था। दूसरी योजना समाज कल्याण विभाग के द्वारा चलाई जाती थी जिसे गौरा देवी कन्या धन योजना कहा जाता था।
इन दोनों योजनाओं के तहत गरीब तबके की बच्चियों को करीबन 90,000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती थी।लेकिन बाद में इन दोनों योजनाओं को एक में विलय कर इस योजना को “नंदा गौरा कन्या धन योजना/Nanda-Gaura Kanya Dhan Yojana” का नाम दिया गया जिसके तहत गरीब घर की बच्चियों को जन्म से लेकर पढ़ाई व विवाह तक 51,000 रुपये की आर्थिक धन राशि विभिन्न चरणों में प्रदान की जाती है।
इस योजना (Nanda-Gaura Kanya Dhan Yojana) का संचालन” महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग” करता हैं। 1 जुलाई 2017 के बाद लाभार्थियों को लाभ देने के लिए सामाजिक, आर्थिक ,जाति आधारित जनगणना 2011 को मान्य किया गया है।
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योजना में अहम बदलाव
हाल में ही इसके मानकों में बड़ा बदलाव किया गया है।पहले इसमें लाभ लेने वाले बच्चियों के परिवार की सालाना आय 36,000 रूपये ग्रामीण क्षेत्र के लिए तथा सालाना आय 42,000 रूपये शहरी क्षेत्र के लिए मानक तय किया गया था।
आय का मानक कम होने के कारण बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था।जो वास्तव पर इस योजना के हकदार थे और जिनको वास्तव में इस योजना की जरूरत थी।
गांव और शहर का एक ही मानक
उत्तराखंड के विधानसभा के मानसून सत्र में कई सदस्यों द्वारा इस मामले को बार-बार व जोर-शोर से उठाया गया।उसके बाद ही सरकार ने सालाना आय के दायरे को बढ़ाने के साथ ही इस योजना के स्वरूप में भी कई अहम बदलाव की तैयारी की।अब बदलाव के बाद इस योजना का लाभ वो सभी परिवार ले सकेंगे जिनकी सालाना आय 72 हजार रुपए तक है।
और दिलचस्प बात यह है कि अब गांव और शहर का एक ही मानक होगा।गांव हो या शहर सबके लिए एक ह़ी मानक यानी सालाना आय 72 हजार रुपया रखा गया हैं।
इस योजना (Nanda-Gaura Kanya Dhan Yojana) के तहत बालिका के जन्म, उसकी 1 वर्ष की आयु पूरी होने पर ,नवीं व 11वीं कक्षा में प्रवेश, डिप्लोमा व स्नातक कक्षा में प्रवेश पर पांच -पांच हजार रूपये तथा डिप्लोमा व स्नातक की पढ़ाई पूरी होने पर 10,000 रूपये व विवाह पर 16,000 रूपये दिए जाते हैं।कुल मिला का 51 ,000 रूपये प्रदान किये जाते हैं।
इस योजना (Nanda-Gaura Kanya Dhan Yojana) का लाभ बच्चों को जन्म से ही मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए बैंक में माता के साथ बच्ची का संयुक्त खाता खुलवाना अनिवार्य है।किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में यह खाता जीरो बैलेंस के साथ खुलवाया जा सकता हैं।
और इसी के साथ इस खाते को आधार नंबर से जोड़ दिया जाएगा।सरकार से बच्चियों को मिलने वाली राशि सीधे इसी खाते में ट्रांसफर की जायेगी।माँ के जीवित न होने पर पिता के साथ संयुक्त खाता खुलवाया जायेगा। इस योजना के तहत गरीब परिवार की सिर्फ दो बेटियों को ह़ी लाभ मिलेगा।
जिला स्तरीय कमेटी का गठन
इस योजना (Nanda-Gaura Kanya Dhan Yojana) का संचालन ठीक तरीके से हो इसलिए प्रत्येक जिले में एक “जिल स्तरीय कमेटी” का गठन भी किया गया है।जिसके अध्यक्ष मुख्य विकास अधिकारी होंगे और उपाध्यक्ष जिला कार्यक्रम अधिकारी को बनाया गया है। इसके सदस्यों में बैंक के अधिकारी व बाल विकास परियोजना के अधिकारियों को शामिल गया है।
लाभार्थी को लाभ लेने हेतु आवश्यक कदम
इस योजना (Nanda-Gaura Kanya Dhan Yojana) का लाभ लेने के लिए बच्चियों का जन्म सरकारी अस्पताल मातृ,शिशु केंद्र,एएनएम प्रशिक्षण स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा होने का प्रमाण पत्र आवश्यक है।ऐसी लड़कियों जिन्होंने आठवीं से लेकर स्नातक तक की परीक्षा पास कर ली हो।उन्हें मुख्य शिक्षा अधिकारी से शैक्षिक प्रमाण पत्र लेकर उसको आवेदन पत्र के साथ लगाना अनिवार्य किया गया है।
इस योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थियों के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में बच्चे के जन्म के 3 माह के भीतर ही आवेदन करना अनिवार्य है।आवेदन पत्र सभी आंगनबाड़ी व बाल विकास परियोजना कार्यालयों में निशुल्क रूप से मिलेंगे।इससे संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेजों को आवेदन पत्र के साथ लगाकर बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा।
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आवश्यक बातें
बच्चियों के बेहतर स्वास्थ्य, सम्पूर्ण विकास, अच्छी शिक्षा को लेकर बनाई गयी इस योजना के लिए आवेदन करने हेतु कुछ शर्तें भी रखी गई हैं जिनके अनुसार आवेदनकर्ता उत्तराखंड का मूल निवासी हो।ऐसे बच्चों को लाभ नहीं मिलेगा जो उत्तराखंड में रहते हो लेकिन उत्तराखंड के मूल निवासी ना हो।
आवेदनकर्ता की उम्र 25 वर्ष से कम हो और उसके परिवार की सालाना आय 72,000 रुपए या इससे कम हो।आवेदक को 12 वीं की कक्षा को पास करना अनिवार्य है।आवेदक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व निम्न तबके से यानी बीपीएल परिवार से ताल्लुक रखता हो तथा अविवाहित होना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदनकर्ता को कुछ आवश्यक दस्तावेज आवेदन पत्र के साथ जमा करने होगें। जैसे आधार कार्ड, परिवार रजिस्टर की नकल कापी,आयु प्रमाण पत्र,आय प्रमाण पत्र ,शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र तथा साथ में आवेदक की तीन फोटो के साथ आवेदन पत्र को कार्यालय में जमा करना होगा।
नंदा गौरा कन्या धन योजना (Nanda-Gaura Kanya Dhan Yojana) को लागू करने के पीछे सरकार का बस यही उद्देश्य हैं कि समाज में बच्चियों की स्थिति को सुधारना,बच्चों के साथ होने वाले भेदभाव को दूर करना,समाज में लड़कियों की स्थिति बेहतर बनाना, बाल विवाह रोकना, भ्रूण हत्या जैसे धिनौने काम को रोकना, बच्चियों को पढ़ा-लिखा कर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना ताकि वह इस समाज में सम्मान के साथ जी सके।
हालांकि इस योजना में मिलने वाली धनराशि पर्याप्त नहीं है।फिर भी निम्न तबके से आने वाली उन बच्चियों को इससे बहुत बड़ा सहारा मिलेगा जों पढ़-लिख कर अपने पैरों पर खडे होकर आत्म सम्मान के साथ जीना चाहती हैं।
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Updates:
मुख्य अपर सचिव राधा रतूड़ी जी ने 22 नवम्बर 2018 को आय सम्बन्धी एक ह़ी मानक (गांव और शहर का एक ही मानक) अपनाये जाने के लिए शाशनादेश जारी कर दिया है।अब 72,000 रूपये सालाना आय वाले परिवार इसका लाभ ले सकेगें।
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