Motivational thoughts in Hind सजना है मुझे जरा अपने लिए
सजना है मुझे जरा अपने लिए
Motivational thoughts in Hind
” सजना है मुझे सजना के लिए ” एक अच्छा बहाना है महिलाओं के सजने सवरने के लिए लेकिन अगर यह कहा जाए कि “सजना है मुझे जरा अपने लिए “तो यह कितना अच्छा होता।हर महिला को सजना सवरना बहुत ही पसंद होता है।और हर महिला हर उम्र में खूबसूरत दिखना चाहती हैं।
कई जिम्मेदारियों हैं महिलाओं पर
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी ने महिलाओं को बांट दिया है।एक तो वो महिलाएं जो कामकाजी व आत्मनिर्भर हैं।और दूसरी वह जो घर में रहकर घर संभालती हैं यानी हाउस मेकर।महंगाई के इस दौर में कई महिलाओं ने अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए घर से बाहर निकल कर अपनी योग्यता और कार्यकुशलता के बल पर अच्छी जगह बना ली है।
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लेकिन इस आत्मनिर्भरता और आत्म सम्मान के लिए उसको दोहरे दायित्वों का निर्वहन करना पड़ता है।घर की पूरी जिम्मेदारी मां ,बहन ,पत्नी ,भाभी ,बहू या अन्य रूप में निभानी पड़ती हैं। साथ ही साथ कार्य क्षेत्र पर भी कार्यकुशल एंप्लॉय की तरह रहना पड़ता है।और इस सब में कई बार वह अपना खुद का भी ध्यान रखना भूल जाती है।
दूसरी तरफ घरेलू महिलाओं जिनका पूरा दिन अपने घर परिवार व बच्चों की देखरेख में जाता है।जो अपना लक्ष्य और सपने भूल कर अपने घर परिवार और बच्चों के सपने पूरे करने में ही अपना पूरा समय लगा देती हैं।और खुद के ऊपर ध्यान ही नहीं दे पाती हैं।उनका हमेशा एक ही तर्क होता है कि “आखिर सज संवर कर हमको जाना कहां है।या कुछ नया सीखकर अब करना क्या करना है”। और कई महिलाएं तो “सगाई हुई आधी गई ..शादी हुई पूरी गई” इस कहावत को चरितार्थ करती हुई भी नजर आती हैं ।
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(Motivational thoughts in Hind, सजना है मुझे जरा अपने लिए )
महिला चाहे कामकाजी हो या हाउस मेकर सबकी जिंदगी तो हर दिन आगे बढ़ रही हैं।और हम सब की उम्र हर दिन गुजरती जा रही हैं।और जब हमारी जिम्मेदारी खत्म होगी।तब हम शायद जीवन के आखिरी पड़ाव में होंगे।
हम यह नहीं कह सकते कि आज जिम्मेदारी को निभा लेते हैं।कल जब सारी जिम्मेदारियां खत्म हो जाएंगी तो हम अपनी जिंदगी आराम से गुजार लेंगे।घूमेंगे फिरेंगे ,खाएंगे पिएंगे ,अपने सपने पूरे करेंगे, जो मर्जी आएगी वह करेंगे, फुर्सत के पल बिताएंगे।
ऐसा होने वाला नहीं है क्योंकि हर उम्र का अपना एक अनुभव है।अपनी एक जरूरत और शौक। क्योंकि जो सपने,जो इच्छाएं जवानी के दिनों में होती हैं।वह बुढ़ापे में या ढलती उम्र में नहीं होते।और सपने भी शायद उम्र के हिसाब से बदलते रहते हैं।तो क्यों न “काल करे सो आज कर” वाली कहावत को चरितार्थ करें ।
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सपने देखें और उन सपनों को पूरा करें
(Motivational thoughts in Hind ,सजना है मुझे जरा अपने लिए)
तो चलिए अपने जिम्मेदारीयों के साथ-साथ अपने सपनों को पूरा करने के लिए पहला कदम उठा ही लेते हैं।दिन भर में 24 घंटे होते हैं।और उसमें से एक घंटा तो अपने लिए निकाला ही जा सकता है।जो सिर्फ आपका अपना हो।उस टाइम पर आप सिर्फ आप हो यानी एक महिला।
अपने इस टाइम को आप अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए लगा सकती हैं ।जैसे अगर आपको किताब पढ़ने का शौक और नृत्य करने का शौक हो या कुछ नया सीखने का शौक हो।तो आप इस टाइम पर वह कर सकती हैं।शाम का टाइम हो तो आप इवनिंग वॉक पर भी जा सकती हैं।योगा कर सकते हैं जिससे आप अपने को तरोताजा व हल्का महसूस करेंगी।
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अपनी जैसी महिलाओं का एक ग्रुप बनाकर किसी नये कार्य की शुरुआत कर सकती हैं।यह आपको आर्थिक सहायता के साथ-साथ एक नया लक्ष्य भी आपके जीवन को देगा।और निश्चित ही आपके जीवन में खुशियों के हजार पल लेकर तो आएगा ही।साथ में नया आत्मविश्वास भी पैदा करेगा।
यह कहने में तो बहुत आसान है कि आजकल महिलाएं दोहरी जिम्मेदारी निभा रही हैं।लेकिन यह बहुत थका देने वाला और तनाव भरा काम है।कई बार महिलाएं अपना स्वभाविक स्वभाव ही खो देती हैं।और चिड़चिड़ी हो जाती हैं।क्योंकि उनके पास दो पल फुर्सत के भी नहीं होते।रोजमर्रा के ( घर और ऑफिस के) कामों को पूरा करने में वह कुछ इस तरह से उलझ जाती है कि अपने लिए समय ही नहीं मिलता ।
काम का बंटवारा
(Motivational thoughts in Hind सजना है मुझे जरा अपने लिए)
आप चाहे कामकाजी महिला हो या घरेलू महिला।रोबोट बनने की कतई भी कोशिश ना करे। क्योंकि अगर हर काम आप स्वयं ही करने लगेंगी तो आपके पास समय की कमी तो होगी ही । इसलिए घर के हर सदस्य को उनके हिसाब से आप उन्हें काम बांट सकती हैं।
कुछ ऐसे भी कार्य होते हैं जिन्हें आप नहीं कर सकती।तो आप उन्हें मना कर सकती हैं ताकि घर का अन्य सदस्य जो उस कार्य को कर सकता है वह कर लेगा।इससे आपको अपने लिए समय मिलेगा जिससे आप अपने लिए बिता सकती हैं।इससे आपका तनाव व थकान मिटेगी।
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संतुलित भोजन लें
अक्सर हम देखते हैं महिलाएं परिवार के हर सदस्य के खाने का ध्यान रखती हैं।घर के सदस्यों की पसंद और नापसंद के हिसाब से ही खाना बनाती हैं।लेकिन महिला को खुद क्या अच्छा लगता है। उस हिसाब से खाना शायद ही कभी बनता हो।सिर्फ इसी बात पर आप आलस क्यों करती हैं।
आप भी एक इंसान हैं और आपके शरीर को भी एक संतुलित भोजन की आवश्यकता होती है।तथा हर महिला को खाने में कुछ चीजें बहुत पसंद होती हैं।तो कभी-कभी अपनी पसंद का भी खाना बना कर देखिए।और हमेशा संतुलित आहार लें।क्योंकि अगर आप अस्वस्थ होंगे तो आप का पूरा परिवार भी अस्वस्थ और अस्त व्यस्त हो जाएगा। इसलिए परिवार के साथ-साथ आप अपना भी पूरा ध्यान रखिए ।
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कुछ नया सीखना जरूरी
(Motivational thoughts in Hind सजना है मुझे जरा अपने लिए)
आप अपने बच्चे से यह सुनना तो पसंद नहीं करेंगी कि ” छोड़ो मम्मा रहने दो आपसे यह नहीं होगा ” या “मम्मा यह आपके बस की बात नहीं है”। आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है।हर दिन बाजार में कुछ नया आता रहता है।कामकाजी महिलाएं तो इनसे लगभग वाकिफ ही रहती हैं।लेकिन कई घरेलू महिलाओं को इन सब में कोई रूचि नहीं होती है।
आप घर में रहती हैं या बाहर कार्य करती हैं।इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। आपको अपने आप को हर वक्त अपडेट रखना जरूरी है।क्योंकि आपको आज की नई पीढ़ी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है।और इसके लिए जरूरी है आप अपनी नॉलेज को बढ़ाएं।
देश दुनिया की खबरें से वास्ता रखें।पुरानी चीजों को छोड़ कुछ नई चीजों को अपनाना कभी- कभी बहुत लाभप्रद रहता है। और आप अपने बच्चों की पढ़ाई में भी मदद कर सकती हैं।
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अगर आप नई टेक्नोलॉजी से नित आने वाली नई नई चीजों के बारे में जानकारी रखती हैं। देश दुनिया की खबर रखती हैं।तो यह आपको आत्मविश्वास से भर देता है।इसलिए हर दिन अपने आप को अपडेट रखने की कोशिश करनी चाहिए ।
सजना सवरना भी जरूरी
(Motivational thoughts in Hind, सजना है मुझे जरा अपने लिए)
हर महिला चाहे वह किसी भी उम्र की क्यों ना हो या किसी देश या समाज की क्यों ना हो सबको सजना सवरना बहुत पसंद होता है।लेकिन इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में इतना समय ही नहीं मिलता कि बहुत अधिक टाइम अपने पर खर्च किया जाए।लेकिन फिर भी कुछ समय जरूर निकाला जा सकता है।बाजार में आने वाला फैशन का हर कपड़ा भले ही आपके लिए ना हो।लेकिन कुछ तो आपके हिसाब से मिल ही जाता हैं।
आप अपनी उम्र और अपने शरीर की बनावट के हिसाब से अपने लिए कुछ फैशनेबल मगर गरिमामई कपड़े ले सकते हैं।समय व जरूरत के हिसाब से मेकअप भी बहुत जरूरी है।अगर आप अच्छे से तैयार होकर बाहर निकलती हैं। तो समाज में भी आपकी एक अलग पहचान बनती हैं। वैसे भी बनने संवारने व सुंदर दिखने में क्या हर्ज है।और प्रशंसा के दो बोल किसे अच्छे नहीं लगते हैं।
आप किसी से पहली बार मिलते हैं तो व्यक्ति आपकी बाहरी सुंदरता से ही प्रभावित होता है। आंतरिक गुण तो बार-बार मिलने के बाद ही दिखाई देते हैं।कई बार बाहरी सुंदरता भी आपको आत्मविश्वास से भर देती है।और आप एकदम तरोताजा स्फूर्तिवान महसूस करते है।इसीलिए आज कहिए अपने आप से …. सजना है मुझे जरा अपने लिए।
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इसलिए परिवार के साथ-साथ आप अपना भी पूरा ध्यान रखिए ।और कहिए ….सजना है मुझे जरा अपने लिए ..सजना है मुझे जरा अपने लिए।
कहने वाले ने क्या खूब कहा है
हर दिन अपनी जिंदगी को एक नया ख्वाब दो।
चाहे पूरा ना हो पर आवाज तो दो ।
एक दिन पूरे हो जायेंगे सारे ख्वाब तुम्हारे।
सिर्फ एक शुरुआत तो दो।
(Motivational thoughts in Hind ,सजना है मुझे जरा अपने लिए)
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