Why We Celebrate Holi Festival In India : रंगों का त्यौहार होली क्यों मनाई जाती हैं ?

Why We Celebrate Holi Festival In India :

Why We Celebrate Holi Festival In India

रंगों का त्यौहार होली Why We Celebrate Holi Festival In India
प्रकृति से जोड़ता है होली का त्यौहार 

बसंत का मौसम , जहां एक ओर प्रकृति अपने आंचल को एक बार फिर नए पत्तों , पौधों व सुंदर फूलों से सजा कर अपना श्रृंगार करने में लगी रहती है। वहीं राधा – कृष्ण के रस भरे प्रेम-प्रसंगों व कान्हा और गोपियों के बीच की मस्ती भरी शरारतों के गीत चारों तरफ फिजाओं में सुनाई देते हैं।

हम इंसान ही नहीं बल्कि प्रकृति भी इस त्यौहार को पूरी तैयारी के साथ मनाती है तभी तो वह अपने आंचल को रंग बिरंगे फूलों से सजा कर पूरे वातावरण को सुगंधित कर बड़ा मनमोहक बना देती है। सच में अद्भुत है यह देश और यहां के त्यौहार भी।

बसंती मौसम में मनाया जाने वाला यह त्यौहार चीर बंधन के साथ शुरू हो जाता है और फाल्गुन माह की पूर्णिमा तक मनाया जाता है।होली का त्यौहार जहां हमें प्रकृति से जोड़ता है वही उस परम शक्ति पर हमारी आस्था और विश्वास को और मजबूती प्रदान करता है।

होलिकाष्टक से शुरू होता है होली का त्यौहार 

होली की शुरुआत 8 दिन पहले यानी कि होलिकाष्टक से मानी जाती है। एक कथा के अनुसार भगवान भोलेनाथ ने क्रोध में आकर कामदेव को भस्म किया था। उसी दिन से होलिकाष्टक की शुरुआत हुई थी।इन पूरे 8 दिनों में वैसे तो कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है।मगर इस त्यौहार को पूरी मौज मस्ती के साथ पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।

लेकिन उत्तर भारत में गोकुल ,वृंदावन , मथुरा , ब्रिज के साथ- साथ बरसाने की लठमार होली तो विश्व प्रसिद्ध है। लठमार होली में जहां पुरुष महिलाओं को अबीर गुलाल लगाते है। वही महिलाएं पुरुषों को लठ मार कर होली का मजा लेती है।

उत्तर भारत में खड़ी होली का भी है प्रचलन 

उत्तर भारत में दो तरह की होली का प्रचलन है। खड़ी होली व बैठी होली। पुरुषों द्वारा की जाने वाली होली को खड़ी होली कहा जाता है।होली के मौके पर महिलाओं व पुरुषों द्वारा कई प्रकार के होली के गीत गाए जाते हैं जिसमें राधा कृष्ण के संबंधित गीत ज्यादा होते है। इसके साथ ही महिलाएं विभिन्न प्रकार के स्वांग भी रचाती हैं। होली की पूर्व संध्या पर होलिका दहन किया जाता है जिसमें अग्नि की पूजा की जाती है।

धार्मिक कथा (Story Of Holi Festival)

होली से जुड़ी एक धार्मिक कथा के अनुसार हिरणाकश्यप नाम का एक राजा था जिसको एक वरदान प्राप्त था जिसके अनुसार उसको ना कोई मनुष्य मार सकता है , न पशु । उसकी मृत्यु न दिन में होगी ना रात को और न धरती पर होगी और ना आकाश में।

उसका एक पुत्र था जिसका नाम प्रहलाद था । प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था।और यह बात पिता को बिल्कुल पसंद नहीं थी।उसने प्रह्लाद को कई बार मारने का प्रयास किया लेकिन वह हर बार असफल रहा।

अंत में उसने अपनी बहन होलीका को आदेश दिया कि वह भक्त प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाय । होलीका को यह वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि नहीं जला सकेगी । इसीलिए होलीका  भक्त प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई परंतु इस कोशिश में होलीका तो उस अग्नि में जलकर राख हो गई लेकिन भक्त प्रहलाद का बाल भी बांका ना हुआ।

इसके बाद खुद हिरणाकश्यप ने भक्त को मारने की कोशिश की । इसबार भगवान विष्णु खंभे से भगवान नरसिंह के रूप में प्रकट हुए और उन्होंने हिरकश्यप का वध कर अपने भक्त की रक्षा की।

गुजिया है होली की शान 

होली में विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं । मगर गुजिया का तो अपना अलग ही मजा है। वैसे भी स्वादिष्ट गुजिया तो होली की शान है। इसके बिना तो होली का मजा ही क्या।विभिन्न प्रकार के रंगों से खेला जाने वाला यह त्यौहार वैसे तो पूरे देश में मनाया जाता है मगर इसका रूप उत्तर भारत में कुछ अलग और अद्भुत है। कहीं होली फूलों से खेली जाती है तो कहीं लठ मार कर , तो कहीं अबीर गुलाल से।

बुरा न मानो होली है

बुरा न मानो होली है” वाक्य से शुरू होने वाली होली बच्चों की पिचकारी व बड़ों की हंसी ठिठोली में गजब का उत्साह भर देती है । सच में होली में जैसे सारे रंग एक में मिलकर हमें रंग देते हैं और एक नई ऊर्जा प्रदान करते हैं । होली उम्र, जाति, धर्म जैसे सभी भेदभाव को हटाती है और सारी कटुता को भुलाकर हमें एक दुसरे से एक नया रिश्ता बनाने का मौका देती है और जीवन को उत्साह और उमंग से भर देती है।

थोड़ी सी सावधानी जरूरी 

होली के इस त्यौहार को थोड़ी सी सावधानी के साथ मनाया जाए तो रंग में भंग नहीं पड़ेगा । आज कल बाजार में अनेक तरह के रंगों की भरमार है जिसमें कई तरह के केमिकल्स मिले हुए हैं जो आपकी त्वचा को खराब कर सकते हैं । बेहतर हो कि आप प्राकृतिक रंगों का या फूलों से बने हुए रंगों का उपयोग करें और होली का मजा लेने के साथ-साथ अपने त्वचा को भी बचाएं।  Holi Festival का आप खूब मजा लीजिए मगर अपनी त्वचा का भी ध्यान रखें।

आप सब को होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें…...Happy Holi  .

Holi Festival 

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