Aparajita 100 Million Smiles, महिला सशक्तिकरण अभियान

Aparajita 100 Million Smiles, A campaign of Amar Ujala for Women’s Empowerment।

Aparajita 100 Million Smiles

हमारे देश में जब भी किसी घर में कन्या का जन्म होता हैं तो अक्सर लोगों के मुंह से यही सुनने को मिलता हैं कि घर में लक्ष्मी आयी हैं।या शादी के बाद घर आयी बहू को भी लक्ष्मी रूप ह़ी माना जाता हैं।और हमारे समाज व धर्मग्रंथो में तो महिलाओं को देवी रूप (लक्ष्मी, सरस्वती व दुर्गा रूप) माना गया हैं।मगर क्या सच में ऐसा हैं?

Aparajita 100 Million Smiles

आये दिन बच्चियों व महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं से तो ऐसा बिलकुल नही लगता हैं ? अगर सच में ऐसा होता तो फिर सरकार को महिलाओं के अधिकारों व सुरक्षा के लिए अलग से इतनी सारी योजनाओं को नही बनाना पड़ता।

और “कन्या भूण हत्या” व “बेटी बचाओं बेटी पढाओ” के लिए अलग से अभियान नही चलाने पड़ते।अगर हमारे समाज में स्त्री व पुरुष के प्रति एक जैसा दृष्टिकोण होता या दोनों के एक जैसे अधिकार होते ,कोई भेदभाव नही होता तो फिर इस तरह के अभियान ह़ी क्यों चलने पड़ते।

वैसे तो समय समय पर सरकार ,बुद्धिजीवियों व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा महिलाओं के हित पर कई सारे कार्य किये जाते हैं।और कई सारे अभियान भी चलाये जाते हैं।लेकिन एक सम्मानित व लोकप्रिय अखबार “अमर उजाला” ने इससे भी 10 कदम आगे बढ़कर “अपराजिता 100  मिलियन स्माइल्स/Aparajita 100 Million Smiles” नाम से अभियान चलाया हैं।

Aparajita 100 Million Smiles अभियान महिलाओं के सभी परस्थितियों, समस्याओं , जरूरतों, चुनौतियों को समझते हुए चलाया गया हैं।यह विशेष रूप से सरहनीय हैं।

क्या हैं स्टेच्यू ऑफ यूनिटी ?

“Aparajita 100 Million Smiles” का विधवत आगाज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 26 नवम्बर को नैनीताल में किया।इस मौके पर उन्होंने अभियान का पोस्टर व लोगों जारी किया।

महिला सशक्तिकरण एवंं बाल विकास राज्यमंंत्री रेखा आर्य ने “Aparajita 100 Million Smiles” का पोस्टर व लोगो देहरादून में जारी कर किया।

Aparajita 100 Million Smiles poster

प्रसिद्द व सम्मानित अखबार “अमर उजाला” के अनुसार

“अपराजिता 100  मिलियन स्माइल्स (Aparajita 100 Million Smiles) नारी गरिमा के लिए एक साझा मंच तैयार करने की मुहिम है।इसके तहत ऐसा माहौल बनाने की कोशिश होगी जिसमें हर कोई यह सोचने को मजबूर हो जाय कि सुरक्षित समाज हर बच्ची और हर महिला का हक है।

समाज का नकारात्मक माहौल हमारे लिए चुनौती हैं।अमर उजाला ने इस जड़ता को तोड़ने की जिम्मेदारी उठाई है पर इसके लिए सबसे बड़ी जरूरत है समुदाय निर्माण यानी कम्युनिटी बिल्डिंग की।एक ऐसा समुदाय होगा जो ना केवल सकारात्मक दिशा में सोचें ,बल्कि नारी गरिमा को लेकर सतर्क और हमेशा प्रयासरत प्रयासरत रहे।

लैंगिक असमानता और महिला हिंसा के खिलाफ अमर उजाला पहले भी “बेटी ही बचाएगी” अभियान चला चुका है।मुख्य रूप से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में चलाई गई इस मुहिम से हम 10 लाख लोगों को जोड़ने में सफल रहे हैं ।

एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अब हम अपराजिता के साथ नारी गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने के साझा संकल्प के साथ आगे बढ़े हैं।”

उद्देश्य (Aim of Aparajita 100 Million Smiles)

“नो साइलेंस नो वाँँयलेंस”।

नारा (Slogan of Aparajita 100 Million Smiles)

“सोच बदलो, समाज बदलेगा “। 

सच में हर व्यक्ति को सोच ह़ी बदलने के जरुरत हैंसोच बदलेगी तभी समाज बदलेगा

उत्तराखंड के मशरूम गर्ल दिव्या रावत ?

अमर उजाला के इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए हर क्षेत्र से लोग बढ़चढ़ कर आगे आ रहे हैं।कई सारे स्वयंसेवी सस्थाएं ,विचारक ,प्रसिद्ध लेखक, खेलजगत से जुडी कई हस्तियोंं, बॉलीवुड की कई दिग्गज इस अभियान से जुड़ चुके हैं।

उन्होंने इसे महिलाओं के लिए एक ऐसा बेहद उम्दा प्लेटफॉर्म माना है। इस प्लेटफॉर्म से महिलाओं को अपने विचार रखने का एक सशक्त माध्यम मिलेगासाथ ह़ी साथ वो अपनी समस्याओं का समाधान भी मिलकर निकल सकती हैं।

अमर उजाला इस कार्यक्रम के जरिए 2 साल तक महिलाओं के हितों के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा

बॉलीवुड एक्टर राजा मुराद ने अभियान का पोस्टर लाँच करते हुए कहा है कि “जिन महिलाओं में कुछ करने की चाहत है। जो समाज में आगे बढ़कर अपने हुनर की छाप दुनिया में छोड़ना चाहती हैं।

वो महिलाएं अभियान के जरिए अपने विचारों को दूसरे के सामने प्रस्तुत कर सकेंगे। साथ ही हर क्षेत्र की महिलाओं को एक दूसरे के संग कंधे से कंधा मिलाकर चलने का मौका मिलेगा।महिलाओं को समाज में और भी ताकत मिलेगी।

महिलाओं को अपने विचार रखने का एक सशक्त माध्यम मिलेगा।आज महिलाएं बॉलीवुड से राजनीतिक मंच तक सभी जगह अपनी आवाज उठा रही हैं। अभियान के जरिए महिलाओं को उन महिलाओं से भी जुड़ने का मौका मिलेगा जिन्होंने अपने जीवन में एक मुकाम हासिल किया है।

महिलाओं इस मुहिम के साथ जुड़कर खुद को और सशक्त बनायेेंगी।यह एक अच्छी पहल है”।अर्जुन अवार्ड से सम्मानित कामनवेल्थ गेम्स की स्वर्ण पदक विजेता अंतरराष्ट्रीय पहलवान अलका तोमर ने कहा कि “समाज में बेटियां ,महिलाओं को सशक्त होना बहुत जरूरी है।

बेटियों को हर क्षेत्र में आगे आना चाहिए।सेहत,स्वास्थ्य व सशक्त नारी से ही सशक्त समाज बनता है।बेटियां मजबूत होगी, तो देश मजबूत होगा।यह अभियान तारीफ के योग्य है “।

मैरीकॉम आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत ? 

 विशेषज्ञों का सहयोग व सलाह भी दी जा रही हैं। 

अमर उजाला संस्थान के आगे आने से महिला सशक्तिकरण में हो रहे प्रयासों को और बल मिलेगा। महिलाएं जिस भी क्षेत्र में खुद को स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं।उन्हें अमर उजाला अपराजिता के माध्यम से विशेषज्ञों का सहयोग प्रदान करने का पावन कार्य कर रहा है।

इस कार्यक्रम के जरिए महिलाओं की समस्याओं पर भी परिचर्चा की जा रही हैं। समस्या से सम्बन्धित विशेषज्ञों से मिलकर महिलाओं की समस्याओं का समाधान निकाल कर उनको आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास भी किया जाएगा।

और उनके रोजगार से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की जा रही हैं।उनका सही तरह से मार्गदर्शन हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा हैं।इस महा अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी महिलाएं एक मंच पर अपनी बात रखेंगी।

अपराजिता 100 मिलियन स्माइल का उद्देश्य “महिला हिंसा के विरुद्ध लोगों को एकजुट करते हुए साझा मंच तैयार करना, महिलाओं व युवतियों को उनके हक, सुरक्षा व सम्मान के लिए बने कानूनों के प्रति शिक्षित करना, इसके साथ-साथ महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करना भी है”।

 कार्यशालायें    

अमर उजाला कई शहरों में अनेक तरह के कार्यशालाओं को आयोजित कर रहा है।कहीं छात्राओं के लिए सेल्फ डिफेंस (आत्मरक्षा) की कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।तो कही उनके रोजागार से जुड़े मुद्दें पर बात की जा रही हैं।सेल्फ डिफेंस (आत्मरक्षा)  की कार्यशालाओं में छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाते हैं।

अपनी सुरक्षा के लिए छात्राएं किस प्रकार अपने पास मौजूद चीजों का इस्तेमाल कर सकती हैं।इन चीजों की जानकारी दी जा रही है।बिना डरे मनचलों से कैसे निपटा जाए।यह भी गुर सिखाए जा रहे हैं ।बच्चों को जुड़े जूडो कराटे का प्रशिक्षण दिया गया।

अपराजिता के तहत अमर उजाला ने “कैरियर काउंसलिंग कार्यशाला” का भी आयोजन किया।इसमें बच्चों ने अपने भविष्य को लेकर, अपने करियर से संबंधित समस्याओं को का हल ढूंढने की कोशिश की।महिलाओं के स्वास्थ्य की निशुल्क जाँच हेतु कई सारे शिविरों का आयोजन भी किया जा रहा हैं।  

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प्रतियोगिताएं

पोस्टर प्रतियोगिताएं, निबंध प्रतियोगिताओं व रंगोली प्रतियोगिताएं का भी आयोजन किया गया।

घर से शुरुवात जरुरी 

महिलाओं के प्रति अपराध को रोकने के लिए घरों से ही संस्कार विकसित करने होंगे। मां व बेटी भी शिक्षित करना होगा, उन्हें सशक्त बनाना होगा और उन्हें उनके हक, सुरक्षा व सम्मान के प्रति जागरूक करना होगा।#MeToo जैसे अभियान चल रहे हैं। तो निश्चय ही महिलाओं को अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाना सीखना लिया हैं।

लेकिन अभी भी बहत कुछ करना बाकी हैं।लगातार टूटे संयुक्त परिवार और एकल परिवार भी इसके लिए जिम्मेदार हैं।निचले तबके की गरीब महिलाओं के साथ आए दिन घटनाएँ होती रहती हैं लेकिन उनमें विरोध करने की हिम्मत उनमें नहीं होती।

मगर ऐसा नही हैं कि यह निचले तबके तक ह़ी सीमित हैं।दुर्व्यवहार शिक्षित व सभ्रांत कहें जाने वाले परिवारों में भी हो रहा हैं।महिलाओं के प्रति अपराध को रोकने के लिए स्वयंसेवी व सामाजिक संगठनों  से जुड़ी महिलाओं को एकजुट होना होगा।

संगठनों को महिलाओं बच्चों के बच्चियों के प्रति होने वाले किसी भी अपराध के मसले पर एकजुट होकर पैरवी करनी होगी ।अभिभावकों को बच्चों को सजग  करना होगा।आत्मरक्षा के प्रशिक्षण देने हो गए।

महिलाओं व लड़कियों को अपनी समस्याएं बताने में हिचक छोड़नी होगी।इस समाज के डर को अपने मन से दूर करना होगा तभी अपराधों में कमी आएगी। महिलाओं को इस मानसिकता को बदलना होगा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम है। हमें अपने बच्चों को खासकर  छोटी लड़कियों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाना होगा।

उन्हें आत्मरक्षा के गुर सिखाने होंगे।लड़की और लड़के के बीच भेदभाव घर से ह़ी खत्म करने की पहल करनी होगी।महिलाओं के खिलाफ होने वाले घरेलू हिंसा व अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है

आज देश की बेटियां महिलाएं खेल ,सिनेमा, सेना, राजनीतिक समेत हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है।और कामयाबी की बुलंदियां छू रही हैं। वह और ज्यादा स्वावलंबी बन आगे बढ़ सकती हैं यदि उनको प्रोत्साहन मिले।महिला सशक्तिकरण से हम बेटियों को मजबूत बना सकते हैं।

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खुद महिलाओं को जागरूक तथा सशक्त बनाना होगा 

अमर उजाला द्वारा की गई इस पहल का लगभग सभी क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने सराहना की है। देश में महिला सशक्तिकरण को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए चलाई गई इस मुहिम को एक अनुकरणीय मुहिम माना है।

भविष्य में इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। महिलाओं को और ज्यादा सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।इस अभियान से “बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान” को भी नई को भी एक उर्जा  मिलेगा।सबको यह समझने व समझाने के जरूरत हैं कि नारी के बिना सृष्टि का निर्माण, विकास नही हो सकता हैं।

लेकिन यह अभियान तभी रंग लायेगा जब बेटियां व महिलाएं खुद अपने अधिकारों के प्रति सजग रहेंगी ,जागरूक रहेंगी और अपने हक के लिए लड़ना सीख जायेंगी।

बिना महिलाओं के जागरूक हुए बैगर सारे अभियान बेकार हैं। क्योंकि यह अभियान महिलाओं के सपनों को हौसला तो दे सकता है लेकिन उड़ान भरने के लिए हिम्मत खुद ही महिलाओं करनी होगी।

लगभग 10 करोड महिलाओं के चेहरों पर मुस्कान लाने के लक्ष्य से शुरू की गई अमर उजाला की मुहिम अपराजिता निश्चित ही महिलाओं में एक नया जोश भरने का काम करेगी।महिलाओं के लिए इतने बड़े स्तर में सोचना और उसे जमीनी हकीकत में एक रूप देना।यह वाकई में सराहनीय कार्य है।

अमर उजाला इस अभियान से जुड़ने के लिए Aparajita.amarujala.com पर लॉगइन कर सकते हैं।

अगर आप महिला अपराजिता अभियान (Aparajita 100 Million Smiles) से जुड़ना चाहते हैं तो प्लीज इस नंबर पर संपर्क कर सकते है (8979418110)।

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