Vaishnavi Suraksha Yojana :वैष्णवी सुरक्षा योजना क्या हैं

What is Vaishnavi Suraksha Yojana ? it’s Aim and Benefits.in hindi ,

Vaishnavi Suraksha Yojana

“बेटी नहीं बल्कि सृष्टि ने जन्म लिया है”।

Vaishnavi Suraksha Yojana

हमारे समाज में महिलायें लक्ष्मी, सरस्वती, माँ दुर्गा का रूप मानी जाती है।जब भी किसी घर में बेटी का जन्म होता हैं तो यही कहा जाता हैं कि घर में लक्ष्मी आयी हैं।क्या सच में ऐसा हैं ? नही यह तस्वीर का सिर्फ एक रूप हैं।दूसरा रूप बहुत ह़ी भयानक व डरावना हैं।

कानून बन जाने के बाद भी और अनेक तरह के जागरूकता अभियान चलाने जाने के बावजूद भी कन्या भ्रूण हत्या थम रही नहीं है।लाखों बच्चियों को बिना किसी कसूर के दुनिया में आने से पहले ही गर्भ में ह़ी मार दिया जाता है।

कुछ लोगों को छोड़ दे तो बेटी के जन्म में आज भी परिवारों में मायूसी छा जाती है।ऐसे समाज में बेटी जन्म दर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनायें शुरू की हैं।ताकि समाज में बेटे व बेटियों का अनुपात बराबर हो सके।

इसी सोच के साथ उत्तराखंड सरकार ने बेटियों की सुरक्षा के लिएवैष्णवी सुरक्षा योजना /Vaishnavi Suraksha Yojana” की शुरुआत की है।बेटियों के जन्म को बढ़ावा देने के मकसद से उत्तराखंड सरकार के द्वारा शुरु की गई वैष्णवी सुरक्षा योजना में बेटी के जन्म लेते ह़ी बेटी और मां दोनों को “वैष्णवी सुरक्षा” उपलब्ध कराई जाती हैं।

योजना की जानकारी एक नजर 

  • नाम    वैष्णवी सुरक्षा योजना,उत्तराखंड 
  • वर्ष        2017-18
  • विभाग   महिला एवं बाल विकास विभाग
  • लक्ष्य      नवजात बेटियों को सुरक्षा देना

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कैसे मिलेगी बेटी को वैष्णवी सुरक्षा 

वैष्णवी सुरक्षा योजना ( Vaishnavi Suraksha Yojana)  का लाभ लेने के लिए बच्ची के जन्म लेते ही परिवार के सदस्यों को उसके साथ सेल्फी खींच कर  “महिला एवं बाल विकास विभाग” के द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर भेजनी पड़ती है।

 वैष्णवी सुरक्षा योजना से मिलने वाला लाभ (Benefits of Vaishnavi Suraksha Yojana)

  1. नवजात बच्ची के साथ परिवार के सदस्यों की सेल्फी जैसे ह़ी विभाग तक पहुँचती है तो सरकार परिवार को तुरंत सहायता पहुंचती हैं।
  2. मुख्यमंत्री, विभाग और जिला अधिकारी की ओर से परिवार को तत्काल एक बधाई संदेश भेजा जाता है।
  3. इस योजना ( Vaishnavi Suraksha Yojana)  में नवजात बच्चियों के जन्म लेते ही उसे और मां को तमाम तरह के चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
  4. सेल्फी प्राप्त होते ही लाभार्थी को 24 घंटे के भीतर आस पास के सरकारी अस्पताल या एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा सभी प्रकार की सहायता दी जाती हैं।
  5. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा परिवार को एक “वैष्णवी किट” और नये कपड़े दिये जाते हैं।
  6. वैष्णवी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थी परिवार को “वैष्णवी कार्ड” भी दिया जाता है।यह कार्ड सरकार की विभिन्न योजनाओं से जुड़ा होता है।
  7. बच्ची के साथ माता-पिता को भी योजना के तहत बीमा कवर मिलता है।
  8. नवजात के टीकाकरण के लिए भी व्यवस्था की जाती हैं।
  9. प्राधिकरण की ओर से बच्ची को “विशेष पहचान संख्या” दी जाती है।

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क्या मिलेगा वैष्णवी किट में (Vaishnavi Suraksha Yojana Kit)

वैष्णवी सुरक्षा योजना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा बच्ची की माँ को एक वैष्णवी किट दिया जाता है।इस वैष्णवी किट में नवजात बच्ची के तुरंत उपयोग में आने वाली कई चीजें होती हैं।यह किट नए बच्चे के जन्म के समय परिवार को थोड़ी राहत देने के लिए दिया जाता हैं।

वैष्णवी सुरक्षा योजना का स्लोगन (Vaishnavi Suraksha Yojana Slogan)

“बेटी नहीं बल्कि सृष्टि ने जन्म लिया है “

 जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग की

वैष्णवी सुरक्षा योजना ( Vaishnavi Suraksha Yojana) के संचालन की पूर्ण जम्मेदारी प्रदेश के “महिला एवं बाल विकास विभाग” को सौंपा गयी है।इसके लिए नोडल सेंटर तैयार किए जा रहे हैं जिनका टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा। सेल्फी मिलते ही सिस्टम सक्रिय हो जाएगा।

संबंधित परिवार को विभाग की तरफ से बधाई संदेश दिया जाएगा कि उसने “बेटी को नहीं बल्कि सृष्टि को जन्म दिया है”।और विभाग के द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर चिकित्सक व एएनएम यथाशीघ्र लाभार्थी तक पहुंच जाएगा।

उत्तराखंड की राज्य सरकार ने “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ”अभियान के तहत बेटियों की संख्या को बढ़ाने तथा उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से इस योजना की  शुरुवात की हैं।

और इस योजना ( Vaishnavi Suraksha Yojana) का लाभ लेना भी नवजात बेटी के परिवार के लिए बहत आसान हैं। बस परिवार के सदस्यों को नवजात बेटी के साथ एक सेल्फी खींच कर उसे “महिला एवं बाल विकास विभाग” के द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर भेज देनी हैं बाकी काम सरकार का।

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वैसे तो हमारे पूरे देश के हर राज्य में बेटे और बेटियों के अनुपात में बहुत बड़ा असंतुलन हैं।बेटों के मुकाबले बेटियों की संख्या दिनोंदिन कम होती जा रही हैं।ऐसे में बेटे और बेटियों के अनुपात को बराबर बनाए रखने के लिए एक नहीं ऐसी अनके योजनाओं की आवश्यकता हैं।

समाज में जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत हैं।क्योंकि हमारे पुरुष प्रधान समाज में बेटियों को आज भी कमतर ह़ी आंका जाता है।बेटी के जन्म के वक्त घर में लक्ष्मी आई है कहने वालों के चेहरे का रंग अक्सर उडा ह़ी रहता है।

कुछ एक परिवारों को छोड़ दें तो बाकी परिवार बेटी के जन्म के वक्त मायूस ह़ी दिखते हैं।जबकि बेटियों आज अपनी मेहनत व लगन से आसमान की बुलंदियों को छू रही है।

दुनिया में ऐसा कोई क्षेत्र नही हैं जहाँ बेटियों ने अपने नाम का परचम न लहराया हो और माता पिता का सिर गर्व से ऊँचा न किया हो।फिर भी लोग बेटियों को गर्भ में ह़ी मार देते हैं।ऐसा नहीं है कि इस काम को सिर्फ अनपढ़ लोग ह़ी अंजाम देते हैं।

अपने आप को “आधुनिक कहने वाला वर्ग” भी निसंकोच इस जघन्य अपराध को अंजाम देते हैं। और सबसे आश्चर्य जनक बात यह है कि पढ़ी-लिखी और उच्च पदों पर काम करने वाली महिलाएं भी परिवार वालों के दबाव में आकर यह काम कर जाती हैं।

वैष्णवी सुरक्षा योजनाबेटी नहीं बल्कि सृष्टि ने जन्म लिया है” जैसे सुंदर विचार के साथ शुरू की गई हैं।वाकई में सरकार की तरफ से बेटियों के हित में उठाया गया यह एक अच्छा कदम हैं क्योंकि बेटियों सच में इस समाज की धरोहर हैं।आने वाली नई पीढी की वही जन्मदात्री हैं।

अगर बेटियों नही होगी तो नई पीढी इस दुनिया में कैसे आयेगी।क्या एक अकेला बेटा एक नई पीढी को इस दुनिया में ला सकता हैं ????

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