Startup and Standup India योजना के क्या हैं फायदे जानिए

Startup and Standup India ,स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया योजना के क्या हैं फायदे जानिए ? स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया योजना की जानकारी।उत्तराखंड राज्य में स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया प्रोग्राम की शुरुवात in hindi

Startup and Standup India Yojana

Startup and Standup India yojana सरकार की एक ऐसी योजना है।जिसके तहत ऐसे लाखों बेरोजगार नवयुवकों व युवतियों को अपना व्यवसाय खड़ा करने का मौका मिलेगा जिनमें कुछ कर गुजरने का जुनून हो। और जो अपने इनोवेटिव आइडिया को एक उद्योग के रूप में स्थापित करना चाहते है।किसी ऑफिस में 9:00 से 6:00 बजे तक की नौकरी करने के बजाए अपनी पूरी क्षमता ,प्रतिभा व ताकत का उपयोग करके अपने व्यवसाय को सफल बनाना चाहते हैं।अपना बॉस खुद बनाना चाहते हैं।

Startup and Standup India योजना के क्या हैं फायदे जानिए

किसी कंपनी या ऑफिस में जाकर नौकरी मांगने के बजाय खुद हजारों लोगों को नौकरी देने लायक बनना चाहते हैं। हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है।जहां एक ओर हमारे देश के प्रतिभावान नवयुवक दुनिया के दूसरे देशों में जाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। तो वही दूसरी ओर हजारों नवयुवक अपने देश में रहकर अपने देश की तरक्की का माध्यम बन रहे हैं।

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शहर में ही क्यों गांवों में भी ऐसे अनेक प्रतिभावान व्यक्ति हैं जो अपने दम पर अपना व्यवसाय सफलतापूर्वक चला रहे है।इन सभी लोगों को जरूरत थी सरकार के साथ की ,उसके प्रोत्साहन की ,उसके सहयोग की ,कदम से कदम मिलाकर चलने की।स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया योजना नवयुवकों की इसी जरूरत तो पूरी करती हैं।

StartUp and StandUp India

हमारे देश में ऐसे नवयुवक और नवयुवतियों की कमी नहीं हैं।जो अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। लेकिन कई सारे नियम कानून व पैसा उनके रास्ते में रोड़ा बन जाता है।जिसके कारण वे फिर से नौकरी मांगने की कतार पर खड़े नजर आते हैं।ऐसे ही ऊर्जावान एवं प्रतिभावान लोगों की परेशानी को दूर करने के लिए, उनका सपना साकार करने की दिशा में Startup and Standup India योजना मील का पत्थर साबित होगी।

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Startup and Standup India yojana से लाखों बेरोजगार खासे उत्साहित है।क्योंकि इस योजना के तहत छोटे-बड़े उद्योगों को शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से हर तरह से सहायता प्रदान की जाएगी।जैसे लोन की सुविधा दी जाएगी यानी बैंकों की सहायता से त्रृणप्रदान किया जायेगा।

उचित मार्गदर्शन किया जाएगा।skill India के तहत प्रोग्राम चलाकर ट्रेनिंग दी जाएगी।उद्योगों को खोलने के लिए हर तरह से अनुकूल वातावरण बनाया जाएगा।स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया योजना से महिलाओं को भी काफी फायदा पहुंचेगा।

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Startup and Standup India Yojana का विचार 

सितंबर 2015 में जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका दौरे पर गये थे।तब उन्होंने अमेरिका के सिलिकन वैली में लाखों स्टार्टअप कंपनियाँ को कार्य करते हुए व रोजगार के अनगिनत संभवनाओं को पैदा होते हुए देखा। भारत वापस आने के बाद उन्होंने इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया। जिसका परिणाम 16 जनवरी 2016 को भारत में एक नए कार्यक्रम “Startup and Standup India yojana ” की शुरुआत के रूप में सामने आया।

स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया में शामिल कंपनियों

Startup and Standup India yojana के तहत स्टार्ट अप कंपनीयों में ऐसी कंपनीयों को शामिल किया गया है जो पिछले पांच वर्षों के अंदर रजिस्टर हुई है और जिनका टर्न ओवर 25 करोड़ से अधिक किसी भी वित्तीय वर्ष में न हुआ हो।

ये कंपनी इनोवेशन, डेवलपमेंट, डिप्लॉयमेंट, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज,नए प्रोडक्ट्स का व्यवसायीकरण या फिर टेक्नॉलॉजी ड्रिवन प्रोसेसेज या सर्विसेज के क्षेत्र में कार्य कर रही हो।स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया योजना का पूरा जिम्मा भारत सरकार के विभाग डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (DIPP) को सौपा गया है।

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19 सूत्रीय एक्शन प्लान

इन कंपनियों का कंपनी एक्ट (Company Act. 2013) के तहत प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप ,इंडियन पार्टनरशिप ऐक्ट (Indian Partnership Act. 1932) के तहत रजिस्टर्ड पार्टनरशिप फर्म के रूप ,या पार्टनरशिप एक्ट (Partnership Act. 2008) के तहत एक लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप  के रूप में रजिस्टेशन होना अनिवार्य हैं ।इन कंपनियों की मदद के लिए 19 सूत्रीय     एक्शन प्लान की घोषणा की गई है। इस ऐक्शन प्लान में कुछ बातों को मुख्य रूप से कहा गया है ।जैसे

  • तीन साल तक कंपनी की आय पर टैक्स छूट ।
  • कंपनियों में तीन साल तक निरीक्षण नहीं होगा ।
  • स्व:प्रमाणन का सुबिधा (यानी श्रम कानून और नौ पर्यावरण कानूनों में विशेष छूट मिलेगी) ।
  • किसी भी तरह की सरकारी खरीद, सरकारी टेंडर आदि में भी छूट मिलेगी।
  • उद्योगों में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिये किये गये निवेश के बाद अपनी संपत्ति बेचने पर 20 फीसदी की दर से लगने वाले पूंजीगत लाभ पर टैक्स से छूट होगी। स्टार्टअप में टैक्स छूट उचित बाजार मूल्य के ऊपर निवेश पर दी जाएगी।
  • वित्तपोषण के लिये 10 हजार करोड़ रुपये का कोष स्थापित होगा।प्रतिवर्ष 2500 करोड़ का फंड तय है

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  • वैश्विक स्तर पर पहचाने बनाने लायक स्टार्ट अप्स को चयनित कर सरकार 10 करोड़ रुपये की मदद देगी।
  • अपने उद्योग को पेटेंट करने की भी व्यवस्था होगी।पेटेंट के पंजीकरण शुल्क में 80 फीसदी की छूट दी जायेगी।
  • 1 अप्रैल से स्टार्ट अप का फॉर्म मोबाइल एप्लीकेशन पर उपलब्ध होगा। साथ ही आईपीआर स्कीम भी लॉन्च की जाएगी।
  • किसी भी कंपनी की असफलता की स्थिति में 90 दिन की अवधि कारोबार बंद करने के लिए दिये जायेगे।
  • छात्रो के लिए विद्यालयों में इनोवेशन कोर्स शुरू किये जायेंगे और लगभग  5 लाख स्कूलों या कालेजों में 10 लाख बच्चो को ट्रेनिग देने का लक्ष्य रखा गया है।
  • महिलाओ के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है ।
  • वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये 10 हजार करोड़ के डेडिकेटेड फंड की व्यवस्था होगी।

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  • वित्त सम्बन्धित प्रबंधन प्राईवेट क्षेत्र के पेशेवर व्यक्ति करेंगे जबकि जीवन बीमा निगम इस कोष में सह-निवेशक होगा।
  • ऋण गारंटी कोष से तथा बैंकिंग प्रणाली से स्टार्टअप के लिये ऋण का दिया जायेगा।साथ ह़ी साथ क्रेडिट गारंटी भी दी जाएगी।
  • सरकार की ओर से एक राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्ट कंपनी (NCGTC) बनाने का प्रस्ताव है जिसमें अगले चार साल तक सालाना 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया जायेगा
  • स्टार्टअप्स में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार उनको कैपिटल गेन में छूट देगी जिनको वर्ष के दौरान पूंजीगत लाभ हुआ है और जिन्होंनें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त फंड ऑफ फंड्स में इस तरह के पूंजीगत लाभ का निवेश किया है ।
  • पूरे स्टार्टअप सिस्टम के लिए एक संपर्क स्थान का निर्माण किया जायेगा जिससे ज्ञान का आदान-प्रदान एवं वित्त पोषण हो सकें।भारत सरकार  राज्य सरकारों, एंजेल नेटवर्क, बैंकों, इन्क्यूबेटरों, कानूनी भागीदारों, सलाहकारों, भारतीय और विदेशी पूंजीपतियों ,विश्वविद्यालयों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगी।

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तीन मुख्य शर्तें 

Startup and Standup India प्रोग्राम में कंपनीयों के लिए तीन बातों मुख्य रूप से कह़ी गयी हैं ।

  1. कंपनी को अपने product की अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिये।
  2. कंपनी को अपने ग्राहकों के बारे में बिस्तृत जानकारी होनी चाहिये। यानि ग्राहक किस आयु वर्ग के हैं और उनकी पसंद क्या है।
  3. दृढ़इच्छा शक्ति तथा लक्ष्य निर्धारित होना अति आवश्यक ।

सरकार द्वारा शुरू किये गये Startup and Standup India प्रोग्राम से जहां एक ओर लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा वही दूसरी ओर देश का आर्थिक विकास भी तेजी से होगा।दुनियाभर में स्टार्टअप की तीसरी बड़ी संख्या भारत में है।

भारत के कुछ राज्य जैसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और राजस्थान स्टार्टअप के मामले में सबसे आगे हैं।भारत में कई ऐसी कंपनीयों जिन्होंने अपना सफ़र स्टार्टअप कंपनी के रूप में शुरू किया था।वो इस वक्त अपने सफलता के शिखर पर हैं जैसे OLA कंपनी जो OLA कैब की सुबिधा उपलब्ध कराती है।

इस वक्त भारत में छोटी-बड़ी लगभग 9,000 से 11,000 स्टार्टअप कंपनियों काम कर रही हैं मगर सरकार का लक्ष्य इनको 30,000 से ऊपर पहुचाने का हैं ।नये आयडिया व इनोवेशन के लिए इनोवेशन अवार्ड भी दिये जायगे।

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इन्क्यूबेटर्स भी करेंगे मदद 

इन्क्यूबेटर्स का चुनाव भी किया जायेगा।इन्क्यूबेटर्स ऐसा स्थान हैं जो नये व छोटे ब्यवसाय के लिये किराये पर सपोर्ट स्टाफ व उपकरण उपलब्ध करता है।लगभग 125 लाख बैंकों की शाखाएँ युवाओं (कम से कम एक दलित या आदिवासी और एक महिला उद्यमी) को ऋण प्रदान करके प्रोत्साहित करेंगी।

Startup and Standup India अभियान भारत में लोगों के लिये नये रोजगारों का निर्माण तो करेगा ही साथ में भारत को विश्व स्तर में पहचान भी दिलाएगा।

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सुझाव

Startup and Standup India प्रोग्राम के लिए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी कुछ सुझाव दिये है।जैसे सिक्योरिटी आज भारत की ही नहीं वरन पूरी दुनिया की लिए बड़ी चिंता का विषय है।भारत को इस क्षेत्र में काम करना चाहिये। हैंडीक्राफ्ट उत्पादों के लिये भी एप्लीकेशन तैयार करना चाहिये।ताकि इनके निर्माताओ को बेहतर बाज़ार उपलब्ध हो सके।

कई क्षेत्रों में इनोवेशन की जरूरत है।बड़ी मात्रा में अनाज, फल-फूल, सब्जियां खराब हो जाती हैं। इनके संरक्षण से सम्बन्धित टेक्नोलॉजी को विकसित करना आवश्यक है ताकि इनको संरक्षित किया जा सके।

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उत्तराखंड राज्य में स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया प्रोग्राम की शुरुवात 

उत्तराखंड राज्य में भी Startup and Standup India प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये गये है।राज्य सरकार ने स्टार्टअप के लिए आवेदन करने हेतु ऑनलाइन पोर्टल शुरू कर दिया है।अब स्टार्टअप के लिए सभी आवेदन पोर्टल के माध्यम से ही होगे।मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्टार्टअप काउंसलिंग आवेदनों की जांच करने के बाद मान्यता देगी।

सरकार ने अभी तक सात कंपनियों को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी है।ये कंपनियां प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों से इंजीनियरिंग, मैकेनिकल व अन्य विषयों की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने बनाई हैं ।जो अपने इनोवेशन आइडिया को एक उद्योग के रूप में स्थापित करेंगे।

और सरकार की ओर से इन कंपनियां को मशीनरी खरीदने, मार्केटिंग के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देने के साथ एमएसएमई (MSME) में दी जाने वाली सभी सुविधाएं भी दी जाएगी ।

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स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया के क्षेत्र

प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप नीति में शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, पर्यटन, आयुर्वेद,फार्मास्युटिकल सेक्टर, जैव प्रौद्योगिकी ,फूड प्रोसेसिंग को शामिल किया है।इन क्षेत्रों में ही स्टार्टअप के लिए प्रोजेक्ट तैयार करने वाली कंपनियों को सरकार इन्क्यूबेटर के रूप में ही प्रोत्साहन देगी।

Startup and Standup India प्रोग्राम के लिए स्टार्टअप नीति (उत्तराखंड)

उत्तराखंड में स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप नीति अपनाई है।जिसमें काउंसलिंग के माध्यम से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को “ए” श्रेणी के जिलों में व्यवसाय स्थापित करने के लिए मासिक भत्ता मिलेगा।जिसमें सामान्य वर्ग को 10,000 तथा SC, ST, महिला वर्ग व दिव्यांग वर्ग को 15,000 (प्रति स्टार्ट अप) मासिक भत्ता एक साल तक दिया जाएगा।

इसके साथ ही नए उत्पाद की मार्केटिंग के लिए सामान्य वर्ग केे स्टार्टअप को 5 लाख तथा एसी, एटी, महिला वर्ग को 7.5 लाख की सहायता सरकार देगी।

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Startup and Standup India yojana के लिए कंपनी की मान्यता के मापदंड 

नई कंपनी को स्टार्टअप माना जाएगा। पंजीकरण की तिथि से 7 वर्ष की अवधि वाली फर्म ,संस्था या कंपनी को ही स्टार्टअप के लिए पात्र माना जायेगा।लेकिन जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए यह अवधि पंजीकरण की तिथि से 10 वर्ष तक हो सकती है।

कंपनी का सालाना टर्नओवर 25 करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए। पहले मौजूद किसी व्यवसाय के विभाजन व  पुनर्निर्माण के माध्यम से बनाई गई फर्म या संस्था को स्टार्टअप  नहीं माना जाएगा।

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