Kabir Ke Pad Class 11 Question Answer:प्रश्नोत्तर

Kabir Ke Pad Class 11 Question Answer ,

Kabir Ke Pad Class 11 Question Answer Hindi Aaroh Bhag 1 , कबीर के पद कक्षा 11 के प्रश्न उत्तर हिन्दी आरोह भाग 1

Kabir Ke Pad Class 11 Question Answer

कबीर के पद कक्षा 11 के प्रश्न उत्तर

Note –

  1. “कबीर के पद” के MCQS पढ़ने के लिए Link में Click करें – Next Page
  2. कबीर के पद” का भावार्थ पढ़ने के लिए Link में Click करें – Next Page
  3. “कबीर के पदों” का भावार्थ हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click करें।YouTube channel link – (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)

प्रश्न 1.

कबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। इसके समर्थन में उन्होंने क्या तर्क दिए हैं ?

उत्तर –

कबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। इसके समर्थन में उन्होंने निम्न तर्क दिए हैं। 

  1. कबीरदास जी कहते हैं कि जैसे पूरे संसार में एक ही हवा व पानी है।उसी प्रकार संसार के सभी प्रणियों में उस परमपिता का अंश ही ज्योति रूप (आत्मा) में समाया है।
  2. जैसे कुम्हार एक ही मिट्टी से अलग-अलग तरह के बर्तन बनाता हैं।उसी प्रकार उस ईश्वर ने भी सभी मनुष्यों को एक ही मिट्टी यानि पंचतत्व ( पृथ्वी , वायु , जल , आकाश , अग्नि)  से बनाया हैं। 
  3. भले ही सभी प्राणी अलग अलग हों मगर सभी प्राणियों के हृदय में एक ही ईश्वर विद्यमान है। 
  4. कबीरदास आगे कहते हैं कि सभी प्राणियों के ह्रदय के भीतर वही ईश्वर अनेक रुप धर कर व्याप्त है।

प्रश्न 2.

मानव शरीर का निर्माण किन पंच तत्वों से हुआ है ?

उत्तर –

मानव शरीर का निर्माण पांच तत्वों (पंचतत्व) यानि पृथ्वी , वायु  , जल , आकाश, अग्नि से हुआ हैं। 

प्रश्न 3.

“जैसे बाढ़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई ।

सब घटि अंतरि तूंही व्यापक धरै सरूपै सोई ॥ “

इसके आधार पर बताइए कि कबीर की दृष्टि में ईश्वर का क्या स्वरूप है ?

उत्तर –

लकड़ी के भीतर आग हर वक्त मौजूद रहती है जो सिर्फ लकड़ी के जलने पर ही दिखाई देती हैं।कबीरदास कहते हैं कि जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काट सकता है लेकिन उसके भीतर की आग को काट नहीं सकता है।

ठीक उसी प्रकार मनुष्य का शरीर भले ही मर जाता है क्योंकि वह नश्वर हैं लेकिन उसके भीतर की आत्मा अमर है क्योंकि वह परमात्मा का अंश है। अर्थात परमात्मा सभी जीवों के अंदर आत्मा के रूप में बसता है।

प्रश्न 4.

कबीर ने अपने को “दीवाना” क्यों कहा है ?
उत्तर –

कबीरदासजी जान चुके हैं कि आत्मा परमात्मा एक हैं और सभी उसी परमात्मा की संतान हैं। इसीलिए वो संसार के सभी माया मोह के बंधनों से मुक्त होकर एकदम निर्भय हो चुके हैं। अब उन्हें न कुछ खोने का डर हैं और न कुछ सांसारिक वस्तु पाने की इच्छा। अब वो एक दीवाने की तरह सिर्फ प्रभु भक्ति में लीन हैं। इसीलिए वो अपने आप को “दीवाना” कहते हैं। 

प्रश्न 5.

कबीर ने ऐसा क्यों कहा है कि “संसार बौरा गया है” ?

उत्तर –

उपरोक्त पंक्ति में कबीरदासजी कहते हैं कि इस संसार के लोगों से अगर कोई सच्ची बात कहता हैं तो वो लोग उसे मारने के लिए दौड़ते है और झूठी बातों पर बहुत जल्दी विश्वास कर लेते है।ईश्वर प्राप्ति के लिए बाह्य आडंबरों का प्रयोग करते हैं।

राम रहीम के नाम पर लड़ते हैं। अपने अंदर झांक कर आत्मतत्व को पहचानने की कोशिश नहीं करते हैं। इसीलिए वो कहते हैं कि इस संसार के लोग पागल हो गये है।

प्रश्न 6.

कबीर ने नियम और धर्म का पालन करने वाले लोगों की किन-किन कमियों की ओर संकेत क्या है ?

उत्तर –

कबीरदास कहते हैं कि कुछ लोग जो सुबह उठकर स्नान करते हैं और अपने धर्म के अनुसार पूजा-अनुष्ठान भी करते हैं। अपनी आत्मा को मारकर पत्थर व वृक्षों की पूजा करते हैं। टोपी , माला पहन कर और माथे पर तिलक लगाकर अपने आप को ज्ञानी व ईश्वर का सच्चा भक्त समझते हैं। 

लेकिन ऐसे लोगों को कुछ भी ज्ञान नहीं होता हैं। वो अपनी अंतरात्मा की आवाज तक नहीं सुनते हैं और बाह्य आडंबरों का खूब दिखावा करते हैं। ऐसे व्यक्तियों को यह भी पता नहीं होता हैं कि हमारे अंदर ही परमात्मा समाया हैं। उसे बाहर ढूढ़ने की आवश्यकता नही हैं। 

प्रश्न 7.

 अज्ञानी गुरु की शरण में जाने पर शिष्यों की क्या गति होती है ?

उत्तर –

कबीरदास कहते हैं कि ऐसे गुरु जो अपने आप को बहुत ज्ञानी समझते है और अपने ज्ञान के अहंकार में घर घर जाकर ईश्वर प्राप्ति का मंत्र बताते हैं। ऐसे अज्ञानी व अभिमानी गुरुओं के शिष्य भी अज्ञानी व पाखंडी होते हैं।

ऐसे गुरु अपने शिष्यों के साथ इस संसार रूपी भव सागर में डूब जाते हैं। दोनों को मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती हैं और अंत काल में गुरु के साथ साथ शिष्यों को भी पछताना पड़ता है।

प्रश्न 8.

आडंबरों की अपेक्षा स्वयं (आत्मा) को पहचानने की बात किन-किन पंक्तियों में कहीं गई है 

उत्तर –


  1. “नेमी देखा धरमी देखा , प्रात करै असनाना ।
    आतम मारि पखानहि पूजै , उनमें कछु नहिं ज्ञाना ।।”

कबीरदास कहते हैं कि जो लोग नियमित रूप से पूजा पाठ व धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। और अपनी आत्मा को मारकर पत्थर और वृक्षों की पूजा करते हैं। बाह्य आडंबरों का खूब दिखावा करते हैं।

लेकिन वो अपनी अंतरात्मा की आवाज को कभी नहीं सुनते हैं। उन्हें तो इस बात का ज्ञान तक नहीं होता हैं कि परमात्मा हमें बड़ी ही सहजता से मिल सकता हैं क्योंकि वह तो हमारे अंदर ही समाया हैं।वह बाह्य आडंबरों से नहीं मिल सकता हैं ।

2.

“टोपी पहिरे माला पहिरे , छाप तिलक अनुमाना ।
साखी सब्दहि गावत भूले , आतम खबरि न जाना ।।”

कबीरदास कहते हैं कि कुछ लोग टोपी व माला पहन कर और माथे पर तिलक लगाकर अपने आप को धर्म का सच्चा अनुयाई कहते हैं। वो सच्चे अर्थों में धर्म के अनुयाई नहीं है। क्योंकि वो तो अपने गुरु के दिए हुए सदवचनों को भी भूल गये है।

उन्हें तो अपनी आत्मा का बोध तक भी नहीं है। यानि वो अपनी आत्मा की आवाज तक नहीं सुनते हैं और बाह्य आडंबरों का दिखवा कर ईश्वर प्राप्ति का मार्ग ढूढ़ते रहते हैं। 

“कबीर के पदों” का भावार्थ हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click करें।YouTube channel link – (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)

Note – Class 8th , 9th , 10th , 11th , 12th के हिन्दी विषय के सभी Chapters से संबंधित videos हमारे YouTube channel   (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)  पर भी उपलब्ध हैं। कृपया एक बार अवश्य हमारे YouTube channel पर visit करें । सहयोग के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यबाद।

You are most welcome to share your comments . If you like this post . Then please share it . Thanks for visiting.

यह भी पढ़ें……

कक्षा 11 हिन्दी

वितान भाग 1 

भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ लता मंगेशकर का सारांश 

 भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ लता मंगेशकर के प्रश्न उत्तर 

भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ लता मंगेशकर के MCQS

राजस्थान की रजत बूंदें का सारांश 

राजस्थान की रजत बूंदें पाठ के प्रश्न उत्तर 

राजस्थान की रजत बूंदें पाठ के MCQS

आलो आँधारि पाठ का सारांश 

आलो आँधारि पाठ प्रश्न उत्तर 

आलो आँधारि पाठ के MCQS 

कक्षा 11 हिन्दी आरोह भाग 1 

काव्यखण्ड 

कबीर के पद का भावार्थ

कबीर के पद के प्रश्न उत्तर

कबीर के पद के MCQ

मीरा के पद का भावार्थ

मीरा के पदों के प्रश्न उत्तर

मीरा के पद के MCQ

पथिक का भावार्थ

पथिक पाठ के प्रश्न उत्तर

पथिक के MCQ

वे आँखें कविता का भावार्थ

वे आँखें कविता के प्रश्न उत्तर

वे आँखें कविता के MCQ

घर की याद कविता का भावार्थ

घर की याद कविता के प्रश्न उत्तर

घर की याद कविता के MCQ

ग़ज़ल का भावार्थ

ग़ज़ल के प्रश्न उत्तर

ग़ज़ल के MCQ

आओ मिलकर बचाएँ का भावार्थ

आओ मिलकर बचाएँ के प्रश्न उत्तर

आओ मिलकर बचाएँ के  MCQS 

कक्षा 11 हिन्दी आरोह भाग 1 

गद्द्य खंड 

नमक का दारोगा कक्षा 11 का सारांश

नमक का दरोग के प्रश्न उत्तर 

नमक का दरोग के MCQS 

मियाँ नसीरुद्दीन का सारांश 

मियाँ नसीरुद्दीन पाठ के प्रश्न उत्तर

मियाँ नसीरुद्दीन पाठ के MCQS 

अपू के साथ ढाई साल पाठ का सारांश

अपू के साथ ढाई साल के प्रश्न उत्तर

अपू के साथ ढाई साल के MCQ

विदाई संभाषण पाठ का सारांश

विदाई संभाषण पाठ के प्रश्न उत्तर

विदाई संभाषण पाठ के MCQS

गलता लोहा पाठ का सारांश

गलता लोहा के प्रश्न उत्तर

गलता लोहा के MCQS

स्पीति में बारिश का सारांश

स्पीति में बारिश के प्रश्न उत्तर

स्पीति में बारिश के MCQS 

जामुन का पेड़ का सारांश

जामुन का पेड़ के प्रश्न उत्तर

जामुन का पेड़ के MCQS

भारत माता का सारांश 

भारत माता के प्रश्न उत्तर

भारत माता के MCQS