Lakhwar Dam :लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना की जानकारी

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Lakhwar Dam

Lakhwar Dam ऐसी परियोजना जो अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने के लिए पिछले 42 साल से इंतजार कर रही है।अब ऐसा लगता है मानो उसका इंतजार खत्म होने ही वाला है।28 अगस्त 2018 को नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में एक ऐतिहासिक समझौता हुआ।जिसमे लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना ( Lakhwar Dam Project ) को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में 6 राज्यों के मुख्यमंत्री ने एमओयू (MOU) यानी “मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरटेकिंग” पर हस्ताक्षर किए।

Lakhwar Dam :लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना की जानकारी

इस परियोजना से ना सिर्फ उत्तराखंड राज्य का भला होगा।बल्कि पांच अन्य राज्यों के लोगों की प्यास भी बुझेगी। राजस्थान, हरियाणा में जो भी शहर,कस्बे या गांव यमुना नदी के किनारे बसे हैं।सभी जगह पानी की समस्या दूर होगी।उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस करार को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि “यह परियोजना सभी साझेदार 6 राज्यों विशेष तौर पर उत्तराखंड के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे राज्य को 300 मेगावाट बिजली तो मिलेगी ह़ी साथ ही इससे पर्यटन व आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी “।

परियोजना में शामिल राज्य 

इस परियोजना से शामिल 6 राज्यों को सीधा सीधा लाभ पहुंचेगा।इनमें उत्तराखंड के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली को फायदा होगा।

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नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में इस परियोजना के एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरटेकिंग) पर केंद्रीय जल संसाधन व नदी विकास मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में 6 राज्यों के मुख्यमंत्रीयों ने हस्ताक्षर किए।इसमें उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की CM वसुंधरा राजे, हरियाणा के CM मोहनलाल, हिमाचल प्रदेश के CM जयराम ठाकुर और दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल शामिल थे।

बांध बनाने की योजना

बांध ( Lakhwar Dam) बनाने की योजना 1976 में बनाई गई थी ।लेकिन कुछ कारण बस सन् 1992 में यह काम पूरी तरह से रुक गया था । उस समय तक इस परियोजना का 30% काम हो चुका था।वर्ष 2009 में इसको दोबारा शुरू करने की पहल की गई थी। तथा 28 अगस्त 2018 को इस बांध को दोबारा से शुरू करने के लिए एक समझौते पर 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हस्ताक्षर किए।

परियोजना से लाभ ( Benefits of Lakhwar Dam)

ऊपरी यमुना बेसिन क्षेत्र में 3966.51 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना के अनेक लाभ है।इस परियोजना से आने वाले 20से 25 सालों तक दिल्ली वालों को पानी के संकट से नहीं जूझना पड़ेगा।इस परियोजना में सबसे अधिक लाभ हरियाणा को होगा ।कुल पानी का 47% पानी हरियाणा को मिलेगा। इसमें भी दक्षिणी हरियाणा को खासकर लाभ पहुंचेगा। बाकी का 53% पानी अन्य राज्यों को मिलेगा।

राजस्थान व दिल्ली समेत अन्य राज्यों को भी फायदा मिलेगा। दिल्ली को एक तरफ तो पानी मिलेगा जबकि दूसरी तरफ यमुना भी साफ होगी।राजधानी में इससे जुड़ी 12 परियोजनाएं पूरी होने पर आगे पानी बिल्कुल साफ मिलेगा।श्री नितिन गडकरी ने कहा “राज्य सरकारें परियोजना में पूरा सहयोग और समन्वय स्थापित करेंगी”।

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस मौके पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि “परियोजना को दोबारा शुरू करने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मैं आभार व्यक्त करता हूं जिस तरह से विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लखवाड परियोजना के लिए अपनी सहमति बनाई।उससे एक नए भारत के निर्माण में टीम इंडिया की भावना का अच्छा उदाहरण है”।

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बांध की विशेषताएं ( Special feature of Lakhwar Dam)

देहरादून से लगभग 90 किलोमीटर दूर लोहारी गांव के पास यमुना नदी पर 204 मीटर ऊंचा कंक्रीट का बांध ( Lakhwar Dam) बनाया जाना है। इस बांध से 6 राज्यों को पानी मिलेगा। और इस से 300 मेगावाट बिजली उत्तराखंड को मिलेगी।इस बांध की संग्रहण क्षमता 330 एमसीएम होगी।

कुल लागत।             3966.51 करोड़

बिजली उत्पादन।     300 मेगावाट

जल संग्रहण क्षमता  330.66 एमसीएम

सिंचाई क्षमता           33,780 हेक्टयर

पेयजल                     78.83 एमसीएम

बिजली उत्पादन खर्च  (Total Expenses)

उत्तराखंड खर्च करेगा    1388.28 करोड़ों रुपया

केंद्र बहन करेगा            2320.41 करोड़ रुपया

6 राज्य उठाएंगे            254.82 करोड़ रुपया

लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना ( Lakhwar Dam Project ) से यमुना के बेसन वाले 6 राज्यों में घरेलू तथा औद्योगिक इस्तेमाल के साथ ही पीने के लिए 78.83 MCM पानी उपलब्ध रहेगा।इस परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा तथा इसका निर्माण “उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड” करेगा। लखवाड़ परियोजना के तहत संग्रहीत जल का बंटवारा यमुना के बेसिन क्षेत्र वाले 6 राज्यों के बीच 12 मई 1994 को किए गए समझौते के तहत ही किया जाएगा।

लखवाड़ बांध ( Lakhwar Dam) जलाशय का नियमन यूवाईआरबी (अपर यमुना रिवर बोर्ड) के जरिए किया जाएगा। इससे यमुना की भंडारण क्षमता में 65% की वृद्धि होगी। तथा उत्तराखंड में जब भी बिजली तैयार होगी उस समय उसका पानी यमुना में आएगा।

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इस परियोजना ( Lakhwar Dam Project ) के अलावा ऊपरी यमुना क्षेत्र में किसाऊ और रेणुकाजी परियोजना का निर्माण भी होना है। किसाऊ योजना के तहत यमुना की सहायक नदी टौंस पर देहरादून जिले में 236 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाएगा। वही रेणुकाजी परियोजना के तहत यमुना की सहायक नदी गिरी पर हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में 148 मीटर ऊंचे बांध का निर्माण किया जाएगा।

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