Inspirational Story With Moral , प्रेरणादायक कहानियों
Story – 1
अच्छाई व बुराई
Inspirational Story With Moral
अमित और सुमित नाम के दो दोस्त एक शहर में रहा करते थे । अमित बहुत ही शांत स्वभाव का था लेकिन सुमित थोड़ा गुस्सैल स्वभाव का था और बात- बात में लड़ने को तैयार रहता था। दोनों दोस्तों के स्वभाव में काफी अंतर होने के बाद भी दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। साथ स्कूल जाते , साथ पढ़ते और शाम को साथ ही खेलने जाया करते थे।
एक दिन दोनों बातें करते हुए समंदर के किनारे दूर तक घूमने निकल पड़े। बातों ही बातों में सुमित की अमित से किसी बात को लेकर अचानक बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि सुमित ने अमित के गाल पर एक जोरदार चांटा मार दिया।
अमित को बुरा तो बहुत लगा था।लेकिन वह कुछ बोला नहीं और वह दौड़ कर गया और समंदर किनारे पर पडे एक लकड़ी के डंडे को उठाकर रेत में कुछ लिखने लगा। इतने में दूर खड़े सुमित को भी अपनी गलती का एहसास हुआ और वह अमित के पास पहुंचा तो उसने देखा कि अमित ने रेत पर लिखा था कि “आज मेरे दोस्त ने मुझे एक जोरदार चांटा मारा और मैं उसकी इस बात से बहुत दुखी हूँ ” ।
सुमित ने यह पढा।तो उसे बहुत बुरा लगा और उसने अपने दोस्त से माफी मांगी।फिर दोनों दोस्त गले मिलकर व हाथ पकड़ कर आगे बढ़ गए। थोड़ा कदम चलने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो समुद्र की एक लहर रेत तक आयी और अमित के लिखे हुए शब्दों को बहा कर ले गई।
अगले दिन स्कूल से आने के बाद अमित और सुमित शाम को शहर से दूर एक टीले के पास जाकर खेलने लगे। अचानक दोनों टीले के ऊपर चढ़ने लगे। टीले पर चढ़ते हुए अचानक अमित का पैर फिसल गया और वह नीचे गिरने लगा। लेकिन तभी सुमित ने उसका हाथ पकड़कर उसको ऊपर की तरफ खींच लिया।जिससे अमित नीचे गिरने और चोट लगने से बच गया।
अब अमित टीले से नीचे उतरा और एक बड़े से पत्थर की तरफ जाकर उस पत्थर के ऊपर कुछ लिखने लग गया। सुमित ने आकर देखा तो उसने बड़े बड़े शब्दों में लिखा था “आज मेरे एक प्यारे से दोस्त ने मेरी जान बचाई”। सुमित यह देखकर आश्चर्यचकित था। अमित से बोला कि कल जब मैंने तुझे जोर से थप्पड़ मारा था तो तूने रेत पर लिख दिया था और आज जब मैंने तुझे बचाया तो तूने पत्थर पर लिख दिया। समझ में नहीं आया कि तूने ऐसा क्यों किया ??
अमित बडा़ शांत होकर बोला.. कल तुमने मुझे थप्पड़ मारकर मेरे साथ बुरा किया।और मैं उस बात को भूल जाना चाहता था। इसलिए मैंने उसे रेत पर लिख दिया और समुद्र की लहर उसे बहाकर ले गई। लेकिन आज तुमने मेरी मदद कर मेरे प्राण बचाए। यह बहुत अच्छा काम है और मैं चाहता हूं कि यहां से गुजरने वाले लोग इसे पढ़ें और सदा इसको याद रख कर इसका अनुसरण करें।
Moral of the story
अच्छाई व बुराई कहानी से यह संदेश मिलता है कि हम अपने सच्चे दोस्तों की बुराइयों को भूलकर उनकी अच्छाइयों को हमेशा याद रखें।
Story – 2
शेर और नन्हा चूहा
एक जंगल में एक शेर रहता था। एक दिन वह एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था ।तभी उसे पेड़ के पास एक बिल से कुछ चूहों की आवाजें सुनाई दी ।जिससे शेर की नींद में खलल पड़ गया । इससे शेर को अत्यधिक गुस्सा आया । वह दौड़ता हुआ दिल के पास गया। तो सारे चूहे शेर के डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। लेकिन एक चूहा शेर के पकड़ में आ ही गया ।
शेर के पकड़ में आने से चूहा डर के मारे कांपने लगा ।उसने कहा ” हे वनराज आप मुझे क्षमा कर दीजिए ।मैं आइंदा आपको कभी भी परेशान नहीं करूंगा”। आप मुझ पर दया कर अभी छोड़ दीजिए। हो सकता है भविष्य में मैं कभी आपके काम आ जाऊं। छोटे से चूहे की बात सुनकर जंगल के राजा शेर को बड़ी हंसी आई ।उसने कहा कि “तू छोटा सा चूहा मेरे किस काम आएगा” । लेकिन उसने दया कर चूहे को छोड़ दिया । कुछ दिनों बाद एक शिकारी उस जंगल में शिकार करने आया ।उसने एक जाल बिछाया। संयोग से उस जाल में वह ही शेर फंस गया ।
शेर जाल से निकलने की अथक कोशिश करता रहा ।लेकिन वह सफल नहीं हो पाया । और जोर-जोर से दहाड़ने लगा ।शेर की दहाड़ सुनकर चूहा विल से बाहर आया और फौरन शेर के पास पहुंच गया। उसने देखा कि वही शेर एक जाल में फंसा पड़ा है । चूहा दौड़ कर वापस अपने बिल में गया और अपने सभी दोस्तों को बुलाकर लाया । कुछ ही समय में सारे चूहों ने मिलकर उस जाल को कुतर डाला और शेर को जाल से मुक्त कर दिया । शेर मन ही मन शर्मिंदा था कि उसने चूहे को एक तुच्छ प्राणी समझा। जबकि मुसीबत के वक्त उसी छोटे प्राणी ने उसकी जान बचाई। उसने सब चूहों को धन्यवाद देकर उनसे विदाई ली।
Moral Of The Story
इसीलिए कहा गया है कि कभी भी किसी व्यक्ति को छोटा नहीं समझना चाहिए ।वक्त आने पर छोटा व्यक्ति भी बहुत बड़ा काम कर सकता है।
Story – 3
बुद्धिमानी
एक गांव में एक मंगल नाम का युवक रहता था। मंगल बहुत गरीब था लेकिन दिमाग से वह काफी होशियार था । उसकी मां अंधी थी और उसकी पत्नी को धनवान होने की बहुत लालसा थी। उसका कोई बच्चा भी ना था इसीलिए वह एक बच्चे की लालसा रखता था।
उसने सोचा कि मेरी सब इच्छाओं को सिर्फ भगवान ही पूरा कर सकते हैं। इसीलिए मंगल धनधोर जंगल में जाकर तपस्या करने लगा। उसने कठोर तपस्या की जिससे भगवान प्रसन्न हो गए और उससे उन्होंने एक वरदान मांगने को कहा। सिर्फ एक वरदान की बात सुनकर मंगल बड़े असमंजस में फॅस गया क्योंकि उसे तू अपनी माता की आंख की ज्योति, पत्नी के लिए ढेर सारा धन व अपने लिए पुत्र चाहिए था और भगवान ने सिर्फ एक वरदान मांगने को कहा । वह सोचने लगा कि मैं ऐसा क्या वरदान भगवान से मांगू कि मेरी तीनों ही इच्छाएं एक ही वरदान में पूरी हो जाए ।
उसने भगवान से कहा “हे प्रभु , यदि आप मेरी तपस्या से प्रसन्न है तो मुझे एक वरदान दीजिए । मैं मेरी अंधी मां को मेरे महल में अपने पोते को सोने के चम्मच से दूध पीते हुए देखू। इस तरह चतुर युवक ने एक ही वरदान में तीनों इच्छाओं की पूर्ति का वरदान मांग लिया ।भगवान तथास्तु कहकर अंतर्धान हो गए । समय के साथ-साथ वह व्यक्ति धनी भी हो गया और उसकी माता को आंखें भी मिल गई और उसे एक पुत्र रत्न प्राप्त हो गया ।
Moral Of The Story
कठिन से कठिन समय में भी अगर अपनी बुद्धि विवेक से काम किया जाए तो , समस्याओं का हल आसानी से मिल जाता है।
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