kumaoni jewellery , कुमाऊनी महिलाओं के आभूषण(दादी एवं परदादी की धरोहर)दादी एवं परदादी की धरोहर
Kumaoni jewellery
कुमाऊं में हमारी दादी एवं परदादी द्वारा अनेक प्रकार के चांदी के आभूषण बड़े शौक से पहने जाते थे। उस समय की सभी महिलाएं इन आभूषणों को पहनती थी। हालांकि वर्तमान समय में महिलाओं की इन आभूषणों को पहनने में कोई विशेष रुचि नहीं है।क्योंकि ये आभूषण पहनने में काफी भारी होते हैं। जिस वजह से महिलाएं रोजमर्रा की जिंदगी में इनको धारण नहीं कर पाती हैं ।
अब इस तरह के आभूषण पहने हुए महिलाओं दिखाई नहीं पड़ती है। फिर भी ये आभूषण हमारे पूर्वजों की धरोहर और उनकी शान के प्रतीक थे और आज भी ये आभूषण कुमाऊ की पहचान है।
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चांदी की माला
चांदी की माला पुराने समय में महिलाओं द्वारा खास आयोजनों में बड़े शौक से पहनी जाती थी। काफी वजनी होने के कारण लोग इसे रोजमर्रा की जिंदगी में नहीं पहन पाते थे।लेकिन आज कल इस तरह की मालाएं पहने हुए महिलाओं आपको नहीं दिखाई देगीं। समय के साथ साथ यह माला भी अब अतीत की धरोहर बन कर रह गयी है।
सुता/ सुत्ता
यह हमारी दादी,परदादी द्वारा गले में पहना जाने वाला चांदी का भारी भरकम आभूषण है। वजन में बहुत भारी होने के बाबजूद भी कुछ महिलाओं इसको अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में पहनती थी ।यह विवाह के समय महिलाएं को उपहार के रूप में ससुराल या मायके पक्ष से दिया जाता था। इस आभूषण को पुराने समय में विवाहित महिलाएं बहुत शौक से पहना करती थी। इस आभूषण को अनेक डिज़ाइनों से सजाया जाता था हालाँकि अब यह भी अतीत बन चुका है।
धागुला
हाथ में पहने जाने वाला आभूषण भी गले के सुत्ता जैसे ही वजन में काफी भारी होता है। इस आभूषण को महिलाएं रोजमर्रा की जिंदगी में पहनती थी। यह आभूषण भी कई तरह के डिजाइन में होते उपलब्ध रहते थे। गावों में कुछ बुजुर्ग महिलाएं अभी भी इसे पहने हुए मिल जायगी।लेकिन इस तरह से बनने वाला यह आभूषण अब फैशन में नहीं है।
रुपयों की माला या सिक्कों से बनी माला
पुराने समय में इस तरह की माला पहनना लोगों की प्रतिष्ठा से जुड़ा था। चांदी के सिक्कों को एक माला के रूप में पिरो कर गले में धारण किया जाता था।यह दिखने में बहत शानदार दिखती थी। इसमें तरह तरह के सिक्कों को पिरोया जाता था। इन सिक्कों में मुख्य तह: अंग्रेज शाशकों की आकृतियों बनी रहती थी।यह एक रुपये के सिक्के होते थे। इसको पहनना सम्मान का प्रतीक माना जाता था।
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नथ ( Kumaoni Traditional Nath )
यह पुराने समय की नथ है।जिसमें किसी तरह का कोई खास डिजाईन नहीं होता था। यह बहुत सरल व आकर्षक होती थी। जबकि आजकल की नाथों में तरह तरह के डिजाईन बनाये जाते है। नथ को सिर्फ सौभाग्यवती महिलाएं ह़ी पहनती है।
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