Informal Letter In Hindi Examples :
अनौपचारिक पत्र के 10+उदाहरण
Informal Letter In Hindi Examples
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अनौपचारिक पत्र क्या होते हैं ?
अनौपचारिक पत्र अपने माता-पिता , परिजनों , दोस्तों या सगे संबंधियों को लिखा जाता है। ये पत्र पूरी तरह से निजी या व्यक्तिगत होते हैं। इस तरह के पत्रों में व्यक्ति अपनी भावनाओं , विचारों व सूचनाओं को अपने प्रियजनों को भेजते हैं।
इस तरह के पत्रों में भाषा बहुत ही सरल , सहज और मधुर होती है। अनौपचारिक पत्र अपने प्रियजनों का हालचाल पूछने या उन्हें निमंत्रण भेजने , धन्यबाद देने या कोई महत्वपूर्ण सूचना देने के लिए लिखे जाते हैं। इसीलिए ऐसे पत्रों में शब्दों की संख्या लिखने वाले व्यक्ति पर निर्भर करती है।
अनौपचारिक पत्रों के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये हैं।
अनौपचारिक पत्र के प्रकार (Type) व प्रारूप (Format) के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए Link में Click करें। — Next Page
Example Of Informal Letter in Hindi
उदाहरण 1 .
अपने बड़े भाई के विवाह में अपने मित्र को आमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए ?
उत्तर –
परीक्षा भवन
623 , सुभाष चंद्र बोस मार्ग ,
नई दिल्ली -1110036
दिनांक : XX मई XX19
प्रिय दोस्त अर्णव ,
मधुर स्नेह।
आशा है तुम स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे और अपने स्कूल की पढ़ाई में व्यस्त होंगे। दोस्त अर्णव मैं आज तुम्हें एक विशेष प्रयोजन से यह पत्र लिख रहा हूं। दरअसल मेरे बड़े भाई की शादी 15 मई 2019 को होनी निश्चित हुई है। शादी का कार्यक्रम दो दिवसीय है। अतः आप सपरिवार मेरे बड़े भाई की शादी में आमंत्रित हैं।
मैं आशा करता हूं कि तुम अपने परिवार के साथ मेरे बड़े भाई की शादी में सम्मिलित होने अवश्य आओगे। हम अपने अन्य दोस्तों के साथ मिलकर खूब मौज मस्ती करेंगे।इसीलिए तुम शादी में अवश्य आना। मुझे तुम्हारा इंतजार रहेगा।
तुम्हारा दोस्त
क.ख.ग
उदाहरण 2.
गर्मियों की छुट्टियों में किसी कारणवश छात्रावास से घर ना जा सकने के लिए मां को पत्र लिखिए ?
उत्तर –
परीक्षा भवन
895 /879 , विकास मार्ग ,
गाजियाबाद
दिनांक : XX जनवरी XX20
पूजनीय माता जी ,
सादर प्रणाम ।
आशा है आप सब लोग घर में कुशल मंगल से होंगे। मैं भी यहां पर कुशल मंगल से हूं। माँ मेरी परीक्षाएं पूर्ण हो चुकी हैं और इस बार मेरे सभी पेपर भी बहुत अच्छे हुए हैं। मां आप तो जानती हैं कि मुझे क्रिकेट कितना प्रिय है और इस बार गर्मियों की छुट्टियों में स्कूल प्रशाशन ने क्रिकेट के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को स्कूल में आमत्रित किया है ताकि स्कूल की क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा सके और मैं भी अपने स्कूल क्रिकेट टीम का सदस्य हूं। इसीलिए मुझे भी इस प्रशिक्षण में भाग लेना आवश्यक है।
इस वजह से इस बार की गर्मियों की छुट्टियों में मैं घर नहीं आ पाऊंगा। आप मेरे लिए परेशान मत होना। मैं यहां पर स्वस्थ व कुशल मंगल से हूं। और प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए बहुत ही उत्साहित हूं। आप अपना ध्यान रखना। पापा , दादा , दादी को मेरा प्रणाम व मीनू को मेरा आशीर्वाद देना।
आपका प्यारा बेटा
क.ख.ग
उदाहरण 3.
आप वार्षिक परीक्षा में प्रथम आए हैं। इसके लिए आपके मामा ने आपको पुरस्कार के रुप में टेबलेट भेजा है।उसी का धन्यवाद प्रकट करते हुए उन्हें पत्र लिखिए।
उत्तर –
परीक्षा भवन
658 -78 , शिवाजी मार्ग,
नोएडा -110020
दिनांक : XX जुलाई XXXX
आदरणीय मामाजी ,
सादर प्रणाम।
आशा है आप सब लोग वहां पर कुशल मंगल से होंगे । मामाजी आज दोपहर ही आपका भेजा हुआ उपहार मिला। जब मैंने उपहार को खोल कर देखा तो , उपहार के रूप में अपना मनपसंद टैबलेट देखकर मेरा खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मैं बहुत समय से अपने स्कूल के कार्य के लिए टैबलेट लेने की सोच ही रहा था लेकिन आपने वार्षिक परीक्षा में प्रथम आने पर मुझे यह उपहार स्वरूप दे दिया। मामाजी इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
मामाजी आपको जब भी समय मिले , आप अवश्य हमारे घर आइए। मैं आपके आने की प्रतीक्षा करूंगा । उपहार के लिए आपका फिर से एक बार बहुत-बहुत धन्यवाद।
आपका प्रिय भांजा
क.ख.ग
उदाहरण 4.
राखी ना भेजने के लिए नाराजगी प्रकट करते हुए अपनी बड़ी बहन को पत्र लिखिए ?
उत्तर –
परीक्षा भवन
897 /65 , रामपुर रोड
मुरादाबाद , उत्तर प्रदेश
दिनांक : XX जुलाई XXXX
आदरणीय दीदीजी ,
सादर प्रणाम।
हम सब यहां पर कुशल मंगल से हैं। आप कैसी हैं। बहुत दिनों से आपका कोई पत्र नहीं मिला। इसलिए मन बहुत बेचैन है। घर में सभी लोग आपकी चिंता कर रहे हैं। मैं जानता हूं कि आपकी परीक्षाएं चल रही है। इसीलिए आप पत्र नहीं भेज पाई। लेकिन दीदी मैं आपसे बहुत नाराज हूं। इस बार आपने मुझे रक्षाबंधन पर राखी भी नहीं भेजी।
मैं आपकी राखी का हर साल बड़ी बेसब्री से इंतजार करता हूं। और इस साल भी मैं आपकी राखी का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था। पोस्टमैन की राह देखते देखते रक्षाबंधन का पूरा दिन गुजर गया। लेकिन आपकी राखी मुझे नहीं मिली।और त्यौहार का सारा मजा किरकिरा हो गया।
मेरी बड़ी बहन मुझे राखी भेजना भूल गई। इस बात को सोच कर मुझे बहुत दुख हुआ और मैं अब आपसे बहुत नाराज भी हूं। आप जब घर आओगी , मुझे कितना भी मनाओगी। लेकिन मैं नहीं मानूंगा क्योंकि मैं आपसे सख्त नाराज हूं।
घर में सभी लोग ठीक हैं। पापा अपनी दुकान में ही व्यस्त रहते हैं और मम्मी घर के कामों में। मेरी भी परीक्षाएं नजदीक है।इसलिए मैं भी मन लगाकर पढ़ाई कर रहा हूं। पत्र मिलते ही आप पत्र का उत्तर तुरंत दीजिए। मम्मी पापा की चिंता दूर हो जाएगी। पत्र के इंतजार में…
आपका छोटा भाई
क.ख.ग
उदाहरण 5.
आप से अनजाने में ही कोई भूल हो गई है । अपने मित्र को स्पष्टीकरण देते हुए पश्चाताप भरा पत्र लिखिए ?
उत्तर –
परीक्षा भवन
789 /12 विक्रमादित्य रोड ,
राजकोट , गुजरात
दिनांक : XX जुलाई XXXX
प्रिय मित्र आदित्य
सस्नेह ।
तुम्हारा पत्र मिला जिसको पढ़कर मुझे पता चला की तुम्हारी विज्ञान की पुस्तक गलती से मैं अपने साथ ले आया हूँ। मित्र दरअसल दीपावली का अवकाश शुरू होने पर जब हम लोग अपने-अपने घर को जाने के लिए अपना सामान बांध रहे थे। तब अनजाने में ही तुम्हारी विज्ञान की पुस्तक मैंने अपने बैग में रख ली।
घर आकर मुझे पता चला कि मैं गलती से तुम्हारी पुस्तक ले आया हूं। अब मुझे इस बात का बहुत दुख हो रहा है कि तुम इन छुट्टियों में अपनी विज्ञान की पढ़ाई व गृह कार्य कैसे पूरा करोगे। क्योंकि तुम्हारी पुस्तक तो मेरे पास है।
मित्र आदित्य मुझे इस बात का बहुत पश्चाताप हो रहा है और मैं तुमसे क्षमा मांगना चाहता हूं। लेकिन जैसे ही दोबारा स्कूल खुलेंगे। मैं तुम्हें तुम्हारी किताब वापस लौटा दूंगा।
तुम्हारा दोस्त
क.ख.ग
पत्र लेखन क्या हैं ? पत्र कितने प्रकार के होते हैं जानिए विस्तार से — NextPage
उदाहरण 6.
पढ़ाई हेतु छात्रावास में रह रहे अपने बड़े भाई को पत्र लिखकर अपने घर परिवार का समाचार दीजिए ?
उत्तर –
परीक्षा भवन
234 /4 , देव विहार
लक्ष्मी नगर , दिल्ली -110095
दिनांक : XX जनवरी XXXX
पूज्यनीय बड़े भाईसाहब ,
सादर प्रणाम।
हम सब यहाँ पर कुशल मंगल से हैं। आप कैसे हैं। ? बहुत समय से आपका कोई पत्र नहीं आया ।इसीलिए घर में सभी लोग चिंतित हैं ।शायद पढ़ाई की वजह से आपको पत्र लिखने का समय ना मिला हो। लेकिन पत्र मिलते ही , अपनी कुशलता का समाचार अवश्य भेजें। जिससे हम लोगों की चिंता दूर हो जाए ।
भाईसाहब आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि विवेक भैया का विद्यालय की फुटबाल टीम में चयन हुआ हैं।और मैंने अभी हाल ही में जिला स्तरीय नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया। लेकिन अब मेरी परीक्षाएं नजदीक आ रही है।इसलिए मैं खूब मन लगाकर पढ़ाई कर रही हूं। ताकि परीक्षा में अव्वल आ सकूं।
पापा , मम्मी ठीक हैं। दादाजी के घुटनों में थोड़ा दर्द है। लेकिन मैं उनको समय से दवाइयां दे रही हूं। वैसे दादाजी , दादी के साथ रोज सुबह-शाम पार्क में टहलने जाते हैं।
बाकी भाईसाहब यहाँ सभी कुशल मंगल से हैं। लेकिन आप पत्र मिलते ही उत्तर देना । दादी , दादा , मम्मी और पापा की तरफ से आपको आशीर्वाद और मेरे और भाई की तरफ से ढेर सारा प्यार।
आपकी प्यारी बहन
क.ख.ग
उदाहरण 7.
आपके चाचाजी ने आपको जन्मदिन का उपहार भेजा है। उपहार भेजने के लिए धन्यवाद देते हुए उन्हें पत्र लिखें?
उत्तर –
परीक्षा भवन
फ्लैट नंबर 76 , भगत सिंह मार्ग,
बंगलौर – 65824
दिनांक : XX जुलाई XXXX
आदरणीय चाचाजी ,
सादर प्रणाम ।
हम सब यहाँ पर कुशल मंगल से हैं। आशा है आप सब लोग कुशलपूर्वक होंगे ।चाचाजी जन्मदिन के दिन ही मुझे आपका भेजा हुआ प्यारा सा उपहार मिला ।उपहार पाकर बड़ी प्रसन्नता हुई । आज मेरे जन्मदिन पर दीदी और जीजाजी भी आए हुए हैं ।लेकिन आप नहीं आये हैं। इसीलिए मुझे आपकी कमी खल रही है।
माँ ने आज मेरी व आपकी पसंद का ढेर सारा खाना बनाया है और साथ में बेसन के लड्डू भी बनाए हैं। । अरे हाँ चाचाजी , आपने जन्मदिन के उपहार के रूप में मुझे जो टैबलेट भेजा है ना । वह मुझे बहुत पसंद आया। क्योंकि यह टैबलेट मुझे मेरी ऑनलाइन पढ़ाई में बहुत मदद करेगा। चाचाजी इस प्यारे से उपहार के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
आपको जैसे ही समय मिले , आप घर अवश्य आइएगा। मैं आपकी प्रतीक्षा में रहूंगा।
आपका प्रिय भतीजा
क.ख.ग
उदाहरण 8 .
खेलों के महत्त्व को समझाते हुए अपने छोटे भाई को प्रेरणादायक पत्र लिखिए ?
उत्तर –
परीक्षा भवन
854/4 , कैलाश कॉलोनी ,
रामनगर , उत्तरप्रदेश
दिनांक : मार्च XX , XXXX
प्रिय दिनेश ,
सस्नेह आशीर्वाद।
आशा हैं तुम बिलकुल ठीक होंगे और अपनी पढ़ाई मन लगाकर कर रहे होंगे।दिनेश आज ही तुम्हारे प्रधानाचार्य जी की तरफ से एक पत्र आया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि तुम पढ़ाई में तो अव्वल हो , परंतु खेलों में तुम्हारी बिल्कुल भी रूचि नहीं है। देखो दिनेश , पढ़ाई के साथ – साथ खेलों का भी जीवन में बहुत महत्व है ।
खेलने से शरीर स्वस्थ रहता है और अप्रत्यक्ष रूप से शरीर का भी व्यायाम होता है। चित्त प्रसन्न और मन प्रफुल्लित रहता है। इसीलिए कहा भी गया है कि ” स्वस्थ शरीर में ही , स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है” ।
इसलिए तुम स्कूल में नियमित रूप से खेलों में भाग लो । केवल पढ़ने से ही बहुमुखी प्रतिभा का विकास नहीं होता।खेलों के माध्यम से भी तुम बहुत कुछ सीख सकते हो। खेल भावना , प्रतिस्पर्धा , धैर्य और नियंत्रण क्षमता इन सब चीजों का भी जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है।
और अंत में , मैं यही कहूँगा कि तुम पढ़ाई के साथ साथ खेलों में भी बराबर भाग लो।आशा हैं कि तुम इस बारे में जरूर सोचोगे। पत्र का उत्तर जरूर देना। तथा साथ में यह भी बताना कि तुमने कौन से खेल में भाग लिया हैं।
तुम्हारा बड़ा भाई
क.ख.ग
उदाहरण 9.
होली की छुट्टी में अपने घर आने का निमंत्रण देते हुए अपनी दोस्त को एक पत्र लिखें ?
उत्तर –
परीक्षा भवन
358 /54 , कैलाश कॉलोनी
शिवाजी रोड , अहमदाबाद
दिनांक : XX जून XXXX
प्रिय दोस्त शौर्य ,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारा पत्र मिला। यह जानकर बड़ी खुशी हुई कि अगले सप्ताह से तुम्हारी होली की 5 दिन की छुट्टियां प्रारंभ हो रही हैं। दोस्त इन छुट्टियों में तुम मेरे घर आ जाओ । साथ मिलकर गुजिया खाएंगे और दोस्तों के साथ मिलकर खूब होली खेलेंगे और मौज मस्ती करेंगे।
दोस्त इस बार की होली की छुट्टियों को खूब मौज मस्ती के साथ बिताएंगे और यादगार बनाएंगे।इसके साथ ही विश्व प्रसिद्ध “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ” देखने भी जाएंगे। जहां सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल मूर्ति लगी हुई है। इसके अलावा आसपास के पर्यटन स्थलों को भी देखने जाएंगे।
बस तुम जल्दी से अपने आने की तिथि लिखकर मुझे पत्र भेजना।ताकि जिस दिन तुम आओ , मैं तुम्हें लेने स्टेशन आ जाऊं। घर में मम्मी , पापा को मेरा प्रणाम कहना। मैं तुम्हारे आने का बेसब्री से प्रतीक्षा करूंगा।
तुम्हारा दोस्त
क.ख.ग
उदाहरण 10.
अच्छी संगति का महत्व बताते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखें ?
उत्तर –
परीक्षा भवन
985 /575 , सुभाष नगर,
नई दिल्ली
दिनांक : XX जुलाई XXXX
प्रिय अनुज जयेश ,
सस्नेह आशीर्वाद।
तुम्हारा पत्र मिला। जिससे पता चला कि तुमने अभी-अभी एक नये विद्यालय में प्रवेश लिया है। और विद्यालय में नए होने के कारण वहां पर अभी तुम्हारा कोई भी मित्र नहीं बन पाया है। प्रिय जयेश , मित्र का चुनाव वास्तव में कठिन कार्य है। क्योंकि उसकी संगति का प्रभाव हमारे चरित्र पर आजीवन रहता है। इसीलिए बड़े ही सोच समझ व जांच परख कर तुम अपने मित्रों का चयन करना।
ऐसे सहपाठियों को मित्र के रूप में चुनना , जो तुम्हें सच्चा स्नेह करें , तुम पर विश्वास करें और तुम भी उन पर विश्वास कर सको। सबसे बड़ी बात कि उनका चरित्र साफ-सुथरा व उज्जवल हो। आशा है तुम मेरी इन बातों का ध्यान रखोगे और फिर शीघ्र ही अगले पत्र में मुझे अपने नए मित्रों के बारे में भी बताओगे।
मन लगाकर खूब पढ़ाई करना। सदैव अपने गुरुजनों का सम्मान करना और अपने सहपाठियों से स्नेह की भावना रखना। ईश्वर तुम्हारी रक्षा करें।
तुम्हारा बड़ा भाई
क.ख.ग
उदाहरण 11.
ग्रीष्म अवकाश पर अपने घर आने का निमंत्रण देते हुए अपनी सहेली को एक पत्र लिखें ?
उत्तर –
परीक्षा भवन
2103/50 , नवाबगंज ,
नई दिल्ली – 1110030
दिनांक : XX जुलाई XXXX
प्रिय सखी निर्मल
सस्नेह।
आज बहुत दिनों बाद तुम्हारा पत्र मिला। तुम कुशल पूर्वक हो यह जानकर बड़ी खुशी हुई। साथ में यह भी मालूम हुआ कि अगले सप्ताह से तुम्हारी डेढ़ महीने की गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने वाली है। निर्मल अगर तुम्हारा इन गर्मी की छुट्टीयों में कुछ और जरूरी प्रोग्राम ना हो तो , तुम मेरे घर आ जाओ। मुझे तुम्हारे आने से बहुत खुशी होगी।
निर्मल दिल्ली में घूमने लायक कई सारी प्रसिद्द ऐतिहासिक जगहें है जैसे लाल किला , लोटस टेंपल , क़ुतुब मीनार , इंडिया गेट आदि। और शायद तुमने ये जगहें देखी भी नहीं है। मैं तुम्हें इन सभी जगहों पर घुमाने ले जाऊंगी। इसके अलावा दिल्ली में “शहीद स्मारक स्थल” भी देखने लायक जगह है। जहां हमारे देश के सर्वोच्च परमवीर चक्र से सम्मानित मां भारती के अमर सपूतों की मूर्तियां लगी हुई हैं। हम वहां जाकर उन वीरों के दर्शन करेंगे और उनसे देशभक्ति की प्रेरणा लेंगे।
इसके अलावा भी हम दिल्ली में कुछ प्रमुख बाजारों , कुछ प्रसिद्ध मॉलों में घूमेंगे जाएंगे। खूब खाएंगे -पिएंगे और मौज मस्ती करेंगे। पूरी गर्मियों की छुट्टियां मजे से गुजारेंगे। इसीलिए तुम अवश्य आना और हां मेरी मम्मी भी तुम्हें यहां बुलाने का आग्रह कर रही है।
निर्मला तुम पत्र मिलते ही मुझे पत्र का उत्तर देना।और साथ में यह भी बताना कि तुम किस दिन आओगी। ताकि मैं तुम्हें लेने स्टेशन आ सकूं। मैं तुम्हारे साथ समय बिताने के लिए काफी उत्साहित हूं। इसीलिए तुम अवश्य आना।
तुम्हारी सखी
क.ख.ग
उदाहरण 12.
“नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित एक पुस्तक प्रदर्शनी” में जाने के अपने अनुभव को अपने दोस्त को बताते हुए एक पत्र लिखिए।
उत्तर –
परीक्षा भवन
विवेक चंद्र , जवाहर नगर
नई दिल्ली -1234556
दिनांक – 12 सितंबर 2020
प्रिय श्याम ,
सस्नेह
मैं यहां सकुशल हूं। और आपकी कुशलता की कामना करता हूं। मैं इस पत्र के माध्यम से यह बताना चाहता हूं कि विगत सप्ताह 2 सितंबर से 8 सितंबर तक दिल्ली के प्रगति मैदान में एक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ था। मुझे भी उस पुस्तक प्रदर्शनी में जाने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ। पुस्तक प्रेमियों व पाठकों के लिए यह बहुत सुंदर आयोजन था।
वहां अनेक प्रकार की पुस्तकें सजी हुई थी। अनेक विश्व प्रसिद्ध लेखकों की लिखी पुस्तकें ,जो विभिन्न विषयों पर आधारित थी , वो भी वहां उपलब्ध थी। मैंने भी अपने ज्ञानार्जन हेतु कुछ पुस्तकें खरीदी। वह पुस्तक प्रदर्शनी मुझे बहुत अच्छी लगी। मैंने इस अवसर का अच्छा लाभ उठाया। घर में बड़ों को मेरा प्रणाम और छोटों को प्यार बोलना।
आपका मित्र
क.ख.ग
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